Tuesday 28 June 2016

Shilajit Uses – Benefits of Shilajit Include

Shilajit Uses – Benefits of Shilajit Include 

(But Are Not Limited To):

Pain Suppressant
This medicine has the amazing ability to suppress pain even as you begin to experience it, which relieves stress and allows you to live much more pain-free.

Arthritis Relief
An all-natural cure to rheumatoid arthritis, osteoarthritis, and other inflammation that gathers at the joints in the human body.

Calms Muscle Spasms
This medicine has the amazing ability to calm down and even keel muscular pain, spasms, or other issues causing you pain and problems and stress.

Fights Depression
This product boosts feelings of euphoria and eliminates depression, mental stress, and mental fatigue so common in our daily lives.

Aids Digestion
Clears up feelings of pain, indigestion, and constipation (or other issues in your digestive track) and other common digestion issues causing pain.

Strengthens Immune System
This medicine strengthens the immune system via fluvial acid, and amino acid, helping protect you against sickness so you can enjoy a healthier life.

Monday 27 June 2016

लौकी के जूस के फायदे :-

लौकी हमारे शरीर के कई रोगों को दूर करने में सहायक होती है। इसका उपयोग रोगियों के लिए सलाद, रस निकालकर या सब्जी के रूप में लंबे समय से किया जाता रहा है। लौकी को कच्चा भी खाया जाता है। यह पेट साफ करने में भी बहुत ही फायदेमंद होता है साथ ही बॉडी को हेल्दी और टॉक्सिक फ्री भी बनाती है।
लौकी से सेहत को होने वाले फायदे

गैस और कब्ज
एसिडीटी, कब्ज, पेट की बीमारियों एवं अल्सर में लौकी का रस फायदेमंद होता है। खाने के बाद अगर पेट में किसी प्रकार की कोई परेशानी महसूस हो रही हो तो लौकी का जूस पिएं।

खांसी
खांसी, टीबी, सीने में जलन आदि में भी लौकी बहुत उपयोगी होती है।

हार्ट डिसीज
खाने के बाद एक कप लौकी के रस में थोड़ी-सी काली मिर्च और पुदीना डालकर पीने से हार्ट डिसीज रोग में आराम मिलता है।

किडनी रोग
लौकी किडनी के रोगों में बहुत उपयोगी है और इससे मूत्र खुलकर आता है।

कोलेस्ट्रॉल
लौकी में मिनरल्स अच्छी मात्रा में मिलते हैं। लौकी के बीज का तेल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है तथा हृदय को शांत रखता है। यह ब्लड की नाडिय़ों को भी स्वस्थ बनाता है।

कब्ज और पीलिया
लौकी का उपयोग आंतों की कमजोरी,कब्ज, पीलिया, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिसीज, डायबिटीज, शरीर में जलन या मानसिक उत्तेजना आदि में बहुत उपयोगी है।

डायरिया
अगर डायरिया के मरीज को केवल लौकी का जूस हल्के नमक और चीनी के साथ मिलाकर पिलाया जाए तो यह नेचुरली हेल्दी जूस बन जाता है।

मिर्गी
लौकी का रस मिर्गी में भी फायदेमंद है।

हैजा
हैजा होने पर 25 मिली लौकी के रस में आधा नींबू का रस मिलाकर धीरे-धीरे पिएं। इससे यूरिन बहुत आता है और लाभ होता है।

लौकी का जूस बनाने की विधि
सबसे पहले लौकी को धो लें फिर उसे कद्दूकस कर लें। कद्दूकस की हुई लौकी में तुलसी के सात पत्ते और पुदीने की पांच पत्तियां डाल कर मिक्सर में पीस लें। रस की मात्रा कम से कम 150 ग्राम होनी चाहिए। अब इस रस में बराबर मात्रा में पानी मिलाकर तीन चार पिसी काली मिर्च और थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर पिएं।

रस को पीने की विधि- यह रस किसी भी दिल के मरीज को दिन में तीन बार सुबह, दोपहर और शाम को खाने के बाद पिलाना चाहिए। शुरूआत के दिनों में रस कुछ कम मात्रा में लें और जैसे ही वह अच्छे से पचने लगे इसकी मात्रा बढ़ा दें। बाकि अन्य मरीज सिर्फ सुबह ही पिए.

विशेष- लौकी का रस पेट के विकारों को मल के द्वारा बाहर निकाल देता है। जिसके कारण शुरूआत में पेट में गड़गड़ाहट और खलबली मच सकती है, इससे घबराएं नहीं कुछ समय बाद यह अपने आप ठीक हो जाएगा। इस रस को पीने के साथ मरीज का अपनी पहले से चल रही दवाईयों को भी चालू रखना चाहिए।

WHY TAKE THE MORNING TURMERIC WATER -हल्दी पानी सुबह क्यों ले

आमतौर पर देखा गया है कि लोग उठते ही गर्म पानी या फिर निम्बू पानी का सेवन करते है जिससे कि उनका पेट साफ़ हो और खुल कर शरीर की गंदगी बाहर निकल जाए वैसे तो ये है ही फायदेमंद ,मगर यदि इसमें थोड़ी सी हल्दी यदि मिक्स कर दी जाए तो इसके गुणों में भारी इजाफा हो जाता है -

तो फिर देर किस बात की कल से ही शुरू करे ये हल्दी वाला पानी तो आइये जानते है हम इसे कैसे बनायेगे -

एक गिलास पानी में आप आधा नीबू  निचोड़ कर उसमे चौथाई चम्मच हल्दी मिला कर चला कर मिक्स कर ले फिर उसमे आधा या फिर पूरा एक चम्मच अपनी आवश्यकता अनुसार शहद मिला ले - और इसका सेवन करे-

फायदे -

1- आपको पता है कि हल्दी एक ताकतवर एंटी-आक्सीडेंट भी है एंटी-कैंसर के गुणों से भरपूर है ये-इसमें करक्यूमिन होने के कारण कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं से भी लडती है -

2- क्या आप जानते है कि हल्दी का सेवन रोज करने से पित्त जादा बनता है जिससे हमारे खाने को पचाने की छमता विकसित हो जाती है लेकिन अधिक मात्रा किसी भी चीज की नुकसानदायक होती है -

3- शरीर में सूजन कितनी भी क्यों न हो हल्दी सूजन को कम करने में सहायक है इसमें करक्यूमिन नामक एक रसायन पाया जाता है जो दवा के रूप में काम करता है इसीलिए आपने देखा होगा किसी को भी चोट लग जाती है तो हमारे बुजुर्ग हल्दी दूध में डालकर पिलाते थे-

4- हल्दी दिमाक के लिए भी फायदेमंद होती है जिनको भूलने जैसी बिमारी है वो इसका सेवन करके अपनी इस बिमारी को काफी हद तक कम कर सकते है-

5- जिन लोगो की खून की धमनियों में ब्लाकेज की शिकायत है उनको तो अवस्य ही हल्दी वाला पानी सेवन करना लाभदायक है क्युकि हल्दी खून को जमने से रोकता है अदरक भी खून को पतला रखती है और ब्लाकेज से बचाती है -

6- जो लोग नियमित हल्दी वाला पानी उपयोग करते है उनके चेहरे व शरीर पर रैडिकल्स कम होते है इससे आपके शरीर पर उम्र का असर कम दीखता है -

7- एक रिसर्च के अनुसार हल्दी के सेवन से ग्लूकोज का लेबल कम हो सकता है अर्थात डायबिटीज (मधुमेह) का खतरा टाला जा सकता है -

8- अर्थराइटिस होने पर हल्दी वाला पानी -इसमें करक्यूमिन होने के कारण जोड़ो  के दर्द और सूजन को दूर करके आपको काफी हद तक राहत पहुंचाता है -

9- आपके लीवर के खराब हो चुके सेल्स को ठीक करने में हल्दी आपकी बहुत मदद करता है तथा पित्ताशय की प्रक्रिया को भी चुस्त और दुरुस्त रखता है -

10- यदि किसी कारण से शरीर के बाहरी या अंदरूनी हिस्से में चोट लग जाए-तो हल्दी वाला दूध उसे जल्द से जल्द ठीक करने में बेहद लाभदायक है क्योंकि यह अपने एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों के कारण बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता है

बड़े काम की छोटी छोटी बातें


व्यक्ति फल खाता है, परंतु यह नहीं जानता कि कैसे खायें। पका हुआ केला शहद के साथ खायें, अति स्वास्थ्यवर्धक होगा। अधपका केला नहीं खाना चाहिए।केले को दूध के साथ मिलाकर शेक न बनायें बल्कि पहले दो केले खाये फिर उपर से गर्म दूध पियें देह मांसल(पुष्ठ) होगी।

-गर्भनिरोधक- मासिक धर्म से शुद्ध होने पर (पांचवें दिन से) चमेली की एक कली (चमेली का फूल, जो खिला न हो) पानी के साथ रोज लगातार तीन दिन तक निगलने से एक वर्ष तक गर्भनिरोधक का काम करेगा।

-जब नींद न आये- पैर के नाखूनों पर तेल लगायें।
भांग पीस कर तलुवों पर लगायें, जल्द नींद आ जायेगी।

-तुलसी के एक मुट्ठी भर पत्ते तकिये के नीचे रख दें।

-नेत्रज्योति- रोज नहाने से पूर्व पांव के अंगूठों में सरसों का तेल मलें, नेत्रज्योति बुढ़ापे तक कमजोर नहीं होगी।

-मोतियाबिंद- रोज माथे पर असली चंदन घिस कर लगायें, मोतियाबिंद नहीं होगा।

-दीर्घायु- जिस दिन बच्चा पैदा हो, उस दिन से 10 दिन तक लगातार बच्चे को असली सोने के चावल का आठवां भाग घिस कर थोड़ा सा जल मिला कर चटायें।

-जब बाल अधिक झड़ते हों- तांबे की कटोरी में दही डाल कर उसमें तांबे के तीन-चार छोटे-छोटे टुकड़े डाल दें। 3-4 दिन बाद उन टुकड़ों से दही को घिसें, अब दही हरे रंग की हो जायेगी। इस दही को अच्छी तरह सिर पर मलें, आधे घंटे बाद बालों को रीठी शिकाकाई से धो लें।

-घर के चूहे भगायें- घर में एक चूहे को किसी तरह पकड़ कर नीले रंग में रंग दें। इससे होगा यह कि बाकी चूहे उसे देख कर घर से बाहर भाग जायेंगे।

-आंखें दुखना- यदि यह महसूस हो कि आंखों में दर्द होने वाला है या फिर दर्द आरंभ हो गया हो, तो ऐसी स्थिति में उसी समय उसी ओर के कान में रुई ठूंस लें। यदि दोनों आंखों में दर्द है, तो दोनों कानों में रुई ठूंस लें। 2-3 घंटे के लिए दर्द ठीक हो जायेगा।

-हर प्रकार की खांसी दूर करें- गुदा पर दिन भर में 3-4 बार तेल चुपड़ते रहें, खांसी दूर हो जायेगी।

-पसली में दर्द- हींग को गरम पानी में घोल कर दर्द वाली पसली पर लेप करें, पसली का दर्द ठीक होगा।

-दाद, खाज, सिर की गंज- पका हुआ केला (केले का गूदा) नींबू के रस में पीस कर मलहम की तरह प्रभावित जगह पर लेप करें। इससे दाद, खाज, गंज में लाभ होगा।

– खूनी बवासीर में भुने हुए चने गरम-गरम खाने से आराम मिलता है

-जब दस्त हो रही हो- तो लौकी का रायता खायें।

-पैर के तलवे में जलनहो रही हो तो लौकी को काट कर तलवे पर मलें।

– हल्के दस्त में काली चाय (बिना दूध) में नींबू निचोड़ कर पियें।

-हृदय रोगियों के लिए पेय-जामुन, आम, अर्जुन की छाल ले कर दरदरा कूट लें रात को एक गिलास पानी में उसे भिगो दें ,सुबह इसे छान
कर एक चम्मच शहद के साथ मिला कर इसे पी जायें, यदि साथ ही मधुमेह भी हो, तो शहद न डालें, बल्कि रात में उस गिलास में मेथी के दाने भी भिगो दें। मेथी मधुमेह को नियंत्रित करता है।

-जुकाम के रोगी को हर चीज गर्म ही खानी चाहिये, जैसे, खाना, चाय, कॉफी, सूप, दाल आदि। पीने का पानी गुनगुना होना चाहिये। अचार, चटनी, फ्रिज में रखी कोई चीज या ठंडी चीज न लें।

-जिन बच्चों का कद धीरे-धीरे बढ़ता हो (ज्यादातर 8-10 साल की उम्र के बीच के बच्चों के लिए)- एक खजूर, चार काली किशमिश, एक कप साफ पानी में रात को भिगोयें। सुबह दूध के साथ उन्हें खाने को दें या दूध में डाल कर खाने को दें, नुस्खा कारगर है। तोतलापन-इस समस्या से जूझने वाले बच्चों को कुछ समय तक रोज एक हरा ताजा आंवला खिलायें। लाभ होगा।

-आम टॉनिक (शक्ति व स्फूर्तिदायक)आम के 11 ऐसे पत्ते, जो पेड़ पर लगे- लगे ही पीले पड़ गये हों, उन्हें एक लीटर पानी में 4-5 इलायची डाल कर तब तक पकायें, जब तक पानी आधा न रह जाये। फिर उसे उतार कर इच्छानुसार दूध, चीनी डाल कर चाय की तरह पियें। ऐसा करने से कमजोरी दूर होगी।

-कमजोर नजर के लिये पिसी बादाम, सौंफ और मिश्री, इन तीनों को सौ-सौ ग्राम ले करएक साथ पीस लें फिर टाइट ढक्कन वाली शीशी में बंद कर रख लें। रोज रात एक चम्मच भर कर दूध के साथ सेवन करें, इससे नेत्रदृष्टि अच्छी हो जायेगी।

Sunday 26 June 2016

लोग नशा छोडना चाहते है पर उनसे छुटता नहीं है

मित्रो बहुत से लोग नशा छोडना चाहते है पर उनसे छुटता नहीं है !बार बार वो कहते है हमे मालूम है ये गुटका खाना अच्छा नहीं है लेकिन तलब उठ जाती है तो क्या करे ???
बार बार लगता है ये बीड़ी सिगरेट पीना अच्छा नहीं है लेकिन तलब उठ जाती है तो क्या करे !??
बार बार महसूस होता है यह शाराब पीना अच्छा नहीं है लेकिन तलब हो जाती है तो क्या करे ! ????

तो आपको बीड़ी सिगरेट की तलब न आए गुटका खाने के तलब न लगे ! शारब पीने की तलब न लगे ! इसके लिए बहुत अच्छे दो उपाय है जो आप बहुत आसानी से कर सकते है ! पहला ये की जिनको बार बार तलब लगती है जो अपनी तलब पर कंट्रोल नहीं कर पाते नियंत्रण नहीं कर पाते इसका मतलब उनका मन कमजोर है ! तो पहले मन को मजबूत बनाओ!

मन को मजबूत बनाने का सबसे आसान उपाय है पहले थोड़ी देर आराम से बैठ जाओ ! आलती पालती मर कर बैठ जाओ ! जिसको सुख आसन कहते हैं ! और फिर अपनी आखे बंद कर लो फिर अपनी दायनी(right side) नाक बंद कर लो और खाली बायी(left side) नाक से सांस भरो और छोड़ो ! फिर सांस भरो और छोड़ो फिर सांस भरो और छोड़ो !

बायीं नाक मे चंद्र नाड़ी होती है और दाई नाक मे सूर्य नाड़ी ! चंद्र नाड़ी जितनी सक्रिये (active) होगी उतना इंसान का मन मजबूत होता है ! और इससे संकल्प शक्ति बढ़ती है ! चंद्र नाड़ी जीतने सक्रिये होती जाएगी आपकी मन की शक्ति उतनी ही मजबूत होती जाएगी ! और आप इतने संकल्पवान हो जाएंगे ! और जो बात ठान लेंगे उसको बहुत आसानी से कर लेगें ! तो पहले रोज सुबह 5 मिनट तक नाक की right side को दबा कर left side से सांस भरे और छोड़ो ! ये एक तरीका है ! और बहुत आसन है !

दूसरा एक तरीका है आपके घर मे एक आयुर्वेदिक ओषधि है जिसको आप सब अच्छे से जानते है और पहचानते हैं ! राजीव भाई ने उसका बहुत इस्तेमाल किया है लोगो का नशा छुड्वने के लिए ! और उस ओषधि का नाम है अदरक ! और आसानी से सबके घर मे होती है ! इस अदरक के टुकड़े कर लो छोटे छोटे उस मे नींबू निचोड़ दो थोड़ा सा काला नमक मिला लो और इसको धूप मे सूखा लो ! सुखाने के बाद जब इसका पूरा पानी खतम हो जाए तो इन अदरक के टुकड़ो को अपनी जेब मे रख लो ! जब भी दिल करे गुटका खाना है तंबाकू खाना है बीड़ी सिगरेट पीनी है ! तो आप एक अदरक का टुकड़ा निकालो मुंह मे रखो और चूसना शुरू कर दो ! और यह अदरक ऐसे अदबुद चीज है आप इसे दाँत से काटो मत और सवेरे से शाम तक मुंह मे रखो तो शाम तक आपके मुंह मे सुरक्षित रहता है ! इसको चूसते रहो आपको गुटका खाने की तलब ही नहीं उठेगी ! तंबाकू सिगरेट लेने की इच्छा ही नहीं होगी शराब पीने का मन ही नहीं करेगा !
बहुत आसन है कोई मुश्किल काम नहीं है ! फिर से लिख देता हूँ !

अदरक के टुकड़े कर लो छोटे छोटे उस मे नींबू निचोड़ दो थोड़ा सा काला नमक मिला लो और इसको धूप मे सूखा लो ! सुखाने के बाद जब इसका पूरा पानी खतम हो जाए तो इन अदरक के टुकड़ो को अपनी जेब मे रख लो ! डिब्बी मे रखो पुड़िया बना के रखो जब तलब उठे तो चूसो और चूसो !
जैसे ही इसका रस लाड़ मे घुलना शुरू हो जाएगा आप देखना इसका चमत्कारी असर होगा आपको फिर गुटका –तंबाकू शराब –बीड़ी सिगरेट आदि की इच्छा ही नहीं होगी ! सुबह से शाम तक चूसते रहो ! और 10 -15 -20 दिन लगातार कर लिया ! तो हमेशा के लिए नशा आपका छूट जाएगा !

आप बोलेगे ये अदरक मैं ऐसे क्या चीज है !????

यह अदरक मे एक ऐसे चीज है जिसे हम रसायनशास्त्र (क्मिस्ट्री) मे कहते है सल्फर !
अदरक मे सल्फर बहुत अधिक मात्रा मे है ! और जब हम अदरक को चूसते है जो हमारी लार के साथ मिल कर अंदर जाने लगता है ! तो ये सल्फर जब खून मे मिलने लगता है ! तो यह अंदर ऐसे हारमोनस को सक्रिय कर देता है ! जो हमारे नशा करने की इच्छा को खत्म कर देता है !

और विज्ञान की जो रिसर्च है सारी दुनिया मे वो यह मानती है की कोई आदमी नशा तब करता है ! जब उसके शरीर मे सल्फर की कमी होती है ! तो उसको बार बार तलब लगती है बीड़ी सिगरेट तंबाकू आदि की ! तो सल्फर की मात्रा आप पूरी कर दो बाहर से ये तलब खत्म हो जाएगी ! इसका राजीव भाई ने हजारो लोगो पर परीक्षण किया और बहुत ही सुखद प्रणाम सामने आए है ! बिना किसी खर्चे के शराब छूट जाती है बीड़ी सिगरेट शराब गुटका आदि छूट जाता है ! तो आप इसका प्रयोग करे !

और इसका दूसरे उपयोग का तरीका पढे !

अदरक के रूप मे सल्फर भगवान ने बहुत अधिक मात्रा मे दिया है ! और सस्ता है! इसी सल्फर को आप होमिओपेथी की दुकान से भी प्राप्त कर सकते हैं ! आप कोई भी होमिओपेथी की दुकान मे चले जाओ और विक्रेता को बोलो मुझे सल्फर नाम की दावा देदो ! वो देदेगा आपको शीशी मे भरी हुई दावा देदेगा ! और सल्फर नाम की दावा होमिओपेथी मे पानी के रूप मे आती है प्रवाही के रूप मे आती है जिसको हम Dilution कहते है अँग्रेजी मे !

तो यह पानी जैसे आएगी देखने मे ऐसे ही लगेगा जैसे यह पानी है ! 5 मिली लीटर दवा की शीशी 5 रूपये आती है ! और उस दवा का एक बूंद जीभ पर दाल लो सवेरे सवेरे खाली पेट ! फिर अगले दिन और एक बूंद डाल लो ! 3 खुराक लेते ही 50 से 60 % लोग की दारू छूट जाती है ! और जो ज्यादा पियाकड़ है !जिनकी सुबह दारू से शुरू होती है और शाम दारू पर खतम होती है ! वो लोग हफ्ते मे दो दो बार लेते रहे तो एक दो महीने तक करे बड़े बड़े पियकरों की दारू छूट जाएगी !राजीव भाई ने ऐसे ऐसे पियकारों की दारू छुड़ाई है ! जो सुबह से पीना शुरू करते थे और रात तक पीते रहते थे ! उनकी भी दारू छूट गई बस इतना ही है दो तीन महीने का समय लगा !

तो ये सल्फर अदरक मे भी है ! होमिओपेथी की दुकान मे भी उपलब्ध है ! आप आसानी से खरीद सकते है !लेकिन जब आप होमिओपेथी की दुकान पर खरीदने जाओगे तो वो आपको पुछेगा कितनी ताकत की दवा दूँ ??!
मतलब कितनी Potency की दवा दूँ ! तो आप उसको कहे 200 potency की दवा देदो ! आप सल्फर 200 कह कर भी मांग सकते है ! लेकिन जो बहुत ही पियकर है उनके लिए आप 1000 Potency की दवा ले !आप 200 मिली लीटर का बोतल खरीद लो एक 150 से रुपए मे मिलेगी ! आप उससे 10000 लोगो की शराब छुड़वा सकते हैं ! मात्र एक बोतल से ! लेकिन साथ मे आप मन को मजबूत बनाने के लिए रोज सुबह बायीं नाक से सांस ले ! और अपनी इच्छा शक्ति मजबूत करे !!!

अब एक खास बात !

बहुत ज्यादा चाय और काफी पीने वालों के शरीर मे arsenic तत्व की कमी होती है !
उसके लिए आप arsenic 200 का प्रयोग करे !

गुटका,तंबाकू,सिगरेट,बीड़ी पीने वालों के शरीर मे phosphorus तत्व की कमी होती है !
उसके लिए आप phosphorus 200 का प्रयोग करे !

और शराब पीने वाले मे सबसे ज्यादा sulphur तत्व की कमी होती है !
उसके लिए आप sulphur 200 का प्रयोग करे !!

सबसे पहले शुरुवात आप अदरक से ही करे !!

आपने पूरी पोस्ट पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !
अमर शहीद राजीव दीक्षित जी की जय !

सर्दियों में केसर का उपयोग कैसे करे ?

👉🏻केसर ठंड में उपयोग की जाने वाली एक बेहतरीन दवा है। आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार ठंड में रोजाना थोड़ी मात्रा में केसर लेने से शरीर में कई प्रकार के रोग नहीं होते हैं। इसका स्वभाव गर्म होता है। इसलिए औषधि के रूप में 250 मिलिग्राम व खाद्य के रूप में 100 मिलिग्राम से अधिक मात्रा में इसके सेवन की सलाह नहीं दी जाती।

👉🏻यह एक कामशक्ति बढ़ाने वाला रसायन है। महिलाओं की कुछ बीमारियों में यह रामबाण साबित होता है। बच्चे के जन्म के बाद गर्भाशय की सफाई के लिए कुछ दिनों तक इसका नियमित सेवन करना बहुत अच्छा रहता है। माहवारी के दौरान दर्द, अनियमितता व गड़बड़ी से निजात के लिए यह एक अच्छी औषधि है। मासिक धर्म साफ लाने वाली, गर्भाशय व योनि संकोचन जैसे रोगों को भी दूर करती है।

👉🏻केसर त्वचा को सुंदर व निखरा बनाती है। यह शरीर को मजबूत बनाती है। लो ब्लडप्रेशर में ये एक बेहतरीन दवा है। अगर ज्यादा सर्दी-खांसी हो रही हो तो केसर दी जाती है क्योंकि ये कफ का नाश करने वाली औषधि है। मन को प्रसन्न करने वाली रंगीन और सुगन्धित करने वाली होती है। अगर सर्दी लग गई हो तो रात्रि में एक गिलास दूध में एक चुटकी केसर और एक चम्मच शहद डालकर यदि मरीज को पिलाया जाए तो उसे अच्छी नींद आती है।

👉🏻त्वचा रोग होने पर खरोंच और जख्मों पर केसर लगाने से जख्म जल्दी भरते हैं। शिशुओं को अगर सर्दी जकड़ ले और नाक बंद हो जाये तो मां के दूध में केसर मिलाकर उसके माथे और नाक पर मला जाये तो सर्दी का प्रकोप कम होता है और उसे आराम मिलता है।

👉🏻गंजे लोगों के लिए तो यह संजीवनी बूटी की तरह कारगर है। जिनके बाल बीच से उड़ जाते हैं, उन्हें थोड़ी सी मुलहठी को दूध में पीस लेना चाहिए। तत्पश्चात् उसमें चुटकी भर केसर डाल कर उसका पेस्ट बनाकर सोते समय सिर में लगाने से गंजेपन की समस्या दूर होती है।

👉🏻रूसी की समस्या हो या फिर बाल झड़ रहे हों, ऐसी स्थिति में भी उपरोक्त फार्मूला अपनाना चाहिए।

👉🏻पुरुषों में वीर्य शक्ति बढ़ाने हेतु शहद, बादाम और केसर लेने से फायदा होता है।

👉🏻पेट संबंधित बीमारियों के इलाज में केसर बहुत फायदेमंद है। बदहजमी, पेट-दर्द व पेट में मरोड़ आदि हाजमे से संबंधित शिकायतों में केसर का सेवन करने से फायदा होता है।सिर दर्द को दूर करने के लिए केसर का उपयोग किया जा सकता है।

👉🏻सिर दर्द होने पर चंदन और केसर को मिलाकर सिर पर इसका लेप लगाने से सिर दर्द में राहत मिलती है।


आयुर्वेदा जडी बुटी

माताओ-बहनो को मासिक धर्म (Periods) से सबन्धित

माताओ-बहनो को मासिक धर्म (Periods) से सबन्धि समस्याएँ होना साधारण बात है अक्सर माहवारी की अनियमिता हो जाती है ,अर्थात कई बार रक्तस्त्राव बहुत अधिक हो जाता है और कई बार क्या होता है बिलकुल
ही नहीं होता ! और कभी कभी ऐसा भी होता है की ये 2-3 दिन होना चाहिए लेकिन 1 ही दिन होता है ,और कई बार 15 दिनही दुबारा आ जाता है ! और कई बार 2 महीने तक नहीं आता !
तो ये मित्रो मासिक धर्म चक्र की अनियमिता की जितनी सभी समस्याएँ है इसकी हमारे आयुर्वेद मे बहुत ही अच्छी और लाभकारी ओषधि है वो है अशोक के पेड़ के पत्तों की चटनी !
हाँ एक बात याद रखे आशोक का पेड़ दो तरह का है एक तो सीधा है बिलकुल लंबा ज़्यादातर लोग उसे ही अशोक समझते है जबकि वो नहीं है एक और होता है पूरा गोल होता है और फैला हुआ होता है 
वही असली अशोक का पेड़ है जिसकी छाया मे माता सीता ठहरी थी !
तो इस असली अशोक के 5-6 पत्ते तोड़िए उसे पीस कर चटनी बनाओ अब इसे एक से डेढ़ गिलास पानी मे कुछ देर तक उबाले ! इतना उबाले की पानी आधा से पौन गिलास रह जाए !
फिर उसे बिलकुल ठंडा होने के लिए छोड़ दीजिये और फिर उसको बिना छाने हुए पीये ! सबसे अच्छा है सुबह खाली पेट पीना ! कितने दिन तक पीना ??
30 दिन तक लगातार पीना उससे मासिक धर्म (periods ) से सबन्धित सभी तरह की बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं !
ये सबसे अधिक अकेली बहुत ही लाभकारी दवा है ! जिसका नुकसान कोई नहीं है ! और अगर कुछ माताओ-
बहनो को 30 दिन लेने से थोड़ा आराम ही मिलता है ज्यादा नहीं मिलता तो वो और अगले 30 दिन तक ले सकती है वैसे लगभग मात्र 30दिन लेने से ही समस्या ठीक हो जाती है !
तो मित्रो ये तो हुई महवारी मे अनियमिता की बात !
अब बात करते पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द की.
बहुत बार माताओ -बहनो को ऐसे समय मे बहुत अधिक शरीर मे अलग अलग जगह दर्द होता है कई बार कमड़,दर्द होना ,सिर दर्द होना ,पेट दर्द पीठ मे दर्द होना जंघों मे दर्द होना ,स्तनो मे दर्द,चक्कर आना ,नींद
ना आना बेचैनी होना आदि तो ऐसे मे तेज pain killer लेने से बचे क्योंकि इनके बहुत अधिक side effects
है , एक बीमारी ठीक करेंगे 10 साथ हो जाएगी और बहुत से pain killer तो विदेशो मे 20 वर्षो से ban है जो भारत मे बिकती है !
तो आयुर्वेद मे भी इस तरह के दर्दों की तात्कालिक (instant relief ) दवाये है जिसका कोई side effect नहीं है !
तो पीरियडस के दौरान होने वाले दर्दों की सबसे अच्छी दवा है गाय का घी ,अर्थात देशी गाय का घी ! एक चम्मच देशी गाय का घी को एक गिलास गर्म पानी मे डालकर पीना ! पहले एक गिलास पानी खूब गर्म करना जैसे चाय के लिए गर्म करते है बिलकुल उबलता हुआ ! फिर उसमे एक चम्मच देशी गाय का घी डालना ,फिर ना मात्र सा ठंडा होने पर पीना ,चाय की तरह से बिलकुल घूट घूट करके पीना ! बिलकुल सिप सिप करके पीना है ! तात्कालिक (instant relief ) एक दम आराम आपको मिलेगा और ये लगातार 4 -5 दिन जितने दिन पीरियड्स रहते है पीना है उससे ज्यादा दिन नहीं पीना ! ये पीरियडस के दौरन होने वाले सब तरह के दर्दों के लिए instant relief देता है सामान्य रूप से होने वाले दर्दों के लिए अलग दवा है !
एक बात जरूर याद रखे घी देशी गाय का ही होना चाहिए , विदेशी जर्सी,होलेस्टियन ,फिरिजियन भैंस का नहीं !!
देशी गाय की पहचान है की उसकी पीठ गोलसा ,मोटा सा हम्प होता है !कोशिश करे घर के आस पास पता करे
देशी गाय का ! उसका दूध लाकर खुद घी बना लीजिये ! बाजारो मे बिक रहे कंपनियो के घी पर भरोसा ना करें ! या भारत की सबसे बड़ी गौशाला जिसका नाम पथमेड़ा गौशाला है जो राजस्थान मे है यहाँ 2 लाख से
ज्यादा देशी गाय है इनका घी खरीद लीजिये ये पूरा देशी गाय के दूध से ही बना है !
काफी बड़े शहरो मे उपलब्ध है !
और अंत जब तक आपको जीवन मे आपको मासिक धर्म रहता है आप नियमित रूप से चुने का सेवन करें ,चुना कैसा ?? गीला चुना , जो पान वाले के पास से मिलता है कितना लेना है ?? गेहूं के दाने जितना ! कैसे लेना है ??बढ़िया है की सुबह सुबह खाली पेट लेकर काम खत्म करे आधे से आधा गिलास पानी हल्का गर्म करे गेहूं के दाने के बराबर चुना डाले चम्मच से हिलाये पी जाए ! इसके अतिरिक्त दही मे ,जूस मे से सकते है बस एक बात का ध्यान रखे कभी आपको पथरी की समस्या रही वो चुना का सेवन ना करे !! ये चुना बहुत ही अच्छा है बहुत
ही ज्यादा लाभकरी है मासिक धर्म मे होने वाली सब तरह की समस्याओ के लिए !!
इसके अतिरिक्त आप जंक फूड खाने से बचे , नियमित सैर करे ,योग करे ।

Facts about Real honey. जमा हुआ शहद ?

भारतीय समाज मे यह मान्यता ज्यादा देखने को मिलती है के शहदका जमना उसमे मिलावट की निशानी है । लेकिन यह पूर्णतः गहत धारणा है ।

शहद का जमना एक कुदरती प्रक्रिया है । शुद्ध शहद भी जाम ( crystallized ) हो सकता है । शहद का जमना इस बात पर निर्भर करता है की शहद को स्त्रोत क्या है ? मतलब कोनसे फूलो के रससे मधुमक्खीओने शहद का निर्माण किया है । शहद के अंदर प्राकृतिक रूप मे ग्लूकोज़ ओर फ्रुक्टोज जेसी शर्कराए होती है । शहद का जमना उसके अंदर रहे हुए ग्लूकोस की मात्रा पर निर्भर करता है । जिन फूलोके रस मे प्राकृतिक रूप से ग्लूकोज़ की मात्रा अधिक होती है, उनके रस ( nectar) से अगर मधुमक्खी शहद का निर्माण करती है तो उस शहदमे जमनेका गुणधर्म ज्यादा रहेगा । प्राकृतिक रूप से तैलीबीज (oil seeds) वाली वनस्पति के फूलो से अगर मधुमक्खी शहद बनती है तो उसके जमनेका गुण अधिक होता है । इसीलिए मधुमक्खी पालन मे बक्से ( honey bee hives )को राइ, सूर्यमुखी, तिल, सोयाबीन जेसे खेतो के बीच रखते है तो उनसे मिला शहद जमता है । उसे जाम हनी या क्रीम हनी के नाम से निर्यात किया जाता है, जो संपूर्णतः जमा हुआ होता है ।

ज्यादातर लोगो मे जमे हुए शहद को लेकर गलत धारणाये होती है । इस कारण से भारत मे हरकही raw honey के स्थान पर processed या heated शहद ही बिकता है, जो सामान्य रूपसे जमता नही है । शहद को एकबार उबाल देने से उसमे रहा जमने का (crystalised ) होने का स्वाभाविक गुण नष्ट हो जाता है । लेकिन उसके साथ ही शहदमे रहे औषधीय गुण भी नष्ट हो जाते है । वास्तविकता यह हे की 45° c तापमान पर भी शहद में रहे औषधीय तत्व जेसे की antioxidant, enzymes, vitamins, many anti aging properties, acids etc, नष्ट हो जाते हे । यह औषधीय तत्व ही शारीर को आरोग्यप्रदान करते हे और कही रोगों से लड़ने की शक्ति देते हे । इसलिए शहद को गर्मी से दूर रखना चाहिए । जब की ज्यादातर कंपनीया शहद को प्रोसेस्ड या पेस्च्युराइस ( हीटिंग और कूलिंग प्रोसेस ) करके बेचती हे, और ऐसा शहद शुगर सिरप से बढ़कर कुछ नहीं हे । इसीलिए ज्यादातर आयुर्वेद चिकित्सक "Raw honey" का उपयोग करने की सलाह देते हे ।

शुद्ध शहद का जमना एक कुदरती प्रक्रिया है । वास्तव मे शहद के औषधीय गुण घन अवस्था (crystallized form) मे प्रवाही अवस्थासे ज्यादा सुरक्षित होते है । इसलिए जमे हुए शहद का उसी अवस्था मे उपयोग करे ।

आपको दही के बारे में जानकारी दे दें



100kgदही में अगर 1 चुटकी नमक डाल दें तो दही के सारे बैक्टीरिया मर जाते हैं फिर जो दही हम खाते हैं वह दही नही हम बैक्टीरिया की लाशें खाते हैं।
जो हमारे किसी काम की नहीं होती।
इसके विपरीत दही में अगर मिश्री डाल देते हैं तो  बैक्टीरिया 100 गुना बढ़ जाते  हैं ।तो दही में नमक नहीं मीठा डालिये।
श्री कृष्ण भी तो दही मिश्री खाते थे।

मीठी दही ही हमें निरोगी बनाती  है।
दही व केला का अद्भुत मेल है अत: दही केला भी खा सकते हैं

और गर्भवती महिला को तो दही केला जरूर खाना चाहिए।

"प्राचीन स्वास्थ्य दोहावली"


पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात!
सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!!

धनिया की पत्ती मसल,बूंद नैन में डार!
दुखती अँखियां ठीक हों,पल लागे दो-चार!!

ऊर्जा मिलती है बहुत,पिएं गुनगुना नीर!
कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर!!

प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप!
बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप!!

ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार!
करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार!!

भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार!
चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार!!

प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छांस!
सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश!!

दही उडद की दाल सँग, प्याज दूध के संग!
जो खाएं इक साथ में, जीवन हो बदरंग!!

प्रातः- दोपहर लीजिये, जब नियमित आहार!                                                
तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार!!

भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार!
डाक्टर, ओझा, वैद्य का , लुट जाए व्यापार !!

देश,भेष,मौसम यथा, हो जैसा परिवेश!
वैसा भोजन कीजिये, कहते सखा सुरेश!!

इन बातों को मान कर, जो करता उत्कर्ष!
जीवन में पग-पग मिले, उस प्राणी को हर्ष!!

घूट-घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर!
एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर!!

अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास!
पानी पीजै बैठकर,  कभी न आवें पास!!

रक्तचाप बढने लगे, तब मत सोचो भाय!
सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड दो चाय!!

सुबह खाइये कुवंर-सा, दुपहर यथा नरेश!
भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुरेश!!

देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल!
अपच,आंख के रोग सँग, तन भी रहे निढाल!!

टूथपेस्ट-ब्रश छोडकर, हर दिन दोनो जून!
दांत करें मजबूत यदि, करिएगा दातून!!

हल्दी तुरत लगाइए, अगर काट ले श्वान!
खतम करे ये जहर को, कह गए कवि सुजान!!

मिश्री, गुड, शहद, ये हैं गुण की खान!
पर सफेद शक्कर सखा, समझो जहर समान!!

चुंबक का उपयोग कर, ये है दवा सटीक!
हड्डी टूटी हो अगर, अल्प समय में ठीक!!

दर्द, घाव, फोडा, चुभन, सूजन, चोट पिराइ!
बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ!!

हँसना, रोना, छींकना, भूख, प्यास या प्यार!
क्रोध, जम्हाई रोकना, समझो बंटाढार!!

सत्तर रोगों कोे करे, चूना हमसे दूर!
दूर करे ये बाझपन, सुस्ती अपच हुजूर!!

यदि सरसों के तेल में, पग नाखून डुबाय!
खुजली, लाली, जलन सब, नैनों से गुमि जाय!!

आलू का रस अरु शहद, हल्दी पीस लगाव!
अल्प समय में ठीक हों, जलन, फँफोले, घाव!!

भोजन करके जोहिए, केवल घंटा डेढ!
पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड!!

जो भोजन के साथ ही,पीता रहता नीर!
रोग एक सौ तीन हों, फुट जाए तकदीर!!

पानी करके गुनगुना, मेथी देव भिगाय!
सुबह चबाकर नीर पी, रक्तचाप सुधराय!!

मूंगफली, तिल, नारियल, घी सरसों का तेल!
यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल!!

पहला स्थान सेंधा नमक, काला नमक सु जान!
श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान!!

तेल वनस्पति खाइके, चर्बी लियो बढाइ!
घेरा कोलेस्टरॉल तो, आज रहे चिल्लाइ!!

अल्यूमिन के पात्र का, करता है जो उपयोग!
आमंत्रित करता सदा , वह अडतालीस रोग!!

फल या मीठा खाइके, तुरत न पीजै नीर!
ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर!!

चोकर खाने से सदा, बढती तन की शक्ति!
गेहूँ मोटा पीसिए, दिल में बढे विरक्ति!!

नींबू पानी का सदा, करता जो उपयोग!
पास नहीं आते कभी, यकृति-आंत के रोग!!

दूषित पानी जो पिए, बिगडे उसका पेट!
ऐसे जल को समझिए, सौ रोगों का गेट!!

रोज मुलहठी चूसिए, कफ बाहर आ जाय!
बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाय!!

भोजन करके खाइए, सौंफ, और गुड, पान!
पत्थर भी पच जायगा, जानै सकल जहान!!

लौकी का रस पीजिए, चोकर युक्त पिसान!
तुलसी, गुड, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान!!

हृदय रोग, खांसी और आंव करें बदनाम!
दो अनार खाएं सदा, बनते बिगडे काम!!

चैत्र माह में नीम की, पत्ती हर दिन खावे !
ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे !!

सौ वर्षों तक वह जिए, लेत नाक से सांस!
अल्पकाल जीवें, करें, मुंह से श्वासोच्छ्वास!!

मूली खाओ हर दिवस, करे रोग का नाश!
गैस और पाईल्स का, मिट जाए संत्रास!!

जब भी लघु शंका करें, खडे रहे यदि यार!
इससे हड्डी रीढ की, होती है बेकार!!

सितम, गर्म जल से कभी, करिये मत स्नान!
घट जाता है आत्मबल, नैनन को नुकसान!!

हृदय रोग से आपको, बचना है श्रीमान!
सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक, का मत करिए पान!!

अगर नहावें गरम जल, तन-मन हो कमजोर!
नयन ज्योति कमजोर हो, शक्ति घटे चहुंओर!!

तुलसी का पत्ता करें, यदि हरदम उपयोग!
मिट जाते हर उम्र में, तन के सारे रोग!!

मछली के संग दूध या, दूध-चाय, नमकीन!
चर्म रोग के साथ में, oरोग बुलाते तीन!!

बर्गर, गुटखा, सुरा अरु, कोक सुअर का मांस!
जो हरदम सेवन करे,  बने गले का फाँस!!

Wednesday 22 June 2016

योग के फायदे

शरीर को अलग अलग मुद्राओं में मोड़ना या असंभव लगने वाली क्रियाएं करना ही योग नहीं है। योग में व्यक्ति का मस्तिष्क और शरीर कुछ इस तरह मिलते हैं जिससे दिमागी कसरत तो होती ही है साथ ही शरीर को बिना कोई नुकसान पहुंचे अत्यंत लाभ भी मिलते हैं।

योग से उच्च रक्तचाप सामान्य होता है, तनाव कम होता है, मोटापे और कोलेस्ट्रोल पर नियंत्रण होता है इसके साथ ही व्यक्ति का रक्तसंचार तेज होता है जिससे सौंदर्य में भी वृद्धि होती है। इसका प्रभाव तन ही नहीं बल्कि मन पर भी पड़ता है। योग करने से मन शांत रहता है। योग के जादुई फायदों के कारण ही पूरा संसार अब योग की ओर बढ़ रहा है।

 आध्यात्मिक दृष्टि से भी योग के अलग फायदे हैं। आइए जानते हैं योगासन के गुण और लाभ के बारे में-

1- मन की शांति
योग के संपूर्ण रूप से सांस लेने और संतुलन वाले आसनों पर केंद्रित होने के कारण मस्तिष्क शांत रहता है। साथ ही शरीर भी संतुलित रहता है। इसके कारण हम मस्तिष्क के दोनों भागों से काम लेते हैं जिससे आंतरिक संचार बेहतर होता है। योग करने से मस्तिष्क के सोचने और सृजनात्मकता वाले हिस्सों का भी संतुलन बना रहता है।

2- गर्भावस्था में योग
गर्भावस्था में स्वस्थ रहने का सबसे आसान तरीका है योग को अपना जाए। नियमित रूप से योग करने वाली गर्भवती महिलाओं को थकान कम होती है तनाव दूर होता है साथ ही मांसपेशियों में खिंचाव के कारण लचीलापन भी आता है।
इतना ही नहीं बेहतर रक्तसंचार पाचन और स्नायुतांपर नियंत्रण रहता है। इसके कारण पीठ में दर्द नींद न आना पैरों में दर्द अपच जैसे लक्षणों में आराम मिलता है। हालांकि गर्भवती महिलाओं को कुछ भी शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

3- बेहतर रक्तसंचार
अलग अलग तरह की योग मुद्राओं और सांस लेने की क्रियाओं के सांमजस्य के कारण योग से शरीर में बेहतर रक्तसंचार होता है। बेहतर रक्तसंचार से शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को बेहतर प्रवहन होने में मदद मिलती है। जिससे त्वचा और आंतरिक अंग स्वस्थ रहते है।

4- मोटापे से मुक्ति के लिए योग
योग से पेट के अलावा शरीर के अन्य भागों से भी अतिरिक्त चर्बी को हटा सकते हैं। अलग अलग हिस्सों की चर्बी हटाने के लिए अलग अलग योग हैं। किसी एक कसरत से ऐसा होना संभव नहीं इसलिए धैर्य के साथ योग को अपनाएं।

5- स्वस्थ हृदय
ऐसा कोई भी योग जिसमें कुछ समय के लिए सांस रोकी जाती है हृदय और उसकी धमनियों को स्वस्थ रखता है। योग रक्तसंचार को बेहतर करता है जिससे रक्त एक जगह रूकता नहीं और हृदय स्वस्थ रहता है।

6- दर्द से रखे दूर
योग से शरीर का लचीलापन और एनर्जी बढ़ती है जिससे पीठ का दर्द जोड़ों का दर्द आदि में बेहद आराम मिलता है। इससे रीढ़ की हड्डी में दबाव और जकड़न से भी आराम मिलता है। इतना ही नहीं गलत ढंग से बैठने या चलने के कारण होने वाले दर्द में भी योग से आराम मिलता है।

7- सांस लेने की बेहतर प्रक्रिया
योग के विभिन्न आसानों से फेफड़े और उदर भाग की क्षमता बढ़ती है! इससे दैनिक कार्यक्षमता बढ़ती है साथ ही सहनशक्ति में इजाफा होता है। गहरी सांस लेने में भी आराम मिलता है जिससे विभिन्न प्रकार के भौतिक और मानसिक तनावों से मुक्ति मिलती है।

8- बना रहता है शरीर का संतुलन
ठीक ढंग से न बैठना ज्यादा ट्रैवल करना या हमेशा बाइक पर रहना आदि के कारण शरीर का संतुलन बिगड़ने लगता है। योग करने से शरीर का संतुलन बना रहता है। कई बार गिरकर चोट लगने हड्डी के टूटने पीठ आदि संबंधित समस्याओं में दर्द के कारण भी संतुलन बिगड़ता है।
योग से शरीर का लचीलापन बढ़ता है साथ ही दिमाग भी तेज होता है।

9- तनाव को करें कम
भागमभाग भरी जिंदगी में योग करने से अपार शांति मिलती है। पूरे शरीर में रक्तसंचार बेहतर होता है जिससे मस्तिष्क हल्का महसूस करता है और तनाव कम होता है।

10- संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अपनाएं योग
अच्छा स्वास्थ्य केवल बीमारियों से दूर रहना ही नहीं है बल्कि अपने मन और भावनाओं के बीच संतुलन को स्थापित करना भी है। योग से न केवल बीमारियां दूर होती हैं बल्कि योग आपको गतिशील, खुश और उत्साही भी बनाता है।

11- सौंदर्य को बढ़ाए
शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही योग से चेहरे का नूर भी बढ़ाया जा सकता है। मुहांसों से लेकर डल स्किन और बालों को सुंदर बनाने में भी योग महत्वपूर्ण योगदान देता है।
इनके अलावा भी योग के और बहुत से फायदे हैं। योग के विभिन्न आसन अलग अलग बीमारियों की रोकथाम में फायदेमंद हैं। हाल के वर्षों में योग को लेकर हुई जागरुकता ने इसे दुनिया भर में प्रसिद्ध कर दिया है।

शरीर में तेजी से खून बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय-



1. दो घंटे के लिए 2 चम्मच तिलों को पानी में भिगों लें और बाद में पानी से छानकर इसका पेस्ट बना लें। अब इसमें 1 चम्मच शहद मिलाएं और दिन में दो बार सेवन करें।

2. काफी और चाय का सेवन कम कर दें। एैसा इसलिए क्योंकि ये चीजें शरीर को आयरन लेने से रोकते हैं।

3. दो बार दिन में ठंडे पानी से नहाएऔर सुबह नहाने के बाद सूरज की रोशनी में बैठें।

4. आप अपने भोजन में गेहूं, मोठ, मूंग और चने को अंकुरित करके उसमें नींबू मिलाकर सुबह का नाश्ता लें।

5. पके आम के गुदे को मीठे दूध के साथ सेवन करें। एैसा करने से खून तेजी से बढ़ता है।

6. शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए मूंगफली के दानों को गुड़ के साथ चबा-चबा कर सेवन करें।

7. सिंघाड़ा शरीर में खून और ताकत दोनो को बढ़ाता है। कच्चे सिंघाड़े को खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर तेजी से बढ़ता है।

8. मुनक्का, अनाज, किशमिश, दालें और गाजर का नियमित सेवन करें और रात को सोने से पहले दूध में खजूर डालकर उसको पीएं।

9. अमरूद, पपीता, चीकू, सेब और नींबू आदि फलो का अधिक से अधिक सेवन करें।

10. आंवले का रस और जामुन का रस बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है।

11. एक गिलास टमाटर का रस रोज पीने से भी खून की कमी दूर होती है। इसलिए टमाटर का सूप भी बनाकर आप ले सकते हो।

12. बथुआ, मटर, सरसों, पालक, हरा धनिया और पुदीना को अपने भोजन में जरूर शामिल करें।

13. फालसे का शर्बत या फालसे का सेवन सुबह शाम करने से शरीर में खून की मात्रा जल्दी बढ़ती है।

14. शरीर में खून को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से लहसुन और नमक की चटनी का सेवन करे। यह हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करता है।

15. सेब का जूस रोज पीएं। चुकंदर के एक गिलास रस में अपने स्वाद के अनुसार शहद मिलाकर इसे रोज पीएं। इस जूस में लौह तत्व ज्यादा होता है।

शरीर में खून की कमी से बहुत बीमारियां लग सकती हैं। जिस वजह से इंसान कमजोर हो जाता है और उसका शरीर बीमारियों से लड़ नहीं पाता है। इसलिए महिलाओं और पुरूषों को शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने के लिए इन आयुवेर्दिक उपायों को अपनाना चाहिए।

Thursday 2 June 2016

चना - इसे खाना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है




चना - सर्दियों में रोज खाएंगे तो बादाम से ज्यादा असरदार है चना।
हम सिधे या अन्य किसी न किसी रुप मे प्रयोग करते है ।यहाँ तक कि भगवान को भी चने व गुङ का भोग लगाया जाता है। बल व बुद्दी के दाता हनुमानजी का तो प्रिय प्रसाद ही चना व गुङ है। मगर चने के गुण जानने के बाद हमेँ पता चलता है कि इससे अत: ईसकी फसल कहाँ व किस प्रकार ईसकि खेती कहाँ कहाँ होती है ईसके बारे मे भी थोङा बहुत ज्ञान रखना आवश्यक है।
चना बहुत पौष्टिक होता है। चना चाहे भूना हुआ हो या अंकुरित किया हुआ, इसे खाना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। चने में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नमी, चिकनाई, रेशे, कैल्शियम, आयरन और विटामिन्स पाए जाते हैं। चने में 27 और 28 फीसदी फॉस्‍फोरस और आयरन होता है। यह न केवल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करते हैं बल्कि हीमोग्‍लोबीन बढा कर किडनियों को भी नमक की अधिकता से साफ करते हैं।
एक कटोरा चना खाने से 28 ग्राम रेशा आपके शरीर में जाता है , जिससे पेट संबन्‍धी सारी शिकायते दूर रहती हैं साथ ही कब्‍ज हो या फिर पेट का कैंसर, दोनों ही नहीं होते। चने के कई किस्में आती हैं, काला,पीला,छोटे चने,काबुली,सफेद जो मोटे होते हैं।| चने की दो प्रजातियां होती है
1-
काला चना
2-
काबुली चना |
आज हम आपको काले चने के विषय में बताएंगे |
आयुर्वेद मे माना गया है कि चना और चने की दाल दोनों के सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है।
चने को गरीबों का बादाम कहा जाता है, क्योंकि ये सस्ता होता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नमी, चिकनाई, रेशे, कैल्शियम, आयरन व विटामिन्स पाए जाते हैं। लेकिन इसी सस्ती चीज में बड़ी से बड़ी बीमारियों की लड़ने की क्षमता है। चना खाने से अनेक रोगों की चिकित्सा हो जाती है।
चना पाचन शक्ति को संतुलित और दिमागी शक्ति को भी बढ़ाता है। चने से खून साफ होता है जिससे त्वचा निखरती है। सर्दियों में चने के आटे का हलवा कुछ दिनों तक नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। यह हलवा वात से होने वाले रोगों में व अस्थमा में फायदेमंद होता है। सर्दियों में रोजाना 50 ग्राम चना खाना बादाम से ज्यादा लाभकारी होता है। घोड़े की ताकत से तो आप समझ ही सकते हैं कि उसका भोजन चना कितना ताकतवर होता है । कहावत है चना खाओ घोड़े सी ताकत पाओ।
चने में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नमी, चिकनाई, रेशे, कैल्शियम, आयरन व विटामिन्स पाए जाते हैं। चने के सेवन से सुंदरता बढ़ती है साथ ही दिमाग भी तेज हो जाता है।
1. 25
ग्राम काले चने रात में भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करने से डायबिटीज दूर हो जाती है।
2.
गर्म चने रूमाल या किसी साफ कपड़े में बांधकर सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है।
3.
मोटापा घटाने के लिए रोजाना नाश्ते में चना लें।
4.
अंकुरित चना 3 साल तक खाते रहने से कुष्ट रोग में लाभ होता है।
5.
गर्भवती को उल्टी हो तो भुने हुए चने का सत्तू पिलाएं।
6.
चना पाचन शक्ति को संतुलित और दिमागी शक्ति को भी बढ़ाता है। चने से खून साफ होता है जिससे त्वचा निखरती है।
7.
सर्दियों में चने के आटे का हलवा अस्थमा में फायदेमंद होता है।
8.
चने के आटे की नमक रहित रोटी 40 से 60 दिनों तक खाने से त्वचा संबंधित बीमारियां जैसे-दाद, खाज, खुजली आदि नहीं होती हैं।
9.
भुने हुए चने रात में सोते समय चबाकर गर्म दूध पीने से सांस नली के अनेक रोग व कफ दूर हो जाता हैं।
10.
शहद मिलाकर पीने से नपुंसकता समाप्त हो जाती है।
11.
चने के पौधे के सूखे पत्तों का धुम्रपान करने से हिचकी तथा आमाशय की बीमारियों में लाभ होता है।
12.
पीलिया में चने की दाल खाने से राहत मिलती है।
13.
चीनी के बर्तन में रात को चने भिगोकर रख दे। सुबह उठकर खूब चबा-चबाकर खाएं इसके लगातार सेवन करने से वीर्य में बढ़ोतरी होती है व पुरुषों की कमजोरी से जुड़ी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। भीगे हुए चने खाकर दूध पीते रहने से वीर्य का पतलापन दूर हो जाता है।
14.
दस ग्राम चने की भीगी दाल और 10 ग्राम शक्कर दोनों मिलाकर 40 दिनों तक खाने से धातु पुष्ट हो जाती है।
15.
बार-बार पेशाब जाने की बीमारी में भुने हूए चनों का सेवन करना चाहिए। गुड़ व चना खाने से भी मूत्र से संबंधित समस्या में राहत मिलती है। रोजाना भुने चनों के सेवन से बवासीर ठीक हो जाता है।