Sunday 9 April 2017

मीठी आवाज

आवाज किसी भी व्यक्ति की पहचान होती है। साफ, मीठी और सुरीली आवाज हर किसी को प्रभावित करती है। खासकर गानों के शौकीन और गायिकी में करियर बनाने वालों के लिए अपनी आवाज के लिए काफी टेंशन रहती है। हर किसी की चाहत होती है कि उसकी आवाज में कर्कशपन या बेसुरापन कभी न हो। जब किसी की आवाज बदलते मौसम और ठंडा-गरम खाने-पीने से भी प्रभावित हो जाती है।
यदि आप किसी कार्यक्रम में जाने वाले हैं और वहां कोई गायिकी में परफार्म करने वाले हैं तो चिंता रहती है कि आपकी आवाज आपको धोखा न दे दें। इसलिए कुछ आसान से घरेलू उपायों को अपनाकर अपनी आवाज को मधुर और सुरीला बनाया जा सकता है। इसके अलावा जिनकी आवाज पहले से ही सुरीली है या साफ है तो उन्हें भी यह उपाय करते रहना चाहिए। हमेशा आपकी आवाज की कद्र होती रहेगी।
इमली के पत्ते भी है कमाल के
किंवदंती है कि संगीत सम्राट तानसेन इमली के पत्ते खाकर रियाज किया करते थे। इससे उनकी आवाज साफ रहती थी। ग्वालियर में स्थित उनकी समाधि के पास लगे इस इमली के पेड़ के बारे में कहा जाता है कि इमली के पत्ते खाकर गायकों के गले सुरीले हो जाते थे। एक बार शास्त्रीय संगीत के गायक पंडित जसराज भी इस समाधि पर आए थे और इमली की पत्तियों को साथ ले गए।
1. सुरीली आवाज के लिए रोज सुबह-शाम शहद के साथ गाय का दूध पीना चाहिए। इससे आवाज मधुर हो जाती है। विटामिंस भी मिलते रहेंगे।
2. अगर बदलते मौसम में आवाज बैठ गई है तो दो चम्मच अदरक के रस में एक चम्मच शहद मिलालें और दिन में तीन बार सेवन करें और अदरक का रस गरम पानी में मिलाकर उसके गरारे भी करें। इससे आवाज खुल जाएगी।
3. दो चम्मच प्याज के रस में शहद मिलाकर सुबह शाम चाटें और उसके एक घंटे तक कुछ भी नहीं खाए और प्याज का रस गरम पानी में मिलाकर पीने से भी गले से सुरीली आवाज निकालती है। आप गुनगुनाते रह जाएंगे।
4. प्याज को हल्का-सा भून लें, फिर उसे कुचलकर फिटकरी को भूनकर उसके ऊपर बुर-बुराकर चबा-चबाकर खाएं। इससे भी आवाज सुरीली होने लगती है।
5.ग्लिसरीन को गुनगुने पानी में मिलाकर सुबह-शाम गरारे करने से गाना गाने से पहले कभी आपका गला धोखा नहीं देगा।
6. सुरीली आवाज चाहने वालों को अनानास का सेवन करते रहना चाहिए। खाने के साथ ही उसका रस पीने से भी आवाज सुरीली हो जाती है।
7. बीस-बीस ग्राम सौंठ और मिश्री को पीसकर उसे शहद में अच्छी तरह से मिलाकर गोली बना कर रख लें। इसे दिन में कई बार थोड़ी-थोड़ी देर में चूसते रहें। आवाज में सुरीलापन बना रहेगा।
8.यदि आवाज बहुत फट रही हो तो एक गिलास गरम पानी में 3-4 ताजी लहसून की कलियों का रस मिलाकर पीने से आवाज ठीक हो जाती है।
9.लहसून की तीन-चार कलियों को सिरके में भिगोकर चबाकर खाने से भी गला सुरीला होता है।
10. मूली के 4-5 ग्राम बीज पीसकर उसे गरम पानी के साथ फांके अथवा मूली खाली पेट बिना नमक के चबा-चबाकर खाएं या उसका रस पीए, तो आवाज में जान आ जाएगी।
11. गायिकी के शौकीन लोगों को ठंडा पानी और कोल्ड ड्रिंग्स को तो आज ही भूल जाना चाहिए। ठंडे पानी की जगह गरम पानी एवं कोल्ड ड्रिंग्स की जगह नारियल पानी को ज्यादा से ज्यादा पीना चाहिए। अपने गले को सूखा न रखिए उसे समय-समय पर तर करते रहिए।
12. बहुत ज्यादा चटपटा, मसालेदार और चिकनाईयुक्त भोजन भी गले के लिए नुकसानकारी होता है। इससे पेट में गड़बड़ियां होती हैं और आवाज पर भी असर पड़ता है।
13. सुरीली आवाज की चाह रखने वालों को ज्यादा चीखना-चिल्लाना नहीं चाहिए। इससे वोकल कार्ड में खराबी हो जाती है, जिससे उनकी आवाज बदल जाती है। गले की मांस पेशियों में खिंचाव होता है। आवाज पर बहुत बुरा असर होता है।
14.खाना खाने के बाद चुटकीभर काली मिर्च को एक चम्मच घी के साथ मिलाकर खाने से बैठी हुई आवाज ठीक हो जाती है।
15. पचास ग्राम मिश्री, 25 ग्राम मुलेठी और 25 ग्राम काली मिर्च लेकर इन तीनों को मिलाकर चूर्ण बनाकर शीशी में रख लें। रोज सुबह और शाम एक छोटे चम्मच में चूर्ण को लेकर शहद में मिलाकर सेवन करने से गला ठीक हो जाता है और आवाज सुरीली बनी रहती है।
16. पानी को गुनगुना कर उसमें चुटकीभर नमक डालकर दिन में 3-4 बार गरारे करने से बैठी हुई आवाज ठीक हो जाती है।
17. पांच ग्राम मुलेठी, पांच आंवले और 5 मिश्री को एक गिलास पानी में धीमी आंच पर उबालें। जब यह आधा रह जाए तो इस काढ़े का गर्म-गर्म सेवन करें। इससे बैठा हुआ गला खुला जाता है और आवाज फिर सुरीली हो जाती है।
18. भोजन के बाद एक ग्राम काली मिर्च के चूर्ण में थोडा़-सा घी डालकर उसे चाटने से भी आवाज सुरीली हो जाती है।

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