कलौंजी .....एक चमत्कारी मसाला एवम् औषधि.......
- कलौंजी एक बेहद उपयोगी मसाला है। इसका प्रयोग विभिन्न व्यंजनों जैसे दालों, सब्जियों, नान, ब्रेड, केक और आचार आदि में किया जाता है। कलौंजी की सब्जी भी बनाई जाती है।
- कलौंजी में एंटी-आक्सीडेंट भी मौजूद होता है जो कैंसर जैसी बीमारी से बचाता है।
- आयुर्वेद कहता है कि इसके बीजों की ताकत सात साल तक नष्ट नहीं होती.
- अपच या पेट दर्द में आप कलौंजी का काढा बनाइये फिर उसमे काला नमक मिलाकर सुबह शाम पीजिये.दो दिन में ही आराम देखिये.
- कैंसर के उपचार में कलौजी के तेल की आधी बड़ी चम्मच को एक ग्लास अंगूर के रस में मिलाकर दिन में तीन बार लें। लहसुन भी खुब खाएं।
- हृदय रोग, ब्लड प्रेशर और हृदय की धमनियों का अवरोध के लिए जब भी कोई गर्म पेय लें, उसमें एक छोटी चम्मच कलौंजी का तेल मिला कर लें.
- सफेद दाग और लेप्रोसीः- 15 दिन तक रोज पहले सेब का सिरका मलें, फिर कलौंजी का तेल मलें।
- एक चाय की प्याली में एक बड़ी चम्मच कलौंजी का तेल डाल कर लेने से मन शांत हो जाता है और तनाव के सारे लक्षण ठीक हो जाते हैं।
- कलौंजी के तेल को हल्का गर्म करके जहां दर्द हो वहां मालिश करें और एक बड़ी चम्मच तेल दिन में तीन बार लें। 15 दिन में बहुत आराम मिलेगा।
- एक बड़ी चम्मच कलौंजी के तेल को एक बड़ी चम्मच शहद के साथ रोज सुबह लें, आप तंदुरूस्त रहेंगे और कभी बीमार नहीं होंगे; स्वस्थ और निरोग रहेंगे .
- याददाश्त बढाने के लिए और मानसिक चेतना के लिए एक छोटी चम्मच कलौंजी का तेल 100 ग्राम उबले हुए पुदीने के साथ सेवन करें।
- पथरी हो तो कलौंजी को पीस कर पानी में मिलाइए फिर उसमे शहद मिलाकर पीजिये ,१०-११ दिन प्रयोग करके टेस्ट करा लीजिये.कम न हुई हो तो फिर १०-११ दिन पीजिये.
- कलौंजी की राख को तेल में मिलाकर गंजे अपने सर पर मालिश करें कुछ दिनों में नए बाल पैदा होने लगेंगे.इस प्रयोग में धैर्य महत्वपूर्ण है.
- किसी को बार-बार हिचकी आ रही हो तो कलौंजी के चुटकी भर पावडर को ज़रा से शहद में मिलकर चटा दीजिये.
- गैस/पेट फूलने की समस्या --50 ग्राम जीरा, 25 ग्राम अजवायन, 15 ग्राम कलौंजी अलग-अलग भून कर पीस लें और उन्हें एक साथ मिला दें। अब 1 से 2 चम्मच मीठा सोडा, 1 चम्मच सेंधा नमक तथा 2 ग्राम हींग शुद्ध घी में पका कर पीस लें। सबका मिश्रण तैयार कर लें। गुनगुने पानी की सहायता से 1 या आधा चम्मच खाये......
10 रोग जिनमे कलौंजी का इस्तेमाल करें - 10 benefits of Kalonji
1. टाइप-2 डायबिटीज:
डेली 2 ग्राम कलौंजी के सेवन करने से तेज हो रहा ग्लूकोज कम होता है। ग्लाइकोसिलेटिड हीमोग्लोबिन में कमी आती है शुगर कंट्रोल में रहता है.
2. मिर्गी:
मिर्गी से पीड़ित बच्चों में कलौंजी के सत्व का सेवन करने से मिर्गी के दौरे से शांति मिलती है.
3. उच्च रक्तचाप -high blood pressure
100 या 200 मि.ग्रा. कलौंजी के सत्व के दिन में दो बार सेवन से hypertension के लोगों में ब्लड प्रैशर नार्मल होता है।
रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) में एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार पीने से रक्तचाप नार्मल रहता है।
4. गंजापन - baldness
जली हुई कलौंजी को hair oil में मिलाकर नियमित रूप से सिर पर मालिश करते रहने से गंजापन दूर होता हैं।
5. त्वचा के विकार skin problems
कलौंजी के चूर्ण को नारियल के तेल में मिलाकर स्किन पर मसाज़ करने से त्वचा के प्रोब्लेम्स खत्म होते हैं।
6/. लकवा paralyses
कलौंजी का तेल एक चौथाई चम्मच की मात्रा में एक कप दूध के साथ कुछ महीने तक प्रतिदिन पीने और पीड़ित अंगों पर कलौंजी के तेल से मालिश करने से लकवा रोग ठीक होता है।
7. कान की सूजन, बहरापन - hearing problems
कलौंजी का तेल कान में डालने से कान की सूजन या कान संबंधी दिक्कतें दूर होती है। इससे बहरापन में भी लाभ होता है।
8. सर्दी-जुकाम:
कलौंजी के बीजों को सेंकले और कपड़े में लपेटकर सूंघने से सर्दी लाभ मिलता है. इसके अलावा कलौंजी का आयल और जैतून का तेल बराबर की मात्रा में नाक में टपकाने से सर्दी-जुकाम बिलकुल ठीक होता है।
अस्थमा - asthma
9. कलौंजी को पानी में उबालकर इसका सत्व पीने से अस्थमा में काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है।
10. छींके:
कलौंजी और सूखे चने को एक साथ अच्छी तरह मसलकर किसी कपड़े में बांधकर सूंघने से छींके आनी बंद हो जाती है।.
- कलौंजी एक बेहद उपयोगी मसाला है। इसका प्रयोग विभिन्न व्यंजनों जैसे दालों, सब्जियों, नान, ब्रेड, केक और आचार आदि में किया जाता है। कलौंजी की सब्जी भी बनाई जाती है।
- कलौंजी में एंटी-आक्सीडेंट भी मौजूद होता है जो कैंसर जैसी बीमारी से बचाता है।
- आयुर्वेद कहता है कि इसके बीजों की ताकत सात साल तक नष्ट नहीं होती.
- अपच या पेट दर्द में आप कलौंजी का काढा बनाइये फिर उसमे काला नमक मिलाकर सुबह शाम पीजिये.दो दिन में ही आराम देखिये.
- कैंसर के उपचार में कलौजी के तेल की आधी बड़ी चम्मच को एक ग्लास अंगूर के रस में मिलाकर दिन में तीन बार लें। लहसुन भी खुब खाएं।
- हृदय रोग, ब्लड प्रेशर और हृदय की धमनियों का अवरोध के लिए जब भी कोई गर्म पेय लें, उसमें एक छोटी चम्मच कलौंजी का तेल मिला कर लें.
- सफेद दाग और लेप्रोसीः- 15 दिन तक रोज पहले सेब का सिरका मलें, फिर कलौंजी का तेल मलें।
- एक चाय की प्याली में एक बड़ी चम्मच कलौंजी का तेल डाल कर लेने से मन शांत हो जाता है और तनाव के सारे लक्षण ठीक हो जाते हैं।
- कलौंजी के तेल को हल्का गर्म करके जहां दर्द हो वहां मालिश करें और एक बड़ी चम्मच तेल दिन में तीन बार लें। 15 दिन में बहुत आराम मिलेगा।
- एक बड़ी चम्मच कलौंजी के तेल को एक बड़ी चम्मच शहद के साथ रोज सुबह लें, आप तंदुरूस्त रहेंगे और कभी बीमार नहीं होंगे; स्वस्थ और निरोग रहेंगे .
- याददाश्त बढाने के लिए और मानसिक चेतना के लिए एक छोटी चम्मच कलौंजी का तेल 100 ग्राम उबले हुए पुदीने के साथ सेवन करें।
- पथरी हो तो कलौंजी को पीस कर पानी में मिलाइए फिर उसमे शहद मिलाकर पीजिये ,१०-११ दिन प्रयोग करके टेस्ट करा लीजिये.कम न हुई हो तो फिर १०-११ दिन पीजिये.
- कलौंजी की राख को तेल में मिलाकर गंजे अपने सर पर मालिश करें कुछ दिनों में नए बाल पैदा होने लगेंगे.इस प्रयोग में धैर्य महत्वपूर्ण है.
- किसी को बार-बार हिचकी आ रही हो तो कलौंजी के चुटकी भर पावडर को ज़रा से शहद में मिलकर चटा दीजिये.
- गैस/पेट फूलने की समस्या --50 ग्राम जीरा, 25 ग्राम अजवायन, 15 ग्राम कलौंजी अलग-अलग भून कर पीस लें और उन्हें एक साथ मिला दें। अब 1 से 2 चम्मच मीठा सोडा, 1 चम्मच सेंधा नमक तथा 2 ग्राम हींग शुद्ध घी में पका कर पीस लें। सबका मिश्रण तैयार कर लें। गुनगुने पानी की सहायता से 1 या आधा चम्मच खाये......
10 रोग जिनमे कलौंजी का इस्तेमाल करें - 10 benefits of Kalonji
1. टाइप-2 डायबिटीज:
डेली 2 ग्राम कलौंजी के सेवन करने से तेज हो रहा ग्लूकोज कम होता है। ग्लाइकोसिलेटिड हीमोग्लोबिन में कमी आती है शुगर कंट्रोल में रहता है.
2. मिर्गी:
मिर्गी से पीड़ित बच्चों में कलौंजी के सत्व का सेवन करने से मिर्गी के दौरे से शांति मिलती है.
3. उच्च रक्तचाप -high blood pressure
100 या 200 मि.ग्रा. कलौंजी के सत्व के दिन में दो बार सेवन से hypertension के लोगों में ब्लड प्रैशर नार्मल होता है।
रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) में एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार पीने से रक्तचाप नार्मल रहता है।
4. गंजापन - baldness
जली हुई कलौंजी को hair oil में मिलाकर नियमित रूप से सिर पर मालिश करते रहने से गंजापन दूर होता हैं।
5. त्वचा के विकार skin problems
कलौंजी के चूर्ण को नारियल के तेल में मिलाकर स्किन पर मसाज़ करने से त्वचा के प्रोब्लेम्स खत्म होते हैं।
6/. लकवा paralyses
कलौंजी का तेल एक चौथाई चम्मच की मात्रा में एक कप दूध के साथ कुछ महीने तक प्रतिदिन पीने और पीड़ित अंगों पर कलौंजी के तेल से मालिश करने से लकवा रोग ठीक होता है।
7. कान की सूजन, बहरापन - hearing problems
कलौंजी का तेल कान में डालने से कान की सूजन या कान संबंधी दिक्कतें दूर होती है। इससे बहरापन में भी लाभ होता है।
8. सर्दी-जुकाम:
कलौंजी के बीजों को सेंकले और कपड़े में लपेटकर सूंघने से सर्दी लाभ मिलता है. इसके अलावा कलौंजी का आयल और जैतून का तेल बराबर की मात्रा में नाक में टपकाने से सर्दी-जुकाम बिलकुल ठीक होता है।
अस्थमा - asthma
9. कलौंजी को पानी में उबालकर इसका सत्व पीने से अस्थमा में काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है।
10. छींके:
कलौंजी और सूखे चने को एक साथ अच्छी तरह मसलकर किसी कपड़े में बांधकर सूंघने से छींके आनी बंद हो जाती है।.
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