Tuesday, 24 January 2017

एंटीबायोटिक्स

एंटीबायोटिक्स का का ज्यादा इस्तेमाल हो सकता है जानलेवा

हैरानी होगी आपको यह जानकर कि एंटीबायोटिक्स का अंधाधुंध इस्तेमाल एड्स से भी ज्यादा घातक हो सकता है। डब्लूएचओ ने चेतावनी जारी की है कि अगर इसी तरह एंटीबॉयोटिक्स का उपयोग किया जाता रहा तो भारत समेत दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में वर्ष 2050 तक एक करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत इसके दुष्प्रभाव से हो सकती है।
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दवाओं का असर:
# एचआईवी संक्रमण: एचआईवी संक्रमण होने पर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता समाप्त हो जाती है, जबकि एंटीबॉयोटिक के हद से ज्यादा इस्तेमाल से उनके खिलाफ माइक्रोबियल पैदा हो रहा है जो कि दवाओं के असर को खत्म कर रहा है।
# एंटीबायोटिक का असर: लोगों ने इतनी एंटीबायोटिक ले ली हैं कि उनके शरीर में रेजिस्टेंट पैदा होने से अब एंटीबायोटिक्स ने काम करना बंद कर दिया है। ऐसे में छोटी-छोटी परेशानियां बड़ी समस्याओं का रूप ले रही हैं।
# डायबिटीज का खतरा: बुखार, खांसी या जुकाम होने पर एंटीबायोटिक्स से परहेज करना चाहिए। इनका बार-बार इस्तेमाल करने से डायबिटीज का खतरा 53 फीसदी तक बढ़ जाता है।
इस प्रकार है जानलेवा:
# एंटीबायोटिक्स से पेट में बैक्टीरिया की संख्या व उसका स्वरूप बदल जाता है। इसका लगातार प्रयोग करने से मेटाबॉलिज्म असंतुलित हो जाता है। एंटीबायोटिक्स की वजह से अच्छे बैक्टीरिया की संख्या कम हो जाती है व खराब बैक्टीरिया की संख्या बढऩे से पेनक्रियाज का संतुलन बिगड़ जाता है।
# एंटीबायोटिक्स में स्टेफन जॉनसन सिंड्रोम बेहद आम है। इस सिंड्रोम में मुंह में छाले और चेहरे व छाती पर दाने निकल आते हैं। यह जानलेवा भी हो सकता है।

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