प्राकृतिक मिठाई के तौर पर पहचाना जाने वाला गुड़, स्वाद के साथ ही सेहत का भी खजाना है,गुड़ उन लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जिनके शरीर में खून की कमी (एनीमिया) होती है, क्योंकि गुड आयरन का एक बहुत ही अच्छा स्रोत होता है और यह शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल बढाने में मदद करता है।गुड हमारी पाचन क्रिया के लिए भी काफी अच्छा होता है इसलिए गुड को थोड़ी मात्रा में खाना खाने के बाद जरूर खाना चाहिए।
गुड का प्रयोग पीलिया रोग का उपचार करने के लिये भी किया जाता है। गुड का इस्तेमाल विभिन्न तरह की अलग अलग डिश बनाने में किया जाता है जैसे – तिल गुड की चिक्की, गुड की खीर, गुड का परांठा आदि। इन सभी डिश को आप सर्दियों में मौसम में बना सकते है गुड में अधिक मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में सहायता करता है अगर आप कब्ज की समस्या से परेशान है तो रात में खाना खाने के बाद एक टुकड़ा गुड खाने से आप कब्ज की समस्या से मुक्ति पा सकते है।
5 gm. सौंठ 10 gm. गुड़ के साथ लेने से पीलिया रोग में लाभ होता है।गुड़ का हलवा खाने से स्मरण शक्ति बढती है। 5gm. गुड़ को इतने ही सरसों के तेल में मिलाकर खाने से श्वास रोग से छुटकारा मिलता है।
पाचन तंत्र को ठीक करता है गुड या प्राकर्तिक शक्कर खाने से खून साफ होता है रोज़ खाना खाने के बाद गुड खाने से पेट में ठंडक मिलती है और गैस नहीं बनती है । दूध के साथ गुड खाने से पाचन तंत्र हेल्थी रहता है । मासिक धर्म में दर्द - जिन महिलाओ को मासिक धरम के दौरान दर्द रहता हो उन्हें गुड खाना चाहिए इससे पेट को आराम मिलता है और दर्द में राहत मिलती है । लौह तत्व से भरपूर
- गुड या प्राकर्तिक शक्कर में खून के लिए जरूरी
लौह तत्व भरपूर मात्रा में होता है ।अतः इसे अनीमिया के मरीजों को खाना चाहिए ।
स्किन के लिए गुणकारी - गुड खाने से खून के बुरे तत्व साफ हो जाते है जिससे त्वचा में निखर आता है और कील
मुहांसो की समस्या भी दूर रहती है। सर्दी में उपयोग -सर्दी खांसी में या प्राकर्तिक शक्कर से राहत मिलती है और चाय में या लड्डू में भी इसका उपयोग किया जा सकता है ।ऊर्जा का स्त्रोत - गुड खाने से हमें ऊर्जा मिलती है जब भी थकन या
कमजोरी लगे तो गुड खाने से तुरंत आराम मिलता है। दमा के मरीज़ो को गुड या शक्कर का सेवन फायदेमंद रहता है
गुड का प्रयोग पीलिया रोग का उपचार करने के लिये भी किया जाता है। गुड का इस्तेमाल विभिन्न तरह की अलग अलग डिश बनाने में किया जाता है जैसे – तिल गुड की चिक्की, गुड की खीर, गुड का परांठा आदि। इन सभी डिश को आप सर्दियों में मौसम में बना सकते है गुड में अधिक मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में सहायता करता है अगर आप कब्ज की समस्या से परेशान है तो रात में खाना खाने के बाद एक टुकड़ा गुड खाने से आप कब्ज की समस्या से मुक्ति पा सकते है।
5 gm. सौंठ 10 gm. गुड़ के साथ लेने से पीलिया रोग में लाभ होता है।गुड़ का हलवा खाने से स्मरण शक्ति बढती है। 5gm. गुड़ को इतने ही सरसों के तेल में मिलाकर खाने से श्वास रोग से छुटकारा मिलता है।
पाचन तंत्र को ठीक करता है गुड या प्राकर्तिक शक्कर खाने से खून साफ होता है रोज़ खाना खाने के बाद गुड खाने से पेट में ठंडक मिलती है और गैस नहीं बनती है । दूध के साथ गुड खाने से पाचन तंत्र हेल्थी रहता है । मासिक धर्म में दर्द - जिन महिलाओ को मासिक धरम के दौरान दर्द रहता हो उन्हें गुड खाना चाहिए इससे पेट को आराम मिलता है और दर्द में राहत मिलती है । लौह तत्व से भरपूर
- गुड या प्राकर्तिक शक्कर में खून के लिए जरूरी
लौह तत्व भरपूर मात्रा में होता है ।अतः इसे अनीमिया के मरीजों को खाना चाहिए ।
स्किन के लिए गुणकारी - गुड खाने से खून के बुरे तत्व साफ हो जाते है जिससे त्वचा में निखर आता है और कील
मुहांसो की समस्या भी दूर रहती है। सर्दी में उपयोग -सर्दी खांसी में या प्राकर्तिक शक्कर से राहत मिलती है और चाय में या लड्डू में भी इसका उपयोग किया जा सकता है ।ऊर्जा का स्त्रोत - गुड खाने से हमें ऊर्जा मिलती है जब भी थकन या
कमजोरी लगे तो गुड खाने से तुरंत आराम मिलता है। दमा के मरीज़ो को गुड या शक्कर का सेवन फायदेमंद रहता है
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