पीरियड्स रोकने के दुष्परिणाम
पिछले
कुछ वर्षो से महिलायों और लडकियों में एक चलन शुरू हुआ है, जिसका
दुष्परिणाम जाने बिना एक दुसरे से जानकारी ले कर उपयोग करती हैं...... जी
हाँ वो चलन हैं पीरियड्स को आगे बढाने का, पीरियड्स को तय समय पर आने से
रोकने का। आज कल महिलायों को कही जाना हो, पार्टी हो, कोई पूजा-पाठ हो, या
कोई जरुरी काम हो और उस समय उनकी पीरियड्स की तारीख रहती हैं, तो बिना सोचे
समझे, बिना डॉक्टर की सलाह के तुरंत मेडिकल स्टोर्स से दवाई खरीद कर खा
लेती हैं, और पीरियड्स को कुछ समय के लिए आगे बढ़ा लेती हैं। भारत जैसे
धार्मिक देश में जहाँ पूजापाठ ,छुआछुत ज्यादा मानी जाती हैं, वहाँ यह चलन
बहुत तेजी से फेल रहा हैं। महिलाये स्वयं अपने शरीर की एक प्राकृतिक क्रिया
को रोकती हैं। उस क्रिया को डिस्टर्ब करती है, बगैर ये जाने कि उसका आगे
चल कर क्या दुष्परिणाम होगा। यहाँ तक कि छोटी बच्चियों तक को ये दवा देने
में कोई परहेज नहीं करती हैं वो भी बिना डॉक्टर की सलाह के।
क्या
महिलाये या कोई भी इंसान एक दिन के लिए भी अपने मल-मूत्र को दवाई खा कर
रोक सकता हैं, या कोई भी इंसान दवाई खा कर अपने शरीर की प्राकृतिक क्रियायो
को रोक कर स्वथ्य रह सकता हैं ???
नहीं ...क्योकि
शरीर की प्राकृतिक क्रियायो में तनिक भी फेरबदल होने से उसका प्रभाव मनुष्य
के तन और मन पर पडता हैं। जब हम एक दिन के लिए भी अपने मल-मूत्र को नहीं
रोक सकते हैं, तो पीरियड्स को क्यों रोका जाता हैं ??? क्या पीरियड्स शरीर
की प्राकृतिक क्रिया नहीं हैं???
चलिए जानने की कोशिश
करते हैं कि आखिर वो कौन सी गोली या दवाई हैं, जिससे कुछ समय के लिए
पीरियड्स को रोका जाता है, और उसके क्या दुष्परिणाम है।
यह
नोररेजिस्त्रोंन (Norethisterone) इंसान द्वारा बनाया हुआ एक फीमेल
हार्मोन होता हैं। यह महिलायों के शरीर से प्राकृतिक रूप से स्त्रावित होने
वाला प्रोजेस्ट्रोन (Progesterone) हार्मोन के समान हैं। नोररेजिस्त्रोंन
(Norethisterone) महिलायों के शरीर में प्रोजेस्ट्रोन (Progesterone)
हार्मोन का लेवल बढ़ा देता हैं, जिस से पीरियड्स रुक जाता हैं।
साइड-इफ़ेक्ट ......
अधिकतर
महिलाये बिना किसी डॉक्टर की सलाह के बिना सोचे समझे ये दवा खाती हैं।
आईये देखते हैं कि इस दवा के और पीरियड्स रोकने के क्या-क्या साइड इफ़ेक्ट
हैं ....
• पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं।
• इसे खाने के बाद अगले महीने के पीरियड्स में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना।
• दो पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग हो सकती हैं।
• यूट्रस (Uterus) में फिब्रोइड, सिस्ट या गठान अथवा कैंसर हो सकता हैं।
• ब्रैस्ट में भारीपन, सूजन या गठान हो जाना
• ल्यूकोरिया(श्वेत-प्रदर) की शिकायत हो सकती हैं।
• थकान होना।
• चिडचिडाहट होना।
• शरीर में अनचाहे बालो की वृद्धि होना अर्थात चेहरे पर बाल आना।
• पिम्पलस (मुंहासे) या झाइयां(Pigmentaion) होना।
• लिवर की प्रॉब्लम होना।
• कब्ज या दस्त लगना।
• मुहं सूखना।
• सांस लेने में तकलीफ होती हैं।
• नींद डिस्टर्ब होना।
• चक्कर आना।
• हाथ-पैरो में सूजन आना।
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