हल्दी (Turmeric)से होने वाले लाभ और हानियाँ
हल्दी एक जाना माना नाम हैं। जो हर रसोईघर की शान है शायद ही कोई सब्जी होगी जो बिना हल्दी के बनती है चटक पीले रंग के कारण भारतीय केसर के नाम से भी प्रसिद्ध हल्दी पौष्टिक गुणों से भरी हुई है।हल्दी पर रोज नए शोध हो रहे हैं। भारतीय आहार शैली में यह आदिकाल से शामिल रही है। किसी समय इसे रंग के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता था।
Turmeric दो प्रकार की होती है, लम्बी व गोल ताजा व सूखी हल्दी का प्रयोग सब्जी, मसाले तथा औषधी के रूप में होता है। कच्ची हल्दी हजार रोग की एक दवा है। लम्बी व गोल ताज़ा कच्ची हल्दी को छाया में सुखा लिया जाता है। जिसका चूर्ण बना कर मसाले व उपचार के रूप में प्रयोग किया जाता है। सूखने के बाद यह पीला रंग ग्रहण कर लेती है हल्दी जितनी कम पीली हो उतनी ही अच्छी है हल्दी से सोंदर्य को निखारने में मदद मिलती है। हल्दी में जल प्रोटीन वसा खनिज पदार्थ रेशा, आहार फाइबर, मैंगनीज, पोटेशियम, कारबोहाइड्रेट, कैल्शियम,फासफोरस, लोहा, ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी के स्रोत,तथा कैलोरी भी पाई जाती है ।
यह एक सर्वगुण संपन्न एंटीबायोटिक्स तो है ही, प्राकृतिक चमत्कार के रूप में भी इसकी ख्याति है। यह कैंसर से लेकर अल्झाइमर्स तक कई बीमारियों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। सर्दियों के मौसम में हल्दी की गांठ का उपयोग सबसे अधिक लाभदायक है और यह समय हल्दी से होने वाले फायदों को कई गुना बढ़ा देता है क्योंकि कच्ची हल्दी में हल्दी पाउडर की तुलना में ज्यादा गुण होते हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कच्ची हल्दी के इस्तेमाल के दौरान निकलने वाला रंग हल्दी पाउडर की तुलना में काफी ज्यादा गाढ़ा और पक्का होता है।
कच्ची हल्दी, अदरक की तरह दिखाई देती है। इसे ज्यूस में डालकर, दूध में उबालकर, चावल के व्यंजनों में डालकर, अचार के तौर पर, चटनी बनाकर और सूप में मिलाकर उपयोग किया जा सकता है।
शोध से साबित हो चका है कि हल्दी में लिपोपॉलीसेच्चाराइड नाम का तत्व होता है इससे शरीर में इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। हल्दी इस तरह से शरीर में बैक्टेरिया की समस्या से बचाव करती है। यह बुखार होने से रोकती है। इसमें शरीर को फंगल इंफेक्शन से बचाने के गुण होते है।
कच्ची Turmeric के औषधीय एवं आयुर्वेदिक गुण
भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वालों मसालों में हल्दी टॉप पर है। इसका उपयोग खाने में स्वाद बढ़ाने और रंग भरने के लिए होता है। इंडिया में शादी में एक रस्म ‘हल्दी’ की भी होती है, जिसमें दूल्हा-दुल्हन के शरीर पर हल्दी लगाई जाती है। इसके पीछे मान्यता है कि हल्दी से रंग निखरता है और शादी के दिन चेहरे पर एक अलग ही ग्लो नज़र आता है। सेहत के लिहाज़ से भी इसका सेवन बहुत लाभकारी है। आज हम आपको हल्दी के कुछ ऐसे ही उपयोग बताएंगे।
उम्र घटाए- हल्दी चेहरे पर जम रही अनचाही परतों को अपने औषधीय गुणों द्वारा कम करती है और आपकी बढ़ती उम्र का पता नहीं लगने देती।
उपाय- इसके लिए आप तीन चम्मच बेसन में एक चौथाई चम्मच हल्दी और पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं। पानी की जगह आप कच्चा दूध या दही भी मिला सकती हैं। चेहरे पर अच्छे से लगाकर इसे सूखने दें और उसके बाद गुनगुने पानी से हल्का मसाज करते हुए धो लें।
झुर्रियां- चेहरे पर पड़ रही झुर्रियों के कारण आप समय से पहले ही बूढ़ी दिखने लगती हैं। हल्दी को आप अलग-अलग तरह की चीजों में मिलाकर इस्तेमाल करेंगी, तो आपके चेहरे पर पड़ रही झुर्रियां दूर हो जाएंगी और त्वचा दमकेगी।
ऐसे करें Turmeric का उपयोग
– कच्चे दूध, टमाटर का रस, चावल का आटा और हल्दी एक साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे चेहरे पर लगाकर कुछ देर सूखने दें। दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड आपकी डेड हो रही स्कीन को रिपेयर करता है।
– छाछ और गन्ने के रस में हल्दी मिलाकर पीने से आंखों के नीचे पड़ रहे काले घेरे और झुर्रियां ठीक होती हैं।
– हल्दी और शहद का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा के पोर्स (रोम छिद्र) खुल जाते हैं, जिससे त्वचा को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है और त्वचा फिर से जवां दिखने लगती है।
दूध और हल्दी – रोग को पास ना आने दे
आयुर्वेद में हल्दी को सबसे बेहतरीन नेचुरल एंटीबायोटिक माना गया है।इस लिए यह स्किन, पेट और शरीर के कई रोगों में उपयोग की जाती है। इसके पौधे से मिलने वाली इसकी गांठें ही नहीं, बल्कि इसके पत्ते भी बहुत उपयोगी होते हैं। ये तो हुई बात हल्दी के गुणों की, इसी प्रकार दूध भी प्राकृतिक प्रतिजैविक है। यह शरीर के प्राकृतिक संक्रमण पर रोक लगा देता है। हल्दी व दूध दोनों ही गुणकारी हैं, लेकिन अगर इन्हें एक साथ मिलाकर लिया जाए तो इनके फायदे दोगुना हो जाते हैं। इन्हें एक साथ पीने से कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं दूर होती हैं।
हल्दी वाला दूध बनाने का तरीका———–
गर्मियों में एक चौथाई चम्मच और सर्दियों में आधा चम्मच हल्दी एक गिलास दूध में उबाल कर उसे फेंट का खूब झाग बनाकर पीना लाभकारी होता है (अगर उपलब्ध हो तो देसी गाय का घी आधा चम्मच डाले तो सोने पे सुहागा)
हल्दी वाला दूध लेने के फायदे :-
हडि्डयों को पहुंचाता है फायदा:- रोजाना हल्दी वाला दूध लेने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिलता है। हड्डियां स्वस्थ और मजबूत होती है। यह ऑस्टियोपोरेसिस के मरीजों को राहत पहुंचाता है।गठिया दूर करने में है सहायक :- हल्दी वाले दूध को गठिया के निदान और रियूमेटॉइड गठिया के कारण सूजन के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। यह जोड़ो और पेशियों को लचीला बनाकर दर्द को कम करने में भी सहायक होता है।टॉक्सिन्स दूर करता है :- आयुर्वेद में हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल शोधन क्रिया में किया जाता है। यह खून से टॉक्सिन्स दूर करता है और लिवर को साफ करता है। पेट से जुड़ी समस्याओं में आराम के लिए इसका सेवन फायदेमंद है।कीमोथेरेपी के बुरे प्रभाव को कम करते हैं :- एक शोध के अनुसार, हल्दी में मौजूद तत्व कैंसर कोशिकाओं से डीएनए को होने वाले नुकसान को रोकते हैं और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करते हैं।कान के दर्द में आराम मिलता है :- हल्दी वाले दूध के सेवन से कान दर्द जैसी कई समस्याओं में भी आराम मिलता है। इससे शरीर का रक्त संचार बढ़ जाता है जिससे दर्द में तेजी से आराम होता है।चेहरा चमकाने में मददगार :- रोजाना हल्दी वाला दूध पीने से चेहरा चमकने लगता है। रूई के फाहे को हल्दी वाले दूध में भिगोकर इस दूध को चेहरे पर लगाएं। इससे त्वचा की लाली और चकत्ते कम होंगे। साथ ही, चेहरे पर निखार और चमक आएगी।ब्लड सर्कुलेशन ठीक करता है :- आयुर्वेद के अनुसार, हल्दी को ब्लड प्यूरिफायर माना गया है। यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को मजबूत बनाता है। यह रक्त को पतला करने वाला आैर लिम्फ तंत्र और रक्त वाहिकाओं की गंदगी को साफ करने वाला होता है।शरीर को सुडौल बनाता है :- रोजाना एक गिलास दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर लेने से शरीर सुडौल हो जाता है। दरअसल गुनगुने दूध के साथ हल्दी के सेवन से शरीर में जमा फैट्स घटता है। इसमें उपस्थित कैल्शियम और अन्य तत्व सेहतमंद तरीके से (Weight Loss ) में मददगार हैं।स्किन प्रॉब्लम्स में है रामबाण :- हल्दी वाला दूध स्किन प्रॉब्लम्स (Skin Problem) में भी रामबाण का काम करता हैमजबूत हड्डियां : हल्दी का एक गुण यह भी है कि यह शरीर की हड्डीयों को मजबूत करती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना कम होती है | इसके लिए आधा चम्मच हल्दी पाउडर को आधे गिलास दूध में डालकर उबालें और इसे हलका ठंडा करके पिएँ | यह अनेक प्रकार के कष्टों को दूर करता है। मसूड़ों में दर्द : यदि मसूड़ों में रोग हो गया हो व दर्द हो तो आधा चम्मच हल्दी में जरा–सा नमक और सरसों का तेल मिलाकर रात को सोते समय मसूड़ों पर मल लें, और उसके बाद निकलने वाली लार को थूक दें |आधा घंटें बाद गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें, इससे मसूड़ों व दांत के रोगों में लाभ होगा। मजबूत दांत : यदि दांत हिल रहे हों,तो हल्दी व खाने का सोडा समान मात्रा में मिलाकर नित्य दो बार मंजन करने से हिलते हुए दांत मजबूत होने लगते हैं | यदि दांतों में दर्द हो तो रात को सोते समय पिसी हल्दी और सरसोँ का तेल मिलाकर पेस्ट बनाकर दुखने वाले दांतों पर लेप करके सोयें, इससे दांतों का दर्द ठीक हो जाता है। दमा / Asthma ; यदि दमा की शिकायत हो तो दो चम्मच हल्दी और आधा चम्मच घी को तवे पर डालकर तब तक सेंकें, जब तक इससे धुआँ न निकलने लगे या इस मिश्रण को आग पर डालकर इससे धुआँ उठने दें और इस धुएँ को नाक से खींचें | इससे दमा के दौरे में लाभ होगा और कफ भी बाहर निकलेगा, लेकिन इस प्रयोग के दौरान नाक से धुआँ खींचते समय तेज गरम आंच से सावधानी अवश्य बरतें |बदन दर्द : यदि शरीर में कहीं भी दर्द हो तो हल्दी और अदरक का रस एक-एक चम्मच मिलाकर गरम करके जहाँ भी दर्द हो, वहाँ दिन में दो बार लेप करें | लेप करने के एक घंटे बाद उस स्थान को सेंकें, इससे आराम मिलेगा | शरीर में यदि बुखार के कारण दर्द हो तो एक चम्मच हल्दी को गुनगुने दूध के साथ फाँक लें |अंदरुनी चोट : यदि शरीर में अंदरूनी चोट लग गई हो तो दो गिलास पानी में एक चम्मच पिसी हल्दी व एक चम्मच नमक डालकर उबालें और फिर थोडा ठंडा कर लें, सेंकने लायक गरम पानी रहने पर कपड़ा भिगोकर चोटग्रस्त जगह पर इसे सेंकें |मोच : यदि शरीर में कहीं मोच आ गई हो तो एक – एक चम्मच हल्दी व शहद लेकर उसमें आधा चम्मच चूना मिलाकर लेप बनाएँ और मोच आए अंग पर मोटा लेप करके हलकी सी रुई बिछा दें | इसके साथ ही एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी गरम कर दिन में दो बार तीन दिन तक पिएँ | इससे मोच, चोट का दर्द, सूजन आदि जल्दी ठीक होती है |टॉन्सिल्स : यदि खांसी हो, गले व सीने में घरघराहट हो तो पानी में थोड़ी मात्रा में हल्दी व स्वादानुसार नमक मिलाकर उबाल लें और घूंट-घूंट करके पी लें और यदि जुकाम के कारण गले में दर्द हो, टॉन्सिल ठीक होंगे | गले के बाहर जहाँ टॉन्सिल की सूजन हो, वहाँ पर भी हलदी का लेप करें | आधा चम्मच शहद में एक-चौथाई मात्रा हल्दी की मिलाकर दिन में तीन बार चाट लें, इससे कफ, गले के रोग व सर्दी भी ठीक होगी |जुखाम : यदि जुकाम के कारण खांसी हो तो एक गरम दूध या पानी में एक चम्मच हल्दी उबालकर पिएँ। इससे सर्दी,जुकाम, खांसी, स्वरभंग, गले में खराश आदि भी ठीक होते हैं | इससे जमा हुआ कफ बाहर निकलता है | इसे यदि दिन में दो बार लिया जाए, तो शीध्र आराम पहुँचता है | जुकाम दूर करने के हलदी के बहुत सारे प्रयोग हैं। जैसे – (1) आधा चम्मच पिसी हुई हल्दी में पांच कालीमिर्च पीसकर मिला लें और उसे गरम पानी या गरम दूध में घोलकर पी लें | जुकाम शीघ्र ठीक होगा, लेकिन इस प्रयोग के बाद एक घंटे तक पानी नहीं पिएँ | (2) यदि ठंड लगने पर जुकाम हो तो एक चम्मच हल्दी एक कप गरम दूध में उबालकर पिएँ, इसमें स्वादानुसार गुड़ या चीनी भी मिला सकते हैं, इसे लगातार चार दिन तक पिएँ, इससे जुकाम जल्दी ठीक होगा | (3) हल्दी व सोंठ समान मात्रा में मिलाकर रख लें और इस मिश्रण का एक चम्मच गुनगुने दूध या पानी के साथ फांक लें, इससे भी जुकाम शीघ्र ठीक होगा।त्वचा रोग : यदि शरीर में कहीं भी दाद, खुजली, फोड़ा, रक्तविकार आदि चर्म रोग हो रहे हों तो एक चम्मच हल्दी में आधी चम्मच पिसी हुई मिसरी मिलाकर सुबह – शाम पानी से फांक लें और एक चम्मच नारियल के तेल में एक चौथाई पिसी हल्दी मिलाकर रोगग्रस्त त्वचा पर लगाएँ।मुंहासे / फुंसी : कील-मुंहासे या फोड़े-फुंसी होने पर प्रारंभिक अवस्था में ही हल्दी और लौंग पीसकर लगा देने से ये ख़तम हो जाते हैं।शोध : अध्ययन से यह भी ज्ञात हुआ है कि हल्दी क्षतिग्रस्त हदय की मरम्मत का काम भी करती है,इसलिए हल्दी को दर्दनाशक, संक्रमणरोधी और कफहारक माना जाता रहा है। यदि शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो तो आधा चम्मच हल्दी पाउडर को गुनगुने दूध के साथ दिन में दो बार फांक लें। इससे हीमोग्लोबिन में वृद्धि होगी।कच्ची हल्दी में कैंसर से लड़ने के गुण होते हैं। यह खासतौर पर पुरुषों में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर के कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने के साथ साथ उन्हें खत्म भी कर देती है। यह हानिकारक रेडिएशन के संपर्क में आने से होने वाले ट्यूमर से भी बचाव करती है।Turmeric में सूजन को रोकने का खास गुण होता है। इसका उपयोग गठिया रोगियों को अत्यधिक लाभ पहुंचाता है। यह शरीर के प्राकृतिक सेल्स को खत्म करने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म करती है और गठिया रोग में होने वाले जोडों के दर्द में लाभ पहुंचाती है।कच्ची हल्दी में इंसुलिन के स्तर को संतुलित करने का गुण होता है। इस प्रकार यह मधुमेह रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होती है। इंसुलिन के अलावा यह ग्लूकोज को नियंत्रित करती है जिससे मधुमेह के दौरान दी जाने वाली उपचार का असर बढ़ जाता है। परंतु अगर आप जो दवाइयां ले रहे हैं बहुत बढ़े हुए स्तर (हाई डोज) की हैं तो हल्दी के उपयोग से पहले चिकित्सकीय सलाह अत्यंत आवश्यक है।शोध से साबित हो चका है कि हल्दी में लिपोपॉलीसेच्चाराइड नाम का तत्व होता है इससे शरीर में इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। हल्दी इस तरह से शरीर में बैक्टेरिया की समस्या से बचाव करती है। यह बुखार होने से रोकती है। इसमें शरीर को फंगल इंफेक्शन से बचाने के गुण होते है।हल्दी के लगातार इस्तेमाल से कोलेस्ट्रोल सेरम का स्तर शरीर में कम बना रहता है। कोलेस्ट्रोल सेरम को नियंत्रित रखकर हल्दी शरीर को ह्रदय रोगों से सुरक्षित रखती है।कच्ची हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुण होते हैं। इसमें इंफेक्शन से लडने के गुण भी पाए जाते हैं। इसमें सोराइसिस जैसे त्वचा संबंधि रोगों से बचाव के गुण होते हैं।हल्दी का उपयोग त्वचा को चमकदार और स्वस्थ रखने में बहुत कारगर है। इसके एंटीसेप्टीक गुण के कारण भारतीय संस्कृति में विवाह के पूर्व पूरे शरीर पर हल्दी का उबटन लगाया जाता है।कच्ची हल्दी से बनी चाय अत्यधिक लाभकारी पेय है। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।हल्दी में वजन कम करने का गुण पाया जाता है। इसका नियमित उपयोग से वजन कम होने की गति बढ़ जाती है।शोध से साबित होता है कि हल्दी लीवर को भी स्वस्थ रखती है। हल्दी के उपयोग से लीवर सुचारु रुप से काम करता रहता है।
ध्यान देने योग्य :-वयस्क व्यक्तियों के लिये कच्ची हल्दी का रस 1 से 3 चाय चम्मच सूखी हल्दी का चूर्ण 1 ग्राम से 4 ग्राम तक निश्चित की गयी मात्रा है किशोंरों के लिये 500 मिलीग्राम से 1 ग्राम तक बच्चों के लिये 50 मिलीग्राम से 100 मिली ग्राम तक की मात्रा ले सकते है तथा इसे आवश्यकतानुसार गुनगुनें पानीं , गरम चाय अथवा दूध के साथ दिन मे , 2 से 3 बार ले सकते है। एक रिसर्च के मुताबिक, यह बात सामने आई है कि अधिक हल्दी के सेवन से आपकी त्वचा रूखी और खुजलीदार हो सकती है. यह गैस, कब्ज और मतली को भी बढ़ा सकती है. सामान्यता 240 से 500 मिग्रा हल्दी वो भी तीन बार में प्रयोग करने की हिदायत दी जाती है. हल्दी का अधिक सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.
ज्यादा हल्दी लेने के साइड इफेक्ट
Turmeric विस्मयकारी गुणों से भरपूर है परंतु कुछ लोगों पर इसके विपरीत प्रभाव पड़ सकते हैं। जिन लोगों को हल्दी से एलर्जी है उन्हें पेट में दर्द या डायरिया जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को कच्ची हल्दी के उपयोग से पहले चिकित्सकीय सलाह ले लेनी चाहिए। इससे खून का थक्का जमना भी प्रभावित हो सकता है जिससे रक्त का बहाव बढ़ जाता है अत: अगर किसी की सर्जरी होने वाली हो तो उन्हें कच्ची हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए।
अगर एलर्जी है तो न खाएं : अगर आपको मसालों के सेवन से एलर्जी हो जाती है तो हल्दी का भी प्रयोग बंद कर दें. यह आपकी एलर्जी को और बढ़ा सकती है.
गॉलब्लैडर की समस्या : क्या आप जानते हैं कि हल्दी गॉलब्लैडर में स्टोन बनाने का भी काम कर सकती है. इसके अलावा यह गैस भी बनाती है.
लिवर की समस्या बढ़ाए : जिन लोगों का लिवर बढ़ा हुआ है या फिर लिवर से संबंधित अन्य समस्याएं हैं,उन्हें हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए. इसमें मौजूद तत्व लिवर की समस्या को बढ़ा सकती है.
प्रेगनेंट महिलाएं : कई प्रेगनेंट महिलाएं दूध में हल्दी डाल कर पीती हैं, जिससे उन्हें गोरा बच्चा पैदा हो. लेकिन हल्दी गर्भाशय का संकुचन, गर्भाशय में रक्त स्रव या गर्भाशय में ऐंठन पैदा कर सकती है.
गैस : ज्यादा Turmeric खाने से पेट में गैस की समस्या होती है. इससे डायरिया और कब्ज भी हो सकता है.
इम्यूनिटी घटाए : यह हमारी इम्यूनिटी सिस्टम को भी प्रभावित करती है. यह उसे कमजोर बना सकती है.
मतली (उल्टी ): भोजन में अगर ज्यादा हल्दी हो तो, इंसान को मतली आने की भी गुंजाइश होती है.
माइग्रेन वालों के लिए बुरी : अगर आपको खाना खाने के बाद सिर में भारी दर्द हो जाए तो, इसका एक कारण Turmeric भी हो सकती है.
मधुमेह : मधुमेह रोगियों के लिए Turmeric अच्छी है लेकिन ज्यादा Turmeric के सेवन से ब्लड शुगर काफी अधिक कम हो जाती है.
इंर्फटिलिटी की समस्या : ज्यादा Turmeric खाने से इंर्फटिलिटी की भी समस्या हो जाती है, खासतौर पर पुरुषों को. इससे स्पर्म का प्रोडक्शन कम हो जाता है, ऐसा रिसर्च में कहा गया है.
खून की कमी : अगर आपको पहले से ही एनीमिया की शिकायत है तो, Turmeric का सेवन कम कर दें.
सर्जरी के बाद हल्दी : यदि आपकी सर्जरी हुई हैं तो इसका ज्यादा मात्रा में सेवन बुरा है, हल्दी खाने से शरीर में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो जाती है. यह उनके लिए रिस्की हो सकता है जिनकी हाल ही में सर्जरी हुई हो.
ब्रेस्ट कैंसर : वैसे तो कई केस में हल्दी कैंसर सेल्स से लड़ने में सहायक होती है लेकिन दूसरे केस में यह भी देखा गया है कि यह ब्रेस्ट कैंसर को भी बढ़ावा देती है.
किडनी स्टोन : यह किडनी में स्टोन बनाने के काम में भी हिस्सेदार है.
हल्दी एक जाना माना नाम हैं। जो हर रसोईघर की शान है शायद ही कोई सब्जी होगी जो बिना हल्दी के बनती है चटक पीले रंग के कारण भारतीय केसर के नाम से भी प्रसिद्ध हल्दी पौष्टिक गुणों से भरी हुई है।हल्दी पर रोज नए शोध हो रहे हैं। भारतीय आहार शैली में यह आदिकाल से शामिल रही है। किसी समय इसे रंग के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता था।
Turmeric दो प्रकार की होती है, लम्बी व गोल ताजा व सूखी हल्दी का प्रयोग सब्जी, मसाले तथा औषधी के रूप में होता है। कच्ची हल्दी हजार रोग की एक दवा है। लम्बी व गोल ताज़ा कच्ची हल्दी को छाया में सुखा लिया जाता है। जिसका चूर्ण बना कर मसाले व उपचार के रूप में प्रयोग किया जाता है। सूखने के बाद यह पीला रंग ग्रहण कर लेती है हल्दी जितनी कम पीली हो उतनी ही अच्छी है हल्दी से सोंदर्य को निखारने में मदद मिलती है। हल्दी में जल प्रोटीन वसा खनिज पदार्थ रेशा, आहार फाइबर, मैंगनीज, पोटेशियम, कारबोहाइड्रेट, कैल्शियम,फासफोरस, लोहा, ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी के स्रोत,तथा कैलोरी भी पाई जाती है ।
यह एक सर्वगुण संपन्न एंटीबायोटिक्स तो है ही, प्राकृतिक चमत्कार के रूप में भी इसकी ख्याति है। यह कैंसर से लेकर अल्झाइमर्स तक कई बीमारियों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। सर्दियों के मौसम में हल्दी की गांठ का उपयोग सबसे अधिक लाभदायक है और यह समय हल्दी से होने वाले फायदों को कई गुना बढ़ा देता है क्योंकि कच्ची हल्दी में हल्दी पाउडर की तुलना में ज्यादा गुण होते हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कच्ची हल्दी के इस्तेमाल के दौरान निकलने वाला रंग हल्दी पाउडर की तुलना में काफी ज्यादा गाढ़ा और पक्का होता है।
कच्ची हल्दी, अदरक की तरह दिखाई देती है। इसे ज्यूस में डालकर, दूध में उबालकर, चावल के व्यंजनों में डालकर, अचार के तौर पर, चटनी बनाकर और सूप में मिलाकर उपयोग किया जा सकता है।
शोध से साबित हो चका है कि हल्दी में लिपोपॉलीसेच्चाराइड नाम का तत्व होता है इससे शरीर में इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। हल्दी इस तरह से शरीर में बैक्टेरिया की समस्या से बचाव करती है। यह बुखार होने से रोकती है। इसमें शरीर को फंगल इंफेक्शन से बचाने के गुण होते है।
कच्ची Turmeric के औषधीय एवं आयुर्वेदिक गुण
भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वालों मसालों में हल्दी टॉप पर है। इसका उपयोग खाने में स्वाद बढ़ाने और रंग भरने के लिए होता है। इंडिया में शादी में एक रस्म ‘हल्दी’ की भी होती है, जिसमें दूल्हा-दुल्हन के शरीर पर हल्दी लगाई जाती है। इसके पीछे मान्यता है कि हल्दी से रंग निखरता है और शादी के दिन चेहरे पर एक अलग ही ग्लो नज़र आता है। सेहत के लिहाज़ से भी इसका सेवन बहुत लाभकारी है। आज हम आपको हल्दी के कुछ ऐसे ही उपयोग बताएंगे।
उम्र घटाए- हल्दी चेहरे पर जम रही अनचाही परतों को अपने औषधीय गुणों द्वारा कम करती है और आपकी बढ़ती उम्र का पता नहीं लगने देती।
उपाय- इसके लिए आप तीन चम्मच बेसन में एक चौथाई चम्मच हल्दी और पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं। पानी की जगह आप कच्चा दूध या दही भी मिला सकती हैं। चेहरे पर अच्छे से लगाकर इसे सूखने दें और उसके बाद गुनगुने पानी से हल्का मसाज करते हुए धो लें।
झुर्रियां- चेहरे पर पड़ रही झुर्रियों के कारण आप समय से पहले ही बूढ़ी दिखने लगती हैं। हल्दी को आप अलग-अलग तरह की चीजों में मिलाकर इस्तेमाल करेंगी, तो आपके चेहरे पर पड़ रही झुर्रियां दूर हो जाएंगी और त्वचा दमकेगी।
ऐसे करें Turmeric का उपयोग
– कच्चे दूध, टमाटर का रस, चावल का आटा और हल्दी एक साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे चेहरे पर लगाकर कुछ देर सूखने दें। दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड आपकी डेड हो रही स्कीन को रिपेयर करता है।
– छाछ और गन्ने के रस में हल्दी मिलाकर पीने से आंखों के नीचे पड़ रहे काले घेरे और झुर्रियां ठीक होती हैं।
– हल्दी और शहद का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा के पोर्स (रोम छिद्र) खुल जाते हैं, जिससे त्वचा को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है और त्वचा फिर से जवां दिखने लगती है।
दूध और हल्दी – रोग को पास ना आने दे
आयुर्वेद में हल्दी को सबसे बेहतरीन नेचुरल एंटीबायोटिक माना गया है।इस लिए यह स्किन, पेट और शरीर के कई रोगों में उपयोग की जाती है। इसके पौधे से मिलने वाली इसकी गांठें ही नहीं, बल्कि इसके पत्ते भी बहुत उपयोगी होते हैं। ये तो हुई बात हल्दी के गुणों की, इसी प्रकार दूध भी प्राकृतिक प्रतिजैविक है। यह शरीर के प्राकृतिक संक्रमण पर रोक लगा देता है। हल्दी व दूध दोनों ही गुणकारी हैं, लेकिन अगर इन्हें एक साथ मिलाकर लिया जाए तो इनके फायदे दोगुना हो जाते हैं। इन्हें एक साथ पीने से कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं दूर होती हैं।
हल्दी वाला दूध बनाने का तरीका———–
गर्मियों में एक चौथाई चम्मच और सर्दियों में आधा चम्मच हल्दी एक गिलास दूध में उबाल कर उसे फेंट का खूब झाग बनाकर पीना लाभकारी होता है (अगर उपलब्ध हो तो देसी गाय का घी आधा चम्मच डाले तो सोने पे सुहागा)
हल्दी वाला दूध लेने के फायदे :-
हडि्डयों को पहुंचाता है फायदा:- रोजाना हल्दी वाला दूध लेने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिलता है। हड्डियां स्वस्थ और मजबूत होती है। यह ऑस्टियोपोरेसिस के मरीजों को राहत पहुंचाता है।गठिया दूर करने में है सहायक :- हल्दी वाले दूध को गठिया के निदान और रियूमेटॉइड गठिया के कारण सूजन के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। यह जोड़ो और पेशियों को लचीला बनाकर दर्द को कम करने में भी सहायक होता है।टॉक्सिन्स दूर करता है :- आयुर्वेद में हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल शोधन क्रिया में किया जाता है। यह खून से टॉक्सिन्स दूर करता है और लिवर को साफ करता है। पेट से जुड़ी समस्याओं में आराम के लिए इसका सेवन फायदेमंद है।कीमोथेरेपी के बुरे प्रभाव को कम करते हैं :- एक शोध के अनुसार, हल्दी में मौजूद तत्व कैंसर कोशिकाओं से डीएनए को होने वाले नुकसान को रोकते हैं और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करते हैं।कान के दर्द में आराम मिलता है :- हल्दी वाले दूध के सेवन से कान दर्द जैसी कई समस्याओं में भी आराम मिलता है। इससे शरीर का रक्त संचार बढ़ जाता है जिससे दर्द में तेजी से आराम होता है।चेहरा चमकाने में मददगार :- रोजाना हल्दी वाला दूध पीने से चेहरा चमकने लगता है। रूई के फाहे को हल्दी वाले दूध में भिगोकर इस दूध को चेहरे पर लगाएं। इससे त्वचा की लाली और चकत्ते कम होंगे। साथ ही, चेहरे पर निखार और चमक आएगी।ब्लड सर्कुलेशन ठीक करता है :- आयुर्वेद के अनुसार, हल्दी को ब्लड प्यूरिफायर माना गया है। यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को मजबूत बनाता है। यह रक्त को पतला करने वाला आैर लिम्फ तंत्र और रक्त वाहिकाओं की गंदगी को साफ करने वाला होता है।शरीर को सुडौल बनाता है :- रोजाना एक गिलास दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर लेने से शरीर सुडौल हो जाता है। दरअसल गुनगुने दूध के साथ हल्दी के सेवन से शरीर में जमा फैट्स घटता है। इसमें उपस्थित कैल्शियम और अन्य तत्व सेहतमंद तरीके से (Weight Loss ) में मददगार हैं।स्किन प्रॉब्लम्स में है रामबाण :- हल्दी वाला दूध स्किन प्रॉब्लम्स (Skin Problem) में भी रामबाण का काम करता हैमजबूत हड्डियां : हल्दी का एक गुण यह भी है कि यह शरीर की हड्डीयों को मजबूत करती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना कम होती है | इसके लिए आधा चम्मच हल्दी पाउडर को आधे गिलास दूध में डालकर उबालें और इसे हलका ठंडा करके पिएँ | यह अनेक प्रकार के कष्टों को दूर करता है। मसूड़ों में दर्द : यदि मसूड़ों में रोग हो गया हो व दर्द हो तो आधा चम्मच हल्दी में जरा–सा नमक और सरसों का तेल मिलाकर रात को सोते समय मसूड़ों पर मल लें, और उसके बाद निकलने वाली लार को थूक दें |आधा घंटें बाद गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें, इससे मसूड़ों व दांत के रोगों में लाभ होगा। मजबूत दांत : यदि दांत हिल रहे हों,तो हल्दी व खाने का सोडा समान मात्रा में मिलाकर नित्य दो बार मंजन करने से हिलते हुए दांत मजबूत होने लगते हैं | यदि दांतों में दर्द हो तो रात को सोते समय पिसी हल्दी और सरसोँ का तेल मिलाकर पेस्ट बनाकर दुखने वाले दांतों पर लेप करके सोयें, इससे दांतों का दर्द ठीक हो जाता है। दमा / Asthma ; यदि दमा की शिकायत हो तो दो चम्मच हल्दी और आधा चम्मच घी को तवे पर डालकर तब तक सेंकें, जब तक इससे धुआँ न निकलने लगे या इस मिश्रण को आग पर डालकर इससे धुआँ उठने दें और इस धुएँ को नाक से खींचें | इससे दमा के दौरे में लाभ होगा और कफ भी बाहर निकलेगा, लेकिन इस प्रयोग के दौरान नाक से धुआँ खींचते समय तेज गरम आंच से सावधानी अवश्य बरतें |बदन दर्द : यदि शरीर में कहीं भी दर्द हो तो हल्दी और अदरक का रस एक-एक चम्मच मिलाकर गरम करके जहाँ भी दर्द हो, वहाँ दिन में दो बार लेप करें | लेप करने के एक घंटे बाद उस स्थान को सेंकें, इससे आराम मिलेगा | शरीर में यदि बुखार के कारण दर्द हो तो एक चम्मच हल्दी को गुनगुने दूध के साथ फाँक लें |अंदरुनी चोट : यदि शरीर में अंदरूनी चोट लग गई हो तो दो गिलास पानी में एक चम्मच पिसी हल्दी व एक चम्मच नमक डालकर उबालें और फिर थोडा ठंडा कर लें, सेंकने लायक गरम पानी रहने पर कपड़ा भिगोकर चोटग्रस्त जगह पर इसे सेंकें |मोच : यदि शरीर में कहीं मोच आ गई हो तो एक – एक चम्मच हल्दी व शहद लेकर उसमें आधा चम्मच चूना मिलाकर लेप बनाएँ और मोच आए अंग पर मोटा लेप करके हलकी सी रुई बिछा दें | इसके साथ ही एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी गरम कर दिन में दो बार तीन दिन तक पिएँ | इससे मोच, चोट का दर्द, सूजन आदि जल्दी ठीक होती है |टॉन्सिल्स : यदि खांसी हो, गले व सीने में घरघराहट हो तो पानी में थोड़ी मात्रा में हल्दी व स्वादानुसार नमक मिलाकर उबाल लें और घूंट-घूंट करके पी लें और यदि जुकाम के कारण गले में दर्द हो, टॉन्सिल ठीक होंगे | गले के बाहर जहाँ टॉन्सिल की सूजन हो, वहाँ पर भी हलदी का लेप करें | आधा चम्मच शहद में एक-चौथाई मात्रा हल्दी की मिलाकर दिन में तीन बार चाट लें, इससे कफ, गले के रोग व सर्दी भी ठीक होगी |जुखाम : यदि जुकाम के कारण खांसी हो तो एक गरम दूध या पानी में एक चम्मच हल्दी उबालकर पिएँ। इससे सर्दी,जुकाम, खांसी, स्वरभंग, गले में खराश आदि भी ठीक होते हैं | इससे जमा हुआ कफ बाहर निकलता है | इसे यदि दिन में दो बार लिया जाए, तो शीध्र आराम पहुँचता है | जुकाम दूर करने के हलदी के बहुत सारे प्रयोग हैं। जैसे – (1) आधा चम्मच पिसी हुई हल्दी में पांच कालीमिर्च पीसकर मिला लें और उसे गरम पानी या गरम दूध में घोलकर पी लें | जुकाम शीघ्र ठीक होगा, लेकिन इस प्रयोग के बाद एक घंटे तक पानी नहीं पिएँ | (2) यदि ठंड लगने पर जुकाम हो तो एक चम्मच हल्दी एक कप गरम दूध में उबालकर पिएँ, इसमें स्वादानुसार गुड़ या चीनी भी मिला सकते हैं, इसे लगातार चार दिन तक पिएँ, इससे जुकाम जल्दी ठीक होगा | (3) हल्दी व सोंठ समान मात्रा में मिलाकर रख लें और इस मिश्रण का एक चम्मच गुनगुने दूध या पानी के साथ फांक लें, इससे भी जुकाम शीघ्र ठीक होगा।त्वचा रोग : यदि शरीर में कहीं भी दाद, खुजली, फोड़ा, रक्तविकार आदि चर्म रोग हो रहे हों तो एक चम्मच हल्दी में आधी चम्मच पिसी हुई मिसरी मिलाकर सुबह – शाम पानी से फांक लें और एक चम्मच नारियल के तेल में एक चौथाई पिसी हल्दी मिलाकर रोगग्रस्त त्वचा पर लगाएँ।मुंहासे / फुंसी : कील-मुंहासे या फोड़े-फुंसी होने पर प्रारंभिक अवस्था में ही हल्दी और लौंग पीसकर लगा देने से ये ख़तम हो जाते हैं।शोध : अध्ययन से यह भी ज्ञात हुआ है कि हल्दी क्षतिग्रस्त हदय की मरम्मत का काम भी करती है,इसलिए हल्दी को दर्दनाशक, संक्रमणरोधी और कफहारक माना जाता रहा है। यदि शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो तो आधा चम्मच हल्दी पाउडर को गुनगुने दूध के साथ दिन में दो बार फांक लें। इससे हीमोग्लोबिन में वृद्धि होगी।कच्ची हल्दी में कैंसर से लड़ने के गुण होते हैं। यह खासतौर पर पुरुषों में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर के कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने के साथ साथ उन्हें खत्म भी कर देती है। यह हानिकारक रेडिएशन के संपर्क में आने से होने वाले ट्यूमर से भी बचाव करती है।Turmeric में सूजन को रोकने का खास गुण होता है। इसका उपयोग गठिया रोगियों को अत्यधिक लाभ पहुंचाता है। यह शरीर के प्राकृतिक सेल्स को खत्म करने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म करती है और गठिया रोग में होने वाले जोडों के दर्द में लाभ पहुंचाती है।कच्ची हल्दी में इंसुलिन के स्तर को संतुलित करने का गुण होता है। इस प्रकार यह मधुमेह रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होती है। इंसुलिन के अलावा यह ग्लूकोज को नियंत्रित करती है जिससे मधुमेह के दौरान दी जाने वाली उपचार का असर बढ़ जाता है। परंतु अगर आप जो दवाइयां ले रहे हैं बहुत बढ़े हुए स्तर (हाई डोज) की हैं तो हल्दी के उपयोग से पहले चिकित्सकीय सलाह अत्यंत आवश्यक है।शोध से साबित हो चका है कि हल्दी में लिपोपॉलीसेच्चाराइड नाम का तत्व होता है इससे शरीर में इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। हल्दी इस तरह से शरीर में बैक्टेरिया की समस्या से बचाव करती है। यह बुखार होने से रोकती है। इसमें शरीर को फंगल इंफेक्शन से बचाने के गुण होते है।हल्दी के लगातार इस्तेमाल से कोलेस्ट्रोल सेरम का स्तर शरीर में कम बना रहता है। कोलेस्ट्रोल सेरम को नियंत्रित रखकर हल्दी शरीर को ह्रदय रोगों से सुरक्षित रखती है।कच्ची हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुण होते हैं। इसमें इंफेक्शन से लडने के गुण भी पाए जाते हैं। इसमें सोराइसिस जैसे त्वचा संबंधि रोगों से बचाव के गुण होते हैं।हल्दी का उपयोग त्वचा को चमकदार और स्वस्थ रखने में बहुत कारगर है। इसके एंटीसेप्टीक गुण के कारण भारतीय संस्कृति में विवाह के पूर्व पूरे शरीर पर हल्दी का उबटन लगाया जाता है।कच्ची हल्दी से बनी चाय अत्यधिक लाभकारी पेय है। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।हल्दी में वजन कम करने का गुण पाया जाता है। इसका नियमित उपयोग से वजन कम होने की गति बढ़ जाती है।शोध से साबित होता है कि हल्दी लीवर को भी स्वस्थ रखती है। हल्दी के उपयोग से लीवर सुचारु रुप से काम करता रहता है।
ध्यान देने योग्य :-वयस्क व्यक्तियों के लिये कच्ची हल्दी का रस 1 से 3 चाय चम्मच सूखी हल्दी का चूर्ण 1 ग्राम से 4 ग्राम तक निश्चित की गयी मात्रा है किशोंरों के लिये 500 मिलीग्राम से 1 ग्राम तक बच्चों के लिये 50 मिलीग्राम से 100 मिली ग्राम तक की मात्रा ले सकते है तथा इसे आवश्यकतानुसार गुनगुनें पानीं , गरम चाय अथवा दूध के साथ दिन मे , 2 से 3 बार ले सकते है। एक रिसर्च के मुताबिक, यह बात सामने आई है कि अधिक हल्दी के सेवन से आपकी त्वचा रूखी और खुजलीदार हो सकती है. यह गैस, कब्ज और मतली को भी बढ़ा सकती है. सामान्यता 240 से 500 मिग्रा हल्दी वो भी तीन बार में प्रयोग करने की हिदायत दी जाती है. हल्दी का अधिक सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.
ज्यादा हल्दी लेने के साइड इफेक्ट
Turmeric विस्मयकारी गुणों से भरपूर है परंतु कुछ लोगों पर इसके विपरीत प्रभाव पड़ सकते हैं। जिन लोगों को हल्दी से एलर्जी है उन्हें पेट में दर्द या डायरिया जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को कच्ची हल्दी के उपयोग से पहले चिकित्सकीय सलाह ले लेनी चाहिए। इससे खून का थक्का जमना भी प्रभावित हो सकता है जिससे रक्त का बहाव बढ़ जाता है अत: अगर किसी की सर्जरी होने वाली हो तो उन्हें कच्ची हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए।
अगर एलर्जी है तो न खाएं : अगर आपको मसालों के सेवन से एलर्जी हो जाती है तो हल्दी का भी प्रयोग बंद कर दें. यह आपकी एलर्जी को और बढ़ा सकती है.
गॉलब्लैडर की समस्या : क्या आप जानते हैं कि हल्दी गॉलब्लैडर में स्टोन बनाने का भी काम कर सकती है. इसके अलावा यह गैस भी बनाती है.
लिवर की समस्या बढ़ाए : जिन लोगों का लिवर बढ़ा हुआ है या फिर लिवर से संबंधित अन्य समस्याएं हैं,उन्हें हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए. इसमें मौजूद तत्व लिवर की समस्या को बढ़ा सकती है.
प्रेगनेंट महिलाएं : कई प्रेगनेंट महिलाएं दूध में हल्दी डाल कर पीती हैं, जिससे उन्हें गोरा बच्चा पैदा हो. लेकिन हल्दी गर्भाशय का संकुचन, गर्भाशय में रक्त स्रव या गर्भाशय में ऐंठन पैदा कर सकती है.
गैस : ज्यादा Turmeric खाने से पेट में गैस की समस्या होती है. इससे डायरिया और कब्ज भी हो सकता है.
इम्यूनिटी घटाए : यह हमारी इम्यूनिटी सिस्टम को भी प्रभावित करती है. यह उसे कमजोर बना सकती है.
मतली (उल्टी ): भोजन में अगर ज्यादा हल्दी हो तो, इंसान को मतली आने की भी गुंजाइश होती है.
माइग्रेन वालों के लिए बुरी : अगर आपको खाना खाने के बाद सिर में भारी दर्द हो जाए तो, इसका एक कारण Turmeric भी हो सकती है.
मधुमेह : मधुमेह रोगियों के लिए Turmeric अच्छी है लेकिन ज्यादा Turmeric के सेवन से ब्लड शुगर काफी अधिक कम हो जाती है.
इंर्फटिलिटी की समस्या : ज्यादा Turmeric खाने से इंर्फटिलिटी की भी समस्या हो जाती है, खासतौर पर पुरुषों को. इससे स्पर्म का प्रोडक्शन कम हो जाता है, ऐसा रिसर्च में कहा गया है.
खून की कमी : अगर आपको पहले से ही एनीमिया की शिकायत है तो, Turmeric का सेवन कम कर दें.
सर्जरी के बाद हल्दी : यदि आपकी सर्जरी हुई हैं तो इसका ज्यादा मात्रा में सेवन बुरा है, हल्दी खाने से शरीर में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो जाती है. यह उनके लिए रिस्की हो सकता है जिनकी हाल ही में सर्जरी हुई हो.
ब्रेस्ट कैंसर : वैसे तो कई केस में हल्दी कैंसर सेल्स से लड़ने में सहायक होती है लेकिन दूसरे केस में यह भी देखा गया है कि यह ब्रेस्ट कैंसर को भी बढ़ावा देती है.
किडनी स्टोन : यह किडनी में स्टोन बनाने के काम में भी हिस्सेदार है.
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