ग्रंथियों में सूजन को कम करने के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा। reduces swelling of glands, lymph nodes.
थायराइड की समस्याओं जैसे की उसका कम या ज्यादा होने के लिए बहुत बढ़िया। beneficial in thyroid disorder.
ग्रंथियों की वृद्धि को रोकने और ठीक करने में मदद करता।
वजन, कफ और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।
कांचनार गुग्गुलु के चिकित्सीय उपयोग
कांचनार गुग्गुलु थायराइड रोगों, ग्रंथियों के बढ़ जाने, और कफ के इलाज में दी जाती है। यह कफको ढीला करता है और लसीका प्रणाली के सही दांग से काम करने में मदद करता है. यह शरीर से विषाक्त पदार्थों के निकाल, रोग को जड़ से हटाने में लाभप्रद है है। यह अमा या विषाक्त पदार्थों को नष्ट करता है। कांचनार गुग्गुलु ट्यूमर को रोकने में लाभदायक प्रभाव दिखाता है। यह अल्सर भर देता है। यह गुदा फिस्टुला के उपचार में उपयोगी है, कफ, रक्तपित्त (आंतरिक रक्तस्राव) और मासिक धर्म संबंधी विकार में भी उपयोगी है।
कांचनार गुग्गुलु मुख्य रूप से पेट में गांठ, गण्डमाला, कंठमाल), ग्रंथी, अल्सर, त्वचा के रोग, फाइलेरिया आदि के इलाज के लिए दिया जाता है।
गुल्म, पेट गांठ (abdominal lump)
Gandamala गण्डमाला (cervical lymphadenitis)
Apaci (chronic lymphadenopathy/scrofula कंठमाला)
Granthi (cyst)
Vrana (अल्सर) (ulcer)
Kushtha कुष्ठ त्वचा के रोग(diseases of skin)
Bhagandara फिस्टुला (fistula-in-ano)
Shlipada (फाइलेरिया) (filariasis)
सेवनविधि और मात्रा How to take and dosage
कांचनार गुग्गुलु, एक गोली दिन में दो बार। खुराक रोग की गंभीरता के अनुसार बढ़ायी जा सकती है। आदर्श खुराक चार गोलियां, एक दिन में तीन बार है।
थायराइड की समस्याओं जैसे की उसका कम या ज्यादा होने के लिए बहुत बढ़िया। beneficial in thyroid disorder.
ग्रंथियों की वृद्धि को रोकने और ठीक करने में मदद करता।
वजन, कफ और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।
कांचनार गुग्गुलु के चिकित्सीय उपयोग
कांचनार गुग्गुलु थायराइड रोगों, ग्रंथियों के बढ़ जाने, और कफ के इलाज में दी जाती है। यह कफको ढीला करता है और लसीका प्रणाली के सही दांग से काम करने में मदद करता है. यह शरीर से विषाक्त पदार्थों के निकाल, रोग को जड़ से हटाने में लाभप्रद है है। यह अमा या विषाक्त पदार्थों को नष्ट करता है। कांचनार गुग्गुलु ट्यूमर को रोकने में लाभदायक प्रभाव दिखाता है। यह अल्सर भर देता है। यह गुदा फिस्टुला के उपचार में उपयोगी है, कफ, रक्तपित्त (आंतरिक रक्तस्राव) और मासिक धर्म संबंधी विकार में भी उपयोगी है।
कांचनार गुग्गुलु मुख्य रूप से पेट में गांठ, गण्डमाला, कंठमाल), ग्रंथी, अल्सर, त्वचा के रोग, फाइलेरिया आदि के इलाज के लिए दिया जाता है।
गुल्म, पेट गांठ (abdominal lump)
Gandamala गण्डमाला (cervical lymphadenitis)
Apaci (chronic lymphadenopathy/scrofula कंठमाला)
Granthi (cyst)
Vrana (अल्सर) (ulcer)
Kushtha कुष्ठ त्वचा के रोग(diseases of skin)
Bhagandara फिस्टुला (fistula-in-ano)
Shlipada (फाइलेरिया) (filariasis)
सेवनविधि और मात्रा How to take and dosage
कांचनार गुग्गुलु, एक गोली दिन में दो बार। खुराक रोग की गंभीरता के अनुसार बढ़ायी जा सकती है। आदर्श खुराक चार गोलियां, एक दिन में तीन बार है।
No comments:
Post a Comment