मसाज
के बहुत फायदे हैं, यह न केवल थकान मिटाती है बल्कि कई खतरनाक बीमारियों
का उपचार भी मसाज से हो सकता है। पीठ में दर्द, अर्थराइटिस, सिरदर्द, उच्च
रक्तचाप, कैंसर, आदि कई बीमारियों का उपचार मसाज से हो सकता है। हालांकि
मसाज के शारीरिक फायदों को लेकर शोध चल रहे हैं, लेकिन यह आपकी सेहत में
सुधार कर सकता है।
2. स्वीडिश मसाज थेरेपी
यह
सबसे ज्यादा प्रचलित मसाज थेरेपी है। इसमें लंबे, हल्के स्ट्रोक लगाए जाते
हैं, इसमें मांसपेशियों की सबसे ऊपरी सतह पर थपथपाने वाले स्ट्रोक भी लगाए
जाते हैं। इसके अलावा वृत्ताकर गतियां भी दी जाती हैं, जिसमें जोड़ों के
मूवमेंट भी शामिल हैं। इस मसाल से मांसपेशियों का तनाव कम होता है। यह
थेरेपी शरीर को आराम और ऊर्जा देती हैं। चोट लगने के बाद आराम पहुंचाने में
बहुत फायदेमंद है।
3. एरोमा थेरेपी मसाज
इसे
खुशबूदार मसाज थेरेपी भी कहते हैं, इसमें मसाज करवाने वाले की विशेष
जरूरतों के अनुसार एक या दो खुशबूदार पौधों का तेल उपयोग किया जाता है।
मसाज थेरेपिस्ट वह तेल चुन सकता है, जो आराम पहुंचाए, एनर्जी दे और तनाव कम
करे। अधिकतर एरोमा थेरेपी में लवेंडर का तेल उपयोग किया जाता है। जो लोग
भावनात्मक तनाव में होते हैं, उनके लिए यह सबसे बेहतर मसाज थेरेपी मानी
जाती है।
4. डीप टिशु मसाज
मसाज
की यह थेरेपी मांसपेशियों की गहरी परत को आराम पहुंचाने के लिए की जाती
है। इसमें बहुत धीरे लेकिन गहरे स्ट्रोक लगाए जाते हैं। यह शरीर के कुछ
निश्चित, कड़े और समस्याएं खड़े करने वाले बिंदुओं के ऊतकों को आराम
पहुंचाने के लिए की जाती है। यह मांसपेशियों की जकड़न, लगातार मांसपेशियों
में खिंचाव, शरीर का पोश्चर बिगड़ जाना, कमर दर्द और चोट से उबारने में
बहुत ही कारगर है।
5. हॉट स्टोन मसाज
यह
गर्म और चिकने पत्थरों के द्वारा की जाती है। इन पत्थरों को शरीर के
निश्चित बिंदुओं पर रखा जाता है, ताकि कड़ी हो चुकी मांसपेशियों को ढीला
किया जा सके और शरीर में ऊर्जा के केंद्रों को संतुलित किया जा सके।
पत्थरों की गर्मी शरीर में आराम पहुंचाती है। हॉट स्टोन मसाज उन लोगों के
लिए बहुत उपयोगी है, जिनकी मांसपेशियों में तनाव आ गया हो।
6. प्री-नेटल मसाज
यह
मसाज गर्भवती महिलाओं को दी जाती है। प्रेग्नेंसी में तनाव से आराम देने
वाली यह मसाज स्वीडिश तकनीक से की जाती है। चूंकि गर्भवती महिलाओं में खून
के थक्के बनने की संभावना होती है, क्योंकि वह अधिक शारीरिक गतिविधियों
वाले काम नहीं करती हैं। प्री-नेटल मसाज करवाने से रक्तचाप सामान्य रहता
है, रक्त संचार भी बेहतर होता है, अच्छी नींद आती है।
7. स्पोर्ट्स मसाज
एथलेटिक्स
को अधिक मेहनत करना पड़ता है जिसके कारण उनको थकान और दर्द की समस्या अधिक
होती है। स्पोर्ट्स मसाज को शारीरिक गतिविधियां शुरू करने से पहले किया
जाता है ताकि शरीर को इसके लिए तैयार किया जा सके। यह मांसपेशियों में
खिंचाव की समस्या को कम करता है और तनाव दूर करता है, इसे वर्कआउट के दौरान
भी किया जा सकता है। अगर आप को व्यायाम के दौरान चोट लग जाये या मोच आ
जाये तो इससे ठीक किया जा सकता है|
8. रेकी
यह
तकनीक जापान से आयी है, इसकी सबसे खास बात है कि इसे आप खुद से रोज कर
सकते हैं। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है, तनाव से निजात मिलती है। यह दर्द
दूर करता है, याददाश्त बढ़ाता है, और इससे अच्छी नींद भी आती है।
9. रॉल्फिंग
अगर
कार चलाते वक्त आपका एक्सीडेंट हो गया और आपका पूरा शरीर मुड़ गया है तो
रॉल्फिंग के जरिये आप अपने शरीर को सीधा करके मांसपेशियों के खिंचाव को कम
कर सकते हैं। मसाज की इस तकनीक से शरीर में होने वाले दर्द को दूर किया जा
सकता है। जिन लोगों की हड्डियां टूटी हों, गर्भावस्था के दौरान और जो
सर्जरी से गुजर रहा हो उसे रॉल्फिंग के सेशन से बचना चाहिए।
10. वॉटर थेरेपी
इसे
समुद्र के पानी में, शॉवर के नीचे, और बर्फ से किया जा सकता है। इसे करने
के दौरान कपड़े भी नहीं निकालने पड़ते। पानी की मार से बचाने के लिए पानी
और शरीर के बीच में प्लास्टिक की एक परत होती है, जो आपको सूखा भी रखती है।
अर्थराटिस के मरीजों, तंत्रिका से जुड़ी बीमारियां (जैसे कि
फाइब्रोमायोग्लिया) और गर्भवती महिलायें इस मसाज से फायदा पा सकती हैं।
11. शियात्सु
जापान
से पूरी दुनिया में फैली मसाज की यह तकनीक वास्तव में एक्यूपंचर से जुड़ी
है। इसे शरीर को ऊर्जा मिलती है और शरीर में रक्त का संचार अच्छे से होता
है। सिरदर्द, बदनदर्द जैसी समस्या को दूर करने के लिए शियात्सु मसाज कराये,
इसे तनाव दूर होता और दिमाग शांत होता है।
श्री महावीर आयुर्वेद चिकित्सालय
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