आज का विषय - गर्भावस्था में कमर और पीठ दर्द ........
गर्भावस्था में पीठ व कमर दर्द होना एक आम बात है। करीब आधी से ज्यादा महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान किसी-न-किसी समय कमर और पीठ दर्द की शिकायत होती है। अच्छी बात यह है कि इस तकलीफ को दूर करने और इसे एक दीर्घकालिक तकलीफ में बदलने से रोकने के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है।
अगर, आपको गर्भावस्था में पीठ व कमर दर्द है, तो भी शिशु के जन्म के समय इसके प्रभाव को लेकर आप चिंतित न हों। अगर, सही इलाज लिया जाए, तो प्रसव के समय पीठ दर्द के कारण परेशानी पैदा होना दुर्लभ है।
गर्भवती होने से पहले पीठ दर्द की समस्या से परेशान कुछ महिलाओं ने यहां तक पाया कि उनकी गर्भावस्था बढ़ने के साथ-साथ उन्हें दर्द में भी आराम मिलता गया।
मैं अपनी पीठ और कमर दर्द को कैसे कम कर सकती हूँ?
पीठ और कमर दर्द कम करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकती हैं, जैसे कि:
• व्यायाम: श्रोणी मांसपेशियों और पेट के व्यायाम आपकी पीठ पर पड़ने वाले दबाव को कम कर सकते हैं। अपने हाथों और घुटनों के बल आ जाएं और अपनी पीठ को यथासंभव सपाट रखें। सांस अंदर लें और सांस बाहर छोड़ते समय अपनी श्रोणी मांसपेशियों को अंदर की तरफ भींचे। अपनी नाभि को भी अंदर और ऊपर की ओर खींचे। पांच से 10 सैकंड तक बिना अपनी सांस रोके और बिना अपनी कमर ऐसा करती रहें। व्यायाम के अंत में अपनी मांसपेशियों को थोड़ा आराम दें। कैट स्ट्रेच पोज भी इसमें फायदेमंद हो सकता है।
• मालिश: मालिश करने से थकी और पीड़ाग्रस्त मांसपेशियों को आराम मिलता है। एक कुर्सी की पीठ के ऊपर से आगे की ओर झुकें या फिर करवट लेकर लेटें। अपने पति या माँ से पीठ के निचले हिस्से और रीढ़ की हड्डी के साथ-साथ चलने वाली मांसपेशियों पर कोमलतापूर्वक मालिश करने के लिए कहें। एक प्रशिक्षित मालिश थैरेपिस्ट या फिजियोथेरेपिस्ट इसके आगे आपकी मदद कर सकते हैं।
• सही मुद्रा: अगर आपकी पूँछ-अस्थि (टेलबोन) पर दर्द है, तो सुनिश्चित कीजिए कि आप बैठते समय पसरने से बचें। अपनी पीठ को आगे की ओर उतना झुकाकर बैठें, जितना कि आरामदायक हो। एक कोमल गद्दी या गद्देदार घेर पर बैठने की कोशिश कीजिए।
• तैराकी: ये भी गर्भावस्था के दौरान पीठ व कमर दर्द को कम करने में कारगर हैं।
• एक्यूपंक्चर: सुनिश्चित करें कि आप किसी ऐसे प्रशिक्षक से एक्यूपंक्चर थैरेपी कराएं, जिन्हें गर्भावस्था में एक्यूपंक्चर के इस्तेमाल का प्रशिक्षण और अनुभव प्राप्त हो।
• मां के लिए विशेष तकिया: अपने पेट के नीचे एक पच्चर के आकार का तकिया लगाकर करवट लेकर लेटने से पीठ दर्द कम करने में मदद मिलती है।
• ताप और पानी: एक गर्म स्नान, एक गर्म पैक या फिर शॉवर से गर्म पानी का तेज प्रवाह, ये सभी पीठ दर्द कम करने में मदद कर सकते हैं।
• सहारा देने वाली पट्टी: ये पट्टी पेट की मांसपेशियों और पीठ पर पड़ने वाले आपके शिशु के कुछ वजन को अपने ऊपर ले लेती हैं। अपने लिए सही नाप की पट्टी के बारे में डॉक्टर से पूछें।
• उचित जूते या सैंडल पहनें: उचित सहारा देने वाले कम ऊंचे और आरामदायक जूते या सैंडल, आपकी पीठ के लिए हितकर हो सकते हैं। ऊंची ऐड़ी के सैंडल या जूते आपकी कमर के निचले हिस्से पर बहुत ज्यादा दबाव डालते हैं। इसकी वजह से वजन बढ़ने पर आपको पीठ दर्द शुरु हो सकता है। आपके शरीर में होने वाले परिवर्तन के कारण आपका गुरुत्वाकर्षण केंद्र भी बदलता है। इसलिए आपको ऊंची ऐड़ी के जूतों में सही तरह से संतुलन बनाने में मुश्किल हो सकती है।
• टेन्स: पीठ और कमर दर्द में राहत का यह एक सुरक्षित तरीका है। इसका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह और व्यायाम जैसे अन्य उपचारों के साथ ही करना बेहतर रहता है। टेन्स मशीन के इस्तेमाल के बारे में अपनी डॉक्टर से सलाह लें।
गर्भावस्था में पीठ व कमर दर्द होना एक आम बात है। करीब आधी से ज्यादा महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान किसी-न-किसी समय कमर और पीठ दर्द की शिकायत होती है। अच्छी बात यह है कि इस तकलीफ को दूर करने और इसे एक दीर्घकालिक तकलीफ में बदलने से रोकने के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है।
अगर, आपको गर्भावस्था में पीठ व कमर दर्द है, तो भी शिशु के जन्म के समय इसके प्रभाव को लेकर आप चिंतित न हों। अगर, सही इलाज लिया जाए, तो प्रसव के समय पीठ दर्द के कारण परेशानी पैदा होना दुर्लभ है।
गर्भवती होने से पहले पीठ दर्द की समस्या से परेशान कुछ महिलाओं ने यहां तक पाया कि उनकी गर्भावस्था बढ़ने के साथ-साथ उन्हें दर्द में भी आराम मिलता गया।
मैं अपनी पीठ और कमर दर्द को कैसे कम कर सकती हूँ?
पीठ और कमर दर्द कम करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकती हैं, जैसे कि:
• व्यायाम: श्रोणी मांसपेशियों और पेट के व्यायाम आपकी पीठ पर पड़ने वाले दबाव को कम कर सकते हैं। अपने हाथों और घुटनों के बल आ जाएं और अपनी पीठ को यथासंभव सपाट रखें। सांस अंदर लें और सांस बाहर छोड़ते समय अपनी श्रोणी मांसपेशियों को अंदर की तरफ भींचे। अपनी नाभि को भी अंदर और ऊपर की ओर खींचे। पांच से 10 सैकंड तक बिना अपनी सांस रोके और बिना अपनी कमर ऐसा करती रहें। व्यायाम के अंत में अपनी मांसपेशियों को थोड़ा आराम दें। कैट स्ट्रेच पोज भी इसमें फायदेमंद हो सकता है।
• मालिश: मालिश करने से थकी और पीड़ाग्रस्त मांसपेशियों को आराम मिलता है। एक कुर्सी की पीठ के ऊपर से आगे की ओर झुकें या फिर करवट लेकर लेटें। अपने पति या माँ से पीठ के निचले हिस्से और रीढ़ की हड्डी के साथ-साथ चलने वाली मांसपेशियों पर कोमलतापूर्वक मालिश करने के लिए कहें। एक प्रशिक्षित मालिश थैरेपिस्ट या फिजियोथेरेपिस्ट इसके आगे आपकी मदद कर सकते हैं।
• सही मुद्रा: अगर आपकी पूँछ-अस्थि (टेलबोन) पर दर्द है, तो सुनिश्चित कीजिए कि आप बैठते समय पसरने से बचें। अपनी पीठ को आगे की ओर उतना झुकाकर बैठें, जितना कि आरामदायक हो। एक कोमल गद्दी या गद्देदार घेर पर बैठने की कोशिश कीजिए।
• तैराकी: ये भी गर्भावस्था के दौरान पीठ व कमर दर्द को कम करने में कारगर हैं।
• एक्यूपंक्चर: सुनिश्चित करें कि आप किसी ऐसे प्रशिक्षक से एक्यूपंक्चर थैरेपी कराएं, जिन्हें गर्भावस्था में एक्यूपंक्चर के इस्तेमाल का प्रशिक्षण और अनुभव प्राप्त हो।
• मां के लिए विशेष तकिया: अपने पेट के नीचे एक पच्चर के आकार का तकिया लगाकर करवट लेकर लेटने से पीठ दर्द कम करने में मदद मिलती है।
• ताप और पानी: एक गर्म स्नान, एक गर्म पैक या फिर शॉवर से गर्म पानी का तेज प्रवाह, ये सभी पीठ दर्द कम करने में मदद कर सकते हैं।
• सहारा देने वाली पट्टी: ये पट्टी पेट की मांसपेशियों और पीठ पर पड़ने वाले आपके शिशु के कुछ वजन को अपने ऊपर ले लेती हैं। अपने लिए सही नाप की पट्टी के बारे में डॉक्टर से पूछें।
• उचित जूते या सैंडल पहनें: उचित सहारा देने वाले कम ऊंचे और आरामदायक जूते या सैंडल, आपकी पीठ के लिए हितकर हो सकते हैं। ऊंची ऐड़ी के सैंडल या जूते आपकी कमर के निचले हिस्से पर बहुत ज्यादा दबाव डालते हैं। इसकी वजह से वजन बढ़ने पर आपको पीठ दर्द शुरु हो सकता है। आपके शरीर में होने वाले परिवर्तन के कारण आपका गुरुत्वाकर्षण केंद्र भी बदलता है। इसलिए आपको ऊंची ऐड़ी के जूतों में सही तरह से संतुलन बनाने में मुश्किल हो सकती है।
• टेन्स: पीठ और कमर दर्द में राहत का यह एक सुरक्षित तरीका है। इसका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह और व्यायाम जैसे अन्य उपचारों के साथ ही करना बेहतर रहता है। टेन्स मशीन के इस्तेमाल के बारे में अपनी डॉक्टर से सलाह लें।
No comments:
Post a Comment