Friday, 2 June 2017

ज्वर

होम्योपैथिक और ज्वर

ज्वर या बुखार हमारे घरों मे सबसे ज्यादा होने बाली बीमारी है। बुखार कई प्रकार के और कई कारणों से होता है। Homeopathy cure of fever
साधारण ज्वर :- यह कई कारणों से होता है। यह सांघातिक नही होता है, शरीर का तापक्रम 104-105 तक पहुँच जाता है। हाथ पैरों मे काफी दर्द, तेज सिरदर्द होना, कभी कभी वमन होना, बेचैनी या काफी सुस्ती होना, प्यास का होना या ना होना, पसीना आना, आदि लक्षण होते हैं। साधारणतया यह ज्वर 5 से 10 दिनों तक बना रहता है।
ज्वर होने के कारणों के आधार पर इसे निम्न ग्रुपों मे
1) अचानक मौसम परिवर्तन के कारण होने वाला साधारण बुखार
2) ठंड लगने के कारण होने वाला ज्वर
3) लू लगने के कारण होने वाला ज्वर
4) वर्षा में भींगने के कारण होने बाला ज्वर
4) पेट की गड़बड़ियों के कारण होने बाला ज्वर
3) घाव, फोड़ों के पकने के कारण होने वाला ज्वर
4) अत्यधिक शोक, या दु:ख के कारण होना
उपरोक्त कारणों से होने बाले ज्वर का ईलाज:-
एकोनाइट (ACONITE)
अचानक होने बाले ज्वर का प्रथम दवा है। अभी थोड़ी देर पहले बच्चा/ आदमी स्वस्थ था, बीमारी का कोई भी लक्षण का नामोनिशान नहीं था और अचानक हाथ पैर गर्म हो जाते है, शरीर का तापक्रम बढ जाता है, सरदर्द एवं बेचैनी लगने लगती है।रोगी कहता है कि मैं अब नहीं बचुंगा। अक्सर गाँवों में इसे ही लोग कहने लगते है कि " नजर लग गई " इस हालत में एकोनाइट -30/200 का 2-2 बूँद दवा की दो खुराक 15-15 मिनट के अन्तर से दे दें। रोगी की हालत में तत्काल लाभ होगा। तथाकथित नजर का लगना उतर जायेगा।
इसके बाद स्थान आता है
ब्रायोनिया (BRYONIA)
रोग के शुरुआत में यदि एकोनाइट नहीं दिया जा सका तो ज्वर का लक्षण बदल जाता है। रोगी चुपचाप पड़ा रहता है, शरीर (हाथ पैरों ) मे दर्द रहता है, आँखें , कनपटी और सिर में काफी दर्द होता है। यह दर्द हिलने डोलने के कारण, यहाँ तक कि आँखें खोलने के कारण भी सिर का दर्द बढ जाता है। मुँह का स्वाद तीता रहता है। जीभ के उपर सफेद/पीला लेप जैसा चढी रहती है। देर देर मे ज्यादा पानी पीता है (1-2 गिलास) पीता है। मुँह सुखा रहता है कब्ज रहता है। ब्रायोनिया - 30/200 का 2-2 बुंद दवा जीभ पर तीन तीन घंटे के अन्तराल पर दें। ज्वर का कारण अचानक ठंड लगना भी होता है।
रसटाक्सिकोडेण्ड्रान (RHUS TOXICODENDRON)
इसे सीधे रसटक्स कहते है। वर्षा मे भींगने या ज्यादा स्नान करने या वरसात मे मौसम मे होने वाला ज्वर का यह Specific Remedy है। यदि ज्वर के साथ खाँसी और प्यास हो तो सीधे सीधे इसे आजमाएं। शरीर मे दर्द ,विशेषकर कमर मे दर्द रहता है। इसके दर्द की विशेषता है कि यह टानने की तरह होता है। ब्रायोनिया के विपरीत इसका दर्द आराम करने से बढ़ता है ।रोगी बिस्तर से उठकर टहलने के लिए मजबुर होता है या बिस्तर पर ही करवट बदलता रहता है।
इयुपेटोरियम पर्फोलिएटम (Eupatorium Perfolietum):-
कुछ ज्वर मे दर्द शरीर के हड्डीयों मे ज्यादा होता है। इसे बोलचाल की भाषा मे हड्डीतोड़ बुखार भी कहते है। हाथ पैंरों की हड्डियों में तेज दर्द इसका प्रधान लक्षण है। इसके साथ जोरों का सिर दर्द, जाड़ा लगना , कँपकँपी होना, यकृत की जगह पर दर्द, जीभ पीली मैल से ढँकी आदि इसके ज्वर के द्वितीयक लक्षण है।
जेल्सिमियम (Gelsimium)
सुस्ती इसका प्रधान लक्षण है। रोगी ज्वर की तीब्र अवस्था में भी चुप्चाप सोया रहता है। प्यास प्राय: नहीं रहती है। तमतमाया हुआ लाल रंग का चेहरा , छलछलायी जल भरी आँखें , लगातार छींकें आना, नाक से लगातार पानी आना आदि इसके मुख्य लक्षण है । रात मे ज्वर बढ जाना, और शुबह में बिना पसीना आये ज्वर उतर जाना , काफी चिढचिढापन के साथ साथ सिर्फ सोये रहने की इच्छा रहना, शरीर मे कोई ताकत नहीं मिलना (बेतरह कमजोरी) आदि इस दवा कि ओर इशारा करते है।
इस दवा की 2-2 बुन्द तीन तीन घंटे के अन्तराल पर दें।
मैं चुनी हुई दवा को निन्म तरीके से देता हूँ- दुसरा खुराक आधे घंटे के बाद , तीसरी ख़ुराक एक घंटे के बाद , चौथी ख़ुराक दो घंटे के बाद , पाचवीं खुराक चार घंटे के बाद देता हूँ, और इससे जल्द लाभ मिलते देखा हूँ ।
मैं Bryonia, Rhustox , Gelsemium और Eupatorium Perfolietum इन चारों दवाओं को (30 शक्ति) मिला कर एक बड़ी बोतल मे रख लिया हूँ । इसे पेटेन्ट दवा के रुप मे अपने कई रिस्तेदारों और दोस्तों को दिया हूँ । किसी भी तरह के सर्दी , खाँसी, बुखार मे इस मिक्चर की 4-5 बूँदें दो दो घंटे के अन्तराल पर लेना काफी फायदेमंद रहा है। साधारणतया आम घरों में किसी बच्चे को या बड़े को बुखार लगने पर उसके लक्षण मिला कर दवा देना सभंव नहीं होता है और वे सीधे एलोपैथ डाक्टर के पास जाना ज्यादा आसान समझते हैं।
इस आम धारणा (होम्योपैथिक के प्रति दु:श्प्रचार) की होम्योपैथिक दवायें धीरे काम करती हैं के कारण आम लोगों को ज्वर की हालत मे एलोपैथ ज्यादा अच्छा लगता है। मैं उन्हें उक्त मिक्चर बना कर रख लेने की सलाह देता हुँ , (चारो दवा की 10-10 ml लेकर एक 50 ml की शीशी मे मिलाकर अच्छी तरह मिलायें , इसकी लागत करीब 30-50 रुपये के बीच आयेगी) इसका प्रयोग उन्हें होम्योपैथिक सिस्टम के प्रति विश्वास बनाये रखेगा

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