Wednesday, 14 December 2016

तेजपत्तों का सेवन

     आज हम बात करेंगे हमारी रसोई घर की एक बेहतरीन औषधि तेजपत्तों की जिससे सारी बहने बाखूबी परिचित हैं , लेकिन इसके गुणों के विषय में हमें पूरी जानकारी नहीं होती है । आज इसीलिए तेजपत्तों पर बात करेंगे ।

* क्या आपको पता है कि ये बहुत चमत्कारी औषधि है.....!

*जी हाँ आइये तेजपत्ते का सेवन कीजिए....

* पुलाव बिरयानी की प्लेट में तेजपात नज़र आता है जिसे हम बड़े करीने से प्लेट से अलग कर देते हैं ।

इसका पेड़ पचीस फुट तक ऊँचा होता है और इस पर पीले रंग के फूल लगते हैं। इसमें रासायनिक खोज करने पर तीन तरह के तेल पाए गए हैं। उतपत्त तेल ,यूजीनाल और आइसो यूजीनाल। इसे हिन्दी में तेजपात और संस्कृत में तमालपत्र कहते हैं। इसे वैज्ञानिक भाषा में Cinnamomum tamala कहते हैं।

*आइये तेजपात के औषधीय गुणों की चर्चा करे .....!

जुयें के लिए - तेजपात के ५-६ पत्तों को एक गिलास पानी में इतने उबालें की पानी आधा रह जाए | इस पानी से प्रतिदिन सिर की मालिश करने के बाद नहाएं | इससे सिर में जुएं नहीं होती हैं |

सर्दी-जुकाम,छींकें आना ,नाक बहना,जलन ,सिरदर्द आदि - तेजपत्ते की चाय पीजिये शीघ्र लाभ मिलता है |

हकलाहट में -  तेजपात के पत्रों को नियमित रूप से चूंसते रहने से हकलाहट में लाभ होता है |

खाँसी - एक चम्मच तेजपात चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से खाँसी में आराम मिलता है |

पेट फूलना व अतिसार - तेजपात के पत्तों का क्वाथ (काढ़ा) बनाकर पीने से पेट का फूलना व अतिसार आदि में लाभ होता है |

उबकाई - इसके २-४ ग्राम चूर्ण का सेवन करने से उबकाई मिटती है |

दमा में - तेजपात ,पीपल,अदरक, मिश्री सभी को बराबर मात्र में लेकर चटनी पीस लीजिए।१-१ चम्मच चटनी रोज खाएं ४० दिनों तक। फायदा सुनिश्चित है।

दाँतो के लिए -  सप्ताह में तीन दिन तेजपात के बारीक चूर्ण से मंजन कीजिए। दाँत चमकदार व मजबूत होंगे, दांतों में कीड़ा नहीं लगेगा ,ठंडा गरम पानी नहीं लगेगा , दांत मोतियों की तरह चमकेंगे।

कीड़ो से बचाव - कपड़ों के बीच में तेजपात के पत्ते रख दीजिए , ऊनी, सूती, रेशमी कपडे कीड़ों से बचे रहेंगे। अनाजों के बीच में ४-५ पत्ते डाल दीजिए तो अनाज में भी कीड़े नहीं लगेंगे। उनमें एक दिव्य सुगंध जरूर बस जायेगी।

दुर्गंध में - अनेक लोगों के मोजों से दुर्गन्ध आती है ,वे लोग तेजपात का चूर्ण पैर के तलुवों में मल कर मोज़े पहना करें। पर इसका मतलब ये नहीं कि आप महीनों तक मोज़े धुलें ही न। वैसे भी अंदरूनी कपडे और मोज़े तो रोज धुलने चाहिए। मुँह से दुर्गन्ध आती है तो तेजपात का टुकड़ा चबाया करें। बगल के पसीने से दुर्गन्ध आती है तो तेजपात का चूर्ण पावडर की तरह बगलों में लगाया करें।

आँखों की रोशनी में - अचानक आँखों में कुछ रोशनी कम होने लगे तो तेजपात के बारीक चूर्ण को सुरमे की तरह आँखों में लगायें, इससे आँखों की सफाई हो जायेगी और नसों में ताजगी आ जायेगी जिससे आपकी दृष्टि तेज हो जायेगी। इस प्रयोग को लगातार करने से चश्मा भी उतर सकता है।

पेट में गैस - गैस की वजह से तकलीफ महसूस हो रही हो तो ३-४ चुटकी या ४ मिली ग्राम तेजपात का चूर्ण पानी से निगल लीजिए। एसीडिटी की तकलीफ में इसका लगातार सेवन बहुत फायदा करता है और पेट को आराम मिलता है।

हृदय में - तेजपात का अपने भोजन में लगातार प्रयोग कीजिए ,आपका ह्रदय मजबूत बना रहेगा , कभी हृदय रोग नहीं होंगे।

पागलपन के लिए -  एक एक ग्राम तेजपात का चूर्ण सुबह शाम रोगी को पानी या शहद से खिलाएं या तेजपात के चूर्ण का हलुआ बनाकर खिलाएं। सूजी के हलवे में एक चम्मच तेजपात का चूर्ण डाल दीजिए। बन गया हलवा।

पेट की वीमारी - पेट की किसी भी बीमारी में तेजपत्ते का काढा बनाकर पीजिए। दस्त, आँतों के घाव, भूख न लगना सभी में आराम मिलेगा।

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