Thursday 20 April 2017

माजूफल

हमारा देश आयुर्वेद का जनक है और यहां ऐसी हज़ारों जड़ी-बूटियां है जिनसे असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं. उन्हीं में से एक है माजूफल.

विभिन्न रोगों में सहायक :

1. बवासीर में दर्द का होना और मलद्वार का निकलना:

1 गिलास पानी में माजूफल पीसकर डालें और 10 मिनट तक उबाल लें, ठंडी होने के बाद इससे मलद्वार को धोयें. इससे मलद्वार का बाहर निकलना और बवासीर का दर्द दूर होता है.

2. अंडकोष के रोग:

12 ग्राम माजूफल और 6 ग्राम फिटकरी को पानी में पीसकर अंडकोष पर लेप करें. 15 दिन लेप करने से अण्डकोषों में भरा पानी सही हो जाता है.

3. अंडकोष की सूजन:

10-10 ग्राम माजूफल और असगंध लेकर पानी के साथ पीस लें, फिर इसे थोड़ा-सा गर्म करके अण्डकोष पर बांधें. इससे अंडकोष की सूजन मिट जाती है.

4. दांतों का दर्द:

1 माजूफल एवं 1 सुपाड़ी को आग पर भून लें तथा 1 कच्चे माजूफल के साथ मिलाकर बारीक पाउडर बनाकर मंजन बना लें. इससे रोजाना 2 बार मंजन करने से दांतों का दर्द ठीक हो जाता है.

फिटकरी को फुला लें. माजूफल और हल्दी के साथ फूली हुई फिटकरी को बराबर मात्रा में मिलाकर बारीक पीसकर पाउडर बना लें. इससे मंजन करने पर दांतों की पीड़ा शांत होती है.

दांतों में तेज दर्द होने पर माजूफल को पीसकर दांतों के नीचे दबाकर रखें. इससे तेज दर्द में जल्द आराम मिलता है तथा दांतों से खून का आना बंद हो जाता है

5. आंखों की खुजली:

माजूफल और छोटी हरड़ को पीसकर आंखों में लगाने से आंखों की खुजली समाप्त होती है.

6. मसूढ़ों का रोग:

माजूफल को बारीक पीसकर और छानकर सुबह-शाम मसूढ़ों पर मालिश करने से मसूढ़ों के सारे रोग समाप्त हो जाते हैं.

7. दांतों से खून आना:

दांतों से खून निकल रहा हो तो माजूफल को बारीक पीसकर मंजन बना लें. इससे मंजन करने से दांतों से खून का निकलना बंद हो जाता है.

8. दांत मजबूत करना:

5 ग्राम माजूफल, 4 ग्राम भुनी फिटकरी, सफेद कत्था 6 ग्राम और 1 ग्राम नीलाथोथा भुना हुआ को बारीक पीसकर मंजन बना लें. इससे रोजाना मंजन करने से दांत मजबूत होते हैं.

9. दांतों में ठंडी लगना:

माजूफल को बारीक पीसकर मंजन बना लें. इसे दांतों में लगाने से दांतों में पानी का लगना और खून निकलना बंद हो जाता है तथा दांत मजूबत होते हैं.

10. पायरिया:

20 ग्राम माजूफल, 1 ग्राम पोटेशियम परमैगनेट और 30 ग्राम पांचों नमक को मिलाकर बारीक पाउडर बना लें. इसके पाउडर से मंजन करने से पायरिया रोग दूर हो जाता है.

माजूफल के चूर्ण का दांतों पर मंजन करने से मुंह व मसूढ़ों के घाव एवं मसूढ़ों से खून का निकलना बंद होता है तथा पायरिया रोग में लाभ मिलता है.

11. कांच निकलना (गुदाभ्रंश):

2 ग्राम भुनी फिटकरी को 2 माजूफल के साथ पीसकर 100 ग्राम पानी में मिलाकर घोल बना लें. इस घोल में रूई को भिगोकर गुदा पर लगाएं और गुदा को अन्दर कर लंगोट बांध दें. लगातार 4-5 दिन तक इसका प्रयोग करने से गुदाभ्रंश (कांच निकलना) बंद हो जाता है.

माजूफल और फिटकरी का पाउडर बनाकर गुदा पर छिड़कने से दर्द में आराम आता है.

1 गिलास पानी में 2 माजूफल को पीसकर डालें और आग पर उबाल लें. ठंडी होने पर उस पानी से मलद्वार को धोने से गुदा का बाहर आना बंद हो जाता है.

10-10 ग्राम माजूफल, फिटकरी तथा त्रिफला चूर्ण को लेकर पानी में भिगो दें. 1 से 2 घंटे भिगोने के बाद पानी को कपड़े से छानकर मलद्वार को धोने से गुदाभ्रंश ठीक हा जाता है.

12. गर्भधारण:

60 ग्राम माजूफल को पीसकर छान लें. इसे 10-10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम मासिक-धर्म समाप्त होने के बाद 3 दिनों तक गाय के दूध से सेवन करना चाहिए. इससे गर्भ स्थापित होता है.

13. मुंह के छाले:

माजूफल के टुकड़े को सुपारी की तरह चबाते रहने से मुंह के छाले और दाने आदि खत्म हो जाते हैं.

5-5 ग्राम माजूफल, कत्था, वंशलोचन तथा छोटी इलायची के दाने लेकर पीसकर और छानकर चूर्ण बना लें. इस 1 चुटकी चूर्ण को बच्चे के मुंह में सुबह-शाम छिड़कने से बच्चों के मुंह के छाले खत्म हो जाते हैं.

14. मुंह का रोग:

10 ग्राम माजूफल, 10 ग्राम फिटकरी और 10 ग्राम कत्था को पीसकर व कपड़े में छानकर चूर्ण बना लें. रोजाना 2 से 3 बार इस चूर्ण को मुंह में छिड़कने से मुंह के रोगों में आराम मिलता है.

15. दस्त:

माजूफल को घिसकर या पीसकर बने चूर्ण को 3 से 6 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम खुराक के रूप में सेवन करने से अतिसार (दस्त) में लाभ मिलता है.

16. कान का बहना:

5 ग्राम माजूफल को पीसकर और कपड़े में छानकर 50 ग्राम शराब में मिला लें. इसकी 2-2 बंदे कान को साफ करके सुबह-शाम डालने से कान से मवाद बहना बंद होता है.

माजूफल को बारीक पीसकर सिरके में डालकर उबाल लें. उबलने के बाद इसे छानकर कान में डालने से कान में से मवाद बहना बंद हो जाता है.

17. घाव:

माजूफल को जलाकर उसकी राख एकत्र कर लें. इस राख को कपड़े से छानकर घाव पर छिड़कने से घाव ठीक हो जाता है.

माजूफल को पानी में पीसकर घाव पर पट्टी बांधने से लाभ मिलता है. इससे घाव जल्दी ठीक हो जाता है और घाव से खून भी आना बंद हो जाता है.

माजूफल को पीसकर और छानकर पानी में पीसकर घाव पर लगाकर पट्टी बांध लें. इससे खून बहना बंद हो जायगा, घाव भी भर जाएगा और हड्डी भी जुड़ जाती है.

18. श्वेतप्रदर:

1-2 ग्राम की मात्रा में माजूफल का चूर्ण ताजे पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करने से श्वेतप्रदर ठीक हो जाता है.

19. रक्तप्रदर:

25 ग्राम माजूफल को लेकर 200 ग्राम पानी में मिलाकर काढ़ा बना लें. फिर उसमें 3-3 ग्राम रसौत, फिटकरी मिलाकर योनि को साफ करने से रक्तप्रदर में लाभ मिलता है.

20. नकसीर: माजूफल को पीसकर और किसी कपड़े में छानकर नाक से सूंघने से नकसीर (नाक से खून बहना) ठीक हो जाती है.

21. तंग योनि को शिथिल करना:

10 ग्राम माजूफल को पीसकर रख लें, फिर इसमें आधा ग्राम कपूर का चूर्ण और शहद मिलाकर योनि पर लगायें. इससे योनि शिथिल (ढीली) हो जाती है.

माजूफल को पानी के साथ पीसकर लुगदी बना लें. फिर इसमें रूई को भिगोकर स्त्री की योनि में संभोग (सहवास) करने से पहले रख दें, इसके बाद संभोग करने से योनि में दर्द नहीं होता हैं. ध्यान रहे कि इसका प्रयोग गर्भ को रोकने के लिए भी प्रयोग किया जाता है, इसलिए सोच समझकर ही इस्तेमाल करें.

23. योनि का संकोचन:

माजूफल, शहद और कपूर को एक साथ पीसकर मिला लें, फिर इसे अंगुली की मदद से योनि में लगाने से योनि संकुचित हो जाती है.

माजूफल, धाय के फूल, फिटकरी को पीसकर बेर के आकार की गोली बनाकर योनि के अन्दर रखने से योनि छोटी हो जाती है.

24. होठ को पतला करना:

माजूफल को पीसकर दूध या पानी में पीसकर रात को सोते समय होठों पर लगातार 1 सप्ताह तक लगाने से होठ पतले हो जाते हैं

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