मूत्र पथ संक्रमण के लक्षण आम और आसानी से पहचानने योग्य हैं। इनमें पेशाब के दौरान दर्द, बार-बार पेशाब लगना, पेशाब के दौरान जलन, बुखार, मतली और लोअर बैक में दर्द शामिल हैं। मूत्र पथ के संक्रमण वाले व्यक्ति को घर बैठे अच्छी खासी परेशानी हो सकती है। वैसे तो यह समस्या एंटीबॉयोअिक दवाएं लेने से सही हो जाती है। लेकिन इसके कुछ घरेलू उपचार भी हैं। इस तरह के संक्रमण के दौरान खूब पानी, जूस, सूप, पीना चाहिए। इससे मूत्र प्रवाह बढ़ाता है और किसी भी संक्रमण संकुचन की संभावना कम होती है। इसके अलावा, मूत्र को कभी रोकने कोशिश नहीं करनी चाहिए और जब आए तब ही कर लेना चाहिए।
महिलाओं को गर्मी और बरसात के मौसम के दौरान विशेष रूप से कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। यूटीआई के सबसे सामान्य कारणों में आंत्र है कि बैक्टीरिय त्वचा पर रहता है और मूत्र पथ में फैल जाता है। ये बैक्टीरिया ऊपर की तरफ बढ़ते हैं और मूत्राशय में संक्रमण का कारण बन सकते है। इसे रोकने के लिये आइये जानते हैं कुछ प्राकृतिक उपचार-
घरेलू उपचार-
1. विटामिन सी युक्त जूस पीजिये जैसे, अनानास, सिट्रस फ्रूट वाले फल जैसे, नींबू, मुसम्मी,संतरा आदि। पानी पीना इसका सबसे अच्छा उपचार हो सकता है। खूब सारा पानी पियें जिससे बैक्टीरिया का नाश हो सके।
2. इंफेक्शन के समय कॉफी, टी और चॉकलेट को तो हाथ न लगाएं। दालचीनी, यूवीए उर्सी, बूचा चाय की पत्तियां, हपूशाा आदि हर्ब अच्छे घरेलू उपचार हैं।
3. जौ का पानी, नारियल पानी और मठ्ठा भी सबसे अच्छा समाधान हैं। जौ का पानी पेट में एसिड की मात्रा को घटा कर पेट को शांति देता है और जलन को कम करता है।
4. एक जड़ी बूटी होती है जिसका नाम इचीनेशिया होता है, जो कि इंफेक्शन फैलाने वाले बैक्टीरिया का नाश करता है। तो ऐसे में इस हर्ब की चाय पीने से यह बीमारी पूरी तरह से सही हो सकती है। कोशिश करें कि इस चाय में बिल्कुल भी चीनी न मिलाएं।
5. एक प्रकार की सब्जी, दारुहल्दी और लहसुन बैक्टीरिया का नाश कर सकते हैं। इसका एक गिलास जूस पीने से रोग से मुक्ती मिल सकती है। इससे मूत्राशय में हो रही जलन खतम हो सकती है।
महिलाओं को गर्मी और बरसात के मौसम के दौरान विशेष रूप से कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। यूटीआई के सबसे सामान्य कारणों में आंत्र है कि बैक्टीरिय त्वचा पर रहता है और मूत्र पथ में फैल जाता है। ये बैक्टीरिया ऊपर की तरफ बढ़ते हैं और मूत्राशय में संक्रमण का कारण बन सकते है। इसे रोकने के लिये आइये जानते हैं कुछ प्राकृतिक उपचार-
घरेलू उपचार-
1. विटामिन सी युक्त जूस पीजिये जैसे, अनानास, सिट्रस फ्रूट वाले फल जैसे, नींबू, मुसम्मी,संतरा आदि। पानी पीना इसका सबसे अच्छा उपचार हो सकता है। खूब सारा पानी पियें जिससे बैक्टीरिया का नाश हो सके।
2. इंफेक्शन के समय कॉफी, टी और चॉकलेट को तो हाथ न लगाएं। दालचीनी, यूवीए उर्सी, बूचा चाय की पत्तियां, हपूशाा आदि हर्ब अच्छे घरेलू उपचार हैं।
3. जौ का पानी, नारियल पानी और मठ्ठा भी सबसे अच्छा समाधान हैं। जौ का पानी पेट में एसिड की मात्रा को घटा कर पेट को शांति देता है और जलन को कम करता है।
4. एक जड़ी बूटी होती है जिसका नाम इचीनेशिया होता है, जो कि इंफेक्शन फैलाने वाले बैक्टीरिया का नाश करता है। तो ऐसे में इस हर्ब की चाय पीने से यह बीमारी पूरी तरह से सही हो सकती है। कोशिश करें कि इस चाय में बिल्कुल भी चीनी न मिलाएं।
5. एक प्रकार की सब्जी, दारुहल्दी और लहसुन बैक्टीरिया का नाश कर सकते हैं। इसका एक गिलास जूस पीने से रोग से मुक्ती मिल सकती है। इससे मूत्राशय में हो रही जलन खतम हो सकती है।
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