बहुत ठंडे पदार्थों का बहुत अधिक सेवन करना।
कफकारी या आहार की अधिकता।
मीठे और भारी पदार्थों का अधिक सेवन करना।
चावल, उड़द, मक्खन, मांसाहार का सेवन भी कफ बनाता है
खट्टे रस वाले पदार्थों का सेवन भी कफ बनाता है।
भोजन के पचे बिना दूसरा भोजन करने की प्रवृत्ति से भी कफ बढ़ जाता है।
असंयमित दिनचर्या जैसे दिन में सोना, देर तक सोए रहना, ज्यादा देर बैठे-बैठे काम करना, आलस्यपूर्ण दिनचर्या, योग-व्यायाम या श्रम का अभाव आदि से भी कफ बढ़ता है।
एसी का अधिक देर तक प्रयोग करने से भी कफ हो जाता है।
कफ शांत करने के उपाय -
शहद मिला गुनगुना पानी सुबह खाली पेट लेना चाहिए।
शीतल आहार बंद करना चाहिए।
सुबह नमक-हल्दी युक्त गुनगुने पानी के गरारे करें।
पेट को साफ रखें, कब्ज न रहने दें।
कफकारी पदार्थों का सेवन बंद करना चाहिए।
त्रिफला, चना, मूंग, आंवला, गिलोए, लहसुन, नीम आदि पदार्थ कफ को शांत करते हैं।
रात को ज्यादा खाने से भी सुबह कोल्ड हो जाता है, इसलिए कफ शांत करने के लिए रात का भोजन हल्का लें।
उबले व स्वच्छ जल का सेवन करना चाहिए।
गर्म पानी से स्नान करना चाहिए।
गर्म वातावरण में रहना, समय पर सोना, समय पर जागना, समय पर खाना आदि उत्तम और आवश्यक उपाय हैं।
उपवास चिकित्सा -
सप्ताह में एक दिन या 15 दिन पर या फिर कम से कम माह में एक बार उपवास अवश्य रखें क्युकि उपवास करने से कफ का प्रकोप बहुत जल्द शांत होता है।
कच्ची सब्जियां, फल, सब्जियों का रस, फलों का रस, नारियल पानी, नीबू पानी, हल्दी युक्त दूध आदि आहार तथा रसाहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।
आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स, शेक आदि का इस्तेमाल न करें।
डब्बा बंद खाद्य पदार्थ, मांसाहार, ओवर ईटिंग, बहुत ज्यादा मीठे पदार्थ, खट्टे पदार्थ के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
एक साथ ठंडा-गर्म खाना और बंद कमरे में रहने से बचना चाहिए।
आहार-विहार -
कफ होने पर अजवाइन के पानी की भाप लें।
सौंफ, अदरक, इलाइची, तुलसी पत्ता, मुलेठी, पुदीने का काढ़ा दिन में एक से दो बार लें या ग्रीन टी का इस्तेमाल करें।
नाभि पर सरसों का तेल गुनगुना करके लगाएं और दिन भर में एक-दो बार नाक में बादाम का तेल लगाएं।
गुनगुने पानी में हल्का नमक डाल कर जल नेति करें। इससे नाक साफ हो जाएगी और कफ-बलगम निकल जाएगा।
सुबह खाली पेट तीन से पांच गिलास गुनगुना पानी पीकर कुंजल क्रिया करें। कागासन में बैठ कर तीन से पांच गिलास पानी लगातार पिएं। फिर खड़े होकर नीचे झुकते हुए बायां हाथ पेट के ऊपरी भाग पर दबाएं और सीधे हाथ की तीन उंगलियां जीभ के ऊपरी भाग पर दबा कर उल्टी करें। यह कुंजल क्रिया है। हृदय रोगी, हाई बीपी के रोगी और अल्सर के रोगी इस क्रिया को न करें।....
कफकारी या आहार की अधिकता।
मीठे और भारी पदार्थों का अधिक सेवन करना।
चावल, उड़द, मक्खन, मांसाहार का सेवन भी कफ बनाता है
खट्टे रस वाले पदार्थों का सेवन भी कफ बनाता है।
भोजन के पचे बिना दूसरा भोजन करने की प्रवृत्ति से भी कफ बढ़ जाता है।
असंयमित दिनचर्या जैसे दिन में सोना, देर तक सोए रहना, ज्यादा देर बैठे-बैठे काम करना, आलस्यपूर्ण दिनचर्या, योग-व्यायाम या श्रम का अभाव आदि से भी कफ बढ़ता है।
एसी का अधिक देर तक प्रयोग करने से भी कफ हो जाता है।
कफ शांत करने के उपाय -
शहद मिला गुनगुना पानी सुबह खाली पेट लेना चाहिए।
शीतल आहार बंद करना चाहिए।
सुबह नमक-हल्दी युक्त गुनगुने पानी के गरारे करें।
पेट को साफ रखें, कब्ज न रहने दें।
कफकारी पदार्थों का सेवन बंद करना चाहिए।
त्रिफला, चना, मूंग, आंवला, गिलोए, लहसुन, नीम आदि पदार्थ कफ को शांत करते हैं।
रात को ज्यादा खाने से भी सुबह कोल्ड हो जाता है, इसलिए कफ शांत करने के लिए रात का भोजन हल्का लें।
उबले व स्वच्छ जल का सेवन करना चाहिए।
गर्म पानी से स्नान करना चाहिए।
गर्म वातावरण में रहना, समय पर सोना, समय पर जागना, समय पर खाना आदि उत्तम और आवश्यक उपाय हैं।
उपवास चिकित्सा -
सप्ताह में एक दिन या 15 दिन पर या फिर कम से कम माह में एक बार उपवास अवश्य रखें क्युकि उपवास करने से कफ का प्रकोप बहुत जल्द शांत होता है।
कच्ची सब्जियां, फल, सब्जियों का रस, फलों का रस, नारियल पानी, नीबू पानी, हल्दी युक्त दूध आदि आहार तथा रसाहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।
आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स, शेक आदि का इस्तेमाल न करें।
डब्बा बंद खाद्य पदार्थ, मांसाहार, ओवर ईटिंग, बहुत ज्यादा मीठे पदार्थ, खट्टे पदार्थ के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
एक साथ ठंडा-गर्म खाना और बंद कमरे में रहने से बचना चाहिए।
आहार-विहार -
कफ होने पर अजवाइन के पानी की भाप लें।
सौंफ, अदरक, इलाइची, तुलसी पत्ता, मुलेठी, पुदीने का काढ़ा दिन में एक से दो बार लें या ग्रीन टी का इस्तेमाल करें।
नाभि पर सरसों का तेल गुनगुना करके लगाएं और दिन भर में एक-दो बार नाक में बादाम का तेल लगाएं।
गुनगुने पानी में हल्का नमक डाल कर जल नेति करें। इससे नाक साफ हो जाएगी और कफ-बलगम निकल जाएगा।
सुबह खाली पेट तीन से पांच गिलास गुनगुना पानी पीकर कुंजल क्रिया करें। कागासन में बैठ कर तीन से पांच गिलास पानी लगातार पिएं। फिर खड़े होकर नीचे झुकते हुए बायां हाथ पेट के ऊपरी भाग पर दबाएं और सीधे हाथ की तीन उंगलियां जीभ के ऊपरी भाग पर दबा कर उल्टी करें। यह कुंजल क्रिया है। हृदय रोगी, हाई बीपी के रोगी और अल्सर के रोगी इस क्रिया को न करें।....
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