परिचय: बाल सिर्फ चेहरे की सुन्दरता ही नहीं बढ़ाते बल्कि ये गर्मी और सर्दी से सिर की रक्षा भी करते हैं। बाल सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों को शोषित करके विटामिन `ए` और `डी` को संरक्षित भी करते हैं तथा इसके साथ-ही साथ उष्णता, शीतलता, और तेज हवा से हमारे सिर की सुरक्षा भी करते हैं। जब यह बाल किसी कारण से झड़ने लगते हैं तो व्यक्ति की सुन्दरता बेकार लगने लगती हैं। इस रोग के कारण व्यक्ति के सिर के बाल झड़ने लगते हैं। जब रोगी व्यक्ति के बाल बहुत अधिक झड़ने लगते हैं तो वह गंजा सा दिखने लगता है।
बाल झड़ने का कारण:-
यह रोग व्यक्ति को अधिकतर तब होता है जब व्यक्ति के शरीर में विटामिन `बी´ एवं प्राकृतिक लवणों, लौह तत्व तथा आयोडीन की कमी हो जाती है।
कई प्रकार के लम्बे रोग जैसे- टायफाइड, उपदंश, जुकाम, नजला, साइनस तथा रक्तहीनता (खून की कमी) आदि रोग होने के कारण भी व्यक्ति के बाल झड़ने लगते हैं।
किसी प्रकार के आघात या बहुत अधिक चिंता करने के कारण भी यह रोग व्यक्ति को हो जाता है।
सिर की ठीक तरीके से सफाई न करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन के कारण भी व्यक्ति के बाल झड़ने लगते हैं।
सिर के रक्त संचारण में कमी आ जाने के कारण भी बाल झड़ने का रोग हो सकता है।
शैम्पू तथा साबुन आदि का अधिक मात्रा में उपयोग करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
हेयर ड्रायर्स का अधिक प्रयोग करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
अधिक मात्रा में दवाइयों का प्रयोग करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
कब्ज रहना, नींद न आना तथा अधिक दिमागी कार्य करने के कारण भी बाल झड़ने का रोग व्यक्ति को हो सकता है।
बालों को सही तरीके से पोषण न मिल पाने के कारण बाल कमजोर हो जाते हैं और झड़ने लगते हैं।
वात और पित्त कुपित जब होकर रोमछिद्रों में पहुंचते हैं तो बाल झड़ने लगते हैं।
अधिक मिर्च-मसाले तथा तली हुई चीजों का सेवन करने से बाल झड़ने लगते हैं।
बाल झड़ने का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-
बालों के झड़ने के रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने से पहले इस रोग के होने के कारणों को दूर करना चाहिए और फिर इसका उपचार प्राकृतिक चिकित्सा से करना चाहिए।
इस रोग से बचने के लिए भोजन संतुलित तथा पौष्टिक करना चाहिए।
बाल झड़ने के रोग को ठीक करने के लिए सप्ताह में एक बार फलों का भोजन करना चाहिए।
बालों को झड़ने से रोकने के लिए पत्ता गोभी, अनन्नास तथा आंवला का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।
बाल झड़ने से रोकने के लिए व्यक्ति को अपने भोजन में सब्जियां, सलाद, मौसम के अनुसार फल और अंकुरित अन्न का अधिक मात्रा में उपयोग करना चाहिए।
भोजन में आटे की रोटी, चावल, फल व हरी सब्जियों का अधिक प्रयोग करना चाहिए।
इस रोग से पीड़ित रोगी को पालक व गाजर के रस का अधिक सेवन करना चाहिए। इससे रोगी के बाल झड़ना बहुत जल्द ही रुक जाते हैं।
रोगी व्यक्ति को अपने सिर के पसीने को सूखने नहीं देना चाहिए।
बालों को झड़ने से रोकने के लिए आंवले का अपने भोजन में अधिक उपयोग करना चाहिए तथा आंवले के मुरब्बा का सेवन करना भी बहुत लाभदायक होता है।
इस रोग से पीड़ित रोगी को अपने सिर को दही से धोना चाहिए और फिर नारियल के दूध से खोपड़ी की मालिश करनी चाहिए। इसके बाद सिर को धोना चाहिए और कुछ समय बाद बथुए के पानी से सिर को धोना चाहिए। ऐसा करने से रोगी के बाल झड़ना रुक जाते हैं।
इस रोग से पीड़ित रोगी को उंगुलियों से रात को सोने से पहले नित्य पांच मिनट तक सिर की मालिश करनी चाहिए तथा स्नान से पहले दस मिनट तक अपने शरीर पर सूखा घर्षण करना चाहिए। ऐसा कुछ दिनों तक करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं।
रात में मेथी के बीजों को पानी में भिगो देना चाहिए। सुबह उठने पर इन्हें पीसकर लेप जैसा बना लेना चाहिए और फिर इस लेप को बालों पर लगाना चाहिए। ऐसा कुछ दिनों तक करने से रोगी के बाल झड़ना रुक जाते हैं।
बाल झड़ने के रोग में बेरी के पत्तों को पीसकर इसमें नींबू का रस मिलाकर सिर पर लगाने से बाल दुबारा उगने लगते हैं।
ताजे धनिये का रस या गाजर का रस बालों की जड़ों में लगाने से रोगी व्यक्ति के बाल झड़ने बंद हो जाते हैं।
सिर में जिस जगह से बाल झड़ गये हैं उस जगह पर प्याज का रस लगाने से बाल दुबारा से उग आते हैं।
गाजर को पीसकर लेप बना लें। फिर इस लेप को सिर पर लगाये और दो घंटे के बाद धो दें। ऐसा प्रतिदिन करने से बाल झड़ने बंद हो जाते हैं।
गंजेपन को दूर करने के लिए रात को सोते समय नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर सिर की मालिश करनी चाहिए।
सूर्य तप्त नीली बोतल के तेल से सिर पर रोजाना मालिश करने से बाल गिरना रुक जाते हैं।
खाना खाने के बाद सिर को उंगलियों से खुजलाना चाहिए, इससे बाल झड़ना कुछ ही दिनों में रुक जाते हैं।
बाल झड़ने के रोग को ठीक करने के लिए रोजाना 2-3 बार लगभग पांच मिनट के लिए दोनों हाथों की उंगुलियों के नाखूनों को आपस में रगड़ना चाहिए।
सुबह सूर्योदय से पहले दैनिक कार्यों से निवृति के बाद स्नान करना चाहिए। इस प्रकार के स्नान से पेट, सिर और आंखों में गर्मी नहीं बढ़ती है। इसके फलस्वरूप बाल झड़ना रुक जाते हैं।
बालों को झड़ने से रोकने के लिए सप्ताह में कम से कम दो बार मुलतानी मिट्टी से बालों को धोना चाहिए।
इस रोग को ठीक करने के लिए खुली हवा में लंबी गहरी सांस लेनी चाहिए तथा कुछ व्यायाम भी करने चाहिए।
यदि किसी व्यक्ति को जुकाम, खांसी, तनाव, चिंता, प्रमेह आदि रोग हो गए हों तो उसे तुरंत ही इसका इलाज करना चाहिए क्योंकि ये बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं।
रोजाना रात को सोते समय 10 से 15 मिनट तक अपनी उंगलियों से बालों की जड़ों में सरसों या बादाम के तेल की हल्की-हल्की मालिश करनी चाहिए। ऐसा करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं तथा बाल घने तथा लम्बे होने लगते हैं।
आंवला, ब्राह्मी तथा भृंगराज को एकसाथ मिलाकर पीस लें। फिर इस मिश्रण को लोहे की कड़ाही में फूलने के लिए रखना चाहिए और सुबह के समय में इसको मसल कर लेप बना लेना चाहिए। इसके बाद इस लेप को 15 मिनट तक बालों में लगाएं। ऐसा सप्ताह में दो बार करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं तथा बाल कुदरती काले हो जाते हैं।
रात को तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखें। सुबह के समय उठते ही इस पानी को पी लें। इसके साथ ही आधा चम्मच आंवले के चूर्ण का सेवन भी करें। इससे कुछ ही समय में बालों के झड़ने का रोग ठीक हो जाता है।
गुड़हल के फूल तथा पोदीने की पत्तियों को एक साथ पीसकर थोड़े से पानी में मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को सप्ताह में कम से कम दो बार आधे घण्टे के लिए बालों पर लगाना चाहिए। ऐसा करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं तथा बाल सफेद भी नहीं होते हैं।
लगभग 80 मिलीलीटर चुकन्दर के पत्तों के रस को सरसों के 150 मिलीलीटर तेल में मिलाकर आग पर पकाएं। जब पत्तों का रस सूख जाए तो इसे आग पर से उतार लें और ठंडा करके छानकर बोतल में भर लें। इस तेल से प्रतिदिन सिर की मालिश करने से बाल झड़ने रुक जाते हैं तथा बाल समय से पहले सफेद भी नहीं होते हैं।
कलौंजी को पीसकर पानी में मिला लें। इस पानी से सिर को कुछ दिनों तक धोने से बाल झडना बंद हो जाते हैं तथा बाल घने भी होना शुरु हो जाते हैं।
नीम की पत्तियों और आंवले के चूर्ण को पानी में डालकर उबाल लें और सप्ताह में कम से कम एक बार इस पानी से सिर को धोएं। ऐसा करने से कुछ ही समय में बाल झड़ना बंद हो जाते हैं।
बाल झड़ने से रोकने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार कई प्रकार के आसन हैं जिनको करने से बाल झड़ने कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं। ये आसन इस प्रकार हैं- शवासन, सर्वांगासन, योगनिद्रा, मत्स्यासन, विपरीतकरणी मुद्रा तथा शरीर के अन्य उलटने-पलटने का आसन। इस प्रकार से प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने से रोगी के बाल झड़ने की समस्या दूर हो जाती है।
इस रोग का उपचार करते समय प्राकृतिक चिकित्सा के सुझावों पर पूर्ण विश्वास रखना चाहिए और फिर इसका उपचार करना चाहिए।
जिस दिन आप प्राकृतिक चिकित्सा से इस रोग का उपचार कर रहे हों उस दिन कोई भी साबुन या शैम्पू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
बाल झड़ने का कारण:-
यह रोग व्यक्ति को अधिकतर तब होता है जब व्यक्ति के शरीर में विटामिन `बी´ एवं प्राकृतिक लवणों, लौह तत्व तथा आयोडीन की कमी हो जाती है।
कई प्रकार के लम्बे रोग जैसे- टायफाइड, उपदंश, जुकाम, नजला, साइनस तथा रक्तहीनता (खून की कमी) आदि रोग होने के कारण भी व्यक्ति के बाल झड़ने लगते हैं।
किसी प्रकार के आघात या बहुत अधिक चिंता करने के कारण भी यह रोग व्यक्ति को हो जाता है।
सिर की ठीक तरीके से सफाई न करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन के कारण भी व्यक्ति के बाल झड़ने लगते हैं।
सिर के रक्त संचारण में कमी आ जाने के कारण भी बाल झड़ने का रोग हो सकता है।
शैम्पू तथा साबुन आदि का अधिक मात्रा में उपयोग करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
हेयर ड्रायर्स का अधिक प्रयोग करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
अधिक मात्रा में दवाइयों का प्रयोग करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
कब्ज रहना, नींद न आना तथा अधिक दिमागी कार्य करने के कारण भी बाल झड़ने का रोग व्यक्ति को हो सकता है।
बालों को सही तरीके से पोषण न मिल पाने के कारण बाल कमजोर हो जाते हैं और झड़ने लगते हैं।
वात और पित्त कुपित जब होकर रोमछिद्रों में पहुंचते हैं तो बाल झड़ने लगते हैं।
अधिक मिर्च-मसाले तथा तली हुई चीजों का सेवन करने से बाल झड़ने लगते हैं।
बाल झड़ने का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-
बालों के झड़ने के रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने से पहले इस रोग के होने के कारणों को दूर करना चाहिए और फिर इसका उपचार प्राकृतिक चिकित्सा से करना चाहिए।
इस रोग से बचने के लिए भोजन संतुलित तथा पौष्टिक करना चाहिए।
बाल झड़ने के रोग को ठीक करने के लिए सप्ताह में एक बार फलों का भोजन करना चाहिए।
बालों को झड़ने से रोकने के लिए पत्ता गोभी, अनन्नास तथा आंवला का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।
बाल झड़ने से रोकने के लिए व्यक्ति को अपने भोजन में सब्जियां, सलाद, मौसम के अनुसार फल और अंकुरित अन्न का अधिक मात्रा में उपयोग करना चाहिए।
भोजन में आटे की रोटी, चावल, फल व हरी सब्जियों का अधिक प्रयोग करना चाहिए।
इस रोग से पीड़ित रोगी को पालक व गाजर के रस का अधिक सेवन करना चाहिए। इससे रोगी के बाल झड़ना बहुत जल्द ही रुक जाते हैं।
रोगी व्यक्ति को अपने सिर के पसीने को सूखने नहीं देना चाहिए।
बालों को झड़ने से रोकने के लिए आंवले का अपने भोजन में अधिक उपयोग करना चाहिए तथा आंवले के मुरब्बा का सेवन करना भी बहुत लाभदायक होता है।
इस रोग से पीड़ित रोगी को अपने सिर को दही से धोना चाहिए और फिर नारियल के दूध से खोपड़ी की मालिश करनी चाहिए। इसके बाद सिर को धोना चाहिए और कुछ समय बाद बथुए के पानी से सिर को धोना चाहिए। ऐसा करने से रोगी के बाल झड़ना रुक जाते हैं।
इस रोग से पीड़ित रोगी को उंगुलियों से रात को सोने से पहले नित्य पांच मिनट तक सिर की मालिश करनी चाहिए तथा स्नान से पहले दस मिनट तक अपने शरीर पर सूखा घर्षण करना चाहिए। ऐसा कुछ दिनों तक करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं।
रात में मेथी के बीजों को पानी में भिगो देना चाहिए। सुबह उठने पर इन्हें पीसकर लेप जैसा बना लेना चाहिए और फिर इस लेप को बालों पर लगाना चाहिए। ऐसा कुछ दिनों तक करने से रोगी के बाल झड़ना रुक जाते हैं।
बाल झड़ने के रोग में बेरी के पत्तों को पीसकर इसमें नींबू का रस मिलाकर सिर पर लगाने से बाल दुबारा उगने लगते हैं।
ताजे धनिये का रस या गाजर का रस बालों की जड़ों में लगाने से रोगी व्यक्ति के बाल झड़ने बंद हो जाते हैं।
सिर में जिस जगह से बाल झड़ गये हैं उस जगह पर प्याज का रस लगाने से बाल दुबारा से उग आते हैं।
गाजर को पीसकर लेप बना लें। फिर इस लेप को सिर पर लगाये और दो घंटे के बाद धो दें। ऐसा प्रतिदिन करने से बाल झड़ने बंद हो जाते हैं।
गंजेपन को दूर करने के लिए रात को सोते समय नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर सिर की मालिश करनी चाहिए।
सूर्य तप्त नीली बोतल के तेल से सिर पर रोजाना मालिश करने से बाल गिरना रुक जाते हैं।
खाना खाने के बाद सिर को उंगलियों से खुजलाना चाहिए, इससे बाल झड़ना कुछ ही दिनों में रुक जाते हैं।
बाल झड़ने के रोग को ठीक करने के लिए रोजाना 2-3 बार लगभग पांच मिनट के लिए दोनों हाथों की उंगुलियों के नाखूनों को आपस में रगड़ना चाहिए।
सुबह सूर्योदय से पहले दैनिक कार्यों से निवृति के बाद स्नान करना चाहिए। इस प्रकार के स्नान से पेट, सिर और आंखों में गर्मी नहीं बढ़ती है। इसके फलस्वरूप बाल झड़ना रुक जाते हैं।
बालों को झड़ने से रोकने के लिए सप्ताह में कम से कम दो बार मुलतानी मिट्टी से बालों को धोना चाहिए।
इस रोग को ठीक करने के लिए खुली हवा में लंबी गहरी सांस लेनी चाहिए तथा कुछ व्यायाम भी करने चाहिए।
यदि किसी व्यक्ति को जुकाम, खांसी, तनाव, चिंता, प्रमेह आदि रोग हो गए हों तो उसे तुरंत ही इसका इलाज करना चाहिए क्योंकि ये बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं।
रोजाना रात को सोते समय 10 से 15 मिनट तक अपनी उंगलियों से बालों की जड़ों में सरसों या बादाम के तेल की हल्की-हल्की मालिश करनी चाहिए। ऐसा करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं तथा बाल घने तथा लम्बे होने लगते हैं।
आंवला, ब्राह्मी तथा भृंगराज को एकसाथ मिलाकर पीस लें। फिर इस मिश्रण को लोहे की कड़ाही में फूलने के लिए रखना चाहिए और सुबह के समय में इसको मसल कर लेप बना लेना चाहिए। इसके बाद इस लेप को 15 मिनट तक बालों में लगाएं। ऐसा सप्ताह में दो बार करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं तथा बाल कुदरती काले हो जाते हैं।
रात को तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखें। सुबह के समय उठते ही इस पानी को पी लें। इसके साथ ही आधा चम्मच आंवले के चूर्ण का सेवन भी करें। इससे कुछ ही समय में बालों के झड़ने का रोग ठीक हो जाता है।
गुड़हल के फूल तथा पोदीने की पत्तियों को एक साथ पीसकर थोड़े से पानी में मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को सप्ताह में कम से कम दो बार आधे घण्टे के लिए बालों पर लगाना चाहिए। ऐसा करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं तथा बाल सफेद भी नहीं होते हैं।
लगभग 80 मिलीलीटर चुकन्दर के पत्तों के रस को सरसों के 150 मिलीलीटर तेल में मिलाकर आग पर पकाएं। जब पत्तों का रस सूख जाए तो इसे आग पर से उतार लें और ठंडा करके छानकर बोतल में भर लें। इस तेल से प्रतिदिन सिर की मालिश करने से बाल झड़ने रुक जाते हैं तथा बाल समय से पहले सफेद भी नहीं होते हैं।
कलौंजी को पीसकर पानी में मिला लें। इस पानी से सिर को कुछ दिनों तक धोने से बाल झडना बंद हो जाते हैं तथा बाल घने भी होना शुरु हो जाते हैं।
नीम की पत्तियों और आंवले के चूर्ण को पानी में डालकर उबाल लें और सप्ताह में कम से कम एक बार इस पानी से सिर को धोएं। ऐसा करने से कुछ ही समय में बाल झड़ना बंद हो जाते हैं।
बाल झड़ने से रोकने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार कई प्रकार के आसन हैं जिनको करने से बाल झड़ने कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं। ये आसन इस प्रकार हैं- शवासन, सर्वांगासन, योगनिद्रा, मत्स्यासन, विपरीतकरणी मुद्रा तथा शरीर के अन्य उलटने-पलटने का आसन। इस प्रकार से प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने से रोगी के बाल झड़ने की समस्या दूर हो जाती है।
इस रोग का उपचार करते समय प्राकृतिक चिकित्सा के सुझावों पर पूर्ण विश्वास रखना चाहिए और फिर इसका उपचार करना चाहिए।
जिस दिन आप प्राकृतिक चिकित्सा से इस रोग का उपचार कर रहे हों उस दिन कोई भी साबुन या शैम्पू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
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