भयंकर से भयंकर कमरदर्द और स्लिप डिस्क का आयुर्वेदिक उपचार _____
अगर आप सर्दियों में कमरदर्द से अक्सर ही परेशान रहते हैं तो इन सर्दियों में ये प्रयोग एक बार ज़रूर अपनाइये। अनेक लोग इस प्रयोग से कमर दर्द से मुक्ति पा चुके हैं। आप भी मुक्ति पा सकते हैं। आइये जाने इस प्रयोग के बारे में।
सब से पहले आप ग्वार पाठा (एलोवेरा) लीजिये इसको पहले शोध ले। शोध की विधि नीचे बताई गयी हैं। इसका छिलका उतार ले और गुद्दा को कुचल कर बारीक कर ले अब इस में अंदाज़ से आटा मिलाकर इसको देसी घी में भून कर खांड मिला कर हलवा बना ले और 20-20 ग्राम के लड्डू बना ले। ज़रूरत अनुसार तीन से चार हफ्ते तक सुबह खाली पेट खाए। इस से भयंकर से भयंकर कमर दर्द और स्लिप डिस्क में आराम मिलता हैं।
ग्वार पाठे के गुणों के कारण ही इस की सब्जी अक्सर गाँवों में बनायीं जाती हैं।
ग्वार पाठे के लिए ज़रूरी हैं के इसको ऐसी जगह से लिया जाए जहाँ पर सफाई हो और प्रदुषण से मुक्त स्थान हो । क्योंकि इसमें एक गुण होता हैं के ये अपने आस पास की सारी गंदगी को खींच लेता हैं जो इस में समाई रहती हैं। जैसे माहोल से इसको लिया जाएगा वैसा ही ये शुद्ध और अशुद्ध होगा।
ग्वार पाठा काफी गर्म होता हैं जिन लोगो को अधिक गर्मी की समस्या हो वह ये प्रयोग न करे।
🍄योग चिकित्सा-
जिन लोगों को स्लिप डिस्क या साइटिका की तकलीफ है, वे भुजंगासन से लाभ उठा सकते हैं। लेकिन सावधानी के साथ। संस्कृत में भुजंग का अर्थ है सांप और यह आसन ऐसा है जैसे सांप ने फन उठाया हो।
🍄आसन की विधि :-
पेट के बल लेट जाएं और हाथों को जमीन पर कंधों के नीचे रखें। अब श्वास लेते हुए नाभि को जमीन पर ही रखते हुए छाती और सिर को ऊपर उठाएं और पीठ को कमान की तरह मोड़ें। पूरे शरीर को उतना खींचे जितना संभव हो। फिर धीरे-धीरे श्वास अंदर लें और छोड़ते हुए सिर को नीचे लाएं।
🍄लाभ :-
पीठ की, उदर की और शरीर के ऊपरी भाग की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह आसन रीढ़-तंत्रिका में हुए विस्थापन को ठीक करता है और सिम्पैथेटिक नाड़ियों को बल प्रदान करता है। किसी भी कारण से पीठ दर्द में इस आसन से काफी लाभ होता है।
💥सावधानी :-
अगर आप पेप्टिक अल्सर, हर्निया या हाइपरथायरॉयड से पीड़ित हों, तो यह आसन न करें। ध्यान रखें कि जब शरीर को पीछे की तरफ मोड़ते हैं, तो जोर का झटका न लगे, क्योंकि इससे मांसपेशियों को सख्त चोट आ सकती है।
अगर आप सर्दियों में कमरदर्द से अक्सर ही परेशान रहते हैं तो इन सर्दियों में ये प्रयोग एक बार ज़रूर अपनाइये। अनेक लोग इस प्रयोग से कमर दर्द से मुक्ति पा चुके हैं। आप भी मुक्ति पा सकते हैं। आइये जाने इस प्रयोग के बारे में।
सब से पहले आप ग्वार पाठा (एलोवेरा) लीजिये इसको पहले शोध ले। शोध की विधि नीचे बताई गयी हैं। इसका छिलका उतार ले और गुद्दा को कुचल कर बारीक कर ले अब इस में अंदाज़ से आटा मिलाकर इसको देसी घी में भून कर खांड मिला कर हलवा बना ले और 20-20 ग्राम के लड्डू बना ले। ज़रूरत अनुसार तीन से चार हफ्ते तक सुबह खाली पेट खाए। इस से भयंकर से भयंकर कमर दर्द और स्लिप डिस्क में आराम मिलता हैं।
ग्वार पाठे के गुणों के कारण ही इस की सब्जी अक्सर गाँवों में बनायीं जाती हैं।
ग्वार पाठे के लिए ज़रूरी हैं के इसको ऐसी जगह से लिया जाए जहाँ पर सफाई हो और प्रदुषण से मुक्त स्थान हो । क्योंकि इसमें एक गुण होता हैं के ये अपने आस पास की सारी गंदगी को खींच लेता हैं जो इस में समाई रहती हैं। जैसे माहोल से इसको लिया जाएगा वैसा ही ये शुद्ध और अशुद्ध होगा।
ग्वार पाठा काफी गर्म होता हैं जिन लोगो को अधिक गर्मी की समस्या हो वह ये प्रयोग न करे।
🍄योग चिकित्सा-
जिन लोगों को स्लिप डिस्क या साइटिका की तकलीफ है, वे भुजंगासन से लाभ उठा सकते हैं। लेकिन सावधानी के साथ। संस्कृत में भुजंग का अर्थ है सांप और यह आसन ऐसा है जैसे सांप ने फन उठाया हो।
🍄आसन की विधि :-
पेट के बल लेट जाएं और हाथों को जमीन पर कंधों के नीचे रखें। अब श्वास लेते हुए नाभि को जमीन पर ही रखते हुए छाती और सिर को ऊपर उठाएं और पीठ को कमान की तरह मोड़ें। पूरे शरीर को उतना खींचे जितना संभव हो। फिर धीरे-धीरे श्वास अंदर लें और छोड़ते हुए सिर को नीचे लाएं।
🍄लाभ :-
पीठ की, उदर की और शरीर के ऊपरी भाग की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह आसन रीढ़-तंत्रिका में हुए विस्थापन को ठीक करता है और सिम्पैथेटिक नाड़ियों को बल प्रदान करता है। किसी भी कारण से पीठ दर्द में इस आसन से काफी लाभ होता है।
💥सावधानी :-
अगर आप पेप्टिक अल्सर, हर्निया या हाइपरथायरॉयड से पीड़ित हों, तो यह आसन न करें। ध्यान रखें कि जब शरीर को पीछे की तरफ मोड़ते हैं, तो जोर का झटका न लगे, क्योंकि इससे मांसपेशियों को सख्त चोट आ सकती है।
अगर गर्मियों में प्रयोग करें तो नुकसान करेगा क्या ये?
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