आजकल कई जगह पर दिन में गर्मी हो रही है. मौसम के इस परिवर्तन के कारण कई तरह के रोग फैलने लगते हैं.
जैसे हमारी कार या बाइक के सामने कोई आ जाए, तो हम उस होने वाले एक्सीडेंट से बचने के लिए अपनी गाड़ी को ब्रेक लगाकर उस दुर्घटना से हम अपना बचाव कर लेते हैं. इसी तरह क्या हमारे शरीर के लिए भी ऐसी ही कोई व्यवस्था हो सकती है कि जब हमे लगे कि हम बीमार हो रहे हैं, या होने वाले हैं, तो हम उचित दवाई का ब्रेक लगाकर उस बीमारी को फैलने से पहले ही रोक दें.
इस संसार में कई तरह की चिकित्सा प्रणाली प्रचलन में हैं, किन्तु होम्योपैथी को छोड़कर किसी भी अन्य चिकित्सा प्रणाली में कोई भी ऐसी दवाई नहीं होती है जो आने वाले रोग, आ रहे रोग, या फ़ैल रहे रोग को वहीँ पर रोक दे और शरीर को निरोगी कर दे.
होम्योपैथी में कई रोगों की जो प्रिवेन्टिव या प्रतिषेधक दवाइयाँ (Preventive Medicines) होती हैं, उन दवाओं का प्रयोग किसी भी बीमारी के महामारी बनने या हेाने की संभावना होने पर, या उस बीमारी के फैलने की सूचना मिलने पर सम्बंधित रोग हेाने से पूर्व या शुरुवात में ही किया जा सकता है; अर्थात इन दवाओं का प्रयोग सुरक्षात्मक दृष्टि से किया जाता है, जिससे आगे होने वाले ऐसे सभी रोगों से बचा जा सके।
किसी भी बीमारी आने की पूर्व सूचना या लक्षण सबसे पहले आपको या आपकी पत्नी को ही मिलती है, अतः अगर आप तुरंत ही उस बीमारी पर ब्रेक लगाने के लिए एकोनाईट 200 की पांच बूँद आधा कप पानी से दो-दो घंटे से सिर्फ दो बार लें. इससे अधिकाँश रोग वही पर रुक जाते हैं और बीमारी ख़त्म हो जाती है.
इनको शुरुवात में लेने से ही अक्सर सर्दी-जुकाम-बुखार, पेट दर्द, कमर दर्द, ह्रदय रोग आदि किसी भी रोग की सभी समस्याओं से आराम हो जाता है.
अतः एकोनाइट का कार्य क्षेत्र किसी भी रोग का प्रारम्भ है।
फिर भी अगर आपको किसी भी तरह की ललाई, दर्द, सूजन, पीड़ा, प्रकाश या रोशनी आदि के प्रति तीव्र संवेदनशीलता आदि हो रही हो, तो आप एकोनाइट 200 और बेलाडोना 200 की 5 बूँद आधा कप पानी से दिन में दो बार दो दिन तक लेते रहे.
इसके बाद भी अगर आपको लगे कि किसी बीमारी के लक्षण बचे हुए हैं, तो बचाव के लिए आप निम्न प्रिवेन्टिव दवाइयों के द्वारा उस बीमारी पर ब्रेक लगाकर उसे वहीँ पर रोक दें. इन सब दवाइयों की लक्षण के अनुसार पांच बूँद दिन में दो से तीन बार तक सिर्फ दो से तीन दिन तक ही ले. 1M पॉवर की दवाई दिन में एक बार ले.
• रोग का नाम और उसकी प्रतिषेधक दवाईयां -
1. आँख आना या कन्जेक्टिवाइटिस - सल्फर 30, नैट्रम म्यूर 30 या आर्जेन्टम नाइट्रिकम 1M
2. छोटी माता या चिकन-पॉक्स – पल्सेटिला 200
3. खसरा या Measles – मोर्बिलिनम 200
4. उल्टा-सीधा खाने से पेट खराब हेाना – मर्कसाल 200
5. टान्सिल फूलना - बैराइट आयोडाइट 3X
6. मम्पस Mumps – पैरोटिडिनम 200
7. डिफ्थीरिया - डिफ्थिरिनम 200
8. कंठमाला - आयोडम 30
9. हैजा - कुप्रम मेट 200, कैम्फर 200
10. प्लेग - टेरेन्टुला म्युबेनसिस 30 या 200, सल्फर 30
11. टी.बी. तपेदिक - टयूबरक्युलिनम 1M
12. कोढ, कुष्ठ रोग - सल्फर 200
13. गर्मी के दिनों में होने वाले फोड़े - आर्निका 30
14. साधारण ज्वर - एकोनाइट 30 बेलाडोना 30 ब्रायोनिया 30 जेल्सीमियम 30 फैरम फास 30 मिलाकर दिन में तीन बार
15. इन्फ्लूऐंजा (फ्लू) - इन्फ्लूएंजिनम 200, आर्सेनिक एल्ब 6, जेल्सिमियम 30
16. मलेरिया - मलेरिया ऑफ 30, इपिकाक 30 और नैट्रम म्यूर 30, लेप्टेन्ड्रा वर्जिनिका 6
17. टायफाइड ज्वर - टायफाइडिनम 200, क्यूप्रम सल्फ 2X
18. डेंगू ज्वर - यूपेटोरियम पर्फ 200 सप्ताह मे एक बार और पाइरोजिनियम 30 दिन में दो बार
19. मस्तिष्क ज्वर - बेलोडोना 200, आर्जेन्टम नाइट्रिकम 200
20. स्कारलेट या आरक्त ज्वर - बेलोडोना 6 या 30
21. सर्दी - कालीकार्ब 200, आयोडम 200
22. काली खाँसी - पर्टुसिन 200
23. धनुष्टंकार (टिटेनस) ज्वर - हाइपोरिकम 30, लीडम पाल 200
24. पोलियो - जेल्सीमियम 3, लेथाइरस सैटाइवा 3
25. रक्तस्त्राव - मिलिफोलियम 30 या 200
26. पथरी - कल्केरिया कार्ब 200, कल्केरिया रिनेलिस 2X
27. बार-बार पथरी बनने की प्रवृति होना - चायना 200 या 1M
28. बुढ़ापे की क्षीणता या कमजोरी - बैराइट कार्ब 30
29. मकड़ी का विष - लीडम पाल 30
30. जीव-जन्तुओं के काटने पर विष फैलना - इचिनेशिया अंग 6 या 30
31. कुकर खाँसी - ड्रोसेरा 1X, पर्टुसिन 30
32. अपेन्डिसाइटिस - सोराइनम 200
33. चेचक - वैरियोलिनम 200, थूजा 200
34. कनफेड़े - पिलोकार्पिनम 200, पैराटिडीनम 200
अपने परिवार की भलाई के लिये इस लेख को सेव कर इसके प्रिंट निकलवा कर अपने घर में दीवार पर लगा लें और लोक हित में अगर आप चाहे तो इसकी बहुत सी फोटो-कापी करवा कर लोगो को बाँट भी सकते हैं.
साथ ही जब भी कोई बीमारी या महामारी फ़ैल रही हो, तो उसकी उपरोक्तानुसार दवाई बनवा कर आसपास के लोगो में आप निशुल्क बांट सकते हैं. इस तरह आप बहुत कम खर्च में लोगो का भला कर सकेंगे.
• शरीर की ओवरहालिंग और रिचार्जिंग –
हमेशा स्वस्थ रहने के लिए कोई भी व्यक्ति या परिवार अगर निम्न उपचार द्वारा अपने शरीर की ओवरहालिंग और रिचार्जिंग करता है और खान-पान तथा एक्सरसाइज भी निम्न अनुसार लेता है, तो उसे कभी भी कैंसर, डायबटीज, ह्रदय रोग, लिवर रोग, किडनी फेल्यर, टी.बी., फेफड़े के रोग, चर्म रोग आदि कोई भी गंभीर बीमारी नहीं होगी और वह आजीवन सपरिवार स्वस्थ, प्रसन्न और खुशहाल रह सकेगा -
1. सबसे पहले आप सुबह 7 बजे कुल्ला करके सल्फर 200 को, फिर दोपहर को आर्निका 200 और रात्रि को खाने के एक से दो घंटे बाद या नौ बजे नक्स वोम 200 की पांच-पांच बूँद आधा कप पानी से एक हफ्ते तक ले, फिर हर तीन से छह माह में तीन दिन तक लें.
2. इन दवाइयों को लेने के एक हफ्ते बाद हर 15-15 दिन में सोरिनम 200 का मात्र एक-एक पांच बूँद का डोज चार बार तक ले, ताकि आपके शरीर के अंदर जमा दवाई और दूसरे अन्य केमिकल और पेस्टीसाइड के विकार दूर हो सकें और आपके शरीर के सभी ह्रदय, फेफड़े, लीवर, किडनी आदि मुख्य अंग सुचारू रूप से कार्य कर सकेंगे. बच्चों और ज्यादा वृद्धों में ये सभी दवा 30 की पावर में दें.
3. अगर कब्ज रहता हो, तो होम्योलेक्स या HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं. 67 की एक या आधी गोली रोज रात एक सफ्ताह तक 9.30 बजे लें. इसके बाद हर व्यक्ति को चाहिए कि वह इसे हर हफ्ते एक या आधी गोली रात्रि 9.30 बजे ले.
4. आप सुबह दो से चार गिलास कुनकुना पानी पीकर 5 मिनिट तक कौआ चाल (योग क्रिया) करें.
5. साथ ही पांच या अधिक से अधिक दस बार तक सूर्य नमस्कार करें. फिर 200 से 500 बार तक कपाल-भांति करें. इसके बाद प्राणायाम करें.
6. रोज सुबह और रात को 15-15 मिनिट का शवासन भी करें.
7. फिर एक घंटे बाद अगर सूट करे, तो कम से कम एक माह तक नारियल पानी लें. या फिर इसे दोपहर चार बजे भी ले सकते हैं.
8. सुबह और शाम को अगर संभव हो, तो एक घंटा अवश्य घूमें.
9. रात को सोते समय अष्टावक्र गीता में बताये अनुसार दो मिनिट के लिए “मैं स्वयं ही तीन लोक का चैतन्य सम्राट हूँ” ऐसा जाप करें.
10. उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के चार्ज किये और मिलाकर बने चुम्बकित जल को लगभग 50 मिलीलीटर की मात्रा में रोज दिन में 3 बार उपयोग करें.
11. रोज सुबह उच्च शक्ति चुम्बकों को हथेलियों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए लगायें और रात्रि को खाने के दो घंटे बाद पैर के तलुवों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए दक्षिणी चुम्बक को बायीं ओर और उत्तरी चुम्बक को दाहिनी ओर लगाये.
12. गेंहू, जौ, देसी चना और सोयाबीन को सम भाग मिलाकर पिसवा ले और उसकी रोटी सादे मसाले की रेशेदार सब्जी से खाएं. दाल का प्रयोग कम कर दें.
13. बारीक आटे व मैदे से बनी वस्तुएं, तली वस्तुएं एव गरिष्ठ भोजन का त्याग करे।
14. सुबह-शाम चाय के स्थान पर नीबू का रस गरम पानी में मिला कर पिएं।
15. खाने में सिर्फ सेंधे नमक का प्रयोग करें.
16. रात को सोने से पहले पेट को ठण्डक पहुँचायें। इसके लिए खाने के चार घंटे बाद एक नेपकिन को सामान्य ठन्डे पानी से गीली करके पेट पर रखें और हर दो मिनिट में पलटते रहें. 15 मिनिट से 20 मिनिट तक इसे करें.
17. मैथी दाना 250 ग्राम, अजबाइन 100 ग्राम और काली जीरी 50 ग्राम को पीस कर इस चूर्ण को कुनकुने पानी से रात्रि 9.30 बजे एक चम्मच लें.
18. रात्रि को खाना और जमीकंद खाना, शराब पीना व धूम्रपान अगर करते हों या तम्बाखू खाते हों, तो इन्हें बंद करें. शाकाहारी भोजन ही लें.
19. अपने शरीर की सालाना ओवरहालिंग के लिए साल में एक बार अपने आसपास के किसी भी प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में जाकर वहां का दस दिन का कोर्स करें.
20. अपने घर के बुजुर्ग लोगों की रोज एक घंटे के लिये सेवा और मदद करें.
21. अपने आसपास की झोपड़पट्टी में रहने वाले किसी गरीब व्यक्ति की हर हफ्ते जाकर मदद करें.
22. अध्यात्मिक कैप्सूल के रूप में मेरी पुस्तक मुक्तियाँ की एक-एक मुक्ति तीन माह तक रोज पढ़ें. इससे आपकी नेगेटिव एनर्जी कम होगी और पॉजिटिव एनर्जी बहुत तेजी से बढेगी.
23. मेरी स्वस्थ रहे, स्वस्थ करें, मुक्तियाँ और अन्य कई पुस्तकों को मेरे Samadhan समाधान ग्रुप से निशुल्क डाउन लोड करें. आप चाहे तो अपना email address मेरे मेसेज बाक्स में दे दे, तो मैं आपको डायरेक्ट मेल कर दूंगा.
24. होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब नम्बर से मिलती हैं. इनके नम्बर ध्यान से लिखें. साथ ही होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब में कन्फ्यूज न हों. इन्हें साफ़-साफ़ लिखें.
25. किसी भी गंभीर मरीज को किसी विशेषज्ञ डॉक्टर को तत्काल दिखायें.
26. होम्योपैथी की दवाइयों को मुंह साफ़ करके कुल्ला करके लेना चाहिए. इनको लेते समय किसी भी तरह की सुगन्धित चीजों और प्याज, लहसुन, काफी, हींग और मांसाहार आदि से बचे और दवा लेने के आधा घंटा पहले और बाद में कुछ न लें.
27. हर दिन नई एलोपथिक दवाइयां बन रही हैं और अधिकांश पुरानी दवाइयों के घातक और खतरनाक परिणामों के कारण इन्हें कुछ ही वर्षों में भारत को छोड़ कर विश्व के कई देशों में बेन भी किया जा रहा है.
28. हमें भी चाहिये कि हम मात्र एलोपथिक दवाइयों पर ही निर्भर न रहकर योगासन, सूर्य किरण भोजन, अमृत-जल या सूर्य किरण जल चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, बायोकेमिक दवाइयाँ आदि निर्दोष प्रणालियों को अपना कर खुद और अपने परिवार को सुरक्षित करें.
29. इस तरह दवा मुक्त विश्व का निर्माण करना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है और इसके लिए आप सभी का सहयोग चाहिये, जो आप मेरे इन सन्देशों को दूर-दूर तक फैला कर मुझे दे सकते हैं.
30. मेरी सभी स्वास्थ्य सम्बन्धी, लोक कल्याण, मानवाधिकार और आध्यात्मिक पोस्ट और पुस्तकों को देखने और उन्हें डाउनलोड करने के लिए आप मेरे ग्रुप “HEALTH CARE स्वस्थ रहो, स्वस्थ करो” और “Samadhan समाधान” से जुड़ सकते हैं और अपने दोस्तों को भी जोड़ सकते हैं.
जैसे हमारी कार या बाइक के सामने कोई आ जाए, तो हम उस होने वाले एक्सीडेंट से बचने के लिए अपनी गाड़ी को ब्रेक लगाकर उस दुर्घटना से हम अपना बचाव कर लेते हैं. इसी तरह क्या हमारे शरीर के लिए भी ऐसी ही कोई व्यवस्था हो सकती है कि जब हमे लगे कि हम बीमार हो रहे हैं, या होने वाले हैं, तो हम उचित दवाई का ब्रेक लगाकर उस बीमारी को फैलने से पहले ही रोक दें.
इस संसार में कई तरह की चिकित्सा प्रणाली प्रचलन में हैं, किन्तु होम्योपैथी को छोड़कर किसी भी अन्य चिकित्सा प्रणाली में कोई भी ऐसी दवाई नहीं होती है जो आने वाले रोग, आ रहे रोग, या फ़ैल रहे रोग को वहीँ पर रोक दे और शरीर को निरोगी कर दे.
होम्योपैथी में कई रोगों की जो प्रिवेन्टिव या प्रतिषेधक दवाइयाँ (Preventive Medicines) होती हैं, उन दवाओं का प्रयोग किसी भी बीमारी के महामारी बनने या हेाने की संभावना होने पर, या उस बीमारी के फैलने की सूचना मिलने पर सम्बंधित रोग हेाने से पूर्व या शुरुवात में ही किया जा सकता है; अर्थात इन दवाओं का प्रयोग सुरक्षात्मक दृष्टि से किया जाता है, जिससे आगे होने वाले ऐसे सभी रोगों से बचा जा सके।
किसी भी बीमारी आने की पूर्व सूचना या लक्षण सबसे पहले आपको या आपकी पत्नी को ही मिलती है, अतः अगर आप तुरंत ही उस बीमारी पर ब्रेक लगाने के लिए एकोनाईट 200 की पांच बूँद आधा कप पानी से दो-दो घंटे से सिर्फ दो बार लें. इससे अधिकाँश रोग वही पर रुक जाते हैं और बीमारी ख़त्म हो जाती है.
इनको शुरुवात में लेने से ही अक्सर सर्दी-जुकाम-बुखार, पेट दर्द, कमर दर्द, ह्रदय रोग आदि किसी भी रोग की सभी समस्याओं से आराम हो जाता है.
अतः एकोनाइट का कार्य क्षेत्र किसी भी रोग का प्रारम्भ है।
फिर भी अगर आपको किसी भी तरह की ललाई, दर्द, सूजन, पीड़ा, प्रकाश या रोशनी आदि के प्रति तीव्र संवेदनशीलता आदि हो रही हो, तो आप एकोनाइट 200 और बेलाडोना 200 की 5 बूँद आधा कप पानी से दिन में दो बार दो दिन तक लेते रहे.
इसके बाद भी अगर आपको लगे कि किसी बीमारी के लक्षण बचे हुए हैं, तो बचाव के लिए आप निम्न प्रिवेन्टिव दवाइयों के द्वारा उस बीमारी पर ब्रेक लगाकर उसे वहीँ पर रोक दें. इन सब दवाइयों की लक्षण के अनुसार पांच बूँद दिन में दो से तीन बार तक सिर्फ दो से तीन दिन तक ही ले. 1M पॉवर की दवाई दिन में एक बार ले.
• रोग का नाम और उसकी प्रतिषेधक दवाईयां -
1. आँख आना या कन्जेक्टिवाइटिस - सल्फर 30, नैट्रम म्यूर 30 या आर्जेन्टम नाइट्रिकम 1M
2. छोटी माता या चिकन-पॉक्स – पल्सेटिला 200
3. खसरा या Measles – मोर्बिलिनम 200
4. उल्टा-सीधा खाने से पेट खराब हेाना – मर्कसाल 200
5. टान्सिल फूलना - बैराइट आयोडाइट 3X
6. मम्पस Mumps – पैरोटिडिनम 200
7. डिफ्थीरिया - डिफ्थिरिनम 200
8. कंठमाला - आयोडम 30
9. हैजा - कुप्रम मेट 200, कैम्फर 200
10. प्लेग - टेरेन्टुला म्युबेनसिस 30 या 200, सल्फर 30
11. टी.बी. तपेदिक - टयूबरक्युलिनम 1M
12. कोढ, कुष्ठ रोग - सल्फर 200
13. गर्मी के दिनों में होने वाले फोड़े - आर्निका 30
14. साधारण ज्वर - एकोनाइट 30 बेलाडोना 30 ब्रायोनिया 30 जेल्सीमियम 30 फैरम फास 30 मिलाकर दिन में तीन बार
15. इन्फ्लूऐंजा (फ्लू) - इन्फ्लूएंजिनम 200, आर्सेनिक एल्ब 6, जेल्सिमियम 30
16. मलेरिया - मलेरिया ऑफ 30, इपिकाक 30 और नैट्रम म्यूर 30, लेप्टेन्ड्रा वर्जिनिका 6
17. टायफाइड ज्वर - टायफाइडिनम 200, क्यूप्रम सल्फ 2X
18. डेंगू ज्वर - यूपेटोरियम पर्फ 200 सप्ताह मे एक बार और पाइरोजिनियम 30 दिन में दो बार
19. मस्तिष्क ज्वर - बेलोडोना 200, आर्जेन्टम नाइट्रिकम 200
20. स्कारलेट या आरक्त ज्वर - बेलोडोना 6 या 30
21. सर्दी - कालीकार्ब 200, आयोडम 200
22. काली खाँसी - पर्टुसिन 200
23. धनुष्टंकार (टिटेनस) ज्वर - हाइपोरिकम 30, लीडम पाल 200
24. पोलियो - जेल्सीमियम 3, लेथाइरस सैटाइवा 3
25. रक्तस्त्राव - मिलिफोलियम 30 या 200
26. पथरी - कल्केरिया कार्ब 200, कल्केरिया रिनेलिस 2X
27. बार-बार पथरी बनने की प्रवृति होना - चायना 200 या 1M
28. बुढ़ापे की क्षीणता या कमजोरी - बैराइट कार्ब 30
29. मकड़ी का विष - लीडम पाल 30
30. जीव-जन्तुओं के काटने पर विष फैलना - इचिनेशिया अंग 6 या 30
31. कुकर खाँसी - ड्रोसेरा 1X, पर्टुसिन 30
32. अपेन्डिसाइटिस - सोराइनम 200
33. चेचक - वैरियोलिनम 200, थूजा 200
34. कनफेड़े - पिलोकार्पिनम 200, पैराटिडीनम 200
अपने परिवार की भलाई के लिये इस लेख को सेव कर इसके प्रिंट निकलवा कर अपने घर में दीवार पर लगा लें और लोक हित में अगर आप चाहे तो इसकी बहुत सी फोटो-कापी करवा कर लोगो को बाँट भी सकते हैं.
साथ ही जब भी कोई बीमारी या महामारी फ़ैल रही हो, तो उसकी उपरोक्तानुसार दवाई बनवा कर आसपास के लोगो में आप निशुल्क बांट सकते हैं. इस तरह आप बहुत कम खर्च में लोगो का भला कर सकेंगे.
• शरीर की ओवरहालिंग और रिचार्जिंग –
हमेशा स्वस्थ रहने के लिए कोई भी व्यक्ति या परिवार अगर निम्न उपचार द्वारा अपने शरीर की ओवरहालिंग और रिचार्जिंग करता है और खान-पान तथा एक्सरसाइज भी निम्न अनुसार लेता है, तो उसे कभी भी कैंसर, डायबटीज, ह्रदय रोग, लिवर रोग, किडनी फेल्यर, टी.बी., फेफड़े के रोग, चर्म रोग आदि कोई भी गंभीर बीमारी नहीं होगी और वह आजीवन सपरिवार स्वस्थ, प्रसन्न और खुशहाल रह सकेगा -
1. सबसे पहले आप सुबह 7 बजे कुल्ला करके सल्फर 200 को, फिर दोपहर को आर्निका 200 और रात्रि को खाने के एक से दो घंटे बाद या नौ बजे नक्स वोम 200 की पांच-पांच बूँद आधा कप पानी से एक हफ्ते तक ले, फिर हर तीन से छह माह में तीन दिन तक लें.
2. इन दवाइयों को लेने के एक हफ्ते बाद हर 15-15 दिन में सोरिनम 200 का मात्र एक-एक पांच बूँद का डोज चार बार तक ले, ताकि आपके शरीर के अंदर जमा दवाई और दूसरे अन्य केमिकल और पेस्टीसाइड के विकार दूर हो सकें और आपके शरीर के सभी ह्रदय, फेफड़े, लीवर, किडनी आदि मुख्य अंग सुचारू रूप से कार्य कर सकेंगे. बच्चों और ज्यादा वृद्धों में ये सभी दवा 30 की पावर में दें.
3. अगर कब्ज रहता हो, तो होम्योलेक्स या HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं. 67 की एक या आधी गोली रोज रात एक सफ्ताह तक 9.30 बजे लें. इसके बाद हर व्यक्ति को चाहिए कि वह इसे हर हफ्ते एक या आधी गोली रात्रि 9.30 बजे ले.
4. आप सुबह दो से चार गिलास कुनकुना पानी पीकर 5 मिनिट तक कौआ चाल (योग क्रिया) करें.
5. साथ ही पांच या अधिक से अधिक दस बार तक सूर्य नमस्कार करें. फिर 200 से 500 बार तक कपाल-भांति करें. इसके बाद प्राणायाम करें.
6. रोज सुबह और रात को 15-15 मिनिट का शवासन भी करें.
7. फिर एक घंटे बाद अगर सूट करे, तो कम से कम एक माह तक नारियल पानी लें. या फिर इसे दोपहर चार बजे भी ले सकते हैं.
8. सुबह और शाम को अगर संभव हो, तो एक घंटा अवश्य घूमें.
9. रात को सोते समय अष्टावक्र गीता में बताये अनुसार दो मिनिट के लिए “मैं स्वयं ही तीन लोक का चैतन्य सम्राट हूँ” ऐसा जाप करें.
10. उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के चार्ज किये और मिलाकर बने चुम्बकित जल को लगभग 50 मिलीलीटर की मात्रा में रोज दिन में 3 बार उपयोग करें.
11. रोज सुबह उच्च शक्ति चुम्बकों को हथेलियों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए लगायें और रात्रि को खाने के दो घंटे बाद पैर के तलुवों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए दक्षिणी चुम्बक को बायीं ओर और उत्तरी चुम्बक को दाहिनी ओर लगाये.
12. गेंहू, जौ, देसी चना और सोयाबीन को सम भाग मिलाकर पिसवा ले और उसकी रोटी सादे मसाले की रेशेदार सब्जी से खाएं. दाल का प्रयोग कम कर दें.
13. बारीक आटे व मैदे से बनी वस्तुएं, तली वस्तुएं एव गरिष्ठ भोजन का त्याग करे।
14. सुबह-शाम चाय के स्थान पर नीबू का रस गरम पानी में मिला कर पिएं।
15. खाने में सिर्फ सेंधे नमक का प्रयोग करें.
16. रात को सोने से पहले पेट को ठण्डक पहुँचायें। इसके लिए खाने के चार घंटे बाद एक नेपकिन को सामान्य ठन्डे पानी से गीली करके पेट पर रखें और हर दो मिनिट में पलटते रहें. 15 मिनिट से 20 मिनिट तक इसे करें.
17. मैथी दाना 250 ग्राम, अजबाइन 100 ग्राम और काली जीरी 50 ग्राम को पीस कर इस चूर्ण को कुनकुने पानी से रात्रि 9.30 बजे एक चम्मच लें.
18. रात्रि को खाना और जमीकंद खाना, शराब पीना व धूम्रपान अगर करते हों या तम्बाखू खाते हों, तो इन्हें बंद करें. शाकाहारी भोजन ही लें.
19. अपने शरीर की सालाना ओवरहालिंग के लिए साल में एक बार अपने आसपास के किसी भी प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में जाकर वहां का दस दिन का कोर्स करें.
20. अपने घर के बुजुर्ग लोगों की रोज एक घंटे के लिये सेवा और मदद करें.
21. अपने आसपास की झोपड़पट्टी में रहने वाले किसी गरीब व्यक्ति की हर हफ्ते जाकर मदद करें.
22. अध्यात्मिक कैप्सूल के रूप में मेरी पुस्तक मुक्तियाँ की एक-एक मुक्ति तीन माह तक रोज पढ़ें. इससे आपकी नेगेटिव एनर्जी कम होगी और पॉजिटिव एनर्जी बहुत तेजी से बढेगी.
23. मेरी स्वस्थ रहे, स्वस्थ करें, मुक्तियाँ और अन्य कई पुस्तकों को मेरे Samadhan समाधान ग्रुप से निशुल्क डाउन लोड करें. आप चाहे तो अपना email address मेरे मेसेज बाक्स में दे दे, तो मैं आपको डायरेक्ट मेल कर दूंगा.
24. होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब नम्बर से मिलती हैं. इनके नम्बर ध्यान से लिखें. साथ ही होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब में कन्फ्यूज न हों. इन्हें साफ़-साफ़ लिखें.
25. किसी भी गंभीर मरीज को किसी विशेषज्ञ डॉक्टर को तत्काल दिखायें.
26. होम्योपैथी की दवाइयों को मुंह साफ़ करके कुल्ला करके लेना चाहिए. इनको लेते समय किसी भी तरह की सुगन्धित चीजों और प्याज, लहसुन, काफी, हींग और मांसाहार आदि से बचे और दवा लेने के आधा घंटा पहले और बाद में कुछ न लें.
27. हर दिन नई एलोपथिक दवाइयां बन रही हैं और अधिकांश पुरानी दवाइयों के घातक और खतरनाक परिणामों के कारण इन्हें कुछ ही वर्षों में भारत को छोड़ कर विश्व के कई देशों में बेन भी किया जा रहा है.
28. हमें भी चाहिये कि हम मात्र एलोपथिक दवाइयों पर ही निर्भर न रहकर योगासन, सूर्य किरण भोजन, अमृत-जल या सूर्य किरण जल चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, बायोकेमिक दवाइयाँ आदि निर्दोष प्रणालियों को अपना कर खुद और अपने परिवार को सुरक्षित करें.
29. इस तरह दवा मुक्त विश्व का निर्माण करना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है और इसके लिए आप सभी का सहयोग चाहिये, जो आप मेरे इन सन्देशों को दूर-दूर तक फैला कर मुझे दे सकते हैं.
30. मेरी सभी स्वास्थ्य सम्बन्धी, लोक कल्याण, मानवाधिकार और आध्यात्मिक पोस्ट और पुस्तकों को देखने और उन्हें डाउनलोड करने के लिए आप मेरे ग्रुप “HEALTH CARE स्वस्थ रहो, स्वस्थ करो” और “Samadhan समाधान” से जुड़ सकते हैं और अपने दोस्तों को भी जोड़ सकते हैं.
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