नस चढ़ना एक बहुत साधारण सी प्रक्रिया है, लेकिन जब भी शरीर में कहीं भी नस चढ़ जाए, जान ही निकाल देती है और अगर रात को सोते समय पैर की नस चढ़ जाए तो व्यक्ति चकरघिन्नी की तरह घूम कर उठ बैठता है, सूजन और दर्द अलग |
साल भर पहले, एक दिन, कहीं बैठे बैठे, मेरे भी बायें पैर की नस चढ़ गयी, संयोगवश मेरे सामने एक बुज़ुर्ग एवं अनुभवी व्यक्ति बैठे थे, उन्होने तुरंत मेरे दायें हाथ की उंगली मेरे दाहिने कान के नीचे की तरफ रखी और कहा कि अब आप हल्का सा दबाए हुए उंगली को उपर और नीचे गति दें और ये प्रक्रिया करीब 10 सेकेंड तक करते रहें |
मैं आश्चर्य चकित था कि मेरा पैर अब बिल्कुल ठीक था | मैने उन बुज़ुर्गवार का दिल से धन्यवाद दिया और उसके बाद आज तक एक साल में मैने इस चमत्कारी तरीके से ना जाने कितने लोगों को लाभान्वित किया है |
आप भी ज़रूरत पड़ने पर एक बार आज़मा के ज़रूर देखें |
इसमें ध्यान ये रखना है कि दिए हुए चित्र के अनुसार आप लंबाई में अपने शरीर को आधा आधा दो भागों में चिन्हित करें, अब जिस भाग में नस चढ़ी है उसके विपरीत भाग के कान के निचले जोड़ पर उंगली से दबाते हुए उंगली को हल्का सा ऊपर और हल्का सा नीचे की तरफ बार बार 10 सेकेंड तक करते रहें | नस उतर जाएगी |
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