आज हम आपको बताने जा रहें हैं अस्थमा के लिए एक ऐसा नुस्खा, जो बहुत कारगर है. ये नुस्खा एक ऐसे भाई ने बताया है जिन्होंने एक बुढिया को जिसको 15 सालों से अस्थमा था उसका ये अस्थमा एक महीने में बिलकुल सही कर दिया था. तो उनके कहने पर यह प्रयोग लोक कल्याणार्थ हम आज यहाँ पर हम आपको बताने जा रहें हैं. आइये जाने.
दोस्तों जिस भी व्यक्ति को अस्थमा हो उस व्यक्ति को सुबह शौच जाने के 15 मिनट बाद और इसके कम से कम एक घंटे के बाद नाश्ता करवाना है और नाश्ते में और खाने में कफ कारक वस्तुओं का सेवन नहीं करना है.
एक मुट्ठी साबुत इसबगोल (यह आपको किसी भी पंसारी से या किराने वाले के पास मिल जायेगा – गुजरात राजस्थान में ये बहुत मिलता है) इसकी पूरी जानकारी आप हमारे इस लेख से प्राप्त कर सकते हैं.
[इसबगोल की जानकारी और इस के आयुर्वेदिक प्रयोग]
एक मुट्ठी साबुत इसबगोल (ध्यान रहे के हम साबुत इसबगोल की बात कर रहें हैं इसके छिलके की नहीं). जैसा यहाँ पर चित्र में दिखाया है. एक मुट्ठी साबुत इसबगोल ले कर इसको रोजाना सुबह शौच के बाद और नाश्ते से एक घंटा पहले गरमा गर्म गाय के दूध के साथ देना है. उन सज्जन के अनुसार ये प्रयोग पुराने से पुराने अस्थमा को सही करने में बेहद लाभकारी है. मगर इसमें थोडा समय ज्यादा लगता है. रोग की आयु देखते हुए पुराने से पुराना अस्थमा एक महीने तक सही हो सकता है.
तो मित्रों है ना ये प्रयोग बेहद आसान. और इसको करने का कोई झंझट भी नहीं है. तो क्यों ना आप इसको एक बार try कर के देखें.
अस्थमा वाले मरीजों को कफ कारक और ठंडी चीजे नहीं खानी चाहिए. भोजन भी गर्म करना चाहिए. और दूध तो सिर्फ देसी गाय का ही पीना चाहिए
दोस्तों जिस भी व्यक्ति को अस्थमा हो उस व्यक्ति को सुबह शौच जाने के 15 मिनट बाद और इसके कम से कम एक घंटे के बाद नाश्ता करवाना है और नाश्ते में और खाने में कफ कारक वस्तुओं का सेवन नहीं करना है.
एक मुट्ठी साबुत इसबगोल (यह आपको किसी भी पंसारी से या किराने वाले के पास मिल जायेगा – गुजरात राजस्थान में ये बहुत मिलता है) इसकी पूरी जानकारी आप हमारे इस लेख से प्राप्त कर सकते हैं.
[इसबगोल की जानकारी और इस के आयुर्वेदिक प्रयोग]
एक मुट्ठी साबुत इसबगोल (ध्यान रहे के हम साबुत इसबगोल की बात कर रहें हैं इसके छिलके की नहीं). जैसा यहाँ पर चित्र में दिखाया है. एक मुट्ठी साबुत इसबगोल ले कर इसको रोजाना सुबह शौच के बाद और नाश्ते से एक घंटा पहले गरमा गर्म गाय के दूध के साथ देना है. उन सज्जन के अनुसार ये प्रयोग पुराने से पुराने अस्थमा को सही करने में बेहद लाभकारी है. मगर इसमें थोडा समय ज्यादा लगता है. रोग की आयु देखते हुए पुराने से पुराना अस्थमा एक महीने तक सही हो सकता है.
तो मित्रों है ना ये प्रयोग बेहद आसान. और इसको करने का कोई झंझट भी नहीं है. तो क्यों ना आप इसको एक बार try कर के देखें.
अस्थमा वाले मरीजों को कफ कारक और ठंडी चीजे नहीं खानी चाहिए. भोजन भी गर्म करना चाहिए. और दूध तो सिर्फ देसी गाय का ही पीना चाहिए
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