आजकल पाचन से जुड़ी तमाम समस्याओं से सभी पीडि़त होते जा रहे है। नतीजन मोटापा, कब्ज, एसीडिटी इत्यादि परेशानियों से व्यक्ति ग्रसित हो रहा है। इन परेशानियों से निजात पाने के लिये ‘वज्रासन सबसे सरल व उपयोगी उपाय है। जो भोजन करने के 5 मिनट बाद किया जा सकता है। इस आसन के करने से मोटापा, पाचन, कब्ज, गैस आदि की समस्याओं को दूर करने के अलावा प्रजनन प्रणाली को सशक्त बनाया जा सकता है तथा कमर, नितम्ब और जाँघों पर जमी अनावश्यक चर्बी को दूर किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त घुटनों का दर्द, स्टाईका, उच्च रक्तचाप एवं मासिक धर्म की अनियमितताओं से पीडि़त महिलाओं के लिये विशेष लाभप्रद है। वज्रासन से जाघँ का हिस्सा विशेष रूप से मजबूत होता ही है तथा इसे दिन में कभी भी कर सकते है।
वज्रासन के लाभ – शरीर को सुडौल बनाए रखता हैं। वजन कम करने में मददगार हैं। महिलाओ में मासिक धर्म की अनियमितता दूर होती हैं। रीड की हड्डी मजबूत होती हैं। पाचन शक्ति बढ़ाता हैं। मन की चंचलता को दूर कर एकाग्रता बढ़ाता हैं। अपचन, गैस, कब्ज इत्यादि विकारो को दूर करता हैं। यह प्रजनन प्रणाली को सशक्त बनाता हैं। इस आसन को नियमित करने से घुटनो में दर्द, गठिया होने से बचा जा सकता हैं। पैरो के मांसपेशियों से जुडी समस्याओ में यह आसन मददगार हैं। इस आसान में धीरे-धीरे लम्बी गहरी साँसे लेने से फेफडे मजबूत होते हैं। वज्रासन से नितम्ब, कमर और जांघ पर जमी हुई अनचाही चर्बी कम हो जाती हैं। उच्च रक्तचाप कम होता हैं।
सावधानियाँ
1 जोड़ो में दर्द व हड्डी रोग से पीडि़त लोगों को इस आसन से बचना चाहिए।
2 आसन उपरांत चक्कर आने पर, कमर दर्द या कमजोरी जैसी कोई समस्या होने पर डॉक्टर से अवश्य सलाह लेना चाहिए।
विधि
1 भोजन करने के 5 मिनिट बाद एक समान, सपाट और स्वच्छ जगह पर कम्बल या अन्य कोई आसन बिछाए।
2 दोनों पैर सामने की तरफ फैलाकर बैठ जाए।
3 इसके बाद बाए पैर का घुटने को मोडकर इस तरह बैठे के पैरो के पंजे पीछे और ऊपर की और हो जाए।
4 अब दाए पैर का घुटना भी मोडकर इस तरह बैठे के पैरो के पंजे पीछे और ऊपर की और हो जाए और नितम्ब दोनों एडीओ के बीच आ जाए।
5 दोनों पैर के अंगूठे एक दूसरे से मिलाकर रखे।
6 दोनों एडियो में अंतर बनाकर रखे। शरीर को सीधा रखे।
7 अपने दोनों हाथो को घुटने पर रखे। धीरे-धीरे शरीर को ढीला छोडे।
8 आँखे बंद कर रखे। धीरे-धीरे लम्बी गहरी साँसे ले और छोडे।
9 इस आसन को आप जब तक आरामदायक महसूस करे तब तक कर सकते हैं। शुरुआत में केवल 2 से 5 मिनिट तक ही करे।.
वज्रासन के लाभ – शरीर को सुडौल बनाए रखता हैं। वजन कम करने में मददगार हैं। महिलाओ में मासिक धर्म की अनियमितता दूर होती हैं। रीड की हड्डी मजबूत होती हैं। पाचन शक्ति बढ़ाता हैं। मन की चंचलता को दूर कर एकाग्रता बढ़ाता हैं। अपचन, गैस, कब्ज इत्यादि विकारो को दूर करता हैं। यह प्रजनन प्रणाली को सशक्त बनाता हैं। इस आसन को नियमित करने से घुटनो में दर्द, गठिया होने से बचा जा सकता हैं। पैरो के मांसपेशियों से जुडी समस्याओ में यह आसन मददगार हैं। इस आसान में धीरे-धीरे लम्बी गहरी साँसे लेने से फेफडे मजबूत होते हैं। वज्रासन से नितम्ब, कमर और जांघ पर जमी हुई अनचाही चर्बी कम हो जाती हैं। उच्च रक्तचाप कम होता हैं।
सावधानियाँ
1 जोड़ो में दर्द व हड्डी रोग से पीडि़त लोगों को इस आसन से बचना चाहिए।
2 आसन उपरांत चक्कर आने पर, कमर दर्द या कमजोरी जैसी कोई समस्या होने पर डॉक्टर से अवश्य सलाह लेना चाहिए।
विधि
1 भोजन करने के 5 मिनिट बाद एक समान, सपाट और स्वच्छ जगह पर कम्बल या अन्य कोई आसन बिछाए।
2 दोनों पैर सामने की तरफ फैलाकर बैठ जाए।
3 इसके बाद बाए पैर का घुटने को मोडकर इस तरह बैठे के पैरो के पंजे पीछे और ऊपर की और हो जाए।
4 अब दाए पैर का घुटना भी मोडकर इस तरह बैठे के पैरो के पंजे पीछे और ऊपर की और हो जाए और नितम्ब दोनों एडीओ के बीच आ जाए।
5 दोनों पैर के अंगूठे एक दूसरे से मिलाकर रखे।
6 दोनों एडियो में अंतर बनाकर रखे। शरीर को सीधा रखे।
7 अपने दोनों हाथो को घुटने पर रखे। धीरे-धीरे शरीर को ढीला छोडे।
8 आँखे बंद कर रखे। धीरे-धीरे लम्बी गहरी साँसे ले और छोडे।
9 इस आसन को आप जब तक आरामदायक महसूस करे तब तक कर सकते हैं। शुरुआत में केवल 2 से 5 मिनिट तक ही करे।.
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