गठिया रोग का लक्षण-
1 गठिया के लक्षण पैरों और हाथों की उंगलियों में सूजन के रूप में देखे जाते हैं। गठिया के शुरूवाती दौर में शरीर के जोड़ों वाले हिस्सों में दर्द होने लगता है, और हाथ लगाने से भी दर्द होता है।
2 गठिया के रोगियों को बुखार और कब्ज़ के साथ सिर दर्द भी होता रहता है।
3 जोड़ों में अधिक सूजन और पीड़ा होना।
4 गठिया रोग में रोगी को अधिक प्यास लगती है।
5 गठिया रोग में हाथ-पांवों में छोटी-छोटी गांठें बन जाती है और इलाज में देर होने से यह गंभीर रूप ले सकती है।
गठिया रोग का इलाज संभव है बस इन बातों पर आप ध्यान दें
दर्द के प्रकार
शरीर में होने वाला दर्द कई बार किसी बीमारी का संकेत भी हो सकते हैं। ऐसे में इन्हें अनदेखा करने की बजाय तुरंत इसका इलाज करवाकर बड़ी बीमारी को टाला जा सकता है। इनमें सिरदर्द व पेट दर्द प्रमुख है।
कमर दर्द
कमर दर्द से भी तमाम लोग परेशान रहते हैं। दिनभर कंप्यूटर के सामने बैठे रहने से यह समस्या और भी बढ़ जाती है। कमर दर्द अगर नीचे की तरफ बढ़ने लगे और तेज हो जाए, तो जल्द से जल्द दिखाएं। कभी-कभी दर्द कुछ मिनट ही होता है और कभी-कभी यह घंटों तक रहता है। ऐसा दर्द पथरी की वजह से हो सकता है। इसकी अवश्य ही चिकित्सा करनी चाहिए
जबड़े का दर्द
जबड़े का दर्द अक्सर जबड़ों के जॉइंट्स के ज्यादा काम करने की वजह से होता है। यह समय के साथ सही भी हो जाता है, लेकिन मुंह खोलते और बंद करते समय जब आवाज के साथ ऐसा दर्द हो तो यह जॉइंट की चोट की वजह से भी हो सकता है। साधारण रूप से इसका पता लगाया जा सकता है। दवा से इसका इलाज करवाया जा सकता है।
अंगूठों का दर्द
अगर अंगूठों में दर्द रहता है तो यह गठिया का लक्षण हो सकता है। जोड़ों में ज्यादा यूरिक एसिड क्रिस्टल जमा हो जाने से यह दर्द होता है। वक्त गुजरने के साथ ही यह दर्द इतना असहनीय हो सकता है कि इससे चलने-फिरने में भी दिक्कत हो सकती है। इस दर्द को पहचानकर दवा से ठीक किया जा सकता है।
माथे का दर्द
ज्यादातर दर्द पूरे सिर में होता है, लेकिन जब यह दर्द काफी तेज हो तो यह गंभीर स्थिति हो सकती है, इसलिए सिर दर्द को कभी नजरअंदाज न करें और तुरंत हमसे मिलें। यह 50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों में देखा जाता है
कारण
घुटनों का दर्द निम्नलिखित कारणों से हो सकता हैः
आर्थराइटिस– लूपस जैसा- रीयूमेटाइड, आस्टियोआर्थराइटिस और गाउट सहित अथवा संबंधित ऊतक विकार
घुटने पर बार-बार दबाव से सूजन (जैसे लंबे समय के लिए घुटने के बल बैठना, घुटने का अधिक उपयोग करना अथवा घुटने में चोट)
टेन्टीनाइटिस– आपके घुटने में सामने की ओर दर्द जो सीढ़ियों अथवा चढ़ाव पर चढ़ते और उतरते समय बढ़ जाता है। यह धावकों, स्कॉयर और साइकिल चलाने वालों को होता है।
बेकर्स सिस्ट– घुटने के पीछे पानी से भरा सूजन जिसके साथ आर्थराइटिस जैसे अन्य कारणों से सूजन भी हो सकती है। यदि सिस्ट फट जाती है तो आपके घुटने के पीछे का दर्द नीचे आपकी पिंडली तक जा सकता है।
घिसा हुआ कार्टिलेज (उपास्थि)(मेनिस्कस टियर)- घुटने के जोड़ के अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर दर्द पैदा कर सकता है।
घिसा हुआ लिगमेंट (ए सी एल टियर)- घुटने में दर्द और अस्थायित्व उत्पन्न कर सकता है।
झटका लगना अथवा मोच– अचानक अथवा अप्राकृतिक ढंग से मुड़ जाने के कारण लिगमेंट में मामूली चोट
जानुफलक (नीकैप) का विस्थापन
जोड़ में संक्रमण
घुटने की चोट– आपके घुटने में रक्त स्राव हो सकता है जिससे दर्द अधिक होता है
श्रोणि विकार- दर्द उत्पन्न कर सकता है जो घुटने में महसूस होता है। उदाहरण के लिए इलियोटिबियल बैंड सिंड्रोम एक ऐसी चोट है जो आपके श्रोणि से आपके घुटने के बाहर तक जाती है।
समाधान....
- दो तीन दिन के अंतर से खाली पेट अरण्डी का 2 से 20 मि.ली. तेल पियें। इस दौरान चाय-कॉफी न लें। साथ में दर्दवाले स्थान पर अरण्डी का तेल लगाकर, उबाले हुए बेल के पत्तों को गर्म-गर्म बाँधने से वात-दर्द में लाभ होता है।
- निर्गुण्डी के पत्तों का 10 से 40 मि.ली. रस लेने से अथवा सेंकी हुई मेथी का कपड़छन चूर्ण तीन ग्राम, सुबह-शाम पानी के साथ लेने से वात रोग में लाभ होता है। यह मेथीवाला प्रयोग घुटने के वातरोग में भी लाभदायक है। साथ में वज्रासन करें।
- अच्युताय संधिशूलहर योग चूर्ण से जोड़ो व कमर का दर्द ठीक होता है ।हड्डियाँ व नसे मजबूत बनती है । गठिया,मधुमेह,सायटिका व मोटापे आदि में लाभदायी ।
-प्रतिदिन नारियल की गिरी का सेवन करें,लगातार 20 दिनों तक अखरोट की गिरी खाने से घुटनों का दर्द समाप्त होता है।
--बिना कुछ खाए प्रतिदिन प्रात: एक लहसन कली, दही के साथ दो महीने तक लेने से घुटनों के दर्द में चमत्कारिक लाभ होता है।
- लहसुन की 10 कलियों को 100 ग्राम पानी एवं 100 ग्राम दूध में मिलाकर पकायें। पानी जल जाने पर लहसुन खाकर दूध पीने से दर्द में लाभ होता है।
- 250 मि.ली. दूध एवं उतने ही पानी में दो लहसुन की कलियाँ, 1-1 चम्मच सोंठ और हरड़ तथा 1-1 दालचीनी और छोटी इलायची डालकर पकायें। पानी जल जाने पर वही दूध पीयें।
- सिंहनाद गुगल की 2-2 गोली सुबह, दोपहर व शाम पानी के साथ लें।
'चित्रकादिवटी' की 2-2 गोली सुबह-शाम अदरक के साथ 20 मि.ली. रस व 1 चम्मच घी के साथ लें।
तेल : काली उडद (करीब 10 ग्राम), बारीक पीसा हुआ अदरक (4 ग्राम) और पिसा हुआ कर्पूर (2 ग्राम) को खाने के तेल (50 मिली) में 5 मिनिट तक गर्म किया जाए और इसे छानकर तेल अलग कर लिया जाए।
जब तेल गुनगुना हो जाए तो इस तेल से दर्द वाले हिस्सों या जोड़ों की मालिश, जल्द ही दर्द में तेजी से आराम मिलता है, ऐसा दिन में 2 से 3 बार किया जाना चाहिए। यह तेल आर्थरायटिस जैसे दर्दकारक रोगों में भी गजब काम करता है।
1 गठिया के लक्षण पैरों और हाथों की उंगलियों में सूजन के रूप में देखे जाते हैं। गठिया के शुरूवाती दौर में शरीर के जोड़ों वाले हिस्सों में दर्द होने लगता है, और हाथ लगाने से भी दर्द होता है।
2 गठिया के रोगियों को बुखार और कब्ज़ के साथ सिर दर्द भी होता रहता है।
3 जोड़ों में अधिक सूजन और पीड़ा होना।
4 गठिया रोग में रोगी को अधिक प्यास लगती है।
5 गठिया रोग में हाथ-पांवों में छोटी-छोटी गांठें बन जाती है और इलाज में देर होने से यह गंभीर रूप ले सकती है।
गठिया रोग का इलाज संभव है बस इन बातों पर आप ध्यान दें
दर्द के प्रकार
शरीर में होने वाला दर्द कई बार किसी बीमारी का संकेत भी हो सकते हैं। ऐसे में इन्हें अनदेखा करने की बजाय तुरंत इसका इलाज करवाकर बड़ी बीमारी को टाला जा सकता है। इनमें सिरदर्द व पेट दर्द प्रमुख है।
कमर दर्द
कमर दर्द से भी तमाम लोग परेशान रहते हैं। दिनभर कंप्यूटर के सामने बैठे रहने से यह समस्या और भी बढ़ जाती है। कमर दर्द अगर नीचे की तरफ बढ़ने लगे और तेज हो जाए, तो जल्द से जल्द दिखाएं। कभी-कभी दर्द कुछ मिनट ही होता है और कभी-कभी यह घंटों तक रहता है। ऐसा दर्द पथरी की वजह से हो सकता है। इसकी अवश्य ही चिकित्सा करनी चाहिए
जबड़े का दर्द
जबड़े का दर्द अक्सर जबड़ों के जॉइंट्स के ज्यादा काम करने की वजह से होता है। यह समय के साथ सही भी हो जाता है, लेकिन मुंह खोलते और बंद करते समय जब आवाज के साथ ऐसा दर्द हो तो यह जॉइंट की चोट की वजह से भी हो सकता है। साधारण रूप से इसका पता लगाया जा सकता है। दवा से इसका इलाज करवाया जा सकता है।
अंगूठों का दर्द
अगर अंगूठों में दर्द रहता है तो यह गठिया का लक्षण हो सकता है। जोड़ों में ज्यादा यूरिक एसिड क्रिस्टल जमा हो जाने से यह दर्द होता है। वक्त गुजरने के साथ ही यह दर्द इतना असहनीय हो सकता है कि इससे चलने-फिरने में भी दिक्कत हो सकती है। इस दर्द को पहचानकर दवा से ठीक किया जा सकता है।
माथे का दर्द
ज्यादातर दर्द पूरे सिर में होता है, लेकिन जब यह दर्द काफी तेज हो तो यह गंभीर स्थिति हो सकती है, इसलिए सिर दर्द को कभी नजरअंदाज न करें और तुरंत हमसे मिलें। यह 50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों में देखा जाता है
कारण
घुटनों का दर्द निम्नलिखित कारणों से हो सकता हैः
आर्थराइटिस– लूपस जैसा- रीयूमेटाइड, आस्टियोआर्थराइटिस और गाउट सहित अथवा संबंधित ऊतक विकार
घुटने पर बार-बार दबाव से सूजन (जैसे लंबे समय के लिए घुटने के बल बैठना, घुटने का अधिक उपयोग करना अथवा घुटने में चोट)
टेन्टीनाइटिस– आपके घुटने में सामने की ओर दर्द जो सीढ़ियों अथवा चढ़ाव पर चढ़ते और उतरते समय बढ़ जाता है। यह धावकों, स्कॉयर और साइकिल चलाने वालों को होता है।
बेकर्स सिस्ट– घुटने के पीछे पानी से भरा सूजन जिसके साथ आर्थराइटिस जैसे अन्य कारणों से सूजन भी हो सकती है। यदि सिस्ट फट जाती है तो आपके घुटने के पीछे का दर्द नीचे आपकी पिंडली तक जा सकता है।
घिसा हुआ कार्टिलेज (उपास्थि)(मेनिस्कस टियर)- घुटने के जोड़ के अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर दर्द पैदा कर सकता है।
घिसा हुआ लिगमेंट (ए सी एल टियर)- घुटने में दर्द और अस्थायित्व उत्पन्न कर सकता है।
झटका लगना अथवा मोच– अचानक अथवा अप्राकृतिक ढंग से मुड़ जाने के कारण लिगमेंट में मामूली चोट
जानुफलक (नीकैप) का विस्थापन
जोड़ में संक्रमण
घुटने की चोट– आपके घुटने में रक्त स्राव हो सकता है जिससे दर्द अधिक होता है
श्रोणि विकार- दर्द उत्पन्न कर सकता है जो घुटने में महसूस होता है। उदाहरण के लिए इलियोटिबियल बैंड सिंड्रोम एक ऐसी चोट है जो आपके श्रोणि से आपके घुटने के बाहर तक जाती है।
समाधान....
- दो तीन दिन के अंतर से खाली पेट अरण्डी का 2 से 20 मि.ली. तेल पियें। इस दौरान चाय-कॉफी न लें। साथ में दर्दवाले स्थान पर अरण्डी का तेल लगाकर, उबाले हुए बेल के पत्तों को गर्म-गर्म बाँधने से वात-दर्द में लाभ होता है।
- निर्गुण्डी के पत्तों का 10 से 40 मि.ली. रस लेने से अथवा सेंकी हुई मेथी का कपड़छन चूर्ण तीन ग्राम, सुबह-शाम पानी के साथ लेने से वात रोग में लाभ होता है। यह मेथीवाला प्रयोग घुटने के वातरोग में भी लाभदायक है। साथ में वज्रासन करें।
- अच्युताय संधिशूलहर योग चूर्ण से जोड़ो व कमर का दर्द ठीक होता है ।हड्डियाँ व नसे मजबूत बनती है । गठिया,मधुमेह,सायटिका व मोटापे आदि में लाभदायी ।
-प्रतिदिन नारियल की गिरी का सेवन करें,लगातार 20 दिनों तक अखरोट की गिरी खाने से घुटनों का दर्द समाप्त होता है।
--बिना कुछ खाए प्रतिदिन प्रात: एक लहसन कली, दही के साथ दो महीने तक लेने से घुटनों के दर्द में चमत्कारिक लाभ होता है।
- लहसुन की 10 कलियों को 100 ग्राम पानी एवं 100 ग्राम दूध में मिलाकर पकायें। पानी जल जाने पर लहसुन खाकर दूध पीने से दर्द में लाभ होता है।
- 250 मि.ली. दूध एवं उतने ही पानी में दो लहसुन की कलियाँ, 1-1 चम्मच सोंठ और हरड़ तथा 1-1 दालचीनी और छोटी इलायची डालकर पकायें। पानी जल जाने पर वही दूध पीयें।
- सिंहनाद गुगल की 2-2 गोली सुबह, दोपहर व शाम पानी के साथ लें।
'चित्रकादिवटी' की 2-2 गोली सुबह-शाम अदरक के साथ 20 मि.ली. रस व 1 चम्मच घी के साथ लें।
तेल : काली उडद (करीब 10 ग्राम), बारीक पीसा हुआ अदरक (4 ग्राम) और पिसा हुआ कर्पूर (2 ग्राम) को खाने के तेल (50 मिली) में 5 मिनिट तक गर्म किया जाए और इसे छानकर तेल अलग कर लिया जाए।
जब तेल गुनगुना हो जाए तो इस तेल से दर्द वाले हिस्सों या जोड़ों की मालिश, जल्द ही दर्द में तेजी से आराम मिलता है, ऐसा दिन में 2 से 3 बार किया जाना चाहिए। यह तेल आर्थरायटिस जैसे दर्दकारक रोगों में भी गजब काम करता है।
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