गाजर फल भी है और सब्जी भी तथा इसकी पैदावार पूरे भारतवर्ष में की जाती है। मूली की तरह गाजर भी जमीन के अन्दर पैदा होती है।
गाजर के सेवन से शरीर मुलायम और सुन्दर बना रहता है तथा शरीर में शक्ति का संचार होता है और वजन भी बढ़ता है। बच्चों को गाजर का रस पिलाने से उनके दांत आसानी से निकलते हैं और दूध भी ठीक से पच जाता है। बवासीर, क्षयरोग पित्त आदि में गाजर का सेवन करना बहुत ही उपयोगी है। गाजर का रस दिमाग के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। गाजर के सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है तथा शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है। इसके उपयोग से गुदा की जलन भी दूर हो जाती है।

विभिन्न में गाजर का उपयोग :
1. बांझपन: बांझ स्त्री को गाजर के बीजों की धूनी इस प्रकार दें कि उसका धुंआ रोगिणी की बच्चेदानी तक चला जाए। जलते हुए कोयले पर गाजर के बीज डालें। इससे धुंआ होने लगेगा। इसी धूनी को रोगिणी को दें तथा रोजाना उसे गाजर का रस पिलायें।
2. गर्भावस्था: गर्भावस्था में गाजर का रस पीते रहने से सैप्टिक रोग नहीं होता तथा शरीर में कैल्शियम की भी कमी नहीं रहती है। बच्चों को दूध पिलाने वाली माताओं को नियमित रूप से गाजर के रस का सेवन करना चाहिए। इससे उसके दूध की गुणवत्ता बढ़ती है।
3. दस्त:
गाजर का सेवन करने से पुराने दस्त, अपच और संग्रहणी रोग ठीक हो जाते हैं। गाजर का अचार बनाकर सेवन करने से बढ़ी हुई तिल्ली कम हो जाती है।
आधे कप गाजर के रस में थोड़ी-सा सेंधा नमक मिलाकर 1 दिन में लगभग 4 बार चाटने से दस्त ठीक हो जाता है।
4. यकृत रोग: यकृत के रोग से पीड़ित रोगी को गाजर का रस, गाजर का सूप या गाजर का गर्म काढ़ा सेवन कराने से लाभ मिलता है।
5. कैंसर: गाजर का रस पीने से कैंसर नष्ट हो जाता है। ल्यूकोमिया (ब्लड कैंसर) और पेट के कैंसर में यह अधिक लाभदायक होता है।
6. अम्लरक्त: अम्लरक्त के रोग में गाजर का रस पीने से लाभ मिलता है।
7. हृदय अधिक धड़कना: हृदय कमजोर होने पर रोजाना 2 बार गाजर का रस पीने से लाभ होता है। हृदय की धड़कन बढ़ना तथा शरीर का खून गाढ़ा होने पर गाजर का सेवन करने से लाभ मिलता है।
8. घी, तेल, चिकनी चीजों का न पचना: 300 मिलीलीटर गाजर का रस और 150 मिलीलीटर पालक का रस मिलाकर सेवन करने से घी, तेल और चिकनी चीजें पचने लगेगी।
9. बड़ी आंत की सूजन: बड़ी आंत में सूजन आ जाने पर रोग को ठीक करने के लिए 200 मिलीलीटर गाजर का रस, 150 मिलीलीटर चुकन्दर का रस और 150 मिलीलीटर खीरे का रस मिलाकर पीने से लाभ मिलेगा।
10. नाक और गले के रोग: 250 मिलीलीटर गाजर और पालक का रस रोजाना पीने से नाक और गले के रोग ठीक हो जाते
[8:37 PM, 10/10/2016] +91 86550 17727: पुदीना : ठंडा-ठंडा, कूल-कूल
कई बार हम साधारण सी बीमारी में भी घबरा जाते हैं लेकिन अगर हमें थोड़ा भी घरेलू नुस्खों के बारे में पता हो तो आसानी से तुरंत इलाज किया जा सकता है। दादी-नानी के खजाने से हम लेकर आए हैं ऐसे ही कुछ खास लाजवाब सरल-सहज नुस्खे, जिन्हें अपना कर आप भी पा सकते हैं निरोगी काया :

* हैजे में पुदीना, प्याज का रस, नींबू का रस बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर पिलाने से लाभ होता है। उल्टी-दस्त, हैजा हो तो आधा कप पुदीना का रस हर दो घंटे से रोगी को पिलाएं।
* आंत्रकृमि में पुदीने का रस दें।
* अजीर्ण होने पर पुदीने का रस पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
* पेटदर्द और अरुचि में 3 ग्राम पुदीने के रस में जीरा, हींग, कालीमिर्च, कुछ नमक डालकर गर्म करके पीने से लाभ होता है।
* प्रसव के समय पुदीने का रस पिलाने से प्रसव आसानी से हो जाता है।
* बिच्छू या बर्रे के दंश स्थान पर पुदीने का अर्क लगाने से यह विष को खींच लेता है और दर्द को भी शांत करता है।
* दस ग्राम पुदीना व बीस ग्राम गुड़ दो सौ ग्राम पानी में उबालकर पिलाने से बार-बार उछलने वाली पित्ती ठीक हो जाती है।
* पुदीने को पानी में उबालकर थोड़ी चीनी मिलाकर उसे गर्म-गर्म चाय की तरह पीने से बुखार दूर होकर बुखार के कारण आई निर्बलता भी दूर होती है।
* धनिया, सौंफ व जीरा समभाग में लेकर उसे भिगोकर पीस लें। फिर 100 ग्राम पानी मिलाकर छान लें। इसमें पुदीने का अर्क मिलाकर पीने से उल्टी का शमन होता है।
* पुदीने के पत्तों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से अतिसार सें राहत मिलती है।
* तलवे में गर्मी के कारण आग पड़ने पर पुदीने का रस लगाना लाभकारी होता है।
* हरे पुदीने की 20-25 पत्तियां, मिश्री व सौंफ 10-10 ग्राम और कालीमिर्च 2-3 दाने इन सबको पीस लें और सूती, साफ कपड़े में रखकर निचोड़ लें। इस रस की एक चम्मच मात्रा लेकर एक कप कुनकुने पानी में डालकर पीने से हिचकी बंद हो जाती है।
* ताजा-हरा पुदीना पीसकर चेहरे पर बीस मिनट तक लगा लें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। यह त्वचा की गर्मी निकाल देता है।
* हरा पुदीना पीसकर उसमें नींबू के रस की दो-तीन बूँद डालकर चेहरे पर लेप करें। कुछ देर लगा रहने दें। बाद में चेहरा ठंडे पानी से धो डालें। कुछ दिनों के प्रयोग से मुँहासे दूर हो जाएँगे तथा चेहरे की कांति खिल उठेगी।
* पुदीने का सत निकालकर साबुन के पानी में घोलकर सिर पर डालें। 15-20 मिनट तक सिर में लगा रहने दें। बाद में सिर को जल से धो लें। दो-तीन बार इस प्रयोग को करने से बालों में पड़ गई जुएँ मर जाएँगी।
* पुदीने के ताजे पत्तों को मसलकर मूर्छित व्यक्ति को सुंघाने से मूर्छा दूर होती है।
* पुदीने और सौंठ का क्वाथ बनाकर पीने से सर्दी के कारण होने वाले बुखार में राहत मिलती
गाजर के सेवन से शरीर मुलायम और सुन्दर बना रहता है तथा शरीर में शक्ति का संचार होता है और वजन भी बढ़ता है। बच्चों को गाजर का रस पिलाने से उनके दांत आसानी से निकलते हैं और दूध भी ठीक से पच जाता है। बवासीर, क्षयरोग पित्त आदि में गाजर का सेवन करना बहुत ही उपयोगी है। गाजर का रस दिमाग के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। गाजर के सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है तथा शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है। इसके उपयोग से गुदा की जलन भी दूर हो जाती है।

विभिन्न में गाजर का उपयोग :
1. बांझपन: बांझ स्त्री को गाजर के बीजों की धूनी इस प्रकार दें कि उसका धुंआ रोगिणी की बच्चेदानी तक चला जाए। जलते हुए कोयले पर गाजर के बीज डालें। इससे धुंआ होने लगेगा। इसी धूनी को रोगिणी को दें तथा रोजाना उसे गाजर का रस पिलायें।
2. गर्भावस्था: गर्भावस्था में गाजर का रस पीते रहने से सैप्टिक रोग नहीं होता तथा शरीर में कैल्शियम की भी कमी नहीं रहती है। बच्चों को दूध पिलाने वाली माताओं को नियमित रूप से गाजर के रस का सेवन करना चाहिए। इससे उसके दूध की गुणवत्ता बढ़ती है।
3. दस्त:
गाजर का सेवन करने से पुराने दस्त, अपच और संग्रहणी रोग ठीक हो जाते हैं। गाजर का अचार बनाकर सेवन करने से बढ़ी हुई तिल्ली कम हो जाती है।
आधे कप गाजर के रस में थोड़ी-सा सेंधा नमक मिलाकर 1 दिन में लगभग 4 बार चाटने से दस्त ठीक हो जाता है।
4. यकृत रोग: यकृत के रोग से पीड़ित रोगी को गाजर का रस, गाजर का सूप या गाजर का गर्म काढ़ा सेवन कराने से लाभ मिलता है।
5. कैंसर: गाजर का रस पीने से कैंसर नष्ट हो जाता है। ल्यूकोमिया (ब्लड कैंसर) और पेट के कैंसर में यह अधिक लाभदायक होता है।
6. अम्लरक्त: अम्लरक्त के रोग में गाजर का रस पीने से लाभ मिलता है।
7. हृदय अधिक धड़कना: हृदय कमजोर होने पर रोजाना 2 बार गाजर का रस पीने से लाभ होता है। हृदय की धड़कन बढ़ना तथा शरीर का खून गाढ़ा होने पर गाजर का सेवन करने से लाभ मिलता है।
8. घी, तेल, चिकनी चीजों का न पचना: 300 मिलीलीटर गाजर का रस और 150 मिलीलीटर पालक का रस मिलाकर सेवन करने से घी, तेल और चिकनी चीजें पचने लगेगी।
9. बड़ी आंत की सूजन: बड़ी आंत में सूजन आ जाने पर रोग को ठीक करने के लिए 200 मिलीलीटर गाजर का रस, 150 मिलीलीटर चुकन्दर का रस और 150 मिलीलीटर खीरे का रस मिलाकर पीने से लाभ मिलेगा।
10. नाक और गले के रोग: 250 मिलीलीटर गाजर और पालक का रस रोजाना पीने से नाक और गले के रोग ठीक हो जाते
[8:37 PM, 10/10/2016] +91 86550 17727: पुदीना : ठंडा-ठंडा, कूल-कूल
कई बार हम साधारण सी बीमारी में भी घबरा जाते हैं लेकिन अगर हमें थोड़ा भी घरेलू नुस्खों के बारे में पता हो तो आसानी से तुरंत इलाज किया जा सकता है। दादी-नानी के खजाने से हम लेकर आए हैं ऐसे ही कुछ खास लाजवाब सरल-सहज नुस्खे, जिन्हें अपना कर आप भी पा सकते हैं निरोगी काया :

* हैजे में पुदीना, प्याज का रस, नींबू का रस बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर पिलाने से लाभ होता है। उल्टी-दस्त, हैजा हो तो आधा कप पुदीना का रस हर दो घंटे से रोगी को पिलाएं।
* आंत्रकृमि में पुदीने का रस दें।
* अजीर्ण होने पर पुदीने का रस पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
* पेटदर्द और अरुचि में 3 ग्राम पुदीने के रस में जीरा, हींग, कालीमिर्च, कुछ नमक डालकर गर्म करके पीने से लाभ होता है।
* प्रसव के समय पुदीने का रस पिलाने से प्रसव आसानी से हो जाता है।
* बिच्छू या बर्रे के दंश स्थान पर पुदीने का अर्क लगाने से यह विष को खींच लेता है और दर्द को भी शांत करता है।
* दस ग्राम पुदीना व बीस ग्राम गुड़ दो सौ ग्राम पानी में उबालकर पिलाने से बार-बार उछलने वाली पित्ती ठीक हो जाती है।
* पुदीने को पानी में उबालकर थोड़ी चीनी मिलाकर उसे गर्म-गर्म चाय की तरह पीने से बुखार दूर होकर बुखार के कारण आई निर्बलता भी दूर होती है।
* धनिया, सौंफ व जीरा समभाग में लेकर उसे भिगोकर पीस लें। फिर 100 ग्राम पानी मिलाकर छान लें। इसमें पुदीने का अर्क मिलाकर पीने से उल्टी का शमन होता है।
* पुदीने के पत्तों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से अतिसार सें राहत मिलती है।
* तलवे में गर्मी के कारण आग पड़ने पर पुदीने का रस लगाना लाभकारी होता है।
* हरे पुदीने की 20-25 पत्तियां, मिश्री व सौंफ 10-10 ग्राम और कालीमिर्च 2-3 दाने इन सबको पीस लें और सूती, साफ कपड़े में रखकर निचोड़ लें। इस रस की एक चम्मच मात्रा लेकर एक कप कुनकुने पानी में डालकर पीने से हिचकी बंद हो जाती है।
* ताजा-हरा पुदीना पीसकर चेहरे पर बीस मिनट तक लगा लें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। यह त्वचा की गर्मी निकाल देता है।
* हरा पुदीना पीसकर उसमें नींबू के रस की दो-तीन बूँद डालकर चेहरे पर लेप करें। कुछ देर लगा रहने दें। बाद में चेहरा ठंडे पानी से धो डालें। कुछ दिनों के प्रयोग से मुँहासे दूर हो जाएँगे तथा चेहरे की कांति खिल उठेगी।
* पुदीने का सत निकालकर साबुन के पानी में घोलकर सिर पर डालें। 15-20 मिनट तक सिर में लगा रहने दें। बाद में सिर को जल से धो लें। दो-तीन बार इस प्रयोग को करने से बालों में पड़ गई जुएँ मर जाएँगी।
* पुदीने के ताजे पत्तों को मसलकर मूर्छित व्यक्ति को सुंघाने से मूर्छा दूर होती है।
* पुदीने और सौंठ का क्वाथ बनाकर पीने से सर्दी के कारण होने वाले बुखार में राहत मिलती
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