Saturday, 11 February 2017

शराब छुड़ाने के तरीके


शराब छुड़ाना मुश्किल काम है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दुनिया में कोई चिकित्सा पद्धति ऐसी नहीं है, जो शराब की लत से मुक्ति दिला सके। शराब की वजह से होने वाली बीमारियों का इलाज हो सकता है। विभिन्न पद्धतियों में उपचार के साथ-साथ परामर्श और अल्कॉहॉलिक्स एनॉनिमस की मीटिंग शराब से मुक्ति दिलाने में कारगर साबित हो रही हैं।

आयुर्वेद

ऐल्कॉहॉल से लिवर में सूजन, पेट और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारियां हो जाती हैं। आयुर्वेद में इन बीमारियों को दूर करने की दवा दी जाती है और साथ-साथ शराब का विकल्प दिया जाता है जिसमें ऐल्कॉहॉल की मात्रा काफी कम हो।

ऐलोवेरा लिवर के लिए फायदेमंद है, जबकि अश्वगंधा तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क को पुष्ट बनाता है। इसके अलावा जटामांसी भी दिया जाता है। सार्थक चूर्ण, ब्राह्मी घृतम आदि शरीर से शराब के जहर को कम करते हैं। इसके अलावा शंखपुष्पी, कुटकी, आरोग्य वर्धनी आदि दिए जाते हैं। शराब के विकल्प के रूप में सुरा का सेवन कराया जाता है। शराब के बदले मृतसंजीवनी सुरा 30-40 एमएल दी जाती है। इसके बाद धीरे-धीरे इसे कम किया जाता है। इसके साथ ही, ऐसे रोगियों को परामर्श केंद्र भेजा जाता है। आयुर्वेद विशेषज्ञों की सलाह है कि डॉक्टर या वैद्य की सलाह से ही इन औषधियों का इस्तेमाल करें।

घरेलू नुस्खे

- संतरा और नीबू के रस तथा सेव, केला आदि के सेवन से ऐल्कॉहॉल की वजह से शरीर में जमा जहर कम हो जाता है।
- खजूर काफी फायदेमंद रहता है। 3-4 खजूर को आधे गिलास पानी में रगड़कर देने से शराब की आदत छोड़ने में मदद मिलती है।
- धूम्रपान करना बिल्कुल बंद कर दें। धूम्रपान से ऐल्कॉहॉल लेने की इच्छा प्रबल होने लगती है।
- आधा गिलास पानी और समान मात्रा में अजवाइन से बने रस को मिलाकर रोजाना एक महीने तक पीने से काफी फायदा मिलता है।

मेसेज : शराब को कभी शौक न समझो। जो इसे एक बार शौक में लेता है, वह इसका गुलाम हो जाता है। फिर सारी जिंदगी तबाह हो जाती है।
डॉक्टरों को सबसे पहले पता होना चाहिए कि ऐल्कॉहॉलिजम एक बीमारी है। इसे ठीक करने के चक्कर में टैब्लेट्स खिला-खिलाकर डॉक्टर शरीर में दवा भर देते हैं। दोस्तों, शराब दवा से नहीं छूटेगी, व्यक्तित्व परिवर्तन से ही इसे छोड़ा जा सकता है।

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