तुलसी के पौधे के सभी भाग (पत्ती, मंजरी, तना, जड़ ) ले कर 1- 1 इंच के टुकड़े कर लें, कोई रोगी पत्ता हो तो उसे अलग करें।
इन टुकड़ों को किसी बर्तन में पानी भर के रख दें। पानी ज़्यादा नही होना चाहिए बस सभी सामग्री डूबने लायक हो।
एक दिन इसे पानी में रहने दें।
दूसरे दिन इसे प्रेसर कुकर में पानी सहित डाल दें, कुकर की सीटी हटा कर एक रबर पाइप लगा दें, उसके ऊपर ठन्डे पानी में भीगा कपडा बांध दें।
कुकर को आग पर रखें।
जैसे ही पानी गर्म होगा उसकी भाप रबर से निकलते हुए रबर के दूसरे सिरे में रखी बोतल में बून्द बून्द कर निकलेगी।
बोतल को कुकर से 2 फुट नीचे ही रखना है।
जब कुकर में पानी ख़त्म हो जाये तब गैस बंद करके बोतल को ढक्कन लगा कर रख लें।
ये अर्क अमृत तुल्य है, किसी भी बीमारी में ये फायदा करता है।
बिना बीमारी के भी इसकी एक बून्द नियमित पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में गजब का इज़ाफ़ा होता है।
बच्चों में होने वाले सर्दी, जुक़ाम, बुखार , पेट दर्द, सर दर्द, माइग्रेन आदि सभी रोग दूर हो जाते हैं।
।। जय श्री हरि ।।
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