Thursday, 22 June 2017

योग

योग
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= आज बनाते है . . अपने शरीर को स्वस्थ . . और वश में करते है अपनी इंद्रियों को . .
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= योग . . इसमे कुल 36 आसन होते है . . जिसमे 12 आसन खड़े होकर . . . 12 बैठकर और 12 आसन लेटकर किए जाते है .
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= आज से शुरू करे नयी जिंदगी . . मेरे साथ . . आज से प्रतिदिन करे . . योगासन .
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= योगासनों का सबसे बड़ा गुण यह हैं कि वे सहज साध्य और सर्वसुलभ हैं . . योगासन अमीर-गरीब, बूढ़े-जवान, सबल-निर्बल सभी स्त्री-पुरुष कर सकते हैं . .
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= योगासनों से भीतरी ग्रंथियां अपना काम अच्छी तरह कर सकती हैं और युवावस्था हमेशा बनी रह्ती है . .
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= योगासनों द्वारा पेट की भली-भांति सुचारु रूप से सफाई होती है और पाचन अंग पुष्ट होते हैं . पाचन-संस्थान में गड़बड़ियां उत्पन्न नहीं होतीं . .
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= योगासन से शरीर के प्रत्येक अंग का व्यायाम होता है, जिससे शरीर पुष्ट, स्वस्थ एवं सुदृढ़ बनता है . . आसन शरीर के पांच मुख्यांगों, स्नायु तंत्र, रक्ताभिगमन तंत्र, श्वासोच्छवास तंत्र की क्रियाओं का व्यवस्थित रूप से संचालन करते हैं जिससे शरीर पूर्णत: स्वस्थ बना रहता है और कोई रोग नहीं होने पाता . .
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= सत्य तो यह है कि . योगासन से शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और आत्मिक सभी क्षेत्रों का पूर्ण विकास होता है . .
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= विष्णुपुराण के अनुसार - जीवात्मा तथा परमात्मा का पूर्णतया मिलन ही योग है .
= भगवद्गीता के अनुसार - दुःख-सुख, लाभ-अलाभ, शत्रु-मित्र, शीत और उष्ण आदि द्वन्दों में सर्वत्र समभाव रखना ही योग है .
= पातंजल योग दर्शन के अनुसार - चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है . .
= बौद्ध धर्म के अनुसार - कुशल चित्त की एकाग्रता ही योग है . .
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= जब हमारे पूर्वजों ने इतनी उत्तम विद्या हमको प्रदान की है . . तो हम क्यों न इसका लाभ ले . . आइए आज से ही " योगासन " शुरू . . आज से करते है . . अपने तन और मन को स्वस्थ . .

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