Saturday 8 April 2017

पायरिया

दाँतों में से खून निकलता हो तो ये हैं अचूक इलाज।
पायरिया दाँतों की एक गंभीर बीमारी है, पायरिया में मुंह से बहुत गन्दी बदबू आती हैं।इस रोग में मसूड़े पिलपिले और खराब हो जाते हैं और उनसे खून आता है। यह बीमारी स्वास्थ्य से जुड़े अनेक कारणों से होती है। आइये जाने पायरिया के लक्षण और इस बीमारी को दूर करने के घरेलु उपचार।
पायरिया के लक्षण
पायरिया होने पर सांसो में तेज दुर्गंध शुरू हो जाती है।
मसूडों में सूजन होने लगती है।
दांत कमजोर होकर हिलने लगते हैं।
गर्म और ज्यादा ठंडा पानी पीने पर दांत संवेदनशील हो जाते हैं और लोग उसे बर्दास्त नही कर पाते हैं।
पायरिया होने पर मसूडों से मवाद आना शुरू हो जाता है।
मसूडों को दबाने में और छूने पर दर्द होता है।
पायरिया की शिकायत होने पर मसूडों से खून निकलने लगता है।
दो दांतों के बीच की जगह बढ जाती है, दांतों में गैप होने लगता है।
कपूर
पायरिया होने पर कपूर का एक छोटा टुकड़ा पान में रखकर खूब चबाने और लार एवं रस को बाहर निकालने से पायरिया रोग खत्म होता है। देशी घी में कपूर मिलाकर प्रतिदिन 3 से 4 बार दांत व मसूढ़ों पर धीरे-धीरे मलने और लार को बाहर निकालने से पायरिया रोग ठीक होता है।
सरसो तेल
60 मिलीलीटर सरसों के तेल में लहसुन पीसकर गर्म करके इसमें 30 ग्राम भुनी हुई अजवायन और 15 ग्राम सेंधानमक मिलाकर मंजन करें। इससे प्रतिदिन मंजन करने से दांतों के सभी रोग ठीक होते हैं। 2 से 3 महीने इसका प्रयोग करने से पायरिया ठीक होता है।
फिटकरी
10 ग्राम नमक और 20 ग्राम फिटकरी बारीक पीसकर मसूढ़ों पर दिन 3 बार मलने और 1 गिलास गर्म पानी में 5 ग्राम फिटकरी मिलाकर कुल्ला करने से मसूढ़े व दांत मजबूत होते हैं। इससे मसूढ़ों की सूजन, दांतों का दर्द, खून व मवाद निकलना आदि ठीक होता है।
लौंग
5 से 6 बूंद गर्म पानी में लौंग का तेल 1 गिलास गर्म पानी में मिलाकर प्रतिदिन गरारे व कुल्ला करने से पायरिया रोग नष्ट होता है।
दाँतों को मजबूत बनाने के लिए * महीने में २-३ बार रात को सोते समय जरा सा नमक और सरसों का तेल मिलकर दाँतों को रगड़ दे ।
देशी गाय का गौमूत्र
देशी गाय का गौमूत्र 3-4 बार कपड़े से छान कर कोई मुंह में भरे और अच्छी तरह कुल्ला करें फिर थूक दे … फिर भरे …ऐसा 4-5 बार करें ….फिर साफ पानी से मुंह धो लें | उस आदमी को कभी dentist के पास नहीं जाना पड़ेगा | बुढ़ापे में भी दांत मजबूत रहेंगे | चौखट नहीं लगवानी पड़ेगी |
नीबूं का रस मसूड़ों को रगड़ने से आराम होगा ।
दातुन और दंतमजन
दांतों के लिए दातौन के अतिरिक्त दंतमंजन का भी उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए सोंठ, काली मिर्च, पीपर, हरड़, बहेड़ा, आँवला, दालचीनी, तेजपत्र तथा इलायची के समभाग चूर्ण में थोड़ा-सा सेंधा नमक तथा तिल का तेल मिलाकर ‘दंतशोधक पेस्ट’ बनायें। इससे मुख की दुर्गन्ध, मैल तथा कफ निकल जाते हैं।
त्रिफला चूर्ण
त्रिफला चूर्ण रात को पानी में भिगो दें। सुबह छानकर इस पानी से कुल्ला करें। दाँत व मसूड़े वृद्धावस्था तक मजबूत बने रहते हैं। वृद्धावस्था में भी दाँत देर से गिरते हैं

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