मिर्गी के रोग को दूर करने के लिए घरेलू नुस्खों का भी प्रयचोग किया जा सकता है। इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए ये स्लाइडशो पढ़ें।
मिर्गी रोग के उपाय
मिर्गी को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां फैली होती है लेकिन यह एक नाडीमंडल संबंधित रोग है। जिसमें मस्तिष्क की विद्युतीय प्रक्रिया में व्यवधान पडने से शरीर के अंगों में दौरा पड़ने लगता है। मिर्गी का दौरा पड़ने पर शरीर अकड़ जाता है, आंखों की पुतलियां उलट जाती हैं। हाथ, पैर और चेहरे के मांसपेशियों में खिंचाव होने लगता है। मिर्गी होने के कई कारण हो सकते है जैसे रोगी के शरीर में विषैले पदार्थ जमा होने के कारण मस्तिष्क के कोषों पर दबाब बनना, स्नायु सम्बंधी रोग, ट्यूमर रोग, मानसिक तनाव, संक्रमक ज्वर आदि के कारण भी यह रोग पैदा हो जाता है। मिर्गी रोग भगाने के लिये बालासन, नाड़ी शोधन, कपोतासन, शीर्षासन और चमत्कारआसन बहुत फायदेमंद होता है। इससे बचने के लिए कुछ घरेलू उपायों के बारे में पढ़े।
तुलसी है रामबाण
तुलसी कई बीमारियों में रामबाण की तरह कम करता है। तुलसी में काफी मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो मस्तिष्क में फ्री रेडिकल्स को ठीक करते हैं। रोजाना तुलसी के 20 पत्ते चबाकर खाने से रोग की गंभीरता में गिरावट देखी जाती है।तुलसी के पत्तों को पीसकर शरीर पर मलने से मिरगी के रोगी को लाभ होता है।तुलसी के पत्तों के रस में जरा सा सेंधा नमक मिलाकर 1 -1 बूंद नाक में टपकाने से मिरगी के रोगी को लाभ होता है।तुलसी की पत्तियों के साथ कपूर सुंघाने से मिर्गी के रोगी को होश आ जाता है।
प्रोटीन वाला भोजन
मिर्गी के रोगी को ज्यादा फैट वाला और कम कार्बोहाइड्रेड वाला डायट लेना चाहिए। मिर्गी के रोगी को प्रोटीन और विटामिन युक्त भोजन करना चाहिए।मिर्गी के रोग से पीड़ित रोगी को सुबह के समय गुनगुने पानी के साथ त्रिफला के चूर्ण का सेवन करना चाहिए। तथा फिर सोयाबीन को दूध के साथ खाना चाहिए इसके बाद कच्ची हरे पत्तेदार सब्जियां खाने चाहिए। बकरी का दूध मिरगी के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है। 2 कप दूध में चौथाई कप मेंहदी के पत्तों का रस मिलाकर प्रतिदिन सुबह खाना खाने के 2 घंटे बाद कुछ सप्ताह तक लगातार सेवन करने से मिर्गी के रोग में लाभ मिलता है।
रस का सेवन
शहतूत और अंगूर के रस का सेवन मिर्गी के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। रोजाना सुबह खाली पेट आधा किलो शहतूत और अंगूर का रस लें।नींबू के रस के साथ गोरखमुण्डी को खाने से मिर्गी के दौरे आने बन्द हो जाते हैं।प्याज के रस के साथ थोड़ा सा पानी मिलाकर सुबह पीने से मिर्गी के दौरे पड़ने बन्द हो जाते हैं।प्याज के रस के साथ थोड़ा सा पानी मिलाकर सुबह पीने से मिर्गी के दौरे पड़ने बन्द हो जाते हैं।
पेठा या कद्दू
कद्दू या पेठा सबसे कारगर घरेलू इलाज है। इसमें पाये जाने वाले पोषक तत्वों से मस्तिष्क के नाडी-रसायन संतुलित हो जाते हैं जिससे मिर्गी रोग की गंभीरता में गिरावट आ जाती है। पेठे की सब्जी भी बनाई जाती है और आप इसकी सब्जी का भी सेवन कर सकते हैं, लेकिन इसका जूस रोज़ाना पीने से काफी फायदा होता है। अगर इसका स्वाद अच्छा ना लगे तो इसमें चीनी और मुलहटी का पावडर भी मिलाया जा सकता है।
No comments:
Post a Comment