Saturday, 11 February 2017

प्रोस्टेट ग्रन्थि बढने के सरल उपचार

प्रोस्टेट एक छोटी सी ग्रंथि होती है जिसका आकार अ्खरोट के बराबर होता है। यह पुरुष के मूत्राषय के नीचे और मूत्रनली  के आस-पास होती है।

५० की आयु के बाद बहुधा प्रोस्टेट ग्रन्थि का आकार बढने लगता है।इसमें पुरुष के सेक्स हार्मोन  प्रमुख भूमिका होती है। जैसे  ही प्रोस्टेट बढती है मूत्र नली पर दवाब बढता है  और पेशाब में रुकावट की  स्थिति बनने लगती है। पेशाब पतली धार में ,थोडी-थौडी  मात्रा में लेकिन बार-बार आता है कभी-कभी पेशाब टपकता हुआ बूंद बूंद जलन के साथ भी आता है। कभी-कभी पेशाब दो फ़ाड हो जाता है। रोगी मूत्र रोक नहीं पाता है। रात को बार -बार पेशाब के लिये उठना पडता जिससे नीद में व्यवधान पडता है।

      यह रोग 70 की आयु  के बाद  उग्र हो जाता है  और पेशाब पूरी तरह रुक जाने के बाद  डॉक्टर केथेटर  की नली लगाकर  यूरिन बेग मे  मूत्र  करने  का इंतजाम  कर देते हैं|

   यह देखने मे आता है कि 60 के पार  50% पुरुषों मे  इस रोग के लक्षण  प्रकट  होने लगते हैं  जबकि 70-80 की आयु  के लोगों मे  90% पुरुषों  मे यह रोग  प्रबल  रूप  मे  दिखाई देता है

प्रोस्टेट वृद्धि  के लक्षण -

1) पेशाब करने मे कठिनाई  महसूस होती है|

2) थोड़ी-थोड़ी  देर मे पेशाब  की हाजत  मालूम होती है| रात को कई बार पेशाब के लिए उठना  पड़ता है

3)  पेशाब की धार चालू होने मे विलंब  होना|

4)  मूत्राशय पूरी तरह खाली नहीं  होता , मूत्र  की कुछ  मात्रा मूत्राशय मे शेष  रह जाती है | इस शेष रहे  मूत्र मे रोगाणु  पनपते हैं| जो किडनी  मे खराबी  पैदा करते हैं|

5)  ऐसा प्रतीत होता है कि पेशाब की जोरदार  हाजत हो रही है  लेकिन बाथरूम  जाने पर पेशाब की कुछ  बूंदे  निकलती हैं  या रूक - रूक कर पेशाब होता है |

6) पेशाब मे जलन  लगती है|

7) पेशाब कर चुकने के बाद भी  पेशाब की बूंदें  टपकती रहती  हैं| याने मूत्र  पर कंट्रोल नहीं रहता |

8)  अंडकोष मे दर्द उठता रहता  है|

9)  संभोग मे दर्द के साथ  वीर्य  छूटता है |

   आधुनिक चिकित्सा में इस रोग को  स्थाई तौर पर  ठीक करने वाली कोई सफ़ल औषधि इजाद नहीं हुई है। इसलिये रोगी को आपरेशन कराने की सलाह दी जाती है। इस आपरेशन में लगभग  25-30  हजार का खर्च बैठता है। ऐसा भी देखने में आता है कि आपरेशन के कुछ साल बाद फ़िर मूत्र रूकावट के हालात बनने लगते हैं।

       अपने दीर्घकालिक अनुभव के आधार पर बुजुर्गों को परेशान करने वाली इस बीमारी को नियंत्रित करने वाले कुछ घरेलू उपचार  यहां  प्रस्तुत कर रहा हूं जिनका समुचित प्रयोग करने से इस व्याधि से मुक्ति पाई जा सकती है।

१)   दिन में ३-४ लिटर पानी पीने की आदत डालें। लेकिन शाम को ६ बजे बाद जरुरत मुताबिक ही पानी पियें ताकि रात को बार बार पेशाब के लिये न उठना पडे।.

२)  अलसी को मिक्सर में चलाकर पावडर बनालें । यह पावडर 15 ग्राम की मात्रा में पानी में घोलकर दिन में दो बार पीयें। बहुत लाभदायक उपचार है।

३)  कद्दू में जिन्क पाया जाता है जो इस रोग में लाभदायक है। कद्दू के बीज की गिरी निकालकर तवे पर सेक लें। इसे मिक्सर में पीसकर पावडर बनालें। यह चूर्ण २० से ३० ग्राम की मात्रा में नित्य पानी के साथ लेने से प्रोस्टेट सिकुडकर मूत्र खुलासा होने लगता है।

४)  चर्बीयुक्त ,वसायुक्त पदार्थों का सेवन बंद कर दें। मांस खाने से भी परहेज करें।

५)  हर साल प्रोस्टेट की जांच कराते रहें ताकि प्रोस्टेट केंसर  को प्रारंभिक हालत में ही पकडा जा सके।

६) चाय और काफ़ी में केफ़िन तत्व पाया जात है। केफ़िन मूत्राषय की ग्रीवा को कठोर करता है और प्रोस्टेट रोगी की तकलीफ़ बढा देता है। इसलिये केफ़िन तत्व वाली चीजें इस्तेमाल न करें।

७) सोयाबीन में फ़ायटोएस्टोजीन्स होते हैं जो शरीर मे टेस्टोस्टरोन का लेविल कम करते हैं। रोज ३० ग्राम सोयाबीन के बीज गलाकर खाना लाभदायक उपचार है।

८) विटामिन सी का प्रयोग रक्त नलियों के अच्छे स्वास्थ्य के लिये जरूरी है। ५०० एम जी की 2  गोली प्रतिदिन लेना हितकर माना गया है।

9)  दों टमाटर  प्रतिदिन या हफ्ते  मे 3-4 बार  खाने से  प्रोस्टेट केन्सर
का खतरा   50% तक कम हो जाता है|  इसमे पाये जाने वाले लायकोपिन
  और  एंटीआक्सीडेंट्स  केन्सर की रोक थाम कर सकते हैं|

१०)  नियमित अंतराल पर सेक्स करने से प्रोस्टेट ग्रन्थि का स्वास्थ्य ठीक रहता है। अत:अधिक संयम गैर जरूरी माना गया है। सेक्स की अति और अधिक संयम दोनो ठीक नहीं ।शारीरिक क्षमता के मुताबिक  महीने में 4 से 6  बार सेक्स करने  की सलाह दी जाती  है।

११)  जिन्क एवं विटामिन डी३ प्रोस्टेट बढने की बीमारी में उत्तम परिणाम प्रस्तुत करते हैं। ३० एम जी जिन्क प्रतिदिन लेने से अच्छे परिणाम आते हैं। विटामिन डी३ याने केल्सीफ़ेर्रोल ६०० एम जी प्रतिदिन लेना चाहिये।

१२)  आधुनिक चिकित्सक इस रोग में बहुधा   टेम्सुलोसीन और फ़ेनास्टरीड दवा का प्रयोग करते हैं।

विशिष्ट परामर्श
१३,गोअर्क का सेवन करे रोज २ चमच

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