पक्षाघात (लकवा) paralysis प्रमाणिक और राम-बाण इलाज़।
पुरादेवऽसुरायुद्धेहताश्चशतशोसुराः।
हेन्यामान्यास्ततो देवाः शतशोऽथसहस्त्रशः।
जीवन मे चाहे धन, एश्वर्य, मान, पद, प्रतिष्ठा आदि सभी कुछ हो, परंतु शरीर मे बीमारी है तो सब कुछ बेकार है ओर जीवन भी नीरस है ऐसी ही एक बीमारी है पक्षाघात, जिससे पीड़ित व्यक्ति जीवनभर सारे परिवार पर बोझ बन जाता है।
पक्षाघात की पहचान :- जैसे किसी का मुह टेढ़ा हो जाना, आँख का टेढ़ा हो जाना, हाथ या पैर का टेढ़ा हो जाना, या शरीर किसी एक साइड से बिलकुल काम करना बंद कर दे, ये सामान्यतया पक्षाघात की पहचान है।
अगर मेरा कोई भाई बहिन पक्षाघात से पीड़ित है तो कहीं जाने की जरूरत नहीं है। अगर शरीर का कोई अंग या शरीर दायीं तरफ से लकवाग्रस्त है तो उसके लिए व्रहतवातचिंतामणि रस (वैदनाथ फार्मेसी) की ले ले। उसमे छोटी-छोटी गोली (बाजरे के दाने से थोड़ी सी बड़ी) मिलेंगी। उसमे से एक गोली सुबह ओर एक गोली साँय को शुद्ध शहद से लेवें।
अगर कोई भाई बहिन बायीं तरफ से लकवाग्रस्त है उसको वीर-योगेन्द्र रस (वैदनाथ फार्मेसी) की सुबह साँय एक एक गोली शहद के साथ लेनी है।
अब गोली को शहद से कैसे ले………? उसके लिए गोली को एक चम्मच मे रखकर दूसरे चम्मच से पीस ले, उसके बाद उसमे शहद मिलकर चाट लें। ये दवा निरंतर लेते रहना है, जब तक पीड़ित स्वस्थ न हो जाए।
पीड़ित व्यक्ति को मिस्सी रोटी (चने का आटा) और शुद्ध घी (मक्खन नहीं) का प्रयोग प्रचुर मात्र मे करना है। शहद का प्रयोग भी ज्यादा से ज्यादा अच्छा रहेगा।
लाल मिर्च, गुड़-शक्कर, कोई भी अचार, दही, छाछ, कोई भी सिरका, उड़द की दाल पूर्णतया वर्जित है। फल मे सिर्फ चीकू ओर पपीता ही लेना है, अन्य सभी फल वर्जित हैं।
पुरादेवऽसुरायुद्धेहताश्चशतशोसुराः।
हेन्यामान्यास्ततो देवाः शतशोऽथसहस्त्रशः।
जीवन मे चाहे धन, एश्वर्य, मान, पद, प्रतिष्ठा आदि सभी कुछ हो, परंतु शरीर मे बीमारी है तो सब कुछ बेकार है ओर जीवन भी नीरस है ऐसी ही एक बीमारी है पक्षाघात, जिससे पीड़ित व्यक्ति जीवनभर सारे परिवार पर बोझ बन जाता है।
पक्षाघात की पहचान :- जैसे किसी का मुह टेढ़ा हो जाना, आँख का टेढ़ा हो जाना, हाथ या पैर का टेढ़ा हो जाना, या शरीर किसी एक साइड से बिलकुल काम करना बंद कर दे, ये सामान्यतया पक्षाघात की पहचान है।
अगर मेरा कोई भाई बहिन पक्षाघात से पीड़ित है तो कहीं जाने की जरूरत नहीं है। अगर शरीर का कोई अंग या शरीर दायीं तरफ से लकवाग्रस्त है तो उसके लिए व्रहतवातचिंतामणि रस (वैदनाथ फार्मेसी) की ले ले। उसमे छोटी-छोटी गोली (बाजरे के दाने से थोड़ी सी बड़ी) मिलेंगी। उसमे से एक गोली सुबह ओर एक गोली साँय को शुद्ध शहद से लेवें।
अगर कोई भाई बहिन बायीं तरफ से लकवाग्रस्त है उसको वीर-योगेन्द्र रस (वैदनाथ फार्मेसी) की सुबह साँय एक एक गोली शहद के साथ लेनी है।
अब गोली को शहद से कैसे ले………? उसके लिए गोली को एक चम्मच मे रखकर दूसरे चम्मच से पीस ले, उसके बाद उसमे शहद मिलकर चाट लें। ये दवा निरंतर लेते रहना है, जब तक पीड़ित स्वस्थ न हो जाए।
पीड़ित व्यक्ति को मिस्सी रोटी (चने का आटा) और शुद्ध घी (मक्खन नहीं) का प्रयोग प्रचुर मात्र मे करना है। शहद का प्रयोग भी ज्यादा से ज्यादा अच्छा रहेगा।
लाल मिर्च, गुड़-शक्कर, कोई भी अचार, दही, छाछ, कोई भी सिरका, उड़द की दाल पूर्णतया वर्जित है। फल मे सिर्फ चीकू ओर पपीता ही लेना है, अन्य सभी फल वर्जित हैं।
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