किसी भी कारण से अगर आप रात में ठीक से नींद नहीं ले पा रहे हैं या फिर नींद पूरी नहीं हो रही है, तो सावधान हो जाएं। इससे आपकी सेहत बिगड़ सकती है।
रातों की नींद उडऩा न सिर्फ मोटापे, बल्कि उच्च रक्तचाप को बुलावा देना है। एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक नींद की कमी का असर कामकाज और स्वास्थ्य पर पड़ता है और इससे आत्मनियंत्रण कम होता जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार नींद की कमी की वजह से व्यक्ति की निर्णय क्षमता प्रभावित होती है जिसके कारण वह ज्यादा प्रतिक्रियावादी होता है और एकाग्रता भी कम जाती है।
अगर हमारे सामने परस्पर विरोधी इच्छाएं और अवसर आते हैं तो आत्मनियंत्रण के जरिए ही हम उन पर काबू पाकर उचित निर्णय लेते हैं।
अगर नींद कम ली जाये या हर दिन सोने के घंटे घटते-बढ़ते रहे या सोने का समय निर्धारित न हो तो वैसे लोग आत्मनियंत्रण खोने लगते हैं।
आत्मनियंत्रण की कमी से व्यक्ति के अंदर गुस्सा जल्दी पनपने लगता है जिससे ऑफिस और घर दोनों जगहों पर मुसीबतें पैदा होती हैं। अच्छी नींद लेने पर व्यक्ति के अंदर ऊर्जा का स्तर बना रहता है और ऊर्जावान व्यक्ति कठिन निर्णय लेने की क्षमता रखता है। वह आसान रास्तों को नहीं तलाशता या हल्के काम नहीं लेता।..
रातों की नींद उडऩा न सिर्फ मोटापे, बल्कि उच्च रक्तचाप को बुलावा देना है। एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक नींद की कमी का असर कामकाज और स्वास्थ्य पर पड़ता है और इससे आत्मनियंत्रण कम होता जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार नींद की कमी की वजह से व्यक्ति की निर्णय क्षमता प्रभावित होती है जिसके कारण वह ज्यादा प्रतिक्रियावादी होता है और एकाग्रता भी कम जाती है।
अगर हमारे सामने परस्पर विरोधी इच्छाएं और अवसर आते हैं तो आत्मनियंत्रण के जरिए ही हम उन पर काबू पाकर उचित निर्णय लेते हैं।
अगर नींद कम ली जाये या हर दिन सोने के घंटे घटते-बढ़ते रहे या सोने का समय निर्धारित न हो तो वैसे लोग आत्मनियंत्रण खोने लगते हैं।
आत्मनियंत्रण की कमी से व्यक्ति के अंदर गुस्सा जल्दी पनपने लगता है जिससे ऑफिस और घर दोनों जगहों पर मुसीबतें पैदा होती हैं। अच्छी नींद लेने पर व्यक्ति के अंदर ऊर्जा का स्तर बना रहता है और ऊर्जावान व्यक्ति कठिन निर्णय लेने की क्षमता रखता है। वह आसान रास्तों को नहीं तलाशता या हल्के काम नहीं लेता।..
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