टेफलोन कोटिंग वाले बर्तनों का इतना प्रचार या दुष्प्रचार हुआ कि आजकल हर घर में ये काली कोटिंग वाले बर्तन होना शान की बात समझी जाती है.
न जाने कितने ही ये टेफलोन कोटिंग वाले बर्तन हमारे घर में आ गये हैं, जैसे कि नॉन स्टिक तपेली (पतीली), तवा, फ्राई पेन आदि.
अब इजी टू कुक, इजी टू क्लीन वाली छवि वाले ये बर्तन हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गए है.
मुझे आज भी दादी नानी वाला ज़माना याद आ जाता है, जब चमकते हुए बर्तन किसी भी घर के स्टेंडर्ड की निशानी माने जाते थे, लेकिन आजकल उनकी जगह इन काले बर्तनों ने ले ली है.
हम सब इन बर्तनों को अपने घर में बहुतायत से उपयोग में ले रहे हैं और शायद कोई बहुत बेहतर विकल्प नहीं मिल जाने तक आगे भी उपयोग करते रहेंगे.
किन्तु इनका उपयोग करते समय हम ये बात भूल जाते हैं कि ये काले बर्तन हमारे शरीर को भी काला करके नुक्सान पहुंचा रहे हैं.
हम में से कई लोग यह बात जानते भी नहीं हैं कि वास्तव में ये बर्तन हमारी बीमारियाँ बढ़ा रहे हैं और इनका प्रयोग करके हम हमारे अपनों को ही तकलीफ दे रहे हैं.
टेफलोन को 20 वी शताब्दी की सबसे बेहतरीन केमिकल खोज में से एक माना गया है, जिसका प्रयोग इंजीनियरिंग के क्षेत्र जैसे कि स्पेस सुइट और पाइप में उर्जा रोधी के रूप में किया जा रहा है, किन्तु यह भी एक बड़ा सच है की ये टेफलोन कोटिंग का काला जहर स्वास्थ्य के लिए बना ही नहीं है और अत्यंत खतरनाक है.
इसके प्रयोग से श्वास की बीमारी, कैंसर, ह्रदय रोग आदि कई गंभीर बिमारियां भी होती देखी जा रही हैं.
यह भी सच है की जब टेफलोन कोटेड बर्तन को अधिक गर्म किया जाता है, तो आसपास के क्षेत्र में रह रहे पालतू पक्षियों की जान जाने का खतरा तुरंत ही काफी बढ़ जाता है.
एक न्यूज के अनुसार कुछ समय पहले एक घर के आसपास के 14 पालतू पक्षी तब मारे गए, जब टेफलोन के बर्तन को पहले से गरम किया गया और तेज आंच पर खाना बनाया गया. ये पूरी घटना होने में सिर्फ 15 मिनिट लगे.
टेफलोन कोटेड बर्तनों में सिर्फ 5 मिनिट में 700 डिग्री टेम्प्रेचर तक गर्म हो जाने की प्रवृति होती है और इसी दौरान 6 तरह की खतरनाक गैस वातावरण में फैल जाती हैं.
इनमे से 2 गैस ऐसी होती हैं जो केंसर को भी जन्म देती हैं.
अध्ययन बताते हैं कि टेफलोन को अधिक गर्म करने से पक्षियों के लिए हानिकारक टेफलोन टोक्सिकोसिस बनती है और इंसानों के लिए खतरनाक पोलिमर फ्यूम फीवर की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है .
टेफलोन कोटिंग से उत्पन्न होने वाले केमिकल के शरीर में जाने से होने वाली बीमारियाँ इस तरह की होती हैं -
1. पुरुष इनफर्टिलिटी - हाल ही में हुए एक सर्वे में ये बात सामने आई है कि लम्बे समय तक टेफलोन केमिकल के शरीर में जाने से पुरुष इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ जाता है और इससे सम्बंधित कई बीमारियाँ पुरुषों में देखी जा सकती हैं.
थायराइड - हाल ही में एक अमेरिकन एजेंसी द्वारा किया गए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि टेफलोन की मात्र लगातार शरीर में जाने से थायराइड ग्रंथि सम्बन्धी समस्याएं हो सकती है.
2. बच्चे को जन्म देने में समस्या - केलिफोर्निया में हुई एक स्टडी में ये पाया गया है कि जिन महिलाओं के शरीर में जल, भोजन या हवा के माध्यम से पी ऍफ़ ओ (टेफलोन) की मात्रा सामान्य से अधिक पाई गई थी, उन्हें बच्चो को जन्म देते समय अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ा. इसी के साथ उनमे बच्चो को जन्म देने की क्षमता भी अपेक्षाकृत कम हो गई, जिससे सीजेरियन ऑपरेशन करना पड़ा.
3. शारीरिक समस्याएं व अन्य बीमारियाँ - पी ऍफ़ ओ की अधिक मात्रा शरीर में पाई जाने वाली महिलाओं के बच्चो पर भी इसका असर जन्मजात शारीरिक विकार या समस्याओं के रूप में देखा गया है
4. लीवर केंसर का बढ़ा खतरा - एक अध्ययन में यह भी सामने आया है कि पी ऍफ़ ओ की अधिक मात्रा होने पर लीवर केंसर का खतरा बढ़ जाता है .
5. केंसर या ब्रेन ट्यूमर का खतरा - एक प्रयोग के दौरान जब चूहों को पी ऍफ़ ओ के इंजेक्शन लगाए गए तो उनमे ब्रेन ट्यूमर विकसित हो गया. साथ ही केंसर के लक्षण भी दिखाई देने लगे.
6. जहरीला पी ऍफ़ ओ 4 साल तक शरीर में बना रहता है - पी ऍफ़ ओ जब एक बार शरीर के अन्दर चला जाता है तो लगभग 4 साल तक शरीर में बना रहता है जो एक बड़ा खतरा हो जाता है.
• टेफलोन के दुष्प्रभाव से बचने के उपाय –
1. टेफलोन कोटिंग वाले बर्तनों को कभी भी गैस पर बिना कोई सामान डाले अकेले गर्म करने के लिए न छोड़े.
2. इन बर्तनों को कभी भी 450 डिग्री से अधिक टेम्प्रेचर पर गर्म न करे. सामान्यतया इन्हें 350 से 450 डिग्री तक गर्म करना बेहतर होता है.
3. लेकिन हमारे देश में महिलाओं को पता ही नहीं रहता है कि गेस के बर्नर पर रखे बर्तन का टेम्प्रेचर कितना हुआ है, तो वे कंट्रोल कैसे करेंगी?
4. टेफलोन कोटिंग वाले बर्तनों में पक रहा खाना बनाने के लिए कभी भी मेटल की चम्मचो का इस्तेमाल ना करे; इनसे कोटिंग हटने का खतरा बढ़ जाता है.
5. टेफलोन कोटिंग वाले बर्तनों को कभी भी लोहे के औजार या कूंचे ब्रश से साफ़ ना करे, हाथ या स्पंज से ही इन्हें साफ़ करे.
6. इन बर्तनों को कभी भी एक दूसरे के ऊपर जमाकर ना रखे.
7. घर में अगर पालतू पक्षी हैं, तो इन्हें अपने किचन से दूर रखें,
8. अगर गलती से घर में ऐसा कोई बर्तन ज्यादा टेम्प्रेचर पर गर्म हो गया है, तो कुछ देर के लिए घर से बाहर चले जाए और सारे खिड़की दरवाजे खोल दे.
9. ये गलती बार-बार ना दोहराएं, क्यूंकि चारो ओर के वातावरण के लिए भी ये गैस हानिकारक होती हैं और लाखों सूक्ष्म जीवों को मार देती हैं.
10. टूटे या जगह-जगह से घिसे हुए टेफलोन कोटिंग वाले बर्तनों का उपयोग बंद कर दे. क्यूंकि ये धीरे धीरे आपके भोजन में ज़हर घोल सकते हैं.
11. अगर आपके बर्तन नहीं भी घिसे हैं, तो भी इन्हें हर दो साल में अवश्य ही बदल दें.
12. जहाँ तक हो सके इन बर्तनों कम ही प्रयोग करिए.
13. इन छोटी छोटी बातों का ध्यान रखकर आप अपने और अपने परिवार के स्वास्थ को बेहतर बना सकते हैं.
14. आप सभी लोगो से मैं निवेदन करता हूँ कि टेफलोन कोटिंग के काले जहर से अपने परिवार को हो रहे नुकसान को सुधारने के लिए आप सिर्फ दस मिनिट का समय निकालें और पूरे परिवार व बच्चों के साथ अपने शरीर की नियमित रूप से मेरे हर लेख में बताये अनुसार ओवरहालिंग और रिचार्जिंग हमेशा करते रहें और खान-पान और एक्सरसाइज भी बताये अनुसार जरुर आजीवन करते रहे, ताकि आप और आपके परिवार को कभी भी कैंसर, डायबटीज, ह्रदय रोग, लिवर रोग, किडनी फेल्यर, टी.बी., फेफड़े के रोग, डिप्रेशन, चर्म रोग आदि किसी भी तरह की गंभीर बीमारी नहीं होगी.
*
यदि आप चाहे तो सकारात्मक उर्जा से भरपूर मेरे हजारों आध्यात्मिक लेखों को पढ़ने के लिए मेरी लिखी मुक्तियाँ, मुक्ति शिखर, मुक्ति धारा, मुक्ति पथ और मुक्ति कुञ्ज आदि चौदह आध्यात्मिक पुस्तको को हमारे ग्रुप “डॉ. स्वतंत्र जैन सा
न जाने कितने ही ये टेफलोन कोटिंग वाले बर्तन हमारे घर में आ गये हैं, जैसे कि नॉन स्टिक तपेली (पतीली), तवा, फ्राई पेन आदि.
अब इजी टू कुक, इजी टू क्लीन वाली छवि वाले ये बर्तन हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गए है.
मुझे आज भी दादी नानी वाला ज़माना याद आ जाता है, जब चमकते हुए बर्तन किसी भी घर के स्टेंडर्ड की निशानी माने जाते थे, लेकिन आजकल उनकी जगह इन काले बर्तनों ने ले ली है.
हम सब इन बर्तनों को अपने घर में बहुतायत से उपयोग में ले रहे हैं और शायद कोई बहुत बेहतर विकल्प नहीं मिल जाने तक आगे भी उपयोग करते रहेंगे.
किन्तु इनका उपयोग करते समय हम ये बात भूल जाते हैं कि ये काले बर्तन हमारे शरीर को भी काला करके नुक्सान पहुंचा रहे हैं.
हम में से कई लोग यह बात जानते भी नहीं हैं कि वास्तव में ये बर्तन हमारी बीमारियाँ बढ़ा रहे हैं और इनका प्रयोग करके हम हमारे अपनों को ही तकलीफ दे रहे हैं.
टेफलोन को 20 वी शताब्दी की सबसे बेहतरीन केमिकल खोज में से एक माना गया है, जिसका प्रयोग इंजीनियरिंग के क्षेत्र जैसे कि स्पेस सुइट और पाइप में उर्जा रोधी के रूप में किया जा रहा है, किन्तु यह भी एक बड़ा सच है की ये टेफलोन कोटिंग का काला जहर स्वास्थ्य के लिए बना ही नहीं है और अत्यंत खतरनाक है.
इसके प्रयोग से श्वास की बीमारी, कैंसर, ह्रदय रोग आदि कई गंभीर बिमारियां भी होती देखी जा रही हैं.
यह भी सच है की जब टेफलोन कोटेड बर्तन को अधिक गर्म किया जाता है, तो आसपास के क्षेत्र में रह रहे पालतू पक्षियों की जान जाने का खतरा तुरंत ही काफी बढ़ जाता है.
एक न्यूज के अनुसार कुछ समय पहले एक घर के आसपास के 14 पालतू पक्षी तब मारे गए, जब टेफलोन के बर्तन को पहले से गरम किया गया और तेज आंच पर खाना बनाया गया. ये पूरी घटना होने में सिर्फ 15 मिनिट लगे.
टेफलोन कोटेड बर्तनों में सिर्फ 5 मिनिट में 700 डिग्री टेम्प्रेचर तक गर्म हो जाने की प्रवृति होती है और इसी दौरान 6 तरह की खतरनाक गैस वातावरण में फैल जाती हैं.
इनमे से 2 गैस ऐसी होती हैं जो केंसर को भी जन्म देती हैं.
अध्ययन बताते हैं कि टेफलोन को अधिक गर्म करने से पक्षियों के लिए हानिकारक टेफलोन टोक्सिकोसिस बनती है और इंसानों के लिए खतरनाक पोलिमर फ्यूम फीवर की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है .
टेफलोन कोटिंग से उत्पन्न होने वाले केमिकल के शरीर में जाने से होने वाली बीमारियाँ इस तरह की होती हैं -
1. पुरुष इनफर्टिलिटी - हाल ही में हुए एक सर्वे में ये बात सामने आई है कि लम्बे समय तक टेफलोन केमिकल के शरीर में जाने से पुरुष इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ जाता है और इससे सम्बंधित कई बीमारियाँ पुरुषों में देखी जा सकती हैं.
थायराइड - हाल ही में एक अमेरिकन एजेंसी द्वारा किया गए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि टेफलोन की मात्र लगातार शरीर में जाने से थायराइड ग्रंथि सम्बन्धी समस्याएं हो सकती है.
2. बच्चे को जन्म देने में समस्या - केलिफोर्निया में हुई एक स्टडी में ये पाया गया है कि जिन महिलाओं के शरीर में जल, भोजन या हवा के माध्यम से पी ऍफ़ ओ (टेफलोन) की मात्रा सामान्य से अधिक पाई गई थी, उन्हें बच्चो को जन्म देते समय अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ा. इसी के साथ उनमे बच्चो को जन्म देने की क्षमता भी अपेक्षाकृत कम हो गई, जिससे सीजेरियन ऑपरेशन करना पड़ा.
3. शारीरिक समस्याएं व अन्य बीमारियाँ - पी ऍफ़ ओ की अधिक मात्रा शरीर में पाई जाने वाली महिलाओं के बच्चो पर भी इसका असर जन्मजात शारीरिक विकार या समस्याओं के रूप में देखा गया है
4. लीवर केंसर का बढ़ा खतरा - एक अध्ययन में यह भी सामने आया है कि पी ऍफ़ ओ की अधिक मात्रा होने पर लीवर केंसर का खतरा बढ़ जाता है .
5. केंसर या ब्रेन ट्यूमर का खतरा - एक प्रयोग के दौरान जब चूहों को पी ऍफ़ ओ के इंजेक्शन लगाए गए तो उनमे ब्रेन ट्यूमर विकसित हो गया. साथ ही केंसर के लक्षण भी दिखाई देने लगे.
6. जहरीला पी ऍफ़ ओ 4 साल तक शरीर में बना रहता है - पी ऍफ़ ओ जब एक बार शरीर के अन्दर चला जाता है तो लगभग 4 साल तक शरीर में बना रहता है जो एक बड़ा खतरा हो जाता है.
• टेफलोन के दुष्प्रभाव से बचने के उपाय –
1. टेफलोन कोटिंग वाले बर्तनों को कभी भी गैस पर बिना कोई सामान डाले अकेले गर्म करने के लिए न छोड़े.
2. इन बर्तनों को कभी भी 450 डिग्री से अधिक टेम्प्रेचर पर गर्म न करे. सामान्यतया इन्हें 350 से 450 डिग्री तक गर्म करना बेहतर होता है.
3. लेकिन हमारे देश में महिलाओं को पता ही नहीं रहता है कि गेस के बर्नर पर रखे बर्तन का टेम्प्रेचर कितना हुआ है, तो वे कंट्रोल कैसे करेंगी?
4. टेफलोन कोटिंग वाले बर्तनों में पक रहा खाना बनाने के लिए कभी भी मेटल की चम्मचो का इस्तेमाल ना करे; इनसे कोटिंग हटने का खतरा बढ़ जाता है.
5. टेफलोन कोटिंग वाले बर्तनों को कभी भी लोहे के औजार या कूंचे ब्रश से साफ़ ना करे, हाथ या स्पंज से ही इन्हें साफ़ करे.
6. इन बर्तनों को कभी भी एक दूसरे के ऊपर जमाकर ना रखे.
7. घर में अगर पालतू पक्षी हैं, तो इन्हें अपने किचन से दूर रखें,
8. अगर गलती से घर में ऐसा कोई बर्तन ज्यादा टेम्प्रेचर पर गर्म हो गया है, तो कुछ देर के लिए घर से बाहर चले जाए और सारे खिड़की दरवाजे खोल दे.
9. ये गलती बार-बार ना दोहराएं, क्यूंकि चारो ओर के वातावरण के लिए भी ये गैस हानिकारक होती हैं और लाखों सूक्ष्म जीवों को मार देती हैं.
10. टूटे या जगह-जगह से घिसे हुए टेफलोन कोटिंग वाले बर्तनों का उपयोग बंद कर दे. क्यूंकि ये धीरे धीरे आपके भोजन में ज़हर घोल सकते हैं.
11. अगर आपके बर्तन नहीं भी घिसे हैं, तो भी इन्हें हर दो साल में अवश्य ही बदल दें.
12. जहाँ तक हो सके इन बर्तनों कम ही प्रयोग करिए.
13. इन छोटी छोटी बातों का ध्यान रखकर आप अपने और अपने परिवार के स्वास्थ को बेहतर बना सकते हैं.
14. आप सभी लोगो से मैं निवेदन करता हूँ कि टेफलोन कोटिंग के काले जहर से अपने परिवार को हो रहे नुकसान को सुधारने के लिए आप सिर्फ दस मिनिट का समय निकालें और पूरे परिवार व बच्चों के साथ अपने शरीर की नियमित रूप से मेरे हर लेख में बताये अनुसार ओवरहालिंग और रिचार्जिंग हमेशा करते रहें और खान-पान और एक्सरसाइज भी बताये अनुसार जरुर आजीवन करते रहे, ताकि आप और आपके परिवार को कभी भी कैंसर, डायबटीज, ह्रदय रोग, लिवर रोग, किडनी फेल्यर, टी.बी., फेफड़े के रोग, डिप्रेशन, चर्म रोग आदि किसी भी तरह की गंभीर बीमारी नहीं होगी.
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यदि आप चाहे तो सकारात्मक उर्जा से भरपूर मेरे हजारों आध्यात्मिक लेखों को पढ़ने के लिए मेरी लिखी मुक्तियाँ, मुक्ति शिखर, मुक्ति धारा, मुक्ति पथ और मुक्ति कुञ्ज आदि चौदह आध्यात्मिक पुस्तको को हमारे ग्रुप “डॉ. स्वतंत्र जैन सा
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