बालों के पोषण के लिए रक्त (खून) का सही रूप से न मिलना, खराब रक्त (खून) का बालों में संचालन होना, बालों की जड़ों में रोम कूप (छिद्र) बन्द हो जाना, नजले का दूषित तरल (पुराने जुखाम का गंदा पानी) बालों की जड़ों में संचालित होना, ज्यादा सोचना और उदास बने रहने से बालों के रोग हो जाते हैं।
कारण :
बालों की जड़ों में खून का सही रूप से संचालित न होना।
दूषित तरल पदार्थ का बालों की जड़ों में प्रवेश होना।
उदास रहना, ज्यादा सोचना।
विभिन्न औषधियों से उपचार-
1. जौंक : जौंक को जलाकर उसकी राख सरसों के तेल में मिलाकर सिर पर लगाने से बालों के रोग में लाभ होता है।
2. अदरक :
अदरक और प्याज के रस को सेंधानमक के साथ मिलाकर गंजे सिर पर मालिश करने से गंजेपन से राहत मिलती है।
अदरक के टुकडे़ को गिरे हुए बालों पर धीरे-धीरे स्पर्श करने से बालों के रोग मिट जाते हैं।
3. तिल :
200 मिलीलीटर तिल और नारियल (गोला) के 5 मिलीलीटर गर्म तेल में कपूर का चूर्ण मिलाकर उसे ठंड़ा कर लें। इसे सुबह-शाम बालों की जड़ों में मालिश करने से बालों के रोगों में लाभ होता है।
बालों के गिरने पर तिल का तेल लगाने से लाभ होता है और यह सिर को भी ठंड़ा रखता है।
लगभग 10-10 ग्राम तिल के फूल, गोखरू और नमक को एक साथ पीसकर मक्खन में मिलाकर बालों की जड़ों में मालिश करें। इससे बालों के सभी रोग मिट जाते हैं।
4. काला सुर्मा : काला सुर्मा बालों की जड़ों में मालिश करने से बालों के रोग में लाभ मिलता है।
5. उड़द की दाल :
200 ग्राम उड़द की दाल, 100 ग्राम आंवला, 50 ग्राम शिकाकाई, 25 ग्राम मेथी को कूटकर छान लें। इस मिश्रण में से 25 ग्राम को खुराक के रूप में 200 मिलीलीटर पानी के साथ एक घंटा भिगोकर रख दें और इसके बाद इसे अच्छी तरह से मिलाकर छानकर बालों को धो लें। इससे बालों के रोगों में लाभ होता है।
उड़द की दाल उबालकर पीस लें और इसको रात को सोते समय सिर के गंजेपन की जगह पर लगायें। इसका प्रयोग करने से बाल उग आते हैं।
6. गेरू : 20-20 ग्राम गेरू और तिल के फूल को एक साथ कूटकर मिश्रण तैयार कर लें। इसे 1 चम्मच भर लेकर पानी के साथ पीसकर बालों में लगाने से गंजेपन में लाभ होता है।
7. तेज जैतून : 60 ग्राम तेज जैतून में 2 सूखी जौंक को जला लें और इसको ठंडा करके छान लें। इस मिश्रण से बने तेल को सिर के गंजे भाग पर मालिश करने से लाभ होता है।
8. बड़ (बरगद) की दाढ़ी : 60 ग्राम सूखी बड़ की दाढ़ी को पीसकर 250 मिलीलीटर नारियल के तेल में 15 दिनों तक भिगोएं, फिर इसे छानकर रात को सिर में मालिश करें। इससे सिर के गंजेपन से छुटकारा मिल जाता है।
9. सुहागा : 20 ग्राम सुहागा और 10 ग्राम कपूर को 50 मिलीलीटर उबले पानी में मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ धोने से बाल मुलायम तथा काले बनते हैं।
10. झाऊ की जड़ : 100 ग्राम झाऊ की जड़ को छाया में सुखाकर उसे मोटा-मोटा पीसकर 500 मिलीलीटर पानी में उबाल लें जब यह लगभग 100 मिलीलीटर की मात्रा में शेष बचे तो उसे छान लें। इसके बाद इसे 100 मिलीलीटर तिल के तेल में अच्छी तरह मिलाकर बालों में लगाने से सफेद बाल (पलित रोग) जड़ से काले उगते हैं।
11. गोरखमुण्डी : 50 ग्राम गोरखमुण्डी को पीसकर 5 ग्राम की मात्रा में सुबह पानी के साथ रोजाना सेवन करने से बालों के रोगों में लाभ मिलता है।
12. घोड़े की लीद : घोड़े की लीद को छाया में सुखाकर तिल के तेल में जला लें और इसे ठंड़ा होने पर अच्छी तरह से मिलाकर इस तेल से सिर की मालिश करने से बाल लंबे बन जाते हैं।
13. गोखरू :
10-10 ग्राम तिल के फूल और गोखरू को एक साथ पीसकर गाय के दूध में मिलाकर लगाने से बाल लंबे बनते हैं।
गोखरू और तिल के फूलों में उनके बराबर मात्रा में घी और शहद मिलाकर सिर पर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है और फिर से बाल उग आते हैं।
14. ढाक : ढाक के पत्ते और छाल को जलाकर छान लें और इसमें हड़ताल पीसकर मिला दें। इसके बाद बालों को साफ करके इसका प्रयोग करने से बालों के रोग में लाभ मिलता है।
15. राई : लगभग 10-10 ग्राम राई और बकरी की मेंगनी को एक साथ पीसकर लेप बना लें। इस लेप को बालों में प्रयोग करने से बालों के रोग मिट जाते हैं।
16. प्याज :
एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच प्याज का रस मिलाकर बालों को धोने से लाभ होता है।
प्याज के रस को शहद में मिलाकर बालों की जड़ों में रोजाना लगाने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
जहां गंजापन हो वहां प्याज का रस रगड़ने से बाल फिर से उग आते हैं।
17. मक्खन : मक्खन के साथ हल्दी मिलाकर सिर में मालिश करने से बालों को लाभ होता है।
18. अमलबेत : लगभग 10-10 ग्राम की मात्रा में अमलबेत, माजूफल, लालचंदन, निलवरी, औंशचूल मोटा-मोटा कूटकर 100 मिलीलीटर तिल के तेल में जला लें और उसे नीचे उतारकर अच्छी तरह मिलाकर सफेद बालों पर लगायें। इसको लगाने से बाल काले हो जाते हैं।
19. सज्जीखार : 5 ग्राम सज्जीखार, 5 ग्राम जवाखार, 5 ग्राम सरसों, 5 ग्राम कांजी और 5 ग्राम नागकेसर को मोटा-मोटा पीसकर इसे छान लें और इसे पानी के साथ पीसकर बालों पर लगाएं। इससे बालों के रोग धीरे-धीरे समाप्त होते जाते हैं।
20. सुहागा : 5 ग्राम सुहागा और 10 ग्राम कच्चा सुहागा को 250 मिलीलीटर उबलते पानी में मिलाकर रख लें। फिर इसके ठंड़ा होने पर बालों को धोयें। ऐसा प्रयोग करने से बाल मजबूत बनते हैं।
21. चुकन्दर :
50-50 मिलीलीटर चुकन्दर और आंवले के रस को 100 मिलीलीटर तिल के तेल में मिलाकर जला लें। थोड़ा तेल रह जाने पर उतारकर ठंड़ा कर लें। इस तेल को बालों पर मालिश करने से बाल काले हो जाते हैं।
चुकन्दर के रस में आंवले को पीसकर सिर पर लगाने से 7 दिनों के अन्दर गंजे सिर में बाल आने शुरू हो जाते हैं।
चुकन्दर और मेंहदी के पत्तों को जल में भिगोकर पीस लें और इसको माथे पर लगातार कुछ महीने तक लगायें। इससे बालों का झड़ना कम हो जाता है।
22. सिम्बल : 300 ग्राम सिम्बल की जड़ पीसकर मक्खन में मिला लें और इसे बालों की जड़ में अच्छी तरह से मालिश करें। इससे बालों के सभी प्रकार के रोग मिट जाते हैं।
23. कटेरी : कटेरी का रस शहद में मिलाकर सिर के गंजेपन पर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
24. हाथी दांत :
हाथी के दांत की राख में बकरी का दूध और रसौत को मिलाकर गंजेपन पर लगाने से ``इन्द्रलुप्त´´ रोग यानी बालों के गिरने की बीमारी समाप्त हो जाती है और सिर पर फिर से बाल उग आते हैं।
लगभग 10-10 ग्राम रसोत और हाथीदांत को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को बकरी के दूध में मिलाकर बालों में लगाने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
25. चमेली :
चमेली के पत्ते, कनेर, चीता और करंज को पानी के साथ पीस लें, फिर इसकी लुगदी के वजन से 4 गुना मीठा तेल और तेल के वजन से 4 गुना जल और बकरी का दूध लें, इन सबको मिलाकर पका लें। जब थोड़ा तेल ही बाकी रह जाय तब उसे उतारकर छान लें। इस तरह इस तेल को सिर पर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
चमेली के तेल को सिर में लगाने से सिर-दर्द ठीक हो जाता है।
26. नारियल : नारियल का तेल बालों में लगाने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
27. गेहूं :
गेहूं के पौधों के हरे पत्तों का रस निकालकर रोजाना सुबह कुछ दिनों तक लगाने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
गेहूं के पौधों का रस 1 कप रोजाना 40 दिन तक पीने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
28. शरीफा : शरीफा के बीजों को बकरी के दूध के साथ पीसकर लगाने से उड़े बाल फिर से उग आते हैं।
29. बन्दगोभी (पत्तागोभी) : बन्दगोभी की सब्जी खाने और इसके भीतर वाला भाग रोजाना खाने से बालों के रोग मिट जाते हैं।
30. केला : केले के गूदे को नींबू के रस के साथ पीसकर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
31. अनार : अनार के पत्ते को पानी के साथ पीसकर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
32. नमक : 1-1 चम्मच पिसा हुआ नमक और कालीमिर्च, 5 चम्मच नारियल का तेल एक साथ मिलाकर बाल उडे़ जगह पर लगाने से वहां बाल फिर से आ जाते हैं।
33. लहसुन : सिर के बाल उड़ने पर लहसुन को खाने से बाल फिर से उग आते हैं।
34. अरहर :
सिर के धब्बे को खुरदरे कपड़ों से रगड़कर साफ करने के बाद अरहर की दाल पीसकर रोजाना तीन बार इसका प्रयोग करें। इसके दूसरे दिन सरसों का तेल लगाकर धूप में बैठ जाएं और 4 घण्टे बाद फिर से इसे लगायें, इसी तरह कुछ दिनों तक इसका प्रयोग करने से बाल फिर से उग आते हैं।
सिर के बालों के चकत्तों को खुरदरे कपड़े से रगड़कर अरहर की दाल पीसकर 3 बार लेप करें, दूसरे दिन सरसों का तेल लगाकर धूप में बैठें। 4 घण्टे बाद फिर से लेप करें। इस तरह लगातार कुछ दिनों के प्रयोग से सिर के बाल उग आते हैं।
35. धनिया : हरे धनिये का रस सिर के गंजे स्थान पर लगाने से बाल उग आते हैं।
36. दही :
आधा कप दही में एक नींबू निचोड़कर मिला लें। इसे बालों पर लगाएं और 20 मिनट तक लगा रहने दें। 20 मिनट के बाद सिर को धोने से बाल मुलायम एवं काले हो जाएंगे।
एक कप दही में नमक मिलाकर बालों में लगाने से सिर की रूसी दूर हो जाती है।
खट्टे दही को बालों की जड़ों में लगाकर थोड़ी देर तक मालिश करने के बाद उसे ठंड़े पानी से धो लें। इससे बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
37. धतूरा :
4 लीटर सरसों का तेल और धतूरे के पत्तों का रस 16 लीटर को एक साथ मिलाकर मन्दी आंच पर पकायें, जब तेल मात्र शेष रह जाए तो इसे बोतल में भरकर रख लें। इस तेल को बालों में लगाने से सिर की जुंए मर जाती हैं।
धतूरा की पत्तियों के रस को सिर के बालों की जड़ों में लगाने से जुएं व लीखे नष्ट हो जाती हैं। रस में कपूर को मिलाकर लगाने से अधिक प्रभावशाली असर होता है।
38. आंवला :
आंवले का चूर्ण पानी में भिगोकर रात्रि में रख दें। सुबह इस पानी से रोजाना बालों को धोने से उनकी जड़े मजबूत होंगी, उनकी सुंदरता बढ़ेगी और मेंहदी मिलाकर बालों में लगाने से वे काले हो जाते हैं।
सूखा आंवला 30 ग्राम, बहेड़ा 10 ग्राम, आम की गुठली की गिरी 50 ग्राम और लौह चूर्ण 10 ग्राम को रात भर कढ़ाई में भिगोकर रखें। बालों पर इसका नित्य प्रति लेप करने से छोटी आयु में सफेद हुए बाल कुछ ही दिनों में काले पड़ जाते हैं।
आंवला, रीठा और शिकाकाई तीनों का काढ़ा बनाकर सिर को धोने से बाल मुलायम, घने और लंबे होते हैं।
आंवले और आम की गुठली को एक साथ पीसकर सिर में लगाने से जड़ से लंबे, मजबूत और बाल पैदा होते हैं।
39. मुलहठी :
मुलेठी के काढ़े से बाल धोने से बाल बढ़ते हैं।
मुलेठी और तिल को भैंस के दूध में पीसकर सिर पर लेप करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
40. मेथी :
मेथी के दानों को पानी में पीसकर बालों में सोते समय लेप लगाने से रूसी और खुश्की आदि रोग दूर होते हैं।
4 चम्मच अरण्डी तेल, 4 मसले हुए आलू, 2 चम्मच मेथी पाउडर, 2 चम्मच भृंगराज बूटी का पाउडर और 2 चम्मच शिकाकाई पाडडर का गाढ़ा घोल बनाकर बालों और सिर में लगा लें। एक घंटे तक लगा रहने दें और फिर धोयें।
4 चम्मच मेथी पाउडर, एक नींबू का रस, एक केला मसला हुए लेकर रख लें, फिर इन सबको मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को सिर पर लगाकर सूखने के बाद धोने से बाल साफ, मुलायम और चमकदार हो जायेंगे।
मेथी की हरी पत्तियां 70 ग्राम रातभर पानी में पड़ी रखें। प्रात: पानी छानकर निकाल दें और पत्तियों को बिना पानी डालकर पीस लें। इसमें 35 ग्राम दही मिलाकर पेस्ट को बालों पर लेप करें, बालों की जड़ों में लगायें। 20 मिनट बाद धोयें। इस प्राकृतिक कण्डीशनर से बाल मुलायम हो जायेंगें तथा फरास भी निकल जायेगी। मेथी और दही की मात्रा पेस्ट या बालों को कण्डीशनर जैसा बनाने के लिए आवश्यकतानुसार घटा-बढ़ा लें। मेथी के ताजा हरे पत्तों को पीसकर सिर में लगाने से बाल मुलायम होते हैं।
मेथी दाना 1 चम्मच और बेर के 10-15 पत्ते बारीक पीसकर सिर में लगा लें और 1 घण्टे के बाद सिर को धोयें। इससे बाल घुंघराले हो जायेंगे।
4 बड़े चम्मच दही में 3 चम्मच पिसी हुई मेथी दानों को भिगो दें, आधा घंटा भीगने के बाद सिर की त्वचा पर लगाकर आधा घंटा लगायें रखें, फिर बालों धो लें। इससे बाल मुलायम हो जायेंगे।
41. गुड़हल : गुड़हल के फूलों का रस बालों में रोजाना लगाने से बाल उड़ना बन्द हो जाते हैं।
42. नींबू :
नींबू के रस में आंवला के फलों को पीसकर बालों में लगाने से रूसी नष्ट होती है और बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
नहाने से पहले सिर में नींबू के रस से अच्छी तरह मालिश करने से बालों का पकना और गिरना दूर हो जाता है। इसके प्रयोग से जुएं भी नष्ट हो जाती हैं।
10 मिलीलीटर नींबू के रस में 10 मिलीलीटर नारियल का पानी मिलाकर बालों में अच्छी तरह से लगायें। इसको लगाने के 40-45 मिनट बाद बालों को पानी से धो लें। कुछ महीनों तक ऐसा करने से बालों का टूटना बन्द हो जाता है तथा बाल लंबे और घने होते हैं।
रात को सोते समय नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर सिर में मालिश करने से लाभ होता है।
43. अमरबेल :
अमरबेल का काढ़ा सिर के बालों में नियमित रूप से लगाकर 1 घंटे बाद उन्हें धोने से बाल बढ़ते हैं और काले होने लगते हैं।
लगभग 50 ग्राम अमरबेल को कूटकर 1 लीटर पानी में पकाकर बालों को धोने से बाल सुनहरे व चमकदार बनते है, बालों का झड़ना और रूसी में भी इससे लाभ होता है।
44. बेल : बेल को तिल के तेल में पीसकर सिर में लगाने से सिर के गंजेपन में लाभ होता है तथा बालों की जड़ें मजबूत होती हैं।
45. नीम :
नीम के पत्तों को पानी में खूब उबालकर ठंड़ा हो जाने पर इसी पानी से सिर को धोते रहने से बाल मजबूत, काले होते हैं और बालों का गिरना या झड़ना बन्द हो जाता है।
सिर के बाल उड़ जाने पर धब्बे और निशान बन जाते हैं। इसके लिए नीम का तेल प्रयोग में लाने से बाल फिर से उग आते हैं।
नीम का तेल रात को सोने से पहले बालों में लगा लें और सुबह नीम वाले साबुन से सिर को धो लें। कुछ दिनों तक नियमित यह प्रयोग करने से सिर की जुएं और लीखें नष्ट हो जाती हैं।
नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर स्नान करने से अनेक रोगों से मुक्ति मिल जाती है। इससे नहाने से बालों की जुऐं मर जाती हैं।
नीम के पत्तों का काढ़ा बनाकर सिर को धोकर नीम के तेल को रोजाना लगाने से सिर की जुएं और लीखों के कारण होने वाली खुजली बन्द हो जाती है। नीम के बीजों को पीसकर लगाने से भी लाभ होता है।
नीम और बेर के पत्तों को पानी में उबालकर बालों को धोकर बालों को सुखा लें। इसके बाद नीम के तेल को बालों की जड़ों में लगाकर मसलने से बालों का गिरना बन्द हो जाता है।
46. पवांड़ (चक्रमर्द) : पवांड़ के बीज, हालों, राई, सरसों, मालकांगनी और तिल को मिलाकर बारीक चूर्ण बना लें। ऊपर से इसमें थोड़ी सी नारियल की गिरी को डालकर मशीन की मदद से इसका तेल निकलवा लें, अब इस तेल को गर्म करके सिर पर मालिश करें। इससे बालों के रोग के कारण जकड़े कमर, जांघ और पिण्डली आदि अंग ठीक हो जाते हैं और लाभ पहुंचता है।
47. अफीम : इसके बीजों को दूध में पीसकर सिर पर लगाने से फोड़े फुन्सियां एवं रूसी साफ हो जाती हैं।
48. एरण्ड :
ऐसे शिशु जिनके सिर पर बाल नहीं उगते हो या बहुत कम हो या ऐसे पुरुष स्त्री जिनकी पलकों व भौहों पर बहुत कम बाल हों तो उन्हें एरण्ड के तेल की मालिश नियमित रूप से सोते समय करना चाहिए। इससे कुछ ही हफ्तों में सुंदर, घने, लंबे और काले बाल पैदा हो जाएंगे।
एरण्ड के गूदे को पीसकर बाल गिर जाने के बाद लगाने से बाल फिर से उग आते हैं।
49. बरगद :
बरगद के पत्तों की 20 ग्राम राख को 100 मिलीलीटर अलसी के तेल में मिलाकर मलते रहने से सिर के बाल उग आते हैं।
बरगद के स्वच्छ कोमल पत्तों के रस में इसके बराबर मात्रा में तेल मिलाकर गर्म कर लें, इस तेल को बालों में लगाने से बालों के सभी रोग दूर होते हैं।
बरगद की जड़, जटा और जटामांसी का चूर्ण 25-25 ग्राम, तिल का तेल 400 मिलीलीटर तथा गिलोय का रस 2 लीटर सबको मिलाकर धूप में रख लें, जब पानी सूख जाये तो तेल को छानकर रख लें। इस तेल की मालिश से गंजापन दूर होकर बाल आ जाते हैं और बाल झड़ने बन्द हो जाते हैं।
बरगद की जटा और काले तिल को बराबर लेकर खूब बारीक पीसकर लेप बना लें। इस लेप को सिर पर लगाकर आधा घंटे बाद कंघी से बालों को साफ करें और ऊपर से भांगरे एवं नारियल की गिरी को पीसकर लगायें। इससे बाल कुछ ही दिनों में काले और लंबे हो जाते हैं।
सावधानी :
बालों पर एक चमकदार और सुरक्षित परत होती है जिसे क्यूटिकल कहते हैं। जब यह परत टूटती है तो बालों के सिरे भी टूटने लगते हैं। कई बार बालों के अत्यधिक सूखे और कमजोर होने के कारण भी बाल दोमुंहे होने लगते हैं। गीले बालों में कंघी करने से भी बालों की सुरक्षा परत को नुकसान होता है और यह भी बालों के दोमुंहे होने का कारण बनता है। इसी तरह तेज-तेज कंघी करने और धूप में ज्यादा देर रहने से भी बाल कमजोर हो जाते हैं।
दोमुंहे बालों का सबसे अच्छा यही उपचार है कि उन्हें काट दिया जाए। बालों को नियमित रूप से काट-छांटकर उन्हें दोमुंहा होने से बचाया जा सकता है।
कारण :
बालों की जड़ों में खून का सही रूप से संचालित न होना।
दूषित तरल पदार्थ का बालों की जड़ों में प्रवेश होना।
उदास रहना, ज्यादा सोचना।
विभिन्न औषधियों से उपचार-
1. जौंक : जौंक को जलाकर उसकी राख सरसों के तेल में मिलाकर सिर पर लगाने से बालों के रोग में लाभ होता है।
2. अदरक :
अदरक और प्याज के रस को सेंधानमक के साथ मिलाकर गंजे सिर पर मालिश करने से गंजेपन से राहत मिलती है।
अदरक के टुकडे़ को गिरे हुए बालों पर धीरे-धीरे स्पर्श करने से बालों के रोग मिट जाते हैं।
3. तिल :
200 मिलीलीटर तिल और नारियल (गोला) के 5 मिलीलीटर गर्म तेल में कपूर का चूर्ण मिलाकर उसे ठंड़ा कर लें। इसे सुबह-शाम बालों की जड़ों में मालिश करने से बालों के रोगों में लाभ होता है।
बालों के गिरने पर तिल का तेल लगाने से लाभ होता है और यह सिर को भी ठंड़ा रखता है।
लगभग 10-10 ग्राम तिल के फूल, गोखरू और नमक को एक साथ पीसकर मक्खन में मिलाकर बालों की जड़ों में मालिश करें। इससे बालों के सभी रोग मिट जाते हैं।
4. काला सुर्मा : काला सुर्मा बालों की जड़ों में मालिश करने से बालों के रोग में लाभ मिलता है।
5. उड़द की दाल :
200 ग्राम उड़द की दाल, 100 ग्राम आंवला, 50 ग्राम शिकाकाई, 25 ग्राम मेथी को कूटकर छान लें। इस मिश्रण में से 25 ग्राम को खुराक के रूप में 200 मिलीलीटर पानी के साथ एक घंटा भिगोकर रख दें और इसके बाद इसे अच्छी तरह से मिलाकर छानकर बालों को धो लें। इससे बालों के रोगों में लाभ होता है।
उड़द की दाल उबालकर पीस लें और इसको रात को सोते समय सिर के गंजेपन की जगह पर लगायें। इसका प्रयोग करने से बाल उग आते हैं।
6. गेरू : 20-20 ग्राम गेरू और तिल के फूल को एक साथ कूटकर मिश्रण तैयार कर लें। इसे 1 चम्मच भर लेकर पानी के साथ पीसकर बालों में लगाने से गंजेपन में लाभ होता है।
7. तेज जैतून : 60 ग्राम तेज जैतून में 2 सूखी जौंक को जला लें और इसको ठंडा करके छान लें। इस मिश्रण से बने तेल को सिर के गंजे भाग पर मालिश करने से लाभ होता है।
8. बड़ (बरगद) की दाढ़ी : 60 ग्राम सूखी बड़ की दाढ़ी को पीसकर 250 मिलीलीटर नारियल के तेल में 15 दिनों तक भिगोएं, फिर इसे छानकर रात को सिर में मालिश करें। इससे सिर के गंजेपन से छुटकारा मिल जाता है।
9. सुहागा : 20 ग्राम सुहागा और 10 ग्राम कपूर को 50 मिलीलीटर उबले पानी में मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ धोने से बाल मुलायम तथा काले बनते हैं।
10. झाऊ की जड़ : 100 ग्राम झाऊ की जड़ को छाया में सुखाकर उसे मोटा-मोटा पीसकर 500 मिलीलीटर पानी में उबाल लें जब यह लगभग 100 मिलीलीटर की मात्रा में शेष बचे तो उसे छान लें। इसके बाद इसे 100 मिलीलीटर तिल के तेल में अच्छी तरह मिलाकर बालों में लगाने से सफेद बाल (पलित रोग) जड़ से काले उगते हैं।
11. गोरखमुण्डी : 50 ग्राम गोरखमुण्डी को पीसकर 5 ग्राम की मात्रा में सुबह पानी के साथ रोजाना सेवन करने से बालों के रोगों में लाभ मिलता है।
12. घोड़े की लीद : घोड़े की लीद को छाया में सुखाकर तिल के तेल में जला लें और इसे ठंड़ा होने पर अच्छी तरह से मिलाकर इस तेल से सिर की मालिश करने से बाल लंबे बन जाते हैं।
13. गोखरू :
10-10 ग्राम तिल के फूल और गोखरू को एक साथ पीसकर गाय के दूध में मिलाकर लगाने से बाल लंबे बनते हैं।
गोखरू और तिल के फूलों में उनके बराबर मात्रा में घी और शहद मिलाकर सिर पर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है और फिर से बाल उग आते हैं।
14. ढाक : ढाक के पत्ते और छाल को जलाकर छान लें और इसमें हड़ताल पीसकर मिला दें। इसके बाद बालों को साफ करके इसका प्रयोग करने से बालों के रोग में लाभ मिलता है।
15. राई : लगभग 10-10 ग्राम राई और बकरी की मेंगनी को एक साथ पीसकर लेप बना लें। इस लेप को बालों में प्रयोग करने से बालों के रोग मिट जाते हैं।
16. प्याज :
एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच प्याज का रस मिलाकर बालों को धोने से लाभ होता है।
प्याज के रस को शहद में मिलाकर बालों की जड़ों में रोजाना लगाने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
जहां गंजापन हो वहां प्याज का रस रगड़ने से बाल फिर से उग आते हैं।
17. मक्खन : मक्खन के साथ हल्दी मिलाकर सिर में मालिश करने से बालों को लाभ होता है।
18. अमलबेत : लगभग 10-10 ग्राम की मात्रा में अमलबेत, माजूफल, लालचंदन, निलवरी, औंशचूल मोटा-मोटा कूटकर 100 मिलीलीटर तिल के तेल में जला लें और उसे नीचे उतारकर अच्छी तरह मिलाकर सफेद बालों पर लगायें। इसको लगाने से बाल काले हो जाते हैं।
19. सज्जीखार : 5 ग्राम सज्जीखार, 5 ग्राम जवाखार, 5 ग्राम सरसों, 5 ग्राम कांजी और 5 ग्राम नागकेसर को मोटा-मोटा पीसकर इसे छान लें और इसे पानी के साथ पीसकर बालों पर लगाएं। इससे बालों के रोग धीरे-धीरे समाप्त होते जाते हैं।
20. सुहागा : 5 ग्राम सुहागा और 10 ग्राम कच्चा सुहागा को 250 मिलीलीटर उबलते पानी में मिलाकर रख लें। फिर इसके ठंड़ा होने पर बालों को धोयें। ऐसा प्रयोग करने से बाल मजबूत बनते हैं।
21. चुकन्दर :
50-50 मिलीलीटर चुकन्दर और आंवले के रस को 100 मिलीलीटर तिल के तेल में मिलाकर जला लें। थोड़ा तेल रह जाने पर उतारकर ठंड़ा कर लें। इस तेल को बालों पर मालिश करने से बाल काले हो जाते हैं।
चुकन्दर के रस में आंवले को पीसकर सिर पर लगाने से 7 दिनों के अन्दर गंजे सिर में बाल आने शुरू हो जाते हैं।
चुकन्दर और मेंहदी के पत्तों को जल में भिगोकर पीस लें और इसको माथे पर लगातार कुछ महीने तक लगायें। इससे बालों का झड़ना कम हो जाता है।
22. सिम्बल : 300 ग्राम सिम्बल की जड़ पीसकर मक्खन में मिला लें और इसे बालों की जड़ में अच्छी तरह से मालिश करें। इससे बालों के सभी प्रकार के रोग मिट जाते हैं।
23. कटेरी : कटेरी का रस शहद में मिलाकर सिर के गंजेपन पर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
24. हाथी दांत :
हाथी के दांत की राख में बकरी का दूध और रसौत को मिलाकर गंजेपन पर लगाने से ``इन्द्रलुप्त´´ रोग यानी बालों के गिरने की बीमारी समाप्त हो जाती है और सिर पर फिर से बाल उग आते हैं।
लगभग 10-10 ग्राम रसोत और हाथीदांत को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को बकरी के दूध में मिलाकर बालों में लगाने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
25. चमेली :
चमेली के पत्ते, कनेर, चीता और करंज को पानी के साथ पीस लें, फिर इसकी लुगदी के वजन से 4 गुना मीठा तेल और तेल के वजन से 4 गुना जल और बकरी का दूध लें, इन सबको मिलाकर पका लें। जब थोड़ा तेल ही बाकी रह जाय तब उसे उतारकर छान लें। इस तरह इस तेल को सिर पर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
चमेली के तेल को सिर में लगाने से सिर-दर्द ठीक हो जाता है।
26. नारियल : नारियल का तेल बालों में लगाने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
27. गेहूं :
गेहूं के पौधों के हरे पत्तों का रस निकालकर रोजाना सुबह कुछ दिनों तक लगाने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
गेहूं के पौधों का रस 1 कप रोजाना 40 दिन तक पीने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
28. शरीफा : शरीफा के बीजों को बकरी के दूध के साथ पीसकर लगाने से उड़े बाल फिर से उग आते हैं।
29. बन्दगोभी (पत्तागोभी) : बन्दगोभी की सब्जी खाने और इसके भीतर वाला भाग रोजाना खाने से बालों के रोग मिट जाते हैं।
30. केला : केले के गूदे को नींबू के रस के साथ पीसकर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
31. अनार : अनार के पत्ते को पानी के साथ पीसकर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
32. नमक : 1-1 चम्मच पिसा हुआ नमक और कालीमिर्च, 5 चम्मच नारियल का तेल एक साथ मिलाकर बाल उडे़ जगह पर लगाने से वहां बाल फिर से आ जाते हैं।
33. लहसुन : सिर के बाल उड़ने पर लहसुन को खाने से बाल फिर से उग आते हैं।
34. अरहर :
सिर के धब्बे को खुरदरे कपड़ों से रगड़कर साफ करने के बाद अरहर की दाल पीसकर रोजाना तीन बार इसका प्रयोग करें। इसके दूसरे दिन सरसों का तेल लगाकर धूप में बैठ जाएं और 4 घण्टे बाद फिर से इसे लगायें, इसी तरह कुछ दिनों तक इसका प्रयोग करने से बाल फिर से उग आते हैं।
सिर के बालों के चकत्तों को खुरदरे कपड़े से रगड़कर अरहर की दाल पीसकर 3 बार लेप करें, दूसरे दिन सरसों का तेल लगाकर धूप में बैठें। 4 घण्टे बाद फिर से लेप करें। इस तरह लगातार कुछ दिनों के प्रयोग से सिर के बाल उग आते हैं।
35. धनिया : हरे धनिये का रस सिर के गंजे स्थान पर लगाने से बाल उग आते हैं।
36. दही :
आधा कप दही में एक नींबू निचोड़कर मिला लें। इसे बालों पर लगाएं और 20 मिनट तक लगा रहने दें। 20 मिनट के बाद सिर को धोने से बाल मुलायम एवं काले हो जाएंगे।
एक कप दही में नमक मिलाकर बालों में लगाने से सिर की रूसी दूर हो जाती है।
खट्टे दही को बालों की जड़ों में लगाकर थोड़ी देर तक मालिश करने के बाद उसे ठंड़े पानी से धो लें। इससे बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
37. धतूरा :
4 लीटर सरसों का तेल और धतूरे के पत्तों का रस 16 लीटर को एक साथ मिलाकर मन्दी आंच पर पकायें, जब तेल मात्र शेष रह जाए तो इसे बोतल में भरकर रख लें। इस तेल को बालों में लगाने से सिर की जुंए मर जाती हैं।
धतूरा की पत्तियों के रस को सिर के बालों की जड़ों में लगाने से जुएं व लीखे नष्ट हो जाती हैं। रस में कपूर को मिलाकर लगाने से अधिक प्रभावशाली असर होता है।
38. आंवला :
आंवले का चूर्ण पानी में भिगोकर रात्रि में रख दें। सुबह इस पानी से रोजाना बालों को धोने से उनकी जड़े मजबूत होंगी, उनकी सुंदरता बढ़ेगी और मेंहदी मिलाकर बालों में लगाने से वे काले हो जाते हैं।
सूखा आंवला 30 ग्राम, बहेड़ा 10 ग्राम, आम की गुठली की गिरी 50 ग्राम और लौह चूर्ण 10 ग्राम को रात भर कढ़ाई में भिगोकर रखें। बालों पर इसका नित्य प्रति लेप करने से छोटी आयु में सफेद हुए बाल कुछ ही दिनों में काले पड़ जाते हैं।
आंवला, रीठा और शिकाकाई तीनों का काढ़ा बनाकर सिर को धोने से बाल मुलायम, घने और लंबे होते हैं।
आंवले और आम की गुठली को एक साथ पीसकर सिर में लगाने से जड़ से लंबे, मजबूत और बाल पैदा होते हैं।
39. मुलहठी :
मुलेठी के काढ़े से बाल धोने से बाल बढ़ते हैं।
मुलेठी और तिल को भैंस के दूध में पीसकर सिर पर लेप करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
40. मेथी :
मेथी के दानों को पानी में पीसकर बालों में सोते समय लेप लगाने से रूसी और खुश्की आदि रोग दूर होते हैं।
4 चम्मच अरण्डी तेल, 4 मसले हुए आलू, 2 चम्मच मेथी पाउडर, 2 चम्मच भृंगराज बूटी का पाउडर और 2 चम्मच शिकाकाई पाडडर का गाढ़ा घोल बनाकर बालों और सिर में लगा लें। एक घंटे तक लगा रहने दें और फिर धोयें।
4 चम्मच मेथी पाउडर, एक नींबू का रस, एक केला मसला हुए लेकर रख लें, फिर इन सबको मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को सिर पर लगाकर सूखने के बाद धोने से बाल साफ, मुलायम और चमकदार हो जायेंगे।
मेथी की हरी पत्तियां 70 ग्राम रातभर पानी में पड़ी रखें। प्रात: पानी छानकर निकाल दें और पत्तियों को बिना पानी डालकर पीस लें। इसमें 35 ग्राम दही मिलाकर पेस्ट को बालों पर लेप करें, बालों की जड़ों में लगायें। 20 मिनट बाद धोयें। इस प्राकृतिक कण्डीशनर से बाल मुलायम हो जायेंगें तथा फरास भी निकल जायेगी। मेथी और दही की मात्रा पेस्ट या बालों को कण्डीशनर जैसा बनाने के लिए आवश्यकतानुसार घटा-बढ़ा लें। मेथी के ताजा हरे पत्तों को पीसकर सिर में लगाने से बाल मुलायम होते हैं।
मेथी दाना 1 चम्मच और बेर के 10-15 पत्ते बारीक पीसकर सिर में लगा लें और 1 घण्टे के बाद सिर को धोयें। इससे बाल घुंघराले हो जायेंगे।
4 बड़े चम्मच दही में 3 चम्मच पिसी हुई मेथी दानों को भिगो दें, आधा घंटा भीगने के बाद सिर की त्वचा पर लगाकर आधा घंटा लगायें रखें, फिर बालों धो लें। इससे बाल मुलायम हो जायेंगे।
41. गुड़हल : गुड़हल के फूलों का रस बालों में रोजाना लगाने से बाल उड़ना बन्द हो जाते हैं।
42. नींबू :
नींबू के रस में आंवला के फलों को पीसकर बालों में लगाने से रूसी नष्ट होती है और बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
नहाने से पहले सिर में नींबू के रस से अच्छी तरह मालिश करने से बालों का पकना और गिरना दूर हो जाता है। इसके प्रयोग से जुएं भी नष्ट हो जाती हैं।
10 मिलीलीटर नींबू के रस में 10 मिलीलीटर नारियल का पानी मिलाकर बालों में अच्छी तरह से लगायें। इसको लगाने के 40-45 मिनट बाद बालों को पानी से धो लें। कुछ महीनों तक ऐसा करने से बालों का टूटना बन्द हो जाता है तथा बाल लंबे और घने होते हैं।
रात को सोते समय नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर सिर में मालिश करने से लाभ होता है।
43. अमरबेल :
अमरबेल का काढ़ा सिर के बालों में नियमित रूप से लगाकर 1 घंटे बाद उन्हें धोने से बाल बढ़ते हैं और काले होने लगते हैं।
लगभग 50 ग्राम अमरबेल को कूटकर 1 लीटर पानी में पकाकर बालों को धोने से बाल सुनहरे व चमकदार बनते है, बालों का झड़ना और रूसी में भी इससे लाभ होता है।
44. बेल : बेल को तिल के तेल में पीसकर सिर में लगाने से सिर के गंजेपन में लाभ होता है तथा बालों की जड़ें मजबूत होती हैं।
45. नीम :
नीम के पत्तों को पानी में खूब उबालकर ठंड़ा हो जाने पर इसी पानी से सिर को धोते रहने से बाल मजबूत, काले होते हैं और बालों का गिरना या झड़ना बन्द हो जाता है।
सिर के बाल उड़ जाने पर धब्बे और निशान बन जाते हैं। इसके लिए नीम का तेल प्रयोग में लाने से बाल फिर से उग आते हैं।
नीम का तेल रात को सोने से पहले बालों में लगा लें और सुबह नीम वाले साबुन से सिर को धो लें। कुछ दिनों तक नियमित यह प्रयोग करने से सिर की जुएं और लीखें नष्ट हो जाती हैं।
नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर स्नान करने से अनेक रोगों से मुक्ति मिल जाती है। इससे नहाने से बालों की जुऐं मर जाती हैं।
नीम के पत्तों का काढ़ा बनाकर सिर को धोकर नीम के तेल को रोजाना लगाने से सिर की जुएं और लीखों के कारण होने वाली खुजली बन्द हो जाती है। नीम के बीजों को पीसकर लगाने से भी लाभ होता है।
नीम और बेर के पत्तों को पानी में उबालकर बालों को धोकर बालों को सुखा लें। इसके बाद नीम के तेल को बालों की जड़ों में लगाकर मसलने से बालों का गिरना बन्द हो जाता है।
46. पवांड़ (चक्रमर्द) : पवांड़ के बीज, हालों, राई, सरसों, मालकांगनी और तिल को मिलाकर बारीक चूर्ण बना लें। ऊपर से इसमें थोड़ी सी नारियल की गिरी को डालकर मशीन की मदद से इसका तेल निकलवा लें, अब इस तेल को गर्म करके सिर पर मालिश करें। इससे बालों के रोग के कारण जकड़े कमर, जांघ और पिण्डली आदि अंग ठीक हो जाते हैं और लाभ पहुंचता है।
47. अफीम : इसके बीजों को दूध में पीसकर सिर पर लगाने से फोड़े फुन्सियां एवं रूसी साफ हो जाती हैं।
48. एरण्ड :
ऐसे शिशु जिनके सिर पर बाल नहीं उगते हो या बहुत कम हो या ऐसे पुरुष स्त्री जिनकी पलकों व भौहों पर बहुत कम बाल हों तो उन्हें एरण्ड के तेल की मालिश नियमित रूप से सोते समय करना चाहिए। इससे कुछ ही हफ्तों में सुंदर, घने, लंबे और काले बाल पैदा हो जाएंगे।
एरण्ड के गूदे को पीसकर बाल गिर जाने के बाद लगाने से बाल फिर से उग आते हैं।
49. बरगद :
बरगद के पत्तों की 20 ग्राम राख को 100 मिलीलीटर अलसी के तेल में मिलाकर मलते रहने से सिर के बाल उग आते हैं।
बरगद के स्वच्छ कोमल पत्तों के रस में इसके बराबर मात्रा में तेल मिलाकर गर्म कर लें, इस तेल को बालों में लगाने से बालों के सभी रोग दूर होते हैं।
बरगद की जड़, जटा और जटामांसी का चूर्ण 25-25 ग्राम, तिल का तेल 400 मिलीलीटर तथा गिलोय का रस 2 लीटर सबको मिलाकर धूप में रख लें, जब पानी सूख जाये तो तेल को छानकर रख लें। इस तेल की मालिश से गंजापन दूर होकर बाल आ जाते हैं और बाल झड़ने बन्द हो जाते हैं।
बरगद की जटा और काले तिल को बराबर लेकर खूब बारीक पीसकर लेप बना लें। इस लेप को सिर पर लगाकर आधा घंटे बाद कंघी से बालों को साफ करें और ऊपर से भांगरे एवं नारियल की गिरी को पीसकर लगायें। इससे बाल कुछ ही दिनों में काले और लंबे हो जाते हैं।
सावधानी :
बालों पर एक चमकदार और सुरक्षित परत होती है जिसे क्यूटिकल कहते हैं। जब यह परत टूटती है तो बालों के सिरे भी टूटने लगते हैं। कई बार बालों के अत्यधिक सूखे और कमजोर होने के कारण भी बाल दोमुंहे होने लगते हैं। गीले बालों में कंघी करने से भी बालों की सुरक्षा परत को नुकसान होता है और यह भी बालों के दोमुंहे होने का कारण बनता है। इसी तरह तेज-तेज कंघी करने और धूप में ज्यादा देर रहने से भी बाल कमजोर हो जाते हैं।
दोमुंहे बालों का सबसे अच्छा यही उपचार है कि उन्हें काट दिया जाए। बालों को नियमित रूप से काट-छांटकर उन्हें दोमुंहा होने से बचाया जा सकता है।
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