शिलाजीत के उपयोग से लाभः
शिलाजीत बलकारक, पांडु रोग, शोथ, श्वास, प्लीहा वृद्धि ज्वर में लाभकारी है।
इसके सेवन से रक्त भार कम होता है। यह, रक्त भार के कारण फैली हुई धमनियों को संकुचित कर, उसे बल प्रदान करता है।
मधुमेह के रोगी द्वारा आहार पर ध्यान रखकर शिलाजीत का सेवन करने से मधुमेह ठीक हो जाता है।
इसके सेवन से मूत्र में आता हुआ एलब्यूमिन दूर हो जाता है।
मूत्र कृच्छ में इसका उपयोग अति लाभदायक है।
रोगी को शिलाजीत का सेवन कराने से उनको अधिक मात्रा में मूत्र आने लगता है, जिससे उसके रोग का शमन होता है।
सेवन विधिः
शिलाजीत
का उपयोग, रोग और रोगी के बल के अनुसार, क्रमशः मात्रा बढ़ाते हुए, करना
चाहिए। शिलाजीत का उपयोग करते समय आहार में दूध की ही प्रधानता रहनी चाहिए।
इसे दूध, रस, जल तथा अनेक प्रकार के तरल पदार्थों में धोकर, रोगी एवं
रोगों का विचार कर, उपयोग करना चाहिए। इस प्रकार शिलाजीत का यत्नपूर्वक
उपयोग करते हुए उत्तम सुख, निरोगी काया का सिद्धांत कायम कर सकते हैं। इस
तरह कई रोगों में गुणकारी है शिलाजीत।
बाज़ार में शिलाजीत वटी मिलती है किसी अच्छे निर्माता की बनाइ हुई ले सकते है !!
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