पीलिया जिसे अंग्रेजी में (jaundice) कहते है, लीवर से सम्बंधित बीमारी है | जो सामान्यता लीवर में होने वाले किसी प्रकार के संक्रमण होने से होता है | कभी-कभी इसके लिए कुछ हानिकारक बैक्टीरिया भी जिम्मेदार होते है ,जिसके संक्रमण से शरीर में पानी का स्तर घटने लगता है | यह एक सामान्य रोग है परन्तु अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया जाए तो यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है | अगर खान पान पर धयान नहीं दिया जाये और बहार का जयादा खाना खाने से भी यह बीमारी हो सकती है | अतः यह बेहद जरुरी है की बाहर की भोजन से परहेज किया जाये और साफ़ सुथरा भोजन किया जाये | तो चलिए आज जानते है की क्या है और इससे कैसे छुटकारा पाया जा सकता है |
पीलिया होने के लक्षण .
भूख कम लगना |
आँखों के रंग में पीलापन आ जाना (eye color change to yellow) |
त्वचा का रंग भी पिला हो जाता है |
कमजोरी महसूस होने लगती है |
थकावट लगना (weakness) |
उलटी, मितली अना |
पेशाब में पीलापन आ जाना |
थोड़ी भी श्रम (labor work) करने से काफी थकावट होना
पीलिया होने के कारण
पीलिया लीवर में होने वाली बीमारी है | इस रोग के होने के कई कारण है , जो इसके लिए जिम्मेदार होते है, जैसे :
गंदा पानी के इस्तेमाल करने से |
ज्यादा अल्कोहल का सेवन करने से |
मसालेदार ,तिखी, खाना के अधिक सेवन से |
पिलिया से बचने के लिये आवस्यक सावधानिया .
पेट को गर्म करने वाली चीजो के सेवन कम करने की कोशिस करे |
रोजना पानी को गर्म कर के ही पिये |
मसालेदार भोजन का भी उपयोग कम करे |
चाय एवं कॉफ़ी पिने की मात्रा को कम करे |
calcium से भरपूर अहार को अपने खाने में शामिल करे |
तिखी मिर्च, तेल में तले चीजो की सेवन से परहेज करे
साफ पानी पीने की कोशिश करे |
पीलिया से निवारण पाने के घरेलु उपाए
निचे दिए गये सरल खाने जो की Jaundice के उपचार में काफी लाभदायक 😢😢है .
गन्ना का रस होने पर गन्ने का रस पीना चाहिए , 😢यह काफी लाभ पहुचता है |
मुली का रस : मुली के रस को दिन में कम से कम 2 से 3 ग्लास पिए |
टमाटर (====) =====: टमाटर का सेवन करने से भी पीलिया रोग में एडा मिलता है | तम्टर में vitamin – c पाया जाता है जो इस रोग में लीवर को स्वास्थ रखने के लिए उपयोगी होता है |
तुल्सी का पत्ता ==- तुल्सी के पत्ते का इस्तेमाल करने से लीवर साफ होता है | तुल्सी के पत्ते को रोजाना सुबह खली पेट खाने से फायदा मिलता है |
नीबूं == – 3 या 4 नीबूं को निचोड़ कर उसके रस को पानी में मिलकर पीना चाहिए | इस्से भी पीलिया रोग में फायेदा पहुचता है |
दही === दही में पाए जाने वाली probiotic bacteria मौजूद होती है को की पीलिया को खात्मे के लिए काफी लाभदायक है |
दूध से बनी पानीर ,रसगुल्ला पीलिया होने पर दूध से बनी पनीर एवं रसगुल्ला खाने से भी तुरंत लाभ मिलता है |
केला और मधु : खाना खाने के बाद फल में केला खाना चाहिए | दिन में कम से कम 3 से 4 बार 1 या 2 चम्मच मधुरस को पिए |
पुदीना का पत्ता (basil leaves) : पुदीना के 15 से 20 पत्ते को pest बना कर उसे दिन में 2 बार पीना चाहिए | इससे लीवर सवस्थ होता है , पीलिया रोग के लिए कारगर होता है |
Jaundinil stimulates the production of new liver cells and in this way it supports the regeneration of the liver. The product stimulates the flow of bile out of the liver.
ReplyDeleteVery useful post. Jaundice herbal remedy like jaundinil capsule is proven to be safe and effective.
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