शुक्राणुओ के बनने की प्रकृया
वीर्य एक जैविक तरल पदार्थ है, जिसे धातु के नाम से भी जाना जाता है। यह बहोत से शुक्राणुओं के मेल से बना होता है। वीर्य शरीर की बहुत मूल्यवान धातु है। भोजन से वीर्य बनने की प्रक्रिया बड़ी लम्बी है। जो भोजन पचता है, उसका पहले रस बनता है। पांच दिन तक उसका पाचन होकर रक्त बनता है, उसमें से 5-5 दिन के अंतर से मेद, मेद से हड्डी, हड्डी से मज्जा और मज्जा से अंत में वीर्य बनता है। इस प्रकार वीर्य बनने में करीब 30 दिन व 4 घण्टे लग जाते हैं। वैज्ञानिक बताते हैं कि 32 किलो भोजन से 800 ग्राम रक्त बनता है और 800 ग्राम रक्त से लगभग 20 ग्राम वीर्य बनता है।
भारत के मर्दो के वीर्य में साल दर साल शुक्राणुओं की कमी देखी जा रही है। भारत के मर्दो में अब पहले जैसी बात नही रही। शक्राणु के आकर और संरचना में गड़बड़ियां आ रही है। 1978 में एक सेहतमंद व्यक्ति के वीर्य में शुक्राणुओं की गिनती 6 करोड़ प्रति लीटर पाई जाती थी, 2012 में यह गिनती 6 करोड़ से 2 करोड़ हो गयी थी।
आज कल बहोत से लोग स्मरण शक्ति और वीर्य कमजोर होने की वजह से परेशान है। यह सब हमारे गलत खान-पान और रहन-सहन की वजह से है। जैसे की मिलावटी खाना या फिर नशे के इस्तमाल की वजह से हमे कई तरह की शरीरक समस्यायों का सामना करना पड़ता है। हस्तमैथुन करना भी इसका एक बड़ा कारण माना गया है। इन सब कारणों की वजह से तो बहोत से नपुंसकता का शिकार भी हो चुके है।
वीर्य एक जैविक तरल पदार्थ है, जिसे धातु के नाम से भी जाना जाता है। यह बहोत से शुक्राणुओं के मेल से बना होता है। वीर्य शरीर की बहुत मूल्यवान धातु है। भोजन से वीर्य बनने की प्रक्रिया बड़ी लम्बी है। जो भोजन पचता है, उसका पहले रस बनता है। पांच दिन तक उसका पाचन होकर रक्त बनता है, उसमें से 5-5 दिन के अंतर से मेद, मेद से हड्डी, हड्डी से मज्जा और मज्जा से अंत में वीर्य बनता है। इस प्रकार वीर्य बनने में करीब 30 दिन व 4 घण्टे लग जाते हैं। वैज्ञानिक बताते हैं कि 32 किलो भोजन से 800 ग्राम रक्त बनता है और 800 ग्राम रक्त से लगभग 20 ग्राम वीर्य बनता है।
भारत के मर्दो के वीर्य में साल दर साल शुक्राणुओं की कमी देखी जा रही है। भारत के मर्दो में अब पहले जैसी बात नही रही। शक्राणु के आकर और संरचना में गड़बड़ियां आ रही है। 1978 में एक सेहतमंद व्यक्ति के वीर्य में शुक्राणुओं की गिनती 6 करोड़ प्रति लीटर पाई जाती थी, 2012 में यह गिनती 6 करोड़ से 2 करोड़ हो गयी थी।
आज कल बहोत से लोग स्मरण शक्ति और वीर्य कमजोर होने की वजह से परेशान है। यह सब हमारे गलत खान-पान और रहन-सहन की वजह से है। जैसे की मिलावटी खाना या फिर नशे के इस्तमाल की वजह से हमे कई तरह की शरीरक समस्यायों का सामना करना पड़ता है। हस्तमैथुन करना भी इसका एक बड़ा कारण माना गया है। इन सब कारणों की वजह से तो बहोत से नपुंसकता का शिकार भी हो चुके है।
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