अमृतधारा बनाने की विधि और उपयोग
1. बोतल शीशे की
२ .कपूर (भीमसेनी कपूर हो तो उतम है)
3.पिपरामिंट ( पुदीने के फूल )
4.अजवायन का सत्व
ये सारी सामग्री 5-5 ग्राम के अनुपात में ले और बोतल में डाल दे १५-२० मिनट के बाद ये एक तरल द्रव के रूप में हो जायेगा बस अमृत धारा तैयार हो गया
अमृतधारा के उपयोग-
1. बदहजमी, पेटदर्द, दस्त, उल्टी में 3-4 बूंद थोड़े पानी में मिलाकर सेवन करें ।
2. हैजा में 1 चम्मच प्याज के रस में 2 बूंद डालकर सेवन करें।
3. सिरदर्द में 2 बूँद सिर, माथे और कान के आस पास मलें।
4. छाती का दर्द मीठे (तिल) तेल में अमृतधारा मिलाकर मलने से ठीक हो जाता है ।
5. सूँघने पर साँस खुलकर आता है तथा जुकाम ठीक हो जाता है ।
6. छालों पर थोड़े पानी में 1-2 बूँद डालकर लगाने से लाभ होता है।
7. दाँत दर्द में रूई में भिगोकर दबाने से लाभ होता है ।
8. श्वास, खाँसी, दमा और क्षय-रोग में 4-5 बूँद अमृतधारा ठंडे पानी में मिलाकर सेवन करें।
9. दिल के रोग में आँवले के मुरब्बे में 3-4 बूँद डालकर खाने से लाभ होता है ।
पोस्ट विनोद पाण्डेय ये सरे मेरे अनुभूत है अमृतधारा की ऐसी पोस्ट कही नहीं मिलेगी
जय हिन्द वन्देमातरम
10. पेट दर्द में 2 बूँद बताशे में डालकर खाने से लाभ होता है ।
11. भोजन के बाद दोनों समय 2-3 बूँद अमृतधारा ठंडे पानी में मिलाकर पीने से मन्दाग्नि, अजीर्ण, बादी, बदहजमी एवं गैस ठीक हो जाती है ।
12. 10 ग्राम गाय के मक्खन और 5 ग्राम शहद में 3 बूँद अमृतधारा मिलाकर प्रतिदिन खाने से शरीर की कमजोरी में लाभ होता है ।
13. हिचकी में 1-2 बूँद अमृतधारा जीभ में रखकर मुँह बंद करके सूँघने से 4 मिनट में ही लाभ होता है ।
14. 10 ग्राम नीम के तेल में 5 बूँद अमृतधारा मिलाकर मालिश करने से हर तरह की खुजली में लाभ होता है ।
15. ततैया, बिच्छू, भौरा या मधुमक्खी के काटने के स्थान पर अमृतधारा मलने लाभ होता है ।
16. 10 ग्राम वैसलीन में 4 बूँद अमृतधारा मिलाकर, शरीर के हर तरह के दर्द पर मालिश करने से दर्द में लाभ होता है। फटी बिवाई और फटे होंठों पर लगाने से दर्द ठीक हो जाता है तथा फटी चमड़ी जुड़ जाती है।
17, अगर दाद हो तो 3-4 बूंद एक चमच तेल में मिला के दाद वाली जगह लगाये मात्र २-3 बार के प्रयोग में ही दाद ठीक हो जाता है
18. अगर कभी कही चोट लग जाये और सुजन और दर्द हो ३० -३० मिनट के बाद अमृत धारा लगाते रहे मात्र २-3 दिन में आप की सुजन खत्म हो जाएगी
19. सर्दी होने पर थोडा पानी गरम करे और 3-4 बूंद अमृत धारा की डाल कर वाफ ले सर्दी में तुरंत राहत मिलेगी
२०. बारिश में मौसम में अकसर पैरो की उगलियों में सडन हो जाती है या पैरो की उगलियों में घाव हो जाता है पैरो को घोले ओर कपडे से पोछ कर अमृत धारा लगाये २-3 बार लगाने से घाव ठीक हो जाता है
सावधानी : इसको आखो के पास ना लगाये बहुत ही दर्द और जलन होगी
1. बोतल शीशे की
२ .कपूर (भीमसेनी कपूर हो तो उतम है)
3.पिपरामिंट ( पुदीने के फूल )
4.अजवायन का सत्व
ये सारी सामग्री 5-5 ग्राम के अनुपात में ले और बोतल में डाल दे १५-२० मिनट के बाद ये एक तरल द्रव के रूप में हो जायेगा बस अमृत धारा तैयार हो गया
अमृतधारा के उपयोग-
1. बदहजमी, पेटदर्द, दस्त, उल्टी में 3-4 बूंद थोड़े पानी में मिलाकर सेवन करें ।
2. हैजा में 1 चम्मच प्याज के रस में 2 बूंद डालकर सेवन करें।
3. सिरदर्द में 2 बूँद सिर, माथे और कान के आस पास मलें।
4. छाती का दर्द मीठे (तिल) तेल में अमृतधारा मिलाकर मलने से ठीक हो जाता है ।
5. सूँघने पर साँस खुलकर आता है तथा जुकाम ठीक हो जाता है ।
6. छालों पर थोड़े पानी में 1-2 बूँद डालकर लगाने से लाभ होता है।
7. दाँत दर्द में रूई में भिगोकर दबाने से लाभ होता है ।
8. श्वास, खाँसी, दमा और क्षय-रोग में 4-5 बूँद अमृतधारा ठंडे पानी में मिलाकर सेवन करें।
9. दिल के रोग में आँवले के मुरब्बे में 3-4 बूँद डालकर खाने से लाभ होता है ।
पोस्ट विनोद पाण्डेय ये सरे मेरे अनुभूत है अमृतधारा की ऐसी पोस्ट कही नहीं मिलेगी
जय हिन्द वन्देमातरम
10. पेट दर्द में 2 बूँद बताशे में डालकर खाने से लाभ होता है ।
11. भोजन के बाद दोनों समय 2-3 बूँद अमृतधारा ठंडे पानी में मिलाकर पीने से मन्दाग्नि, अजीर्ण, बादी, बदहजमी एवं गैस ठीक हो जाती है ।
12. 10 ग्राम गाय के मक्खन और 5 ग्राम शहद में 3 बूँद अमृतधारा मिलाकर प्रतिदिन खाने से शरीर की कमजोरी में लाभ होता है ।
13. हिचकी में 1-2 बूँद अमृतधारा जीभ में रखकर मुँह बंद करके सूँघने से 4 मिनट में ही लाभ होता है ।
14. 10 ग्राम नीम के तेल में 5 बूँद अमृतधारा मिलाकर मालिश करने से हर तरह की खुजली में लाभ होता है ।
15. ततैया, बिच्छू, भौरा या मधुमक्खी के काटने के स्थान पर अमृतधारा मलने लाभ होता है ।
16. 10 ग्राम वैसलीन में 4 बूँद अमृतधारा मिलाकर, शरीर के हर तरह के दर्द पर मालिश करने से दर्द में लाभ होता है। फटी बिवाई और फटे होंठों पर लगाने से दर्द ठीक हो जाता है तथा फटी चमड़ी जुड़ जाती है।
17, अगर दाद हो तो 3-4 बूंद एक चमच तेल में मिला के दाद वाली जगह लगाये मात्र २-3 बार के प्रयोग में ही दाद ठीक हो जाता है
18. अगर कभी कही चोट लग जाये और सुजन और दर्द हो ३० -३० मिनट के बाद अमृत धारा लगाते रहे मात्र २-3 दिन में आप की सुजन खत्म हो जाएगी
19. सर्दी होने पर थोडा पानी गरम करे और 3-4 बूंद अमृत धारा की डाल कर वाफ ले सर्दी में तुरंत राहत मिलेगी
२०. बारिश में मौसम में अकसर पैरो की उगलियों में सडन हो जाती है या पैरो की उगलियों में घाव हो जाता है पैरो को घोले ओर कपडे से पोछ कर अमृत धारा लगाये २-3 बार लगाने से घाव ठीक हो जाता है
सावधानी : इसको आखो के पास ना लगाये बहुत ही दर्द और जलन होगी
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