Sunday, 9 October 2016

पीलिया का इलाज


पीलिया जिसे अंग्रेजी में (jaundice) कहते है, लीवर से सम्बंधित बीमारी है | जो सामान्यता लीवर में होने वाले किसी प्रकार के संक्रमण होने से होता है | कभी-कभी इसके लिए कुछ हानिकारक बैक्टीरिया भी जिम्मेदार होते है ,जिसके संक्रमण से शरीर में पानी का स्तर घटने लगता है | यह एक सामान्य रोग है परन्तु अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया जाए तो यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है |  अगर खान पान पर धयान नहीं दिया जाये और बहार का जयादा खाना खाने से भी यह बीमारी हो सकती है | अतः यह बेहद जरुरी है की बाहर की भोजन से परहेज किया जाये और साफ़ सुथरा भोजन किया जाये | तो चलिए आज जानते है की  क्या है और इससे कैसे छुटकारा पाया जा सकता है |

पीलिया होने के लक्षण .

भूख कम लगना |
आँखों के रंग में पीलापन आ जाना (eye color change to yellow) |
त्वचा का रंग भी पिला हो जाता है |
कमजोरी महसूस होने लगती है |
थकावट लगना (weakness) |
उलटी, मितली अना |
पेशाब में पीलापन आ जाना |
थोड़ी भी श्रम (labor work) करने से काफी थकावट होना
पीलिया होने के कारण

पीलिया लीवर में होने वाली बीमारी है | इस रोग के होने के कई कारण है , जो इसके लिए जिम्मेदार होते है, जैसे :

गंदा पानी के इस्तेमाल करने से |
ज्यादा अल्कोहल का सेवन करने से |
मसालेदार ,तिखी, खाना के अधिक सेवन से |
पिलिया से बचने के लिये आवस्यक सावधानिया .

पेट को गर्म करने वाली चीजो के सेवन कम करने की कोशिस करे |
रोजना पानी को गर्म कर के ही पिये |
मसालेदार भोजन का भी उपयोग कम करे |
चाय एवं कॉफ़ी पिने की मात्रा को कम करे |
calcium से भरपूर अहार को अपने खाने में शामिल करे |
तिखी मिर्च, तेल में तले चीजो की सेवन से परहेज करे
साफ पानी पीने की कोशिश करे |
पीलिया से निवारण पाने के घरेलु उपाए

निचे दिए गये सरल खाने जो की Jaundice के उपचार में काफी लाभदायक 😢😢है .

गन्ना का रस   होने पर गन्ने का रस पीना चाहिए , 😢यह काफी लाभ पहुचता है |

मुली का रस : मुली के रस को दिन में कम से कम 2 से 3 ग्लास पिए |

टमाटर (====) =====: टमाटर का सेवन करने से भी पीलिया रोग में एडा मिलता है | तम्टर में vitamin – c पाया जाता है जो इस रोग में लीवर को स्वास्थ रखने के लिए उपयोगी होता है |

तुल्सी का पत्ता ==- तुल्सी के पत्ते का इस्तेमाल करने से लीवर साफ होता है | तुल्सी के पत्ते को रोजाना सुबह खली पेट खाने से फायदा मिलता है |

नीबूं == – 3 या 4 नीबूं को निचोड़ कर उसके रस को पानी में मिलकर पीना चाहिए | इस्से भी पीलिया रोग में फायेदा पहुचता है |

दही === दही में पाए जाने वाली probiotic bacteria मौजूद होती है को की पीलिया को खात्मे के लिए काफी लाभदायक है |

दूध से बनी पानीर ,रसगुल्ला  पीलिया होने पर दूध से बनी पनीर एवं रसगुल्ला खाने से भी तुरंत लाभ मिलता है |

केला और मधु : खाना खाने के बाद फल में केला खाना चाहिए | दिन में कम से कम 3 से 4 बार 1 या 2 चम्मच मधुरस को पिए |

पुदीना का पत्ता (basil leaves) : पुदीना के 15 से 20 पत्ते को pest बना कर उसे दिन में 2 बार पीना चाहिए | इससे  लीवर सवस्थ होता है , पीलिया रोग के लिए कारगर होता है |

2 comments:

  1. Jaundinil stimulates the production of new liver cells and in this way it supports the regeneration of the liver. The product stimulates the flow of bile out of the liver.

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  2. Very useful post. Jaundice herbal remedy like jaundinil capsule is proven to be safe and effective.

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