आयुर्वेद के अनुसार यदि शरीर को बीमारीयों से मुक्त रखना है तो शरीर के लिए कसैले, तीखे, खारे, खट्टे और मीठे रस के साथ कड़वे रस की भी जरूरत होती है। करेले में ही कड़वा रस मौजूद रहता है।
यह अनेक बीमारीयों को उनकी जड़ से ठीक करता है। खून को साफ करना, भूख को बढ़ाना, मल-मूत्र की समस्याओं को दूर करना और बुखार को खत्म करने जैसे अनेक गुण करेले में होते हैं।
करेला का इस्तेमाल औषधीय रूप में कैसे करा जाता है वैदिकवाटिका आपको इस जानकारी को बताएगा साथ ही करेला किन बीमारीयों को दूर करता है और किन लोगों को करेले का सेवन नहीं करना चाहिए।
करेले की सब्जी
अक्सर देखा गया है कि करेले की कड़वाहट को दूर करने के लिए उसके छिलके और रस को निकाल दिया जाता है लेकिन एैसा करना गलत है।
क्योंकि इससे करेले में मौजूद गुण शरीर को ठीक नहीं रख पाते हैं। यदि आप कड़वाहट निकाले बिना करेले की सब्जी खाते हैं तो बुखार, चेहरे की समस्या, गले की सूजन, माइग्रेन, दमा, पथरी, पीले-हरे दस्त, पेट के कीडे़ और कफ जैसी बीमारीयां दूर हो जाती हैं।
गठिया
करेले के पत्तों या करेले का रस को निकालकर उसे गर्म करें और उसे गठिया के दर्द व सूजन वाली जगह पर लगाएं। इससे गठिया के दर्द में आराम मिलता है। साथ ही करेले की सब्जी का सेवन भी नियमित रूप से करते रहें।
डायबिटीज में करेले का फायदा
डायबिटीज हो या ब्लड शुगर की समस्या आधा किलो करेले को काटकर किसी चौड़े तसले में रखें और सुबह में आधे घंटे तक नंगे पैरों से कुचलते रहें। एैसा 14 दिनों तक नियमित करने से ब्लड शुगर नियंत्रित हो जाती है।
खून की कमी की समस्या
जिन लोगों को खून की समस्या है या शरीर में खून न बन रहा हो वे करेल का रस या करेले के पत्तों के रस की दो-दो चम्मच सुबह-शाम प्रतिदिन लें। आपको लाभ मिलेगा।
लीवर वृद्धि
आधा कप करेले के रस में आधा कप पानी और 2 चम्मच शहद मिलाकर पीने से लीवर की समस्या ठीक होती है।
तलवों की जलन
यदि पैरों के तलवों में जलन हो रही हो तो आप करेले को तलवों पर रगड़ें या करेले के रस की मालिश तलवों पर करें। एैसा करने से जलन शांत हो जाती है।
महिलाओं की मासिक समस्या में
मसिक न आने की समस्या हो या कम आने की दिक्कत हो रही हो तो। करेले का 40 मि .ली रस का सेवन दिन में 2 बारी करें। यदि मासिक अधिक आ रहा हो तो करेले का सेवन न करें।
करेले का रस खाली पेट पीना सेहत के लिए अधिक फायदेमंद होता है।
सावधानियां
करेले का प्रयोग वे लोग न करें जिन्हें आंव की परेशानी हो। इसके अलावा जिन लोगों को पाचनतंत्र की कमजोरी की समस्या हो, मल में रक्त की समस्या हो, मुंह में बार-बार छाले पड़ते हों और जो कमजोर शरीर के हों वे भी करेले का सेवन न करें।
करेले के कई फायदे हैं इसलिए सप्ताह में 1 बार करेले का सेवन जरूर करें। बड़े करेले की जगह छोटे करेले का इस्तेमाल करें। भले ही करेला खाने में कड़ा होता हो लेकिन इसके फायदे आपको कई गंभीर बीमारीयों से बचाते हैं।
No comments:
Post a Comment