तेल के कुल्ले करने से बढ़ती है चेहरे की चमक, जानिए इसके फायदे
(नारियल , सरसों या तिल का तेल)
मुंह में तेल भरकर कुल्ला करना ऑयल पुलिंग कहलाता है। यह वर्षो पुरानी आयुर्वेदिक थैरेपी है। इसका प्रयोग सामान्य रूप से कोई भी व्यक्ति कर सकता है। इसे 5-15 मिनट तक किया जा सकता है।
इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। विशेषज्ञों का मानना है कि दांतों व मसूड़ों की सेहत के लिए यह थैरेपी बेहतर विकल्प है।
फायदा
मुंह में छाले, बार-बार गला सूखना व लार कम बनने की समस्या में यह थैरेपी लाभकारी है। इसके अलावा इससे झांइयां व आंखों के नीचे काले घेरे की समस्या दूर होती है और चेहरे की चमक बढ़ती है।
ये तेल उपयोगी
इसके लिए सामान्यत: नारियल के तेल का प्रयोग किया जाता है। सरसों और तिल के तेल को भी प्रयोग में ले सकते हैं। ध्यान रहे कि तिल के तेल का प्रयोग गर्मियों में न करें क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। इससे शरीर में गर्मी बढ़ने से कई प्र्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। इसे सुबह के समय खाली पेट करना अच्छा होता है।
(नारियल , सरसों या तिल का तेल)
मुंह में तेल भरकर कुल्ला करना ऑयल पुलिंग कहलाता है। यह वर्षो पुरानी आयुर्वेदिक थैरेपी है। इसका प्रयोग सामान्य रूप से कोई भी व्यक्ति कर सकता है। इसे 5-15 मिनट तक किया जा सकता है।
इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। विशेषज्ञों का मानना है कि दांतों व मसूड़ों की सेहत के लिए यह थैरेपी बेहतर विकल्प है।
फायदा
मुंह में छाले, बार-बार गला सूखना व लार कम बनने की समस्या में यह थैरेपी लाभकारी है। इसके अलावा इससे झांइयां व आंखों के नीचे काले घेरे की समस्या दूर होती है और चेहरे की चमक बढ़ती है।
ये तेल उपयोगी
इसके लिए सामान्यत: नारियल के तेल का प्रयोग किया जाता है। सरसों और तिल के तेल को भी प्रयोग में ले सकते हैं। ध्यान रहे कि तिल के तेल का प्रयोग गर्मियों में न करें क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। इससे शरीर में गर्मी बढ़ने से कई प्र्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। इसे सुबह के समय खाली पेट करना अच्छा होता है।
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