रामबाण चूर्ण.
यह चूर्ण सभी तरह के रोगो मे काम करता है. इस चूर्ण का सेवन अगर स्वस्थ व्यकित करता है तो कभी बीमार नहीं पडता और अगर रोगी व्यकित सेवन करता है तो रोग से मुक्त होता है इसका नियमित सेवन अनेक भयंकर रोगों से मुक्ति दिला कर स्वस्थ रखता है. और इसका कोई भी साईड नहीं है.
यह चूर्ण बालो का झड़ना, पेट दर्द, चर्म रोग, सोरायसिस, बुखार, फोडे – फुन्सि, पीलिया, पेट की गडबड , पाचन ना होना, पथरि, केन्सर, ऐड्स , माईग्रेन, ऐसिडीटी, गैस, जोडो का दर्द, घुटने का दर्द, पेट का फूलना , लिवर के रोग, डायबिटीज, बुखार आना, बार बार बिमार पडना, सर्दी खांसी, मलेरिया, टाईफाईड, कील – मुंहासे , दाद, खाज, खुजली, पायरिया, मसुडो के रोग, गले के रोग, थाईराईड, मस्तिष्क सबंधी रोग, आदि प्रकार के रोगों मे बेहद कारगर है.
रोग प्रतिरोधक शक्ति चूर्ण के लिए आवश्यक सामग्री.
पुनर्नवा 50 ग्राम
हल्दी 30 ग्राम
गिलोय का पाउडर 50 ग्राम
नीम के पत्ते 30 ग्राम
सभी चीजों को मिक्स करके चूरन बना लीजिये. आैर कांच की बोटल मे भर के रख लीजिये. सुबह खाली पेट खाना खाने से पहले 1 चम्मच गुनगुने पानी के साथ सेवन करें.
यह चूर्ण सभी तरह के रोगो मे काम करता है. इस चूर्ण का सेवन अगर स्वस्थ व्यकित करता है तो कभी बीमार नहीं पडता और अगर रोगी व्यकित सेवन करता है तो रोग से मुक्त होता है इसका नियमित सेवन अनेक भयंकर रोगों से मुक्ति दिला कर स्वस्थ रखता है. और इसका कोई भी साईड नहीं है.
यह चूर्ण बालो का झड़ना, पेट दर्द, चर्म रोग, सोरायसिस, बुखार, फोडे – फुन्सि, पीलिया, पेट की गडबड , पाचन ना होना, पथरि, केन्सर, ऐड्स , माईग्रेन, ऐसिडीटी, गैस, जोडो का दर्द, घुटने का दर्द, पेट का फूलना , लिवर के रोग, डायबिटीज, बुखार आना, बार बार बिमार पडना, सर्दी खांसी, मलेरिया, टाईफाईड, कील – मुंहासे , दाद, खाज, खुजली, पायरिया, मसुडो के रोग, गले के रोग, थाईराईड, मस्तिष्क सबंधी रोग, आदि प्रकार के रोगों मे बेहद कारगर है.
रोग प्रतिरोधक शक्ति चूर्ण के लिए आवश्यक सामग्री.
पुनर्नवा 50 ग्राम
हल्दी 30 ग्राम
गिलोय का पाउडर 50 ग्राम
नीम के पत्ते 30 ग्राम
सभी चीजों को मिक्स करके चूरन बना लीजिये. आैर कांच की बोटल मे भर के रख लीजिये. सुबह खाली पेट खाना खाने से पहले 1 चम्मच गुनगुने पानी के साथ सेवन करें.
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