आप सब ये गेंदे के फूल को जानते ह ,सर्व सुलभ और सस्ता हैं।
5 ग्राम गेंदा की पत्ती और 4 काली मिर्च पीसकर उसका रस प्रतिदिन सुबह - शाम पीने से बवासीर में लाभ होता है और गुदा अंग का बाहर निकलना भी बंद हो जाता है ।
गेंदे का फूल और पत्ती का रस चेहरे पर लगाने से मुँहासे और काली झाइयों में लाभ होता है। एलर्जी वाले पहले परीक्षण कर ही प्रयोग करें ।
गेंदे की पट्टी चबाने से मुँह के छालों में लाभ होता है ।
कोई भी घाव जो किसी दवा से न भर रहा हो , उसके लिए गेंदे की पंखुरियां ले ,1 चमच्च हल्दी और गौमूत्र में मिला चटनी बना घाव पर रख दे।
गौ मूत्र न मिलने पर शिंबाबु यानि स्वमूत्र उपयोग में ले सकते।।
डायबेटिक पेशेंट का घाव भी ये प्रयोग भर देगा।।
आँखों के लिए
गेंदे के फूल की पंखुड़ी की चटनी नींबू का रस मिलाकर बनाएं और सुबह शाम खाएं । आँखों में रौशनी चमक लगना कम हो जाएगा और साथ ही चश्में का नंबर भी कम हो जाएगा ।
परिणाम के लिए 6 महीने सेवन करें ।
5 ग्राम गेंदा की पत्ती और 4 काली मिर्च पीसकर उसका रस प्रतिदिन सुबह - शाम पीने से बवासीर में लाभ होता है और गुदा अंग का बाहर निकलना भी बंद हो जाता है ।
गेंदे का फूल और पत्ती का रस चेहरे पर लगाने से मुँहासे और काली झाइयों में लाभ होता है। एलर्जी वाले पहले परीक्षण कर ही प्रयोग करें ।
गेंदे की पट्टी चबाने से मुँह के छालों में लाभ होता है ।
कोई भी घाव जो किसी दवा से न भर रहा हो , उसके लिए गेंदे की पंखुरियां ले ,1 चमच्च हल्दी और गौमूत्र में मिला चटनी बना घाव पर रख दे।
गौ मूत्र न मिलने पर शिंबाबु यानि स्वमूत्र उपयोग में ले सकते।।
डायबेटिक पेशेंट का घाव भी ये प्रयोग भर देगा।।
आँखों के लिए
गेंदे के फूल की पंखुड़ी की चटनी नींबू का रस मिलाकर बनाएं और सुबह शाम खाएं । आँखों में रौशनी चमक लगना कम हो जाएगा और साथ ही चश्में का नंबर भी कम हो जाएगा ।
परिणाम के लिए 6 महीने सेवन करें ।
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