Monday, 17 October 2016

चर्म रोगों

चर्म रोगों में सोरायसिस सबसे क्रॉनिक और गंभीर बीमारी नही बल्कि भयंकर स्किन डिसऑर्डर है।
यह रक्त में अशुद्धि और त्वचा के ज्यादा शुष्क होने की वजह से होता है।
सोरायसिस से पीड़ित मरीज जिंदगी में भावनात्मक स्तर पर काफी नाकारात्मक महसूस करने लगते हैं।
उन्हें अपने हाथ-पैर या जिस किसी भी अंग की त्वचा में सोरायसिस है उसको लेकर हमेशा एक शर्मिंदगी की भावना मन में रहती है।
कई मरीज तो बाहर जाना तक बंद कर देते हैं जबकि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।
बेहतर देखभाल और बेहतर इलाज से संभव है आप इस बीमारी के रहते भी बेहतर अनुभव कर सकते हैं।
सोरायसिस में त्वचा में तेज खुजलाहट, नोचने का मन और कभी-कभी दर्द भी होती है।
त्वचा ज्यादा शुष्क होने पर कभी-कभी लाल चकते और फ्लैक्स भी निकल आते हैं।
जो सूखने पर पपड़ी की तरह झड़ने लगती है।
सोरायसिस का कोई ठोस इलाज नहीं है, कुछ घरेलू उपचार करने से इसके लक्षण जरुर कम हो जाते हैं लेकिन हमेशा के लिए इससे छुटकारा नहीं मिलता है।

गुनगुने पानी में स्नान (Bath in Lukewarm Water)
तेल, ओटमील, सेंधा नमक गुनगुने पानी में मिला कर बाथ टब में 15 मिनट बैठ जाए।
निकलने के बाद पूरे बदन में मॉस्चराइजर लगा ले।
इससे स्किन का ड्राइनेस कम होगा और त्वचा पर पपड़ी भी नहीं जमेगी।

मॉस्चराइजर (Moisturizer)
सोरायसिस में त्वचा तुरंत-तुरंत शुष्क हो जाती है और इससे खुजली और नोचने की प्रवृति भी जल्दी-जल्दी होने लगती है।
बचने के लिए त्वचा में हमेशा नमी बनाए रखें।
त्वचा को जल्दी शुष्क ही नहीं होने दें।
पूरे बदन में मॉस्चराइजर का लेप हमेशा लगा कर रखें।

कुटकी चिरेता (Kutki Chirayta)
रक्त अशुद्धि से होने वाली सभी बीमारियों के लिए कुटकी चिरौता रामबाण है।
यह पीने में काफी कड़वा होता है और पीने के साथ उल्टी या मितली जैसा भी होने लगता है, लेकिन यह काफी असरदार है।
चार ग्राम चिरौता और चार ग्राम कुटकी लेकर शीशे या चीनी के बर्तन में आधा ग्लास पानी डाल कर भींगने के लिए रात भर छोड़ दें।
सुबह रात को भिगोया हुआ चिरौता और कुटकी का पानी निथार कर कपड़े से छानकर पी लें और पीने के बाद 3-4 घंटे तक कुछ खांए नहीं।
लगातार चार हफ्ते तक कुटकी-चिरौता पीने से सोरायसिस, फोड़े-फुंसी से लेकर पेट के कीड़े तक नष्ट हो जाते हैं।
यह रक्त को साफ करता है।

और भी हैं कई घरेलू इलाज
1. सोरायसिस में अनार के पत्तों को पीसकर लगाने काफी आराम मिलता है
2. नींबू का रस लगाने से सोरायसिस में आऱाम मिलता है
3. केले में नींबू का रस मिला लगाने से खुजलाहट कम होती है
4. किसी भी तरह के चर्म रोग में रोज बथुआ साग उबालकर इसका रस पीएं और साग बनाकर खाएं, काफी राहत मिलेगी
5. कच्चे आलू का रस पीएं काफी फायदा होगा
6. सिंघाड़े के पत्ते को घिस कर इसमें थोड़ा नींबू रस मिला दें और फिर इसे त्वचा पर लगाएं। पहले तो कुछ जलन होगी फिर ठंडक महसूस होगी। इससे सोरायसिस में काफी राहत मिलेगी।
7. हल्दी का लेप  भी बहुत काम करता है
8. सोरायसिस में रोज सुबह नीम के पत्तों का रस पीना चाहिए या नीम का पत्ता कच्चा चबा कर खाना चाहिए। इससे खून साफ रहता है
9. नीम के पत्ती को दही के साथ पीसकर लगाने काफी फायदा होता है

No comments:

Post a Comment