Wednesday 12 April 2017

How I Avoided Kidney Transplant


जिन लोगो को डॉक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी हो, या डायलसिस चल रहा हो तो उन्हे किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के पहले इस दवा का प्रयोग जरूर करके देखना चाहिए | हो सकता है कि ट्रांसप्लांट की नौबत ना आए।

बता रहे हैं श्री ओम प्रकाशजी जिनको यही समस्या 2009 में आई थी, और डॉक्टर ने उनको किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए बोल दिया था तो उन्होंने ना ही सिर्फ अपनी किडनी को स्वस्थ किया बल्कि ऐसे अनेक लोगो को भी इसका दम्भ झेलने से बचाया !

आइये जानते हैं, श्री ओम प्रकाशजी से….

किडनी ट्रांसप्लांट करवाना बहुत महंगा हैं ! और कुछ लोग तो ये अफोर्ड नहीं कर सकते, और जो कर भी सकते हैं तो किडनी ट्रांसप्लांट के बाद पहले जैसा जीवन नहीं बन पाता |

मैं 17 अक्टोबर 2009 से किडनी की समस्या से झूझ रहा था | अप्रैल 2012 मे मुंम्बई के नानावाती हॉस्पिटल के डॉक्टर शरद शेठ से ट्रांसप्लांट की बात भी तय हो चुकी थी | लेकिन इसी दरमियान अखिल भारतीय शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के महासचिव डॉक्टर आर बी सिंह से मुलाकात हो गई और उन्होने कहा की यह काढ़ा 15 दिन पीने के बाद अपना फैसला लेना के आपको क्या करना है |

मैने उनकी बात मानकर काढ़े का उपयोग किया और एक हफ्ते के बाद चलने फिरने मे सक्षम हो गया तब से में अभी तक पूरी तरह से स्वस्थ महसूस कर रहा हूँ | कोई दवा भी नही लेता हूँ और ना ही कोई खाने पीने का परहेज ही करता हूँ, और ना ही किसी प्रकार की कमजोरी महसूस करता हूँ !

तो कौन सा हैं वो काढ़ा ! ? ! ... ... आइये जानते हैं ...

काढ़ा बनाने की विधि :-

पाव (250 ग्राम) गोखरू कांटा (ये आपको पंसारी से मिल जायेगा) लेकर 4 लीटर पानी मे उबालिए | जब पानी एक लीटर रह जाए तो पानी छानकर एक बोतल मे रख लीजिए और कांटा फेंक दीजिए | इस काढे को सुबह शाम खाली पेट हल्का सा गुनगुना करके 100 ग्राम के करीब पीजिए |

शाम को खाली पेट का मतलब है ! दोपहर के भोजन के 5, 6 घंटे के बाद | काढ़ा पीने के एक घंटे के बाद ही कुछ खाइए और अपनी पहले की दवाई ख़ान पान का रूटीन पूर्ववत ही रखिए !

15 दिन के अंदर यदि आपके अंदर अभूतपूर्व परिवर्तन हो जाए तो डॉक्टर की सलाह लेकर दवा बंद कर दीजिए |
जैसे जैसे आपके अंदर सुधार होगा काढे की मात्रा कम कर सकते है या दो बार की बजाए एक बार भी कर सकते है !

मुझे उम्मीद है की ट्रांसप्लांट का विचार त्याग देंगे जैसा मैने किया है !

मेरा ये अनुभव नवभारत टाइम्स में भी छप चुका है |
जिसके बाद मुझे बहुत फोन आये और 300-400 लोगो को मैंने ये बताया भी जिसमे से 90 % से ऊपर लोगो को
आराम मिला !


आपको आराम मिले तो आप दूसरे भाइयो को भी इसी प्रकार बताइये !

हम फालतू की पोस्ट तो बहुत करते है !

किसी को जीवन दे दे ऐसी पोस्ट करे भी और शेयर भी करे क्या पता आपकी वजह से किसी जिंदगी बच जाए !

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