नाभी शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। नाभि को शरीर का केंद्र बिंदु भी कहा जाता है। शरीर की अच्छी सेहत के लिए नाभि का अपनी जगह पर बने रहना जरूरी होता है।
नाभि जब अपनी जगह से हट जाती है तब इंसान को कई तरह की परेशानियां जैसे पेट का दर्दए कब्जए गैसए नाभि के आस-पास भंयकर दर्द होना आदि जैसी समस्याएं होने लगती हैं। नाभि कैसे सरकती है यह भी आपको जानना जरूरी है। नाभि सरकने का मुख्य कारण है किसी झटके के साथ कोई सामान उठाना या कोई भारी सामान उठाना आदि से नाभि अपनी जगह को छोड़ देती है। नाभि का अपनी जगह पर होना बहुत जरूरी होता है।
नाभि टलने के लक्षण
नाभि या पेट में टुंडी को दबाने से धड़कन सी दबने का अहसास होना। इसके अलावा ये धड़कने पेट के बांई या दांई ओर होने लगती है। इस को ही नाभि टलना या नाभि का स्थान छोड़ना आदि कहा जाता है। आइये अब जानते हैं नाभि टलने के आयुवेर्दिक घरेलू उपचार को।
नाभि टलने के उपचार
सुबह खाली पेट सरसों के तेल की कुछ बूंदों को नाभि पर टपकाने से नाभि धीरे.धीरे वापस अपनी जगह पर आती है। या आप रूई को सरसों के तेल में भिगों लें और उसे नाभि के उपर रखें।
अदरक का रस
किसी छोटे कपड़े मे अदरक के रस को डालकर उस कपड़े को नाभि के उपर पंद्रह मिनट के बाद बदलते रहने से नाभि वापस अपने जगह पर बैठ जाती है। साथ इस समस्या से होने वाले दस्त व दर्द में आराम मिलता है।
पका टमाटर
आप पका हुआ टमाटर लें और उसे बीच में से चीर लें और इसमें भुना हुआ सुहागा की डे़ढ ग्राम की मात्रा को डालकर चूसने से नाभि वापस अपनी जगह पर आ जाती है।
गुड़ और सौंफ
यदि नाभि टल जाए तो चिंता ना करें गुड के साथ पिसी हुई दो चम्मच सौंफ को लगातार पांच दिनों तक खाएं। इस उपचार से नाभि अपनी जगह से खिसकनी बंद हो जाती है। और धीरे-धीरे वापस अपनी असल स्थिति में आ जाती है।
अन्य उपचार
नाभि को सही जगह पर वापस लाने के लिए यदि नाभि दाहिनी तरफ चली गई हो तो र्बांइं ओर की पिंडली को दबाएं। और यदि नाभि बांई ओर चली गई हो तो दांई तरफ दबाने से नाभि वापस अपनी वास्तविक जगह पर आ जाती है।
नाभि बैठाने के बाद ध्यान में रखें ये बातें
एक चम्मच हल्दी के चूर्ण को आधा किलो दही के साथ मिलाकर कुछ दिनों तक लगातार खांए। इससे नाभि फिर अपना स्थान दोबारा नहीं छोड़ती है।
नमक को गुड़ के साथ मिलाकर खाने से नाभि अपने स्थान पर बनी रहती है।
नाभि का टलना कोई सामान्य समस्या नहीं है इस वजह से आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।
🌺 सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु
मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्।
"सब सुखी हों, सब निरोग हों, सब कल्याणमयी दृष्टि वाले हों और कोई भी दुःखी न हो।"
नाभि जब अपनी जगह से हट जाती है तब इंसान को कई तरह की परेशानियां जैसे पेट का दर्दए कब्जए गैसए नाभि के आस-पास भंयकर दर्द होना आदि जैसी समस्याएं होने लगती हैं। नाभि कैसे सरकती है यह भी आपको जानना जरूरी है। नाभि सरकने का मुख्य कारण है किसी झटके के साथ कोई सामान उठाना या कोई भारी सामान उठाना आदि से नाभि अपनी जगह को छोड़ देती है। नाभि का अपनी जगह पर होना बहुत जरूरी होता है।
नाभि टलने के लक्षण
नाभि या पेट में टुंडी को दबाने से धड़कन सी दबने का अहसास होना। इसके अलावा ये धड़कने पेट के बांई या दांई ओर होने लगती है। इस को ही नाभि टलना या नाभि का स्थान छोड़ना आदि कहा जाता है। आइये अब जानते हैं नाभि टलने के आयुवेर्दिक घरेलू उपचार को।
नाभि टलने के उपचार
सुबह खाली पेट सरसों के तेल की कुछ बूंदों को नाभि पर टपकाने से नाभि धीरे.धीरे वापस अपनी जगह पर आती है। या आप रूई को सरसों के तेल में भिगों लें और उसे नाभि के उपर रखें।
अदरक का रस
किसी छोटे कपड़े मे अदरक के रस को डालकर उस कपड़े को नाभि के उपर पंद्रह मिनट के बाद बदलते रहने से नाभि वापस अपने जगह पर बैठ जाती है। साथ इस समस्या से होने वाले दस्त व दर्द में आराम मिलता है।
पका टमाटर
आप पका हुआ टमाटर लें और उसे बीच में से चीर लें और इसमें भुना हुआ सुहागा की डे़ढ ग्राम की मात्रा को डालकर चूसने से नाभि वापस अपनी जगह पर आ जाती है।
गुड़ और सौंफ
यदि नाभि टल जाए तो चिंता ना करें गुड के साथ पिसी हुई दो चम्मच सौंफ को लगातार पांच दिनों तक खाएं। इस उपचार से नाभि अपनी जगह से खिसकनी बंद हो जाती है। और धीरे-धीरे वापस अपनी असल स्थिति में आ जाती है।
अन्य उपचार
नाभि को सही जगह पर वापस लाने के लिए यदि नाभि दाहिनी तरफ चली गई हो तो र्बांइं ओर की पिंडली को दबाएं। और यदि नाभि बांई ओर चली गई हो तो दांई तरफ दबाने से नाभि वापस अपनी वास्तविक जगह पर आ जाती है।
नाभि बैठाने के बाद ध्यान में रखें ये बातें
एक चम्मच हल्दी के चूर्ण को आधा किलो दही के साथ मिलाकर कुछ दिनों तक लगातार खांए। इससे नाभि फिर अपना स्थान दोबारा नहीं छोड़ती है।
नमक को गुड़ के साथ मिलाकर खाने से नाभि अपने स्थान पर बनी रहती है।
नाभि का टलना कोई सामान्य समस्या नहीं है इस वजह से आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।
🌺 सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु
मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्।
"सब सुखी हों, सब निरोग हों, सब कल्याणमयी दृष्टि वाले हों और कोई भी दुःखी न हो।"
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