Wednesday, 12 October 2016

पीड़ादायी स्तनों के लिए घरेलू उपचार

स्तन प्रत्येक महिला के शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह एक ऐसा अंग है जो महिलाओं को पुरुषों से अलग बनाता है। शरीर के अन्य अंगों की तरह ही स्तन को भी स्वस्थ और कई तरह की समस्याओं से बचाया जा सकता है। उचित मात्रा में सही आहार ना लेने से और शरीर को ज़रूरी प्रोटीन तथा विटामिन्स ना मिलने की अवस्था में महिलाओं को स्तनों में पीड़ा की समस्या से गुज़रना पड़ता है। गर्भधारण के दौरान जब किसी महिला के शरीर में बच्चे को दुग्धपान कराने के लिए अंदर प्रक्रिया चलने लगती है तब कई बार देखा गया है की उन्हें इस तरह के दर्द से गुजरना पड़ता है। इसे और भी आसानी से तब पहचाना जा सकता है जब स्तन से अल्प मात्रा में तरह पदार्थ का स्त्रावण होता है। कभी कभी स्तन में दर्द का मुख्य कारण होर्मोन्स की वजह से भी होता है। इस समस्या का घरेलू दवा, तेल और कुछ तरह के विटामिनों की मदद से घरेलू उपचार संभव है। जो स्तनों से तरल को रोकते हैं और उन्हें दर्दरहित बनाते हैं। ये प्राकृतिक उपाय सरल और सुरक्षित हैं। शरीर के अन्य अंगों की तरह ही स्तनों को स्वस्थ रखने के लिए उनमें रक्त का संचरण सही तरीके से होना आवश्यक होता है और यह देखा गया है की कुछ प्राकृतिक तेलों से स्तनों पर अच्छी मसाज की जाए तो वे स्वस्थ रहते हैं। तो आइये कुछ ऐसे ही प्राकृतिक उपायों को जानें जो पीड़ादायक दर्द से राहत दिला सकते हैं।

पीड़ादायक स्तन बहुत सी महिलाओं में सामान्य रूप से देखी जाने वाली समस्या है। मासिक धर्म के दौरान भी इसे महसूस किया जाता है। इसमें दर्द के साथ बेचैनी और भारीपन का एहसास होता है। इनके साथ ही यह समस्या प्रेग्नेंसी, मेनोपोज़ और दूध पिलाने वाली माओं को भी होती है। स्तन में होने वाले इस प्रकार के दर्द को दो प्रकार में बांटा गया है। पहला चक्रीय (Cyclical), इसमें मासिक धर्म के दौरान दर्द लगातार कम और ज़्यादा होता रहता है। इसका मुख्य कारण प्रेग्नेंसी या मासिक धर्म के दौरान होर्मोंस में परिवर्तन होता है।AB

और दूसरा अचक्रीय (Non-cyclical), जिसमें दर्द मासिक धर्म के दौरान एक जैसा ही रहता है। यह समस्या और भी कई बातों से जुड़ी हो सकती है जैसे, किसी दुर्घटना की वजह से स्तन का आकार, पुट्टी या कुछ और। कभी –कभी यह दर्द शरीर में फैटी एसिड के असंतुलन, गलत साइज़ की ब्रा या मासिक धर्म की वजह से भी होता है।

पीड़ादायी स्तनों के लिए घरेलू उपचार
जैतून के तेल की मालिश (Olive oil massage)
आपको अपने व्यस्त दिनचर्या से थोड़ा समय अपने स्तनों की अच्छी सेहत के लिए निकालना होगा। स्तनों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक रूप से इन पर जैतून के तेल से मालिश करनी चाहिए। नियमित रूप से नहाने के पहले अपनी हथेली में कुछ मात्रा में जैतून के तेल की लेकर उसकी मालिश  दर्द से राहत देती है। निप्पल के अलावा पूरे हिस्से में इसकी मसाज करनी चाहिए। अपने सीने के मध्य भाग से शुरू करते हुये सर्कुलर मोशन में मसाज कीजिये अब अपने बाएँ हाथ की ओर वाले हिस्से पर सर्कुलर मोशन (circular motion) में मसाज कीजिये। यह आपके शरीर में रक्त के प्रवाह को जल्दी से बढ़ा देता है। जिससे दर्द में राहत मिलती है।

बर्फ (Ice)
अगर आपके स्तनों में सूजन आ रही हो तो बर्फ से बहुत आराम मिलता है। आप किसी तौलिये या किसी कपड़े में बर्फ के टुकड़ों को लेकर इसकी मसाज ले सकते हैं। या बर्फ की थैली बनाकर सूजे हुये स्थान पर इसकी ठंडी सेंक लेने से भी आराम मिलता है। इसे बहुत धीमे धीमे और हल्के हाथों से सर्कुलर मोशन में घूमा कर मसाज करनी चाहिए।AB

सोयाबीन (Soya)
सोयाबीन में फाइटोस्ट्रोजिन (Phytoestogen) उपस्थित होता है यह एक ऐसा होर्मोन है जो शरीर के हार्मोन्स के उतार चढ़ाव को संतुलित करता है। बहुत बार देखा जाता है की स्तन में दर्द का कारण होर्मोन का असंतुलन है, तो आपको अपने स्तनों को स्वस्थ रखनें के लिए उचित मात्रा में सोया से बने पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

मिथाइल सम्मिश्रित पदार्थों से बचना चाहिए (Restricts Methylxanthine)
यह कैफीन (caffeine) के साथ थियोब्रोमीन (theobromine) और थियोफिलिन (theophyline) का सम्मिलित रूप होता है, जो चाय, कॉफी, बीयर, चीज़, मशरूम, वाइन, चॉकलेट और पिनट बटर में पाया जाता है। तो अगर आप स्तन में पीड़ा की समस्या से तकलीफ में हैं तो आपको इन सब चीजों से परहेज रखना चाहिए

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