योग कई बीमारियों को जड़ से खत्म कर देता है। हम आपको कंधरासन योग के बारे में बताएगें। यह योग जिसका संबंध हमारे कंधे से है।
इस योग को करते समय हमारा ध्यान नाभि के पास होना चाहिए। इस आसन को करने से हमारे कंधे मजबूत होते हैं साथ ही साथ कंधे के दर्द से भी निजात मिलता है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कैसे करें कंधरासन योग और इससे मिलने वाले फायदों के बारे में।
कंधरासन योग के फायदे वैदिक वाटिका आपको बता रही है।
यह आसन शरीर की दुर्बलता को दूर करता है।
पेट के कई रोग कंधरासन योग से खत्म होता है।
आंतों, दिमाग की परेशानियां आदि ठीक होती हैं।
महिलाओं की मासिकधर्म से जुड़ी हुई बीमारियां ठीक होती हैं।
पीठ का दर्द ठीक होता है कंधरासन को रोज करने से।
कमर का दर्द को ठीक करता है यह आसन।
घुटनों का दर्द ठीक हो जाता है इस आसन को नियमित करने से।
गर्भाशय की कमजोरी या दुर्बलता को दूर करता है ये आसन।
हमारी पाचन शक्ति बढ़ती है।
शरीर का आलसपन दूर करता है यह आसन।
शरीर में खून का संचार को प्रबल बनाता है।
वजन कम करता है कंधरासन।
यदि आप अपनी कमर पतली बनाना चाहते हैं तो कंधरासन योग को करें।
कंधे मजबूत बनते हैं।
यही नहीं इस आसन को करने से खिसकी हुई हड्डी वापस अपनी जगह पर आ जाती है।
अब आपको बताते हैं इस आसन को करने के बारे में।
कैसे करें कंधरासन योग
आप जमीन पर एक कंबल या चटाई को बिछा लंे। अब उसपर सीधे पीठ के बल लेटें। दोनों पैरों के घुटनों को मोड़ें और उन्हंे फर्श पर टिका
दें। अब अपने दोनों हाथों को दानों पैरों की एड़ियों के उपर वाले भाग को पकड़ लें। जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
इसके बाद आप अपने सिर को जमीन पर टिका लें और धीरे—धीरे पंजों पर जोर देकर कमर, पीठ, छाती और जांघों को उपर की ओर उठा लें।
दो से तीन मिनट तक आप इस योग की पूर्ण अवस्था में बनें रहें। फिर धीरे—धीरे वापस पहले वाली स्थिति यानि की सामान्य स्थिति में आ जाएं।
पूर्ण आसन तब कहलाता है जब शरीर का सारा भार पंजों और कंधों के उपर होता है।
जब आपको इस आसन का अभ्यास हो जाए तब आप इसे दस बारी तक कर सकते हैं।
कंधरासन योग की क्या हैं सावधानियां
हर योग की अपनी सीमाएं होती हैं ठीक एैसे ही कंधरासन योग की भी कुछ सावधानियां है।
आप खाना खाकर इस आसन को ना करें। यानि कि आपको खाली पेट ही यह आसन करना होगा।
सांस की क्रिया को हमेशा सामान्य रखें।
कमर की हड्डी जिन लोगों की टूटी हो वे भी इस आसन को ना करें।
मासिक धर्म व गर्भवती महिलाएं भी इस आसन को ना करें।
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