लाल मिर्च पाउडर: ईंट का चूरा, नमक या पाउडर
एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर को एक ग्लास पानी में मिक्स कीजिए। अगर यह पानी में रंग छोड़े तो इसमें मिलावट है।
खोया, पनीर: स्टार्च
इसे थोड़े से पानी के साथ उबालें, फिर ठंडा होने पर इसमें आयोडीन सलूशन की कुछ बूंदे्ं डालें। नीला रंग मिलावट का संकेत है।
शहद: शुगर सलूशन
शुद्ध शहद में भीगी हुई कपास की बाती जलाने पर तुरंत जलती है, जबकि मिलावटी शहद में डूबी कपास की बाती उतनी आसानी से नहीं जलती और उससे चटचटाने की आवाज भी आती है।
नारियल का तेल: दूसरे तेल
नारियल तेल की छोटी शीशी फ्रिज में रख दीजिए। नारियल तेल जम जाएगा और मिलावटी तेल एक अलग पर्त की तरह अलग निकल आएगा।
धनिया पाउडर: चोकर और बुरादा
पानी पर थोड़ा सा धनिया पाउडर छिड़कें। बुरादा और चोकर पानी के ऊपर तैरेगा।
दूध: डिटरजेंट, सिंथेटिक मिल्क
10 मिलीलीटर दूध को उतने ही पानी के साथ मिलाएं। अगर झाग निकलती है तो उसमें डिटरजेंट हो सकता है। सिंथेटिक मिल्क का स्वाद थोड़ा खराब होता है। अंगुलियों के बीच लेकर रगड़ने से साबुन जैसा फील होता है और गर्म करने पर पीलापन आ जाता है।
जीरा: चारकोल डस्ट से रंगे हुए ग्रास सीड्स
थोड़ा सा जीरा हथेली पर लेकर मसलिए। अगर जीरा काला हो जाता है तो यह मिलावट का संकेत है।
काली मिर्च: मिनरल ऑइल
मिलावटी काली मिर्च के दानों में काफी चमक होती है और इनसे केरोसिन जैसी स्मेल आती है।
सेब: वैक्स पॉलिश
सेब की चमक देखकर ज्यादा खुश मत होइए। ज्यादातर यह चमक सेब पर वैक्स पॉलिश की वजह से दिखती है। इसकी जांच के लिए बस एक ब्लेड लीजिए और सेब को हल्के-हल्के खुरचिए। अगर कुछ सफेद पदार्थ निकले, तो आपको बधाई क्योंकि आप मोम खाने से बच गए!
पिसी हल्दी: मेटानिल यलो
खाने में पिसी हल्दी का रोजाना इस्तेमाल होता है। हल्दी में मेटानिल येलो की मौजूदगी से कैंसर हो सकता है। इसका टेस्ट भी हल्दी पाउडर में पांच बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड और पांच बूंद पानी डालकर कर सकते हैं। अगर सैंपल बैंगनी हो जाए, तो हल्दी मिलावटी है।
साबुत हल्दी: पॉलिश
अगर आप पिसी हल्दी में मिलावट से बचने के लिए साबुत हल्दी को लाकर खुद पिसवाते हैं या किसी और तरीके से साबूत हल्दी को इस्तेमाल करते हैं, तो यह भी काफी रिस्की है। हल्दी की पहचान करने के लिए पेपर पर हल्दी को रखकर ठंडा पानी मिलाएं। अगर रंग अलग हो जाए तो हल्दी पॉलिश की हुई है।
दालचीनी: अमरूद की छाल
मसाले में इस्तेमाल होने वाली दालचीनी में अमरूद की छाल मिलाई जाती है। इसे हाथ पर रगड़कर देखें, अगर यह नकली होगी तो कोई कलर नहीं आएगा।
मछली: गोंद
मछलियों में मिलावट के बारे में आपने शायद ही कभी सोचा होगा, लेकिन ऐसा भी होता है। एक कन्ज्यूमर ग्रुप ‘मुंबई ग्राहक पंचायत’ ने मछलियों पर गोंद लगाने का खुलासा किया है। लोग पॉम्फ्रेट मछली का सिर हल्के से दबाकर देखते हैं। सफेद चिपचिपा पदार्थ मछली की ताजगी का सबूत होता है, इसलिए कुछ मछली बेचने वाले बासी मछली के सिर में गोंद लगा देते हैं।
मटर: मेलाकाइट ग्रीन
मटर के दाने खरीदें हैं, तो उसमें से एक हिस्से को पानी में डालकर हिलाएं और 30 मिनट तक छोड़ दें। अगर पानी रंगीन हो जाता है तो नमूने में मेलाकाइट ग्रीन की मिलावट है। ऐसी मिलावटी चीजें खाने से पेट से संबंधित गंभीर बीमारियां (अल्सर, ट्यूमर आदि) होने का खतरा रहता है।
चायपत्ती: यूज्ड
अगली बार चाय बनाने से पहले चायपत्ती को जरूर जांचें। चायपत्ती ठंडे पानी में डालने पर रंग छोड़े तो साफ है कि उसमें मिलावट है या वह एक बार यूज हो चुकी है।
एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर को एक ग्लास पानी में मिक्स कीजिए। अगर यह पानी में रंग छोड़े तो इसमें मिलावट है।
खोया, पनीर: स्टार्च
इसे थोड़े से पानी के साथ उबालें, फिर ठंडा होने पर इसमें आयोडीन सलूशन की कुछ बूंदे्ं डालें। नीला रंग मिलावट का संकेत है।
शहद: शुगर सलूशन
शुद्ध शहद में भीगी हुई कपास की बाती जलाने पर तुरंत जलती है, जबकि मिलावटी शहद में डूबी कपास की बाती उतनी आसानी से नहीं जलती और उससे चटचटाने की आवाज भी आती है।
नारियल का तेल: दूसरे तेल
नारियल तेल की छोटी शीशी फ्रिज में रख दीजिए। नारियल तेल जम जाएगा और मिलावटी तेल एक अलग पर्त की तरह अलग निकल आएगा।
धनिया पाउडर: चोकर और बुरादा
पानी पर थोड़ा सा धनिया पाउडर छिड़कें। बुरादा और चोकर पानी के ऊपर तैरेगा।
दूध: डिटरजेंट, सिंथेटिक मिल्क
10 मिलीलीटर दूध को उतने ही पानी के साथ मिलाएं। अगर झाग निकलती है तो उसमें डिटरजेंट हो सकता है। सिंथेटिक मिल्क का स्वाद थोड़ा खराब होता है। अंगुलियों के बीच लेकर रगड़ने से साबुन जैसा फील होता है और गर्म करने पर पीलापन आ जाता है।
जीरा: चारकोल डस्ट से रंगे हुए ग्रास सीड्स
थोड़ा सा जीरा हथेली पर लेकर मसलिए। अगर जीरा काला हो जाता है तो यह मिलावट का संकेत है।
काली मिर्च: मिनरल ऑइल
मिलावटी काली मिर्च के दानों में काफी चमक होती है और इनसे केरोसिन जैसी स्मेल आती है।
सेब: वैक्स पॉलिश
सेब की चमक देखकर ज्यादा खुश मत होइए। ज्यादातर यह चमक सेब पर वैक्स पॉलिश की वजह से दिखती है। इसकी जांच के लिए बस एक ब्लेड लीजिए और सेब को हल्के-हल्के खुरचिए। अगर कुछ सफेद पदार्थ निकले, तो आपको बधाई क्योंकि आप मोम खाने से बच गए!
पिसी हल्दी: मेटानिल यलो
खाने में पिसी हल्दी का रोजाना इस्तेमाल होता है। हल्दी में मेटानिल येलो की मौजूदगी से कैंसर हो सकता है। इसका टेस्ट भी हल्दी पाउडर में पांच बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड और पांच बूंद पानी डालकर कर सकते हैं। अगर सैंपल बैंगनी हो जाए, तो हल्दी मिलावटी है।
साबुत हल्दी: पॉलिश
अगर आप पिसी हल्दी में मिलावट से बचने के लिए साबुत हल्दी को लाकर खुद पिसवाते हैं या किसी और तरीके से साबूत हल्दी को इस्तेमाल करते हैं, तो यह भी काफी रिस्की है। हल्दी की पहचान करने के लिए पेपर पर हल्दी को रखकर ठंडा पानी मिलाएं। अगर रंग अलग हो जाए तो हल्दी पॉलिश की हुई है।
दालचीनी: अमरूद की छाल
मसाले में इस्तेमाल होने वाली दालचीनी में अमरूद की छाल मिलाई जाती है। इसे हाथ पर रगड़कर देखें, अगर यह नकली होगी तो कोई कलर नहीं आएगा।
मछली: गोंद
मछलियों में मिलावट के बारे में आपने शायद ही कभी सोचा होगा, लेकिन ऐसा भी होता है। एक कन्ज्यूमर ग्रुप ‘मुंबई ग्राहक पंचायत’ ने मछलियों पर गोंद लगाने का खुलासा किया है। लोग पॉम्फ्रेट मछली का सिर हल्के से दबाकर देखते हैं। सफेद चिपचिपा पदार्थ मछली की ताजगी का सबूत होता है, इसलिए कुछ मछली बेचने वाले बासी मछली के सिर में गोंद लगा देते हैं।
मटर: मेलाकाइट ग्रीन
मटर के दाने खरीदें हैं, तो उसमें से एक हिस्से को पानी में डालकर हिलाएं और 30 मिनट तक छोड़ दें। अगर पानी रंगीन हो जाता है तो नमूने में मेलाकाइट ग्रीन की मिलावट है। ऐसी मिलावटी चीजें खाने से पेट से संबंधित गंभीर बीमारियां (अल्सर, ट्यूमर आदि) होने का खतरा रहता है।
चायपत्ती: यूज्ड
अगली बार चाय बनाने से पहले चायपत्ती को जरूर जांचें। चायपत्ती ठंडे पानी में डालने पर रंग छोड़े तो साफ है कि उसमें मिलावट है या वह एक बार यूज हो चुकी है।
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