अगर आपकी नस पर नस चढ़ जाती है तो आप जिस पैर की नस चढ़ी है तो उसी तरफ के हाथ की बीच की ऊँगली के नाखून के नीचे के भाग को दबाए और छोड़ें ऐसा जब तक करें जब तक ठीक न हो जाए!
नस पर नस चढ़ना एक बहुत साधारण सी प्रक्रिया है, लेकिन जब भी शरीर में कहीं भी नस पर नस चढ़ना जाए, जान ही निकाल देती है और अगर रात को सोते समय पैर की नस पर नस चढ़ना जाए तो व्यक्ति चकरघिन्नी की तरह घूम कर उठ बैठता है,
(आप लंबाई में अपने शरीर को आधा आधा दो भागों में चिन्हित करें, अब जिस भाग में नस चढ़ी है उसके विपरीत भाग के कान के निचले जोड़ पर उंगली से दबाते हुए उंगली को हल्का सा ऊपर और हल्का सा नीचे की तरफ बार बार 10 सेकेंड तक करते रहें | नस उतर जाएगी |)
सोते समय पैरों के नीचे मोटा तकिया रखकर सोएं।
आराम करें। पैरों को ऊंचाई पर रखें।
प्रभाव वाले स्थान पर बर्फ की ठंडी सिकाई करे। सिकाई 15 मिनट, दिन में 3-4 बार करे।
अगर गर्म-ठंडी सिकाई 3 से 5 मिनट की (द तरह की बदल-2 कर) करें तो इस समस्या और दर्द – दोनों से राहत मिलेगी।
आहिस्ते से ऎंठन वाली पेशियों, तंतुओं पर खिंचाव दें, आहिस्ता से मालिश करें।
वेरीकोज वेन के लिए पैरों को ऊंचाई पर रखे, पैर में इलास्टिक पट्टी बांधे जिससे पैरों में खून जमा न हो पाए।
यदि आप मधुमेह या उच्च रक्तचाप से ग्रसित हैं, तो परहेज, उपचार से नियंत्रण करें।
शराब, तंबाकू, सिगरेट, नशीले तत्वों का सेवन नहीं करें।
सही नाप के आरामदायक, मुलायम जूते पहनें।
अपना वजन घटाएं। रोज सैर पर जाएं या जॉग करें। इससे टांगों की नसें मजबूत होती हैं।
फाइबर युक्त भोजन करें जैसे चपाती, ब्राउन ब् सब्जियां व फल। मैदा व पास्ता जैसे रिफाइंड फूड का सेवन न करें।
लेटते समय अपने पैरों को ऊंचा उठा कर रखें। पैरों के नीचे तकिया रख लें, इस स्थिति में सोना बहुत फायदेमंद रहता है।
भोजन :
– भोजन में नीबू-पानी, नारियल-पानी, फलों – विशेषकर मौसमी, अनार, सेब, पपीता केला आदि शामिल करें।
– सब्जिओं में पालक, टमाटर, सलाद, फलियाँ, आलू, गाजर, चाकुँदर आदि का खूब सेवन करें।
– 2-3 अखरोट की गिरि, 2-5 पिस्ता, 5-10 बादाम की गिरि, 5-10 किशमिश का रोज़ सेवन करें।
नस पर नस चढ़ना एक बहुत साधारण सी प्रक्रिया है, लेकिन जब भी शरीर में कहीं भी नस पर नस चढ़ना जाए, जान ही निकाल देती है और अगर रात को सोते समय पैर की नस पर नस चढ़ना जाए तो व्यक्ति चकरघिन्नी की तरह घूम कर उठ बैठता है,
(आप लंबाई में अपने शरीर को आधा आधा दो भागों में चिन्हित करें, अब जिस भाग में नस चढ़ी है उसके विपरीत भाग के कान के निचले जोड़ पर उंगली से दबाते हुए उंगली को हल्का सा ऊपर और हल्का सा नीचे की तरफ बार बार 10 सेकेंड तक करते रहें | नस उतर जाएगी |)
सोते समय पैरों के नीचे मोटा तकिया रखकर सोएं।
आराम करें। पैरों को ऊंचाई पर रखें।
प्रभाव वाले स्थान पर बर्फ की ठंडी सिकाई करे। सिकाई 15 मिनट, दिन में 3-4 बार करे।
अगर गर्म-ठंडी सिकाई 3 से 5 मिनट की (द तरह की बदल-2 कर) करें तो इस समस्या और दर्द – दोनों से राहत मिलेगी।
आहिस्ते से ऎंठन वाली पेशियों, तंतुओं पर खिंचाव दें, आहिस्ता से मालिश करें।
वेरीकोज वेन के लिए पैरों को ऊंचाई पर रखे, पैर में इलास्टिक पट्टी बांधे जिससे पैरों में खून जमा न हो पाए।
यदि आप मधुमेह या उच्च रक्तचाप से ग्रसित हैं, तो परहेज, उपचार से नियंत्रण करें।
शराब, तंबाकू, सिगरेट, नशीले तत्वों का सेवन नहीं करें।
सही नाप के आरामदायक, मुलायम जूते पहनें।
अपना वजन घटाएं। रोज सैर पर जाएं या जॉग करें। इससे टांगों की नसें मजबूत होती हैं।
फाइबर युक्त भोजन करें जैसे चपाती, ब्राउन ब् सब्जियां व फल। मैदा व पास्ता जैसे रिफाइंड फूड का सेवन न करें।
लेटते समय अपने पैरों को ऊंचा उठा कर रखें। पैरों के नीचे तकिया रख लें, इस स्थिति में सोना बहुत फायदेमंद रहता है।
भोजन :
– भोजन में नीबू-पानी, नारियल-पानी, फलों – विशेषकर मौसमी, अनार, सेब, पपीता केला आदि शामिल करें।
– सब्जिओं में पालक, टमाटर, सलाद, फलियाँ, आलू, गाजर, चाकुँदर आदि का खूब सेवन करें।
– 2-3 अखरोट की गिरि, 2-5 पिस्ता, 5-10 बादाम की गिरि, 5-10 किशमिश का रोज़ सेवन करें।
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