Thursday, 6 April 2017

गुड़हल के प्रयोग

माँ काली और माँ दुर्गा की पूजा में विशेष रूप से प्रयोग किया जाने वाला गुड़हल का फूल अपने आप में विशिष्ट है इसका पूरा पेड़ ही औषधियों का खजाना है।

शुगर के मरीज गुड़हल की 15 से 20 पत्तियों का काढ़ा नियमित पियें, 20 से 25 दिनों में शुगर नियंत्रण में आ जायेगी।

गुडहल के 20 फूल तथा 20 पत्तियों को सुखाकर पाउडर बना लें। इस पाउडर को रोजाना एक गिलास दूध के साथ पीने से याददाश्त बढ़ती है। साथ ही इस उपाय से शरीर में खून की कमी भी दूर होती है।

मोटापा कम करने वाले या गुर्दे (किडनी) की समस्याओं से पीडित व्यक्ति इसे बर्फ के साथ पर बिना चीनी मिलाए पियें, क्योंकि इसमें प्राकृतिक मूत्रवर्धक गुण होते हैं।

मुंह में छाले होने पर गुड़हल के पत्ते चबाएं। जल्दी आराम मिलेगा।

यदि चेहरे पर बहुत मुंहासे हो गए हैं तो लाल गुडहल की पत्तियों को पानी में उबाल कर पीस लें और उसमें शहद मिला कर त्वचा पर लगाने से आराम मिलता है।

गुड़हल के फूलो को पानी में उबाल कर सिर धोने से बालों के झडऩे की समस्या दूर हो जाती है।

गुड़हल के फूल और ताजी पत्तियों को अच्छी तरह पीस कर सूजन तथा जलन वाली जगह पर लगाएं, कुछ ही मिनटों में समस्या दूर हो जाएगी।

गुड़हल के फूल और पत्तों का उपयोग त्वचा से झुर्रियां दूर करने में भी किया जाता है।

गुडहल के फूलों को सुखा कर उसकी हर्बल चाय बनाई जाती है। इन सूखे फूलों को पानी में उबालकर चाय तैयार की जाती है। इस चाय के सेवन से मोटापा कम किया जा सकता है। इसके अलावा यह मेमोरी और एकाग्रता भी बढ़ाता है। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही यह दिल के मरीजों के लिए भी अच्छी है।

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