Friday, 27 January 2017

नारी कल्याण पाक


सामग्री :
सिंघाड़े का आटा 250 ग्राम
गेंहू का आटा 250 ग्राम
तिल का तेल 250 ग्राम
शुद्ध गौघृत 250 ग्राम
खजूर 100 ग्राम, (इसे पीस कर रख लें )
बबूल का गोंद 100 ग्राम,
गुड 500 ग्राम

विधि : सबसे पहले घी को कडाही पर गर्म कर गोंद को तिल के तेल में भून लें. इस गोंद को पीस कर अलग रख दें. कडाही में बचे हुए तेल में सिंघाड़े व गेंहू का आटा मिलाकर धीमी आँच पर सेंके.जब सुगंध आने लगे तब देशी घी और पिसा हुआ खजूर ,पिसी गोंद व गुड मिला दे. धीमी आंच पर धीरे धीरे इसे घुमाते रहें ....पाक बनने पर थाली में थोडा घी लगाकर इसे फैलाकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर रखें..
सेवन-विधि : 30 ग्राम तक खाकर दूध पीयें ......पाचन शक्ति अच्छी हो तो ज्यादा भी खा सकते हैं ।
सावधानी : खट्टे पदार्थ लाल मिर्च तला हुआ जंक फ़ूड पैक्ड फ़ूड आदि न खाएं।
लाभ : यह पाक बल व रक्तवर्धक, प्रजननअंगों को ताकत देने वाला गर्भ का पोषण करने वाला गर्भ को गर्भ को स्थिर पुष्ट करने वाला थकावट को मिटानेवाला व उत्तम पित्तनाशक है | इसका सेवन करने से गर्भावस्था में होने वाली भयानक उल्टियों में भी रहत मिल जाती है इसका सेवन करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया), अत्यधिक मासिक रक्तस्राव व उसके कारण होनेवाले कमरदर्द,
रक्त की कमी, कमजोरी , निस्तेजता आदि दूर होकर शक्ति व स्फूर्ति आती है | जिन माताओं को बार- बार गर्भपात होता हो उनके लिए यह विशेष हितकर है |

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